Uttarpradesh News: आरटीई एडमीशन के खेल में आयोग सख्त, मांगी रिपोर्ट

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RTE
locationभारत
userचेतना मंच
calendar16 May 2023 08:42 PM
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  Uttarpradesh News: सरकार द्वारा गरीब बच्चों को अच्छे स्कूल में एडमीशन देकर पढ़ाने के लिए लाए RTE  एक्ट में स्कूल बड़ा खेल कर रहे हैं। अपने स्कूल में एडमीशन न देने के लिए वेबसाइट पर स्कूल बंद दिखा रहे हैं। अब आयोग ने इसे संज्ञान में लिया है।  गरीब बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ाने के लिए सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू किया था। गरीबों ने सोचा कि अब उनके बच्चे भी बडे स्कूलों में दाखिला ले सकेंगे, लेकिन मोटी फीस वसूलने वाले निजी स्कूलों को फ्री में एडमीशन देना रास नहीं आ रहा है। इसी वजह से उन्होंने इसमें खेल कर दिया। प्राइवेट स्कूलों ने शिक्षा का स्कूल अधिकार अधिनियम के अंतर्गत गरीब बच्चों को दाखिला देने से बचने के लिए स्कूलों को बंद दिखा दिया है, जो अभी भी संचालित हैं। आयोग से शिकायत की गई है कि बंद दिखाए जा रहे कई स्कूल अभी भी संचालित हैं। इस पूरे खेल का संज्ञान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने लिया है।

हर शहर में हो रहा खेल ,गरीब बच्चों को दाखिला देने से बचने के लिए स्कूलों को बंद दिखा दिया

पूरे उत्तर प्रदेश में ये खेल बड़े स्तर पर चल रहा है। ये गरीब बच्चों के प्रवेश से बचने के लिए ऐसा कर रहे हैं। कानपुर नगर में 181, गाजियाबाद में 97, आगरा में 267, गौतमबुद्धनगर में 81, गोरखपुर में 142 व बरेली में 90 स्कूल बंद दिखाए जा रहे हैं। प्रमुख सचिव बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार ने इस पर कहा कि हमें इस तरह की शिकायतें मिली हैं। लेकिन आयोग का पत्र अभी संज्ञान में नहीं आया है। यदि ऐसा कोई पत्र आया होगा तो आवश्यक कार्रवाई कर आयोग को सूचित करेंगे। हम अपने स्तर पर भी इसकी जांच कराएंगे।

Uttarpradesh News: दर-दर भटकना पड़ रहा 

आयोग ने माना है कि बंद दिखाए जा रहे कई विद्यालय अभी भी संचालित हैं। ऐसी समस्या पूरे प्रदेश में बनी हुई है। इसकी वजह से आरटीई के दायरे वाली छात्र-छात्राओं को आवंटित विद्यालयों में प्रवेश के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। आयोग ने प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा को प्रदेश के समस्त जिलों में ऐसे बंद दिखाए गए स्कूलों की जांच कराने का आदेश दिया है। प्रदेश के आरटीई पोर्टल पर राजधानी लखनऊ के 2053 विद्यालयों का ब्योरा उपलब्ध है। इनमें से शहरी क्षेत्र के 1692 विद्यालयों में से 220 को बंद दिखाया जा रहा है।

स्कूलों की जांच का आदेश

आयोग की सदस्य डा. शुचिता चतुर्वेदी ने लखनऊ की स्थिति का उल्लेख करते हुए प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा को आरटीई की वेबसाइट पर बंद दिखाए जा रहे समस्त विद्यालयों की स्थानीय जांच कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने ऐसे स्कूलों की सही स्थिति को वेबसाइट प्रदर्शित कराने को कहा है। डा. चतुर्वेदी ने प्रमुख सचिव को की गई कार्रवाई की जानकारी एक सप्ताह में आयोग को उपलब्ध कराने को कहा है, ताकि बच्चों का नियमानुसार प्रवेश हो सके।

Uttarpradesh News: बाध्यकारी है RTE एक्ट

आरटीई एक्ट के तहत निजी स्कूलों को अपनी कक्षा की कुल सीटों का एक-चौथाई आर्थिक रूप से कमज़ोर (ईडब्लूएस) बच्चों के लिये आरक्षित रखना अनिवार्य है। एक्ट के तहत प्री-नर्सरी व कक्षा-एक में प्रवेश लिया जाता है। सरकार ने इस व्यवस्था को ठीक से लागू करने के लिए एक आरटीई-यूपी पोर्टल बनाया है। इस पर निजी स्कूलों को जुड़ना अनिवार्य है। इसी पोर्टल पर दर्ज तमाम स्कूल बंद बताए जा रहे हैं।

फीस और कापी-किताब का खर्च देती है सरकार

प्रदेश सरकार आरटीई में दाखिला पाने वाले अलाभित समूह व दुर्बल आय वर्ग के छात्र-छात्राओं को पाठ्य पुस्तकों, अभ्यास पुस्तिकाओं, व यूनिफार्म के लिए प्रति विद्यार्थी 5000 रुपये देती है। स्कूलों को 450 रुपये प्रतिमाह की दर से 5400 रुपये वार्षिक भुगतान किया जाता है। अबू साद

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DBSE : दिल्ली सरकार का डीबीएसई पहली बार 10वीं, 12वीं के परीक्षा परिणाम घोषित करेगा

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Delhi government's DBSE will declare 10th, 12th exam results for the first time
locationभारत
userचेतना मंच
calendar15 May 2023 05:34 PM
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नई दिल्ली। दिल्ली स्कूल शिक्षा बोर्ड (डीबीएसई) पहली बार सोमवार को अपने 10वीं और 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम घोषित करेगा। शिक्षा मंत्री आतिशी ने यह जानकारी दी।

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दिल्ली मंत्रिमंडल ने साल 2021 में दी थी डीबीएसई की स्थापना को मंजूरी दिल्ली मंत्रिमंडल ने छह मार्च 2021 को डीबीएसई की स्थापना को मंजूरी दी थी, जिसके बाद बोर्ड के लिए सोसायटी का पंजीकरण 19 मार्च को कराया गया।

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अब रटने पर आधारित शिक्षा के दिन खत्म हो गए आतिशी ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली स्कूल शिक्षा बोर्ड देश के शिक्षा सुधार में मील का एक पत्थर है। डीबीएसई ने परीक्षाओं और छात्रों के मूल्यांकन को पूरी तरह बदल दिया है। रटने पर आधारित शिक्षा के दिन अब खत्म हो गए हैं। आज डीबीएसई की 10वीं और 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम घोषित किए जाएंगे, जिन्हें लेकर उत्साहित हूं। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Education : फॉरेंसिक साइंस में करियर बना सकेंगे यूपी के युवा, दाखिला शुरू

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Youth of UP will be able to make career in forensic science, admission started
locationभारत
userचेतना मंच
calendar15 May 2023 05:01 PM
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के युवा अब फॉरेंसिक साइंस से जुड़े क्षेत्रों में भी करियर बना सकेंगे। सरकार ने राजधानी लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज (यूपीएसआईएफसी) में शैक्षणिक सत्र 2023-24 में दाखिले के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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प्रति सेमेस्टर 12 हजार रुपये होगी फीस अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि इस संस्थान से पढ़ाई करने वाले छात्र न सिर्फ फॉरेंसिक साइंस जैसे विषयों में विशेषज्ञ बनेंगे, बल्कि उनकी मदद से प्रदेश सरकार आपराधिक मामलों की वैज्ञानिक पद्धति से जांच को समय से पूरा करने में भी सक्षम हो सकेगी। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि अभ्यर्थी 22 मई तक इस पाठ्यक्रम के लिए आवेदन कर सकते हैं। प्रदेश के पहले फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट में जुलाई के मध्य से शैक्षिक सत्र की शुरुआत हो जाएगी। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर युवा भी इस पाठ्यक्रम में हिस्सा ले सकेंगे, क्योंकि सरकार ने इसके लिए बेहद कम शुल्क रखा है। फिलहाल इंस्टीट्यूट में फॉरेंसिक से संबंधित पांच पाठ्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं, जिसमें कुल 160 छात्रों का दाखिला किया जाएगा। इन सभी पाठ्यक्रमों का शुल्क 12 हजार प्रति सेमेस्टर रखा गया है।

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एक से पांच वर्ष तक के हैं पाठ्यक्रम यूपीएसआईएफसी के निदेशक डॉक्टर जीके गोस्वामी ने बताया कि फॉरेंसिक से संबंधित फिलहाल पांच पाठ्यक्रम बीएससी/एमएससी फॉरेंसिक साइंस, पीजी डिप्लोमा इन फॉरेंसिक डॉक्यूमेंट एग्जामिनेशन, पीजी डिप्लोमा इन साइबर सिक्योरिटी, पीजी डिप्लोमा इन डीएनए फॉरेंसिक और पीजी डिप्लोमा इन फॉरेंसिक बैलिस्टिक एवं एक्स्प्लोसिव्स संचालित किए जा रहे हैं। इसमें बीएससी/एमएससी फॉरेंसिक साइंस पांच वर्ष जबकि चारों डिप्लोमा पाठ्यकम एक-एक वर्ष के हैं। उन्होंने बताया कि बीएससी/एमएससी फॉरेंसिक साइंस पाठ्यक्रम में 40 छात्र, जबकि शेष चार डिप्लोमा पाठक्रम में फिलहाल 30-30 छात्र दाखिला ले सकेंगे। आने वाले समय में मांग के अनुरूप नये पाठ्यक्रम शुरू करने के साथ सभी पाठ्यक्रमों के लिए सीटों में इजाफा किया जाएगा।

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दाखिले में लागू होगा आरक्षण उन्होंने बताया कि बीएससी/एमएससी फॉरेंसिक साइंस में दाखिला लेने के लिए अभ्यर्थी को 12वीं पास होना जरूरी है। उसने 12वीं की पढ़ाई भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और गणित विषय से की हो। प्रवेश के लिए सामान्य, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस श्रेणी के अभ्यर्थियों के 60 प्रतिशत अंक, जबकि एससी/एसटी और पीडब्ल्यूडी श्रेणी के अभ्यर्थी के 55 प्रतिशत अंक होना जरूरी है। उत्तर प्रदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।