भारतीय महिला ने अमेरिका में देश का नाम किया रौशन,मिला यह बड़ा पद

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calendar02 Dec 2025 03:33 AM
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USA News : एक बार फिर से हमारे देश की नारी शक्ति ने विदेश मे अपना परचम लहरा दिया है । आंध्रप्रदेश की रहने वाली जया बडिगा अमेरिका के कैलिफोर्निया में जज नियुक्त हुई हैं । यह पहली भारतीय महिला है जिनको अमेरिका मे जज बनाया गया हैं  ।

पूर्व सांसद और बिजनेस मैन की बेटी है जया बडिगा:

अमेरिका मे भारतीय मूल की आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा की महिला जया बडिगा को कैलिफोर्निया में जज पद पर नियुक्ति मिली है। ये भारत के लिये  गर्व की बात है । जया के पिता आंध्रप्रदेश के सांसद रह चुके हैं और दक्षिण भारत के बड़े बिजनेस मैन मे शुमार है । जया बडिगा को सेक्रामैंटो काउंटी सुपीरियर कोर्ट में जज नियुक्त किया गया है। इससे पहले जया बडिगा सेक्रामंटो कोर्ट के कमिश्नर पद पर थी।

आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा की मूल निवासी है जया:

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जया का जन्म आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा में हुआ था। जया पूर्व सांसद और उद्योगपति बडिगा रामकृष्ण की बेटी हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई हैदराबाद मे पूरी हुई थी। इसके बाद उन्होने उस्मानिया यूनिवर्सिटी से साइकोलॉजी और पॉलिटिकल साइंस में बीए की डिग्री हासिल की । उन्होंने कैलिफोर्निया के सांता क्लारा यूनिवर्सिटी से ज्यूरिस डॉक्टर की डिग्री प्राप्त की है। आपको बता दे की ये डिग्री अमेरिका मे लॉ की प्रेक्टिस के लिये आवश्यक डिग्री मानी जाती हैं । इसके साथ ही बोस्टन यूनिवर्सिटी से उन्होंने इंटरनेशनल रिलेशन और इंटरनेशनल कम्युनिकेशन में एमए किया. साल 2009 में उन्होंने कैलिफोर्निया स्टेट बार की परीक्षा पास की थी।

जया ने 18 जजों की नियुक्ति में अपनी जगह बनाई:

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जया के करियर की शुरुआत 2009 में हुई।उन्होनें कैलिफोर्निया स्टेट बार एग्जाम पास करके कानूनी प्रैक्टिस की शुरुआत की थी। लगभग 10 सालों तक उन्होने कैलिफोर्निया मे बतौर वकील प्रेक्टिस की। इसके बाद कैलिफोर्निया मे नियुक्त हुए 18 जजों मे जया ने जगह बना ली। इन जजों में एक और भारतवंशी राज सिंह बधेशा भी शामिल हैं. राज सिंह बधेशा को फ्रेस्नो काउंटी सुपीरियर कोर्ट में जज नियुक्त किया गया है। 2022 से कोर्ट कमिश्नर के पद पर कार्यरत जया को फैमिली लॉ एक्सपर्ट के रूप में जाना जाता है। बताया जा रहा है कि न्यायाधीश रॉबर्ट एस. लाफाम के रिटायरमेंट के बाद जगह खाली होने पर जया को नियुक्ति मिली है।

ताइवान तेजी से बन रहा है भारत का दोस्त, वजह है बेहद खास

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ताइवान तेजी से बन रहा है भारत का दोस्त, वजह है बेहद खास

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calendar01 Dec 2025 02:38 AM
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International News : चीन की बगल में ताइवान नाम का एक छोटा सा देश है। ताइवान को चीन अपना ही हिस्सा मानता है। यह अलग बात है कि ताइवान अपने आप को एक आजाद राष्ट्र मानता है।यही ताइवान तेजी के साथ भारत का दोस्त बनता जा रहा है। भारत को पता है कि यदि ताइवान सेमीकंडक्टर चिप्स बनाना बंद कर देगा तो पूरी दुनिया में स्मार्टफोन तथा स्मार्ट कार ही बनना बंद हो जाएगी। ताइवान के साथ दोस्ती करके भारत अपने देश के अंदर ही मिनी ताइवान तैयार करने के काम में भी लगा हुआ है।

ताइवान क्यों है खास

आपको बता दे कि चीन की बगल में स्थापित ताइवान माइक्रोचिप तथा सेमीकंडक्टर चिप का उत्पादन करने वाला सबसे बड़ा उत्पादक है। यही कारण है की पूरी दुनिया ताइवान का महत्व समझती है । अमेरिका हो चीन अथवा रस सभी ताइवान का महत्व समझते हैं। भारत ने ताइवान को अपना मित्र देश घोषित कर रखा है। दरअसल चीन की बगल में स्थित एक छोटा सा देश ताइवान भले ही आकार में छोटा हो पर पूरी दुनिया में सेमीकंडक्टर चिप्स की सप्लाई कर रहा है। चिप्स मेकिंग में दुनिया आज इसी देश पर निर्भर है। चिप्स की बढ़ती डिमांड के चलते आज अमेरिका जापान जैसे देश भी चिप्स प्लांट का तेजी से विस्तार कर रहे हैं अब इस रेस में भारत भी शामिल हो चुका है। भारत में गुजरात और असम में सेमीकंडक्टर चिप्स के प्लांट तैयार हो रहे हैं। भारत  के गुजरात में चिप्स के दो प्लांट बनने हैं, एक साणंद में और दूसरा धोलेरा में। तीसरा प्लाट असम में बनाया जाएगा। धोलेरा का प्लांट तो ताइवान की मदद से ही तैयार किया जा रहा है। इन प्लांट्स के तैयार हो जाने के बाद देश के इंजीनियर्स को भारत से बाहर नहीं जाना पड़ेेेेगा।।

चीन कहता है ताइवान हमारा हिस्सा है ताइवान कहता है हम अलग देश है

केवल 12 देश ही ताइवान को अलग देश के रूप में मान्यता देते हैं ।ताइवान के नए राष्ट्रपति ने 20 मई को शपथ ली है। ताइवान के नए राष्ट्रपति चीन के विरोधी हैं और उन्होंने घोषणा की है कि वह ताइवान को मान्यता दिलवाएंगे।

कैसे हैं भारत ताइवान के रिश्ते ?

ताइवान और भारत एशिया के दो प्रमुख लोकतंत्र हैं भारत ताइवान संबंध व्यापार संस्कृति और शिक्षा पर केंद्रित है हालांकि चीनी संवेदनशीलता के कारण इन क्षेत्रों को अब तक लो प्रोफाइल रखा गया है चीन और भारत के बीच डोकलाम विवाद के बाद 2017 में भारत और ताइवान के बीच संसदीय प्रतिनिधिमंडल की बातचीत निलंबित कर दी गई थी। हालांकि पिछले कुछ समय से चीन के साथ तनावपूर्ण रिश्ते के चलते भारत ने ताइवान के साथ अपने रिश्ते बरकरार रखने की कोशिश की है। 2008 के बाद जब ताइवान के मंत्रियों ने भारत का दौरा किया तो कुछ  प्रयास किए गए।

मोदी ने ताइवान को मित्र देश बनाने की पहल की

भारत ताइवान संबंधों को 2014 में बड़ा बढ़ावा मिला जब प्रधानमंत्री मोदी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में ताइवान के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया। ताइवान के मुद्दे पर मोदी का राजनीतिक नजरिया था और पहले उन्होंने ताइवान के साथ रिश्ते बनाने की पहल की थी। 1999 में मोदी ने भाजपा महासचिव के रूप में ताइवान का दौरा किया था। 2011 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने भारत में सबसे बड़े ताइबानी प्रतिनिधिमंडल को आमंन्त किया। प्रधानमंत्री रहते हुए भी उन्होंने ताइवान के साथ रिश्ते बनाए रखे हैं हालांकि भारत ने कभी भी ताइवान को एक अलग देश के रूप में मान्यता नहीं दी।

ताइवान कैसे बना सेमीकंडक्टर चिप बनाने में अव्वल

चिंताई नाम का एक युवा काम की तलाश में अमरीका पहुंचा था। वह एक इंजीनियर था उसने देखा कि अमेरिका माइक्रोचिप बनाकर कंप्यूटर क्रांति की शुरुआत कर रहा है। अमेरिका में पढ़ाई पूरी करने के बाद चिंताई ने अमेरिका की बेरोज कॉरपोरेशन नाम की कंपनी में मेमोरी चिप बनाने का काम किया और ताइवान जाकर वहां की सरकार को सेमीकंडक्टर चिप बनाने का आईडिया दिया। वहां की सरकार को उसका यह आइडिया पसंद आया साल 1986 में शिशु में एक चिप प्लांट सरकार ने स्थापित किया जिसका नाम टीएमसी था। यह कंपनी अभी तीन नैनोमीटर के चिप बना रही है और साल 2025 तक दो नैनोमीटर की चिप बनाने की घोषणा की है

क्या है सेमीकंडक्टर चिप

सेमीकंडक्टर चिप को इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स का दिल कहा जाता है यह चिप स्माटफोन से लेकर कंप्यूटर लैपटॉप टैबलेट स्मार्ट डिवाइस एटीएम और कई तरह के इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स में इस्तेमाल की जाती है चिप का निर्माण सिलिकॉन से होता है।

सेमीकंडक्टर चिप किस तरह काम करती है

सेमीकंडक्टर चिप्स सिलिकॉन का एक छोटा टुकड़ा होता है जिसमें इलेक्ट्रॉनिक सर्किट रो होती हैं जो विभिन्न कार्य करती है यह चिप्स अलग-अलग प्रकार के छोटे इलेक्ट्रॉनिक घटकों जैसे ट्रांजिस्टर डायोड से बने होते हैं जो विशिष्ट कार्यों की करने के लिए एक दूसरे से जुड़े होते हैं

ताइवान को इंजीनियर्स की जरूरत

ताइवान के विदेश मंत्री डॉ. ओसेफ यू ने बताया कि 16 फरवरी, 2024 को ताइवान और भारत ने श्रम बन सहयोग पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए और यह समझौता भारत के लिए ताइवान को अपने कुशल इंजीनियर प्रदान करने के लिए था।ताइवान में सेमीकंडक्टर विजनेस बहुत बड़ा है, लेकिन वर्तमान में वहां युवा इंजीनियरों की कमी है। है। यह कमी भारत के युवाओं से पूरी की जा सकती है। ताइवान आपसी समझ और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देकर दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। ताइवान के विदेश मंत्री ने कहा था कि वह भारतीय इंजीनियर्स का 'स्वागत' करेंगे। ताइवान में काम करने आने वाले भारतीय युवाओं के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाएगा। दोनों देशों के बीच इस समझौते का मकसद दोनों देशों के बीच इंजीनियरों की कमी को दूर करना है। ताइवान के नागरिक भी भारतीय इंजीनियरों को पर्याप्त सहयोग देंगे। ताइवान सरकार का लक्ष्य आदान-प्रदान के माध्यम से हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ साझेदारी को मजबूत करना है।

धोलेरा यानी गुजरात का हिंदू शहर

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धोलेरा (SIR) अहमदाबाद से करीब 100 किमी की दूरी पर धोलेरा में आर (शिल इंवेस्टमेंट रीजन) प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। यहां इतनी बड़ी जगह हैं कि अहमदाबाद से भी बड़ा शहर बसने वाला है। यहां सिंगापुर जैसा अत्याधुनिक शहर बसाया जा रहा है।जैसे ताइवान का सिधू सेमीकंडक्टर हब बन गया है. वैसे ही धोलेरा भी गुजराल का सेमीकंडक्टर हब बनेगा। । सिर्फ सेमीकंडक्टर ही नहीं, जैसे साथ वहां आएंगे। इसमें धिर्वस, एविएशन, फार्मास्यूटिकल्स, एयो औ फूड प्रोसेसिंग, हाईटेक इंजीनियरिंग जैसे बिजनेस शामिल होंगे। सड़कों का काम पूरा हो चुका है और कई छोटे प्लांट भी शुरू हो चुके हैं।

सेमीकंडक्टर पॉलिसी बनाने वाला गुजरात देश का पहला राज्य

गुजरात सरकार ने 2022 से 2027 तक के लिए सेमीकंडक्टर नीति बनाई है और यह नीति बनाने वाला वह भारत का पहला राज्य बन गया है। गुजरात सेमीकंडक्टर नौति 2022-27' के तहत सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को सब्सिडी और प्रोत्साहन दिया जाएगा। परियोजना के लिए 200 एकड़ की भूमि खरीद पर कुल 75 प्रतिशत सब्सिडी और भूमि खरीद पर जीरो स्टांप शुल्क की योजना बनाई गई है। इसके साथ ही पहले 5 साल तक प्लांट को 12 रुपये प्रति क्यूबिक मीटर की दर से पानी उपलब्ध कराया जाएगा।

ताइवान की एक कंपनी है पार्टनर

टाटा ग्रुप और ताइवान की पॉवचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉरिशन (PSMC) धोलेरा में 91 हजार करोड़ रुपये की लागत से प्लांट लगा रहे हैं। मार्च-2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली इस प्लांट का शिलान्यास किया था।इस प्लांट में 28 नैनोमीटर से लेकर 14 नैनोमीटर तक के चिप्स बनाए जने हैं। इन चिप्स का इस्तेमाल टैबलेट, लैपटॉप, स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिक वाहन समेत गैजेट्स में किया जाता है। PSMC की ताइवान में 6 चिप फाउंड्री हैं। गुजरात में प्लांट बनने पर इसकी क्षमता 50 हजार वेफर्स प्रति माह होगी

अमेरिका की माइक्रोन कंपनी साणंद में प्लांट लगाएगी

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अमेरिकी माइक्रोचिप निर्माता कंपनी माइक्रोन कंपनी साणंद में प्लांट लगाएगी माइक्रोन भारत में 2.5 अरब डॉलर का निवेश करने जा रही है इसके लिए अगस्त 2030 में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की मौजूदगी में मो पर हस्ताक्षर किए गए थे इस मो से पहले जुलाई 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका गए थे जिस दौरान माइक्रोन के टॉप अधिकारियों से मुलाकात की थी और भारत में सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और वहां माइक्रोन कंपनी ने गुजरात में प्लांट लगाने का ऐलान किया था प्लाट का निर्माण का काम 2027 तक पूरा हो जाएगा

जापान और थाईलैंड की एक कंपनी भी चिप प्लांट लगाएगी

जापान की रेनो स इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन और थाईलैंड की स्टार माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ मिलकर गुजरात के साणंद में प्लांट बनाएगी यह सेमीकंडक्टर प्लांट 7600 करोड रुपए की लागत से बनाया जाएगा यहां हर दिन डेढ़ करोड़ चिप्स बनाए जा सकते हैं इससे प्रत्यक्ष रूप से 20000 और अप्रत्यक्ष रूप से 60000 लोगों को रोजगार मिलेगा

असम में 27000 करोड रुपए का निवेश से प्लांट लगाया जा रहा

टाटा ग्रुप की टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली एंड ट्रस्ट प्राइवेट लिमिटेड TSAT गुजरात धोलेरा के अलावा असम के मोरीगांव में 27000 करोड रुपए के निवेश से प्लांट लगा रही है इस प्लांट में रोजाना 4.8 करोड़ चिप्स बनाने की कैपेसिटी होगी 27000 करोड रुपए की लागत वाली यह चिप ऑटोमेटिक इलेक्ट्रॉनिक उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स दूर संचार और मोबाइल फोन जैसे विभिन्न उद्योगों की जरूरत को पूरा करेगा मार्च 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका भूमि पूजन किया था।International News

आसमान में मौत का नज़ारा,एयर टर्बुलेंस में फंसा विमान, एक यात्री की मौत

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आसमान में मौत का नज़ारा,एयर टर्बुलेंस में फंसा विमान, एक यात्री की मौत

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Air Turbulence hit Flight
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calendar30 Nov 2025 08:27 AM
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Air Turbulence hit Flight : मंगलवार को लंदन से सिंगापुर जा रही फ्लाइट का सफर यात्रियों के लिए खौफनाक साबित हुआ। सिंगापुर एयरलाइंस का एक विमान लंदन से सिंगापुर जा रहा था और रास्ते में यह विमान एयर टर्बुलेंस (Air Turbulence) का शिकार हो गया । इस एयर टर्बूलेंस के दौरान यात्रियों की जान हलक में आ गई, इतना ही नहीं यह टर्बूलेंस इतना भयानक था कि एक यात्री की मौत भी हो गई। टर्बूलेंस थमने के बाद बड़ी मुश्किल से विमान की बैंकॉक में इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई जिसके बाद कई यात्रियों को इमरजेंसी मेडिकल सेवा प्रदान करनी पड़ी।

यात्रियों ने बयान किया खौफनाक नजारा

विमान के उस खौफनाक नजारे का जिक्र करते हुए एक यात्री ने बताया कि विमान में उनकी ये यात्रा बहुत ही भयानक थी। पहले कुछ समय तो विमान ठीक उड़ता रहा फिर अचानक बहुत भयानक टर्बूलेंस आया और विमान अचानक से नीचे की ओर जाने लगा, सारा सामान इधर-उधर बिखरने लगा, लोग फिसलने लगे, जो लोग सीटों पर बैठे थे उनके सर छत से बुरी तरह जा टकराये। हादसे में लोगों को बचाते हुए कई विमान परिचारक और परिचारिकाएं भी घायल हो गई। जो लोग खड़े हुए थे वह बुरी तरह घायल हुए, हादसे में 73 वर्षीय एक ब्रिटिश बुजुर्ग की मौत हो गई।  

73 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक की हुई मौत

Air Turbulence hit Flight

बताया जा रहा है कि हादसे के चलते संभवत हार्ट अटैक आने से उनकी मौत हुई । इस टर्बूलेंस के हादसे में लगभग 30 लोग घायल हो गए। आपको बता दें कि एयर टर्बूलेंस उस वक्त आया जब फ्लाइट में लोगों को खाना परोसा जा रहा था और अचानक ही विमान बुरी तरह से हिलने लगा, लोग गिरने लगे, टकराने लगे और चिल्लाने की आवाजे आने लगी। एक यात्री ने बताया कि सभी चीजे हवा में उड़ने लगी, लोगों के समान गिरने लगे यह एक बहुत ही बड़ा टर्बूलेंस था । मैंने अपनी जिंदगी में इससे बुरा अनुभव कभी नहीं किया। अचानक ही विमान टेढ़ा होकर बुरी तरह से हिलने लगा और गिरने लगा लेकिन भगवान का शुक्र है कि कुछ समय के बाद ही यह तूफान थम गया और हमने भगवान का शुक्रिया किया। कई लोगों के सर इस हादसे में बुरी तरह से छत से टकरा गए और उनके सर पर चोटें आई ।

लंदन से सिंगापुर जा रहा था विमान

आपको बता दें कि सिंगापुर जाने वाला यह बोइंग 777 300 (Boeing 777-300ER)  विमान था जिसमें 211 यात्री और 18 क्रू मेंबर सवार थे। यह विमान लंदन से सिंगापुर जा रहा था लेकिन एयरटेल बैलेंस की वजह से इस विमान की बैंकॉक में इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। यह हादसा कल दोपहर लगभग 3:45 बजे पेश आया । विमान के लैंड होने के बाद बैंकॉक में 31 लोगों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया एयरलाइंस ने मरने वाले बुजुर्ग यात्री के परिवार के प्रति संवेदना जाहिर की है । एयरलाइंस के अधिकारी ने बताया कि 10 घंटे लंबी इस फ्लाइट में अचानक की एक बुरे एयर टर्बूलेंस का सामना करना पड़ा उसे वक्त विमान म्यांमार बेसिन से 37000 फीट की ऊंचाई पर था। विमान कंपनियों के अधिकारियों ने बताया कि जितने भी लोग हादसे मैं घायल हुए हैं उनको उचित इलाज दिया जा रहा है और एक टीम को भी बैंकॉक भेजा जा रहा है ताकि लोगों को सुरक्षित वहां से उनकी मंजिल तक पहुंचा दिया जाए । एक और यात्री ने बताया कि यह दृश्य काफी बदहवास कर देने वाला था जो लोग खड़े थे वह हवा के टर्बूलेंस से ऐसा लगा कि समर साल्ट कर रहे हैं, सामान पूरी तरह से बिखर गया और इधर-उधर होने लगा। विमान के  परिचारकोँ ने लोगों को बचाने का भरसक प्रयास किया और इसमें उनको भी चोटे आई। एक दूसरे यात्री ने बताया कि वह अपने बेटे की शादी के लिए ऑस्ट्रेलिया जा रहे थे और जिस वक्त यह प्लेन एयर टर्बुलेंस का शिकार हुआ यह सब कुछ इतना अचानक हुआ कि उन्हें संभलने का मौका ही नहीं मिला और इससे पहले फ्लाइट अटेंडेंट द्वारा कोई वार्निंग भी नहीं दी गई थी मेरा और मेरी पत्नी का सिर बुरी तरह से छत से जा टकराया और हमारे सिर घायल हो गए। एक दूसरे ब्रिटिश नागरिक का कहना है यह हादसा इतना भयानक था कि मैं उसे याद नहीं करना चाहता शुक्र है कि हम लोग बच गए। Air Turbulence hit Flight

क्यों होता है एयर टर्बुलेंस (Air Turbulence)

क्या होता है टर्बुलेंस विमान के उड़ते समय जब उसके पंखों से हवा अनियंत्रित होकर टकराती है तो विमान में एयर टर्बुलेंस उत्पन्न होता है। इससे विमान ऊपर-नीचे होने लगता है और यात्रियों को झटके लगने शुरू हो जाते हैं। उड़ते हुए विमानों को कम से कम सात तरह के टर्बुलेंस का सामना करना पड़ता है। टर्बुलेंस मौसम से जुड़ा भी हो सकता है। आसमान में बिजली कड़कने और भारी बादल होने के समय विमान में टर्बुलेंस पैदा होता है। Air Turbulence hit Flight

एयरलाइंस के अधिकारियों ने बताया, फ्लाइट क्रू को एयर टर्बुलेंस (Air Turbulence) के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। उन्होंने कहा, "यह अकारण नहीं है कि एयरलाइंस पूरी उड़ान के दौरान सीटबेल्ट को ढीला बांधे रखने की सलाह देती हैं, चाहे वह लंबी या छोटी उड़ान हो।" UK के विमानन पत्रकार सैली गेथिन ने कहा कि सीट बेल्ट पहनना "जीवन और मृत्यु के बीच का अंतर" हो सकता है, गंभीर एयर टर्बुलेंस के दौरान बिना बेल्ट के कोई भी व्यक्ति जोखिम में होता है। शोध से पता चला है कि जलवायु परिवर्तन से भविष्य में गंभीर एयर टर्बुलेंस होने की संभावना अधिक होगी।

IREDA का शेयर अभी और बढ़ेगा खरीदारों में मची होड़