हरियाणा में मुस्लिम युवक ने की हिन्दू लड़की से शादी

मामला क्या है?
हरियाणा के चरखी दादरी जिले के पटुवास गांव में एक मुस्लिम युवक शाहिद द्वारा एक हिंदू लड़की प्रीति से शादी करने के बाद गांव की पंचायत ने सख्त फैसला सुनाया। पंचायत ने दोनों को अलग करने का आदेश दिया और शाहिद के पूरे परिवार का सामाजिक बहिष्कार (social boycott) कर दिया। यह सामाजिक बहिष्कार सिर्फ पटुवास गांव में ही नहीं बल्कि आस-पास के मह्राणा और खेरी साणवाल गांवों में भी लागू कर दिया गया।घटना की टाइमलाइन
इस घटना की शुरुआत 3 जुलाई 2025 को हुई जब शाहिद और प्रीति ने निकाह कर लिया। दोनों ने अपनी मर्जी से शादी की थी लेकिन जब यह खबर गांव में फैली तो 6 से 15 जुलाई के बीच माहौल तनाव पूर्ण हो गया। गांव में विरोध शुरू हुआ और मुस्लिम समुदाय की दुकानों को बंद करवा दिया गया। इसके बाद 21 जुलाई को गांव की पंचायत ने एक बैठक की जो करीब चार घंटे तक चली। पंचायत ने इस शादी पर चर्चा की और दोनों को अलग करने और शाहिद के परिवार का सामाजिक बहिष्कार करने का कड़ा फैसला लिया।पंचायत का फैसला
पंचायत ने इस मामले में सख्त फैसला लिया और आदेश दिया कि शाहिद और प्रीति को तुरंत अलग होना होगा। इसके साथ ही शाहिद के परिवार का गांव में सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया। अब न तो वे किसी सामाजिक कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं और न ही गांव में कोई उनसे लेन-देन करेगा। पुलिस की मौजूदगी में दोनों से हलफनामा भरवाया गया कि वे अलग हो जाएंगे। हरियाणा में खाप पंचायतें पहले से ही शादी-ब्याह के मामलों में दखल देती रही हैं। अलग गोत्र, जाति या धर्म में विवाह को ये पंचायतें समाज के खिलाफ मानती हैं। कई बार ऐसे मामलों में सामाजिक बहिष्कार, जुर्माना या हिंसा भी होती है। देश के कई राज्यों ने लव जिहाद के नाम पर विवाहों को लेकर सख्त कानून बनाए हैं। यूपी, हरियाणा, मध्यप्रदेश और कर्नाटक में धर्म परिवर्तन को लेकर कड़े नियम लागू हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट और मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि लीगल एडल्ट्स की अपनी पसंद पर रोक लगाना संविधान के खिलाफ है। इस घटना के बाद गांव में तनाव बढ़ गया। मुस्लिमों की दुकानों को बंद करवा दिया गया और पुलिस ने दोनों परिवारों की सुरक्षा के लिए पुलिसबल तैनात किया। शाहिद और प्रीति को सुरक्षित स्थान पर रखा गया।अगली खबर पढ़ें
मामला क्या है?
हरियाणा के चरखी दादरी जिले के पटुवास गांव में एक मुस्लिम युवक शाहिद द्वारा एक हिंदू लड़की प्रीति से शादी करने के बाद गांव की पंचायत ने सख्त फैसला सुनाया। पंचायत ने दोनों को अलग करने का आदेश दिया और शाहिद के पूरे परिवार का सामाजिक बहिष्कार (social boycott) कर दिया। यह सामाजिक बहिष्कार सिर्फ पटुवास गांव में ही नहीं बल्कि आस-पास के मह्राणा और खेरी साणवाल गांवों में भी लागू कर दिया गया।घटना की टाइमलाइन
इस घटना की शुरुआत 3 जुलाई 2025 को हुई जब शाहिद और प्रीति ने निकाह कर लिया। दोनों ने अपनी मर्जी से शादी की थी लेकिन जब यह खबर गांव में फैली तो 6 से 15 जुलाई के बीच माहौल तनाव पूर्ण हो गया। गांव में विरोध शुरू हुआ और मुस्लिम समुदाय की दुकानों को बंद करवा दिया गया। इसके बाद 21 जुलाई को गांव की पंचायत ने एक बैठक की जो करीब चार घंटे तक चली। पंचायत ने इस शादी पर चर्चा की और दोनों को अलग करने और शाहिद के परिवार का सामाजिक बहिष्कार करने का कड़ा फैसला लिया।पंचायत का फैसला
पंचायत ने इस मामले में सख्त फैसला लिया और आदेश दिया कि शाहिद और प्रीति को तुरंत अलग होना होगा। इसके साथ ही शाहिद के परिवार का गांव में सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया। अब न तो वे किसी सामाजिक कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं और न ही गांव में कोई उनसे लेन-देन करेगा। पुलिस की मौजूदगी में दोनों से हलफनामा भरवाया गया कि वे अलग हो जाएंगे। हरियाणा में खाप पंचायतें पहले से ही शादी-ब्याह के मामलों में दखल देती रही हैं। अलग गोत्र, जाति या धर्म में विवाह को ये पंचायतें समाज के खिलाफ मानती हैं। कई बार ऐसे मामलों में सामाजिक बहिष्कार, जुर्माना या हिंसा भी होती है। देश के कई राज्यों ने लव जिहाद के नाम पर विवाहों को लेकर सख्त कानून बनाए हैं। यूपी, हरियाणा, मध्यप्रदेश और कर्नाटक में धर्म परिवर्तन को लेकर कड़े नियम लागू हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट और मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि लीगल एडल्ट्स की अपनी पसंद पर रोक लगाना संविधान के खिलाफ है। इस घटना के बाद गांव में तनाव बढ़ गया। मुस्लिमों की दुकानों को बंद करवा दिया गया और पुलिस ने दोनों परिवारों की सुरक्षा के लिए पुलिसबल तैनात किया। शाहिद और प्रीति को सुरक्षित स्थान पर रखा गया।संबंधित खबरें
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