तनाव और डिप्रेशन की समस्या हो जाएगी दूर, योगासन का करते रहे अभ्यास

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 06:02 AM
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आज की भाग दौड़ भरी जिन्दगी में तनाव काफी सामान्य बात हो गई है। जीवन में तनाव और चिंता कई बीमारियों का कारण बन जाता है। ये डिप्रेशन होने की वजह भी बन सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) द्वारा दी गई जानाकारी के मुताबिक दुनियाभर में सभी उम्र के 30 करोड़ से ज्यादा लोग अवसाद से पीड़ित हो गए हैं। हालांकि सबसे खास बात है कि जीवनशैली में कुछ साधारण बदलाव करने से आपको काफी लाभ होता है। योग, ध्यान और खाने की बेहतर आदतें इस गंभीर समस्या से छुटकारा दिलाने में काफी मदद करती हैं।

डिप्रेशन (Depression ) की स्थिति शुरु होने के बाद लोगों के लिए सामान्य जीवन के कार्य करने में मुश्किल परेशानी होती है, किसी भी जगह पर मन लगाना मुश्किल होता है और कुछ गंभीर स्थितियों में यह आत्महत्या (Suicide) की भावन का भी बढ़ना शुरु हो जाता है। वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार योग, अवसाद से ग्रस्त लोगों के लक्षणों को कम करने के अलावा उन्हीं खुशी देने में सहायक का काम करता है।

योगासन से तनाव होगा कम

तनाव, चिंता और अवसाद को पूरी तरह से खत्म करने का प्रय़ास करना चाहिए। मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) समस्याओं को ठीक करने में चाइल्ड पोज योगासन को विशेष लाभदायक समझा जाता है। बालासन नाम से प्रसिद्ध यह योग शरीर को आराम दिलाने के अलावा तंत्रिका तंत्र को शांत करके तनाव और चिंता को कम करता है।

कपालभाति प्राणायाम मानसिक दिक्कतों के लिए है फायदेमंद

तनाव, चिंता और अवसाद जैसी मानसिक समस्याओं में कपालभाति प्राणायाम को काफी लाभकारी समझा जाता है। मन को शांति करने के अलावा नकारात्मक विचारों को दूर करने में यह प्राणायाम काफी फायदेमंद साबित होता है। इस आसन को करने के लिए भी सबसे पहले शरीर (Body) को एकदम से सीधा रखते हुए ध्यानपूर्वक में बैठना चाहिए। ये करने के बाद एक गहरी सांस लें। अब इसे नाक से तेजी से छोड़ना शुरु कर दें, इसमें झटके से पेट को अंदर की ओर ले जाएं। सांस छोड़ते समय नाक से छक की आवाज़ आना शुरु हो जाएगी।

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रहस्यमयी बुखार के बाद प्लेटलेट्स की कमी से मौतें, डेंगू के मिल चुके 105 मरीज

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 04:53 PM
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Saharanpur News : सहारनपुर में कोरोना के बाद अब बुखार (fever) कहर बरपाने लगा है। इसका ज्यादा असर ग्रामीण क्षेत्रों में दिखाई दे रहा हैं। गांव तीतरों में सपना (36) व प्रशांत (30) की बुखार के कारण मौत हो गई। वहीं गांव अंबेहटा में भी मरियम (12) ने बुखार से दम तोड़ दिया है। उधर, सरकारी व निजी अस्पतालों में मरीजों की कतार लगी है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में 105 डेंगू (dengue) के मरीज मिले हैं। जबकि डेंगू (dengue) से 20 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।

सहारनपुर जिले में करीब डेढ़ माह से कोरोना संक्रमण के मरीजों की रफ्तार पर लगाम लगी है, लेकिन अनजान बुखार का प्रकोप लोगों की जान लेने में लगा है, जो बच्चों और युवाओं को अपनी चपेट में ले रहा है। जिले में अभी तक 20 से ज्यादा मौतें अनजान बुखार से हो चुकी हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग अभी तक इस रहस्यमयी बुखार को नहीं जान पाया है। बुखार के बाद सीधा गले पर अटैक करता है और उल्टी होने के बाद मरीज की मौत हो जा रही है। मरीज में प्लेटलेट्स की काफी कमी की शिकायतें भी सामने आ रही हैं।

रहस्यमयी बुखार के कारण मरीजों में अचानक प्लेटलेट्स काफी कम हो जाता है। इससे कई मरीजों की करीब 12 घंटे के बाद ही जान चली जा रही है। यह स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा देखने को मिल रही है। ग्रामीण इलाकों के मरीज बुखार को हल्के तौर पर ले रहे हैं और दुकान, मेडिकल स्टोर या फिर झोलाछाप डॉक्टरों के चक्कर में पड़ जाते हैं और मौत की आखिरी दहलीज पर पहुंच जाते हैं। ऐसा ही एक मामला बेहट रोड के गोपालपुर में विकास (22) के साथ हुआ। बुखार में वह कुछ दिनों तक इधर-उधर से दवा खाता रहा, लेकिन स्थिति खराब होने पर देहरादून के एक अस्पताल में भर्ती हुआ। जहां उसमें प्लेटलेट्स की कमी हो गई। परिजन प्लेटलेट्स के लिए इधर-उधर भटकते रहे। प्लेटलेट्स न मिलने के कारण विकास काल के गाल में समा गया।

जिला अस्पताल बना रेफरल सेंटरजिला अस्पताल में बुखार के मरीजों के साथ-साथ अन्य बीमारियों के मरीजों की भी कतार लगी है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के सामने बड़ी समस्या यह आ रही है कि उनके पास संसाधन और स्टाफ की कमी है। ऐसे में इमरजेंसी में बैठे चिकित्सक अपना लोड कम करने के लिए गंभीर मरीजों को रेफर कर रहे हैं। गरीब मरीज अपना इलाज बाहर नहीं करा पाते हैं, जिस कारण उनकी जान पर बन जाती है। इमरजेंसी के आंकड़ों पर नजर डालें तो करीब डेढ़ माह में 469 लोगों को हायर सेंटर रेफर किया गया है। जिनमें से बुखार के 300 से ज्यादा मरीज हैं।

ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य विभाग बुखार की सूचना पर दौड़ रहा है, लेकिन मरीजों की बढ़ती रफ्तार को रोकने में असहाय नजर आ रहा है। गांव-गांव में कैंप लगाकर मरीजों के सैंपल लिए जा रहे हैं। उपचार की कोशिश भी की जा रही है। लेकिन मौत का ग्राफ रुकने का नाम नहीं ले रहा है। गांव टपरी कलां से शुरू हुआ बुखार गंगोह, अंबेहटा, तीतरों, देवबंद, रामपुर मनिहारान में अपना पैर पसार चुका है।

मुख्य चिकित्साधिकारी CMO डा. संजीव मांगलिक का कहना है कि मरीजों के इलाज को लेकर स्वास्थ्य विभाग गंभीर है। फिलहाल वायरल बुखार चल रहा है। डेंगू के अभी तक 105 मरीज मिल चुके हैं। डेंगू से अभी तक किसी की जान नहीं गई है। स्टाफ की कमी है, जिसके लिए शासन को पत्र भेजा गया है।

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Healthy Tips- प्रेग्नेंसी में जरूरी है स्ट्रेंचिंग एक्सरसाइज

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locationभारत
userसुप्रिया श्रीवास्तव
calendar19 Oct 2021 06:13 AM
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प्रेग्नेसी हर महिला के लिए काफी स्पेशल होती है। इस दौरान महिलाओं में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। शरीर में हॉर्मोनल बदलाव के साथ शारीरिक बदलाव भी नजर आते हैं। इस दौरान पैरों में सूजन हो जाती है, पीठ में दर्द होने जैसी आदि दिक्कतें होने लगती है । इन सभी परेशानियों के लिए महिलाओं को गर्भावस्‍था में स्‍ट्रेच‍िंग करना मां और होने वाले बच्‍चे दोनों के ल‍िए फायदेमंद होता है। स्‍ट्रेच‍िंग करने से गर्भावस्‍था के दौरान आपकी मसल्‍स र‍िलैक्‍स होती हैं। आइए जानते हैं प्रेग्नेंसी में कौन सी एक्सरसाइज करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। आईये जानते हैं गायिनोलॉजिस्ट डॉ. चंचल शर्मा से...

कंधों की स्ट्रेचिंग

कंधों की स्‍ट्रेच‍िंग को आप द‍िन में कई बार कर सकते हैं। इससे अपर बॉडी पॉर्ट में आपको गर्भवस्‍था के दौरान आराम म‍िलेगा और मसल्‍स में पेन नहीं होगा।

ऐसे करें

कंधों की स्‍ट्रेच‍िंग को आप द‍िन में कई बार कर सकते हैं। इससे अपर बॉडी पॉर्ट में आपको गर्भवस्‍था के दौरान आराम म‍िलेगा और मसल्‍स में पेन नहीं होगा। एक कुर्सी में आराम से बैठ जाएं और सीने को बाहर की ओर करते हुए अपने कंधों को पीछे व नीचे की तरफ घुमाएं। कंधे घुमाते समय आप जितना बड़ा हो सके उतना बड़ा सर्कल बनाएं और इसे 4 से 5 बार दोहराएं।

रोल डाउन

रोल डाउन स्‍ट्रेच‍िंग करने में बेहद आसान है, इसे करने से पैर और कमर के नीचे की मसल्‍स को गर्भवस्‍था में आराम म‍िलेगा। दरअसल गर्भावस्‍था में जैसे-जैसे गर्भस्‍थ श‍िशु का भार बढ़ता जाता है, होने वाली मां को असहज महसूस होता है और हड्ड‍ियों में दर्द उठता है, उनके ल‍िए इस तरह की स्‍ट्रेच‍िंग फायदेमंद है।

ऐसे करें

सबसे पहले आप दीवार के सहारे खड़ी हो जाएं और अपने पैरों को कंधों के बराबर दूरी पर रखें। अपने घुटनों को हल्का सा झुकाएं और सांस लें।

सांस छोड़ें और अपने शरीर के ऊपरी भाग को मोड़ते हुए नीचे की ओर झुकें। आगे की ओर उतना ही झुकें जितना आपके लिए आसान हो।

इस दौरान अपने वजन को दोनों पैरों पर डालें और हाथों को अपने सामने जमीन की ओर ही रखें।

सांस लें और सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे दीवार के सहारे खड़ी हो जाएं।

इसे दो बार दोहराएं। यदि आपका पेट बहुत ज्यादा बढ़ चुका है तो आप इस एक्सरसाइज को कुर्सी पर बैठ कर भी कर सकती हैं।

गर्दन की स्ट्रेचिंग

गर्भवस्‍था में गर्दन की स्‍ट्रेच‍िंग करने से गर्दन की मांसपेशियां स्‍ट्रेच हो जाएंगी और आपको दर्द नहीं होगा।

ऐसे करें

आप बैठकर या खड़ी होकर अपने सिर को थोड़ा सा आगे की ओर लाएं और एक साइड पर धीरे-धीरे झुकाएं।

अब आप उसी साइड के हाथ से अपने सिर को पीछे से पकड़ें और हल्का सा दबाव डालें।

यदि अपने सिर को झुकाते हुए ऐसा करती हैं तो इससे आपकी गर्दन की मांसपेशियां स्ट्रेच हो जाएंगी और सीधी रहेंगी।

 कमर की स्ट्रेचिंग

कमर की स्‍ट्रेच‍िंग गर्भवस्‍था में बेहद फायदेमंद है, इससे आपको कमर व पीठ के दर्द से राहत म‍िलेगी। आप कमर की स्‍ट्रेच‍िंग के दौरान ज्‍यादा झुकने से बचें, क्‍योंक‍ि ऐसा करने से नस ख‍िंच सकती है।

ऐसे करें

पहले अपने पैरों को थोड़ा दूर करके खड़ी हो जाएं और अपने घुटनों को हल्का सा मोड़ें।

अब अपने दोनों हाथों को दाएं तरफ कंधे के बराबर लाएं और साथ ही बाएं कंधे को देखें। कुछ मिनट के लिए इस पोजीशन में खड़ी रहें।

फिर धीरे से पीछे जाएं और इसे दूसरी तरफ से करें।

इस स्ट्रेचिंग को आप दिन भर में कई बार कर सकती हैं।

हैमस्ट्रिंग स्ट्रेचिंग

हैमस्‍ट्र‍िंग स्‍ट्रेच‍िंग से बॉडी की मांसपेश‍ियों में लचीलापन आएगा और आपको र‍िलैक्‍स महसूस होगा। हैमस्‍ट्रिंग करने से गर्भावस्‍था के दौरान थाइज की मसल्‍स को आराम म‍िलेगा।

ऐसे करें

अपने एक पैर को सामने की ओर एक कुर्सी पर जितना हो सके उतना सीधा रखें।

धीरे-धीरे करके आगे की ओर जितना हो सके उतना झुकें ताकि आपकी जांघ के पिछले हिस्से में खिंचाव आए।

यदि कुर्सी में आपको असुविधा होती है तो आप सबसे नीचे वाली सीढ़ी या कम हाइट की किसी चीज पर अपना पैर रख सकती हैं।

नोट- इन सभी स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करने से पूर्व किसी अच्छे योगा शिक्षक या अपनी गायनि से पूछ कर ही करना चाहिए। क्योंकि गर्भवस्था बहुत ही नाजुक अवस्था होती है। ऐसे में थोडी सी लपरवाही आपको परेशानी में डाल सकती है। इसलिए स्ट्रेचिंग करने से पूर्व अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।