Civil Aviation : डीजीसीए ने एयर एशिया पर लगाया 20 लाख रुपये का जुर्माना

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DGCA imposes fine of Rs 20 lakh on Air Asia
locationभारत
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calendar11 Feb 2023 09:51 PM
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मुंबई। विमानन नियामक डीजीसीए ने पायलट प्रशिक्षण से संबंधित नियमों के उल्लंघन के लिए टाटा समूह की किफायती विमानन सेवा एयर एशिया इंडिया पर शनिवार को 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।

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एक बयान के अनुसार, नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयरलाइन के प्रशिक्षण प्रमुख को तीन महीने के लिए पद से हटाने का आदेश देने के साथ आठ मनोनीत परीक्षकों (डीई) पर तीन-तीन लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। 23 जनवरी को जारी एक खबर में कहा गया था कि एयर एशिया इंडिया ने पायलट प्रवीणता जांच और उपकरण रेटिंग परीक्षणों से संबंधित मानकों का कथित रूप से उल्लंघन किया है, लिहाजा डीजीसीए उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। टाटा समूह की किसी एयरलाइन के खिलाफ एक महीने में तीसरी बार डीजीसीए ने कार्रवाई है।

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एयर एशिया इंडिया ने एक बयान में कहा कि वह डीजीसीए के आदेश की समीक्षा कर रहा है और उसके खिलाफ अपील करने पर विचार कर रहा है। एयरएशिया इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि हम मानते हैं कि डीजीसीए ने नवंबर, 2022 में हमारे मुख्य अड्डे के निरीक्षण के दौरान पायलट प्रशिक्षण में कुछ कमियां पाई थीं। डीजीसीए के साथ समन्वय करते हुए तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई थी और पायलटों के लिए अतिरिक्त प्रशिक्षण सत्र भी चलाए गए। पिछले साल 23-25 नवंबर को निरीक्षण के बाद डीजीसीए ने एयरलाइन, उसके प्रमुख प्रशिक्षक और सभी मनोनीत परीक्षकों को कारण बताओ नोटिस भेजा था। डीजीसीए ने निरीक्षण में पाया था कि प्रशिक्षण के दौरान कुछ अनिवार्य प्रक्रियाएं नहीं कराई जा रही हैं, जिससे डीजीसीए के नियमों का उल्लंघन हो रहा है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Stock Market: शेयर मार्केट में इस हफ्ते होता रहा उतार-चढ़ाव, इन शेयर्स से निवेशकों को हुआ नुकसान

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar27 Nov 2025 06:02 AM
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Stock Market:: वैश्विक स्तर पर मिलेजुले संकेतों की वजह से शुक्रवार को भारतीय घरेलू शेयर बाजार कमजोरी होना शुरु हो गई है। Sensex 123 अंक टूटकर बंद हुआ तो निफ्टी 17,850 पर पहुंचकर कम हो गया है। अडानी समूह (Adani Group) के शेयरों में भारी गिरावट हो चुकी है। पेटीएम के शेयर 9 फीसदी लुढ़ककर कम हो चुका है। रिलायंस, एचसीएल, टाटा स्टील के शेयर्स में गिरावट हुई है। वहीं इस हफ्ते में लगातार निवेशकों को मुनाफे के साथ नुकसान भी हुआ है। उतार-चढ़ाव भरे कारोबार की वजह से भारतीय शेयरों में शुक्रवार को गिरावट हो चुकी है। अमेरिकी मंदी की आशंकाओं के कारण वैश्विक इक्विटी में गिरावट देखने को मिली है। इसके नतीजे में सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिवस में सेंसेक्स और निफ्टी (Nifty) लुढ़ककर बंद हो चुका है। बीएसई सूचकांक सेंसेक्स 123.52 अंक या 0.20 फीसदी लुढ़ककर 60,682.70 पर पहुंचकर बन्द हो गया है। जबकि निफ्टी50 को भी 36.95 अंक या 0.21 फीसदी की गिरावट का सामना हो चुक है और 17,856.50 पर जाकर बंद किया गया है।

हफ्ते के दौरान इन शेयर में सबसे अधिक हुआ मुनाफा

इन शेयर में सबसे अधिक मुनाफा हुआ है। इसमें Bartronics India Ltd, Evexia Lifecare Ltd, Quality RO Industries, Captain Technocast, MSR India Ltd, BF Investment Ltd और GCM Commodity & Derivatives Ltd में अधिक मुनाफा हुआ है।

इन शेयर में हुई काफी गिरावट

इन शेयर में सबसे अधिक नुकसान हुआ है। इसमें Evans Electric, UTL Industries, Edvenswa Enterprises Ltd, JMJ Fintech, Tanvi Foods (India), Kanishk Steel, IEL Ltd, Shelter Infra मे हफ्ते के दौरान सबसे अधिक नुकसान हुआ है। अमेरिका में बढ़ती विकास ( Stock Market) चिंताओं को लेकर देखा जाए तो सूचना प्रौद्योगिकी और धातु में 0.8% से अधिक की गिरावट के साथ 13 प्रमुख क्षेत्रीय सूचकांकों में से ग्यारह में गिरावट हो चुकी है। Paytm का शेयर 55.20 रुपये या 7.82 फीसदी गिरावट के साथ 650.75 रुपये प्रति शेयर कीमत पर हो गया है।

अडानी समेत इन शेयरों में हुई गिरावट

अडानी समूह के शेयरों में बीते दिन की तरह सप्ताह के अंतिम दिन भी कमजोरी जारी रहा। अडानी इंटरप्राइजेज के शेयर 72.70 रुपये या 3.78 फीसदी गिरावट करने के बाद 1,853.00 रुपये प्रति शेयर कीमत पर पहुंच गया था। अडान टोटल गैस के शेयर में 5 फीसदी की गिरावट हो चुकी है। जबकि अडानी ग्रीन और अडानी ट्रांसमिशन में भी 5-5 फीसदी की गिरावट दर्ज हो गई है। बीते दिन अडानी समूह के 10 में से 9 शेयर में गिरावट देखने को मिली है। बैंकिंग सेक्टर के शेयर्स में तेजी दर्ज हो चुकी है। (Central Bank Of India) के शेयर्स में 2 फीसदी मजबूती हो गई है। यूनियन बैंक, माहराष्ट्रा बैंक, यूको बैंक, इंडियन बैंक, पीएनबी, इंडियन ओवरसीज बैंक, कैनरा बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के शेयरों में मजबूती हो गई है। इसके अलावा पिरामल इंटरप्राइजेज, अरविंदो फार्मा, इंडस टॉवर, टाटा मोटर्स, लारसन एंड टर्बो, भारती एयरटेल, पॉवरग्रिड, सन फॉर्मा, टाइटन और टेक महिंद्रा के शेयर्स में तेजी देखने को मिली है।
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Adani Group Case : अडाणी की कंपनियों को लेकर सेबी से अपना पक्ष रखे : सुप्रीम कोर्ट

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Adani Group Case
locationभारत
userचेतना मंच
calendar11 Feb 2023 02:59 AM
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Adani Group Case : नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अडाणी समूह (Adani Group) के शेयर मूल्य के कृत्रिम तौर पर गिरने और निर्दोष निवेशकों के शोषण का आरोप लगाने वाली जनहित याचिकाओं पर केंद्र और बाजार नियामक सेबी से अपना पक्ष रखने को कहा।

Adani Group Case

प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने आशंका को दूर किया और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के अधिकारियों को यह बताने के लिए कहा कि यह किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की तलाश की योजना नहीं बना रहा है।

पीठ में न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला भी शामिल थे। पीठ ने आधुनिक समय में निर्बाध पूंजी प्रवाह वाले बाजार में निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए नियामक तंत्र को मजबूत बनाने सहित विभिन्न मुद्दों पर वित्त मंत्रालय और अन्य से जानकारी मांगी।

पीठ ने कहा कि यह सिर्फ एक खुला संवाद है। वे कोर्ट के सामने मामला लेकर आए हैं। चिंता का विषय यह है कि हम भारतीय निवेशकों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करते हैं? यहां जो हुआ वह शॉर्ट-सेलिंग था। संभवत: इसकी जांच सेबी भी कर रहा है। कृपया अपने अधिकारियों को भी बताएं कि हम किसी संदिग्ध व्यक्ति की तलाश करने की योजना नहीं बना रहे हैं।

उसने कहा कि हम कैसे सुनिश्चित करें कि भविष्य में हमारे पास मजबूत तंत्र है? क्‍योंकि आज पूंजी भारत से निर्बाध रूप से आ-जा रही है। हम भविष्य में कैसे सुनिश्चित करें कि भारतीय निवेशक सुरक्षित हैं? हर कोई अब बाजार में है।

संक्षिप्त सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि जनहित याचिकाओं में कहा गया है कि नुकसान 10 लाख करोड़ से ज्यादा का है।

न्यायालय ने कहा कि हम कैसे सुनिश्चित करेंगे कि वे सुरक्षित हैं? हम कैसे सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में यह नहीं होगा? हम सेबी के लिए किस भूमिका की परिकल्पना करते हैं? उदाहरण के लिए, एक अलग संदर्भ में, आपके पास सर्किट ब्रेकर हैं।

पीठ ने निवेशकों की सुरक्षा के लिए मजबूत नियामक तंत्र को लागू करने के अलावा, क्षेत्र के विशेषज्ञों और अन्य लोगों की एक समिति बनाने का सुझाव दिया।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि बाजार नियामक और अन्य वैधानिक निकाय आवश्यक कार्रवाई कर रहे हैं।

अदालत ने कहा कि वह “सिर्फ विचार कर रही है” और मामले के गुणदोष पर कोई टिप्पणी नहीं कर रही है, क्योंकि “शेयर बाजार आमतौर पर भावनाओं पर चलते हैं”।

न्यायालय ने अपने आदेश में कहा, “हमने सॉलिसिटर जनरल को यह सुनिश्चित करने के संबंध में चिंताओं का संकेत दिया है कि देश के भीतर नियामक तंत्र को विधिवत रूप से मजबूत किया जाए ताकि भारतीय निवेशकों को कुछ अस्थिरता से बचाया जा सके, जैसा कि हाल के दो हफ्तों में देखा गया है।”

पीठ ने कहा कि इसके लिए मौजूदा नियामक ढांचे के उचित मूल्यांकन और निवेशकों के हित में नियामक ढांचे को मजबूत करने तथा प्रतिभूति बाजार के स्थिर संचालन की आवश्यकता होगी।

न्यायालय ने कहा, “हमने सॉलिसिटर जनरल को भी सुझाव दिया है कि क्या वे (केंद्र, सेबी और अन्य) समिति के सुझाव को स्वीकार करने के इच्छुक हैं। यदि भारत संघ सुझाव को स्वीकार करने के लिए इच्छुक है, तो समिति के गठन पर आवश्यक प्रतिवेदन मांगे जा सकते हैं।”

विधि अधिकारी ने आश्वस्त किया कि सेबी स्थिति पर करीबी नजर रख रही है। पीठ ने कहा, “हम स्पष्ट करते हैं कि उपरोक्त का सेबी या किसी वैधानिक प्राधिकरण द्वारा अपने वैधानिक कार्यों के उपयुक्त निर्वहन पर कोई प्रभाव नहीं है।”

न्यायालय ने फिर उन दो जनहित याचिकाओं को 13 फरवरी को सुनवाई के लिये सूचीबद्ध किया, जिनमें हिंडनबर्ग रिपोर्ट में जांच समेत कई राहत की मांग की गई है।

वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर एक जनहित याचिका में हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की जांच के लिए शीर्ष अदालत के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में एक समिति गठित करने का केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई है। रिपोर्ट में उद्योगपति गौतम अडाणी के नेतृत्व वाले समूह की कंपनियों के खिलाफ कई आरोप लगाए गए हैं।

वकील एम. एल. शर्मा ने एक अन्य याचिका दायर की थी, जिसमें अमेरिका की वित्तीय शोध कंपनी ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ के नाथन एंडरसन और भारत तथा अमेरिका में उनके सहयोगियों के खिलाफ कथित रूप से निर्दोष निवेशकों का शोषण करने और अडाणी समूह के शेयर के मूल्य को ‘‘कृत्रिम तरीके’’ से गिराने के लिए मुकदमा चलाने की मांग की गई थी।

शर्मा ने ‘शॉर्ट सेलिंग’ को निवेशकों के खिलाफ अपराध घोषित करने का निर्देश देने की मांग की, जिसे सेबी अधिनियम के प्रावधानों के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत अपराध घोषित किया जाए।

‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा अडाणी समूह पर फर्जी लेन-देन और शेयर की कीमतों में हेरफेर सहित कई गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद समूह की कंपनियों के शेयर की कीमतों में भारी गिरावट देखी गई।

अडाणी समूह ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह सभी कानूनों और सूचना सार्वजनिक करने संबंधी नीतियों को पालन करता है।

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