ललित मोदी ने भारतीय कानून से बचने के लिए वानूआतू की नागरिकता ली

Lalit modi
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locationभारत
userचेतना मंच
calendar26 Nov 2025 01:31 PM
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Lalit Modi : भारतीय कानून से बचने के लिए आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी ने प्रशांत महासागर के छोटे से देश वानूआतू की नागरिकता हासिल कर ली है। वानूआतू की नागरिकता लेने के बाद उन्हें भारत वापस लाना और भी चुनौतीपूर्ण हो गया है। इसके साथ ही ललित मोदी ने भारतीय पासपोर्ट भी सरेंडर करने के लिए वहां भारतीय दूतावास से संपर्क किया है। इसका मतलब है कि अब वे भारत के साथ अपना कोई भी नाता नहीं रखना चाहते हैं, साथ ही यहां की सजा से भी हमेशा के लिए निजात चाहते हैं।

कैसे मिलती है वानूआतू की नागरिकता

वानूआतू सरकार 'नागरिकता द्वारा निवेश' कार्यक्रम के तहत अपनी नागरिकता प्रदान करती है। इस कार्यक्रम के अनुसार, आवेदक को सरकार को $130,000 (लगभग 1.13 करोड़ रुपये) का दान देना होता है। दिलचस्प बात यह है कि इस प्रक्रिया के लिए आवेदक को वानूआतू में शारीरिक रूप से उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं होती; शपथ ग्रहण आॅनलाइन या वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से की जा सकती है।

भारत के साथ प्रत्यर्पण संधि की अनुपस्थिति

वानूआतू का भारत के साथ कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है, जिससे ललित मोदी का भारत प्रत्यर्पण और भी कठिन हो गया है। प्रत्यर्पण संधि दो या दो से अधिक देशों के बीच एक समझौता होता है, जिसमें वे आपसी सहमति से अपराधियों को एक देश से दूसरे देश में सौंपने के लिए तैयार होते हैं। इस समझौते का उद्देश्य अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाना और उन्हें भागने से रोकना है।

वानूआतू की नागरिकता के लाभ

वानूआतू की नागरिकता प्राप्त करने के कई फायदे हैं, जिनमें सबसे पहले टैक्स का लाभ होता है, वानूआतू में व्यक्तिगत आयकर नहीं लगता है, जिससे यह एक टैक्स हेवन माना जाता है। यहां वीजा-मुक्त यात्रा की जा सकती है। वानूआतू के पासपोर्ट पर 55 देशों में वीजा-मुक्त प्रवेश और 34 देशों में वीजा आॅन अराइवल की सुविधा मिलती है। ललित मोदी द्वारा वानूआतू की नागरिकता प्राप्त करने से भारत सरकार के लिए उन्हें प्रत्यर्पित करना और भी जटिल हो गया है, विशेषकर प्रत्यर्पण संधि की अनुपस्थिति और वानूआतू की नागरिकता के साथ मिलने वाले लाभों के कारण।

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कोलकाता में होगी बड़ी बैठक, गंगा जल की गुहार लगाएगा बांग्लादेश

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Kolkata:
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 01:21 PM
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Kolkata: कोलकाता(Kolkata) में आज गंगा जल को लेकर बड़ी बैठक होने वाली है। माना जा रहा है कि बांग्लादेश इस बैठक में भारत के सामने गंगा जल के लिए गिड़गिडाता नज़र आएगा क्योंकि भारत-बांग्लादेश के बीच गंगा जल के बंटवारे का समझौता 30 साल पुराना है। 1996 में बांग्लादेश कि प्रधानमंत्री शेख हसीना थी और उन्होनें भारत के साथ यह समझौता किया था और अब अगले साल इसकी समय सीमा खत्म हो रही है। इसी समझौते को रीन्यू करने के लिए बांग्लादेश गुहार लगा रहा है। आज भारत-बांग्लादेश कि संयुक्त नदी आयोग की 86वीं बैठक में आगे की बात होगी।

30 साल पुराना है भारत-बांग्लादेश का समझौता

भारत-बांग्लादेश का गंगा जल बंटवारा 30 साल पुराना है। 1996 में दोनों देशो के बीच फरक्का समनझौता हुआ था और शेख हसीना नें इस समझौते पर भारत के साथ हस्ताक्षर किये थे। इस समझौते कि समय सीमा अगले साल खत्म हो रही है। अब बांग्लादेश इस समझोते को रीन्यू करने के लिए भारत के सामने गुहार लगा रहा है जिससे उसे गंगाजल मिलता रहे। बांग्लादेश के प्रतिनिधिमंडल पानी का बहाव और इसके प्रवाह का आंकलन करने के लिए फरक्का पहुंचे। इस संयुक्त नदी आयोग में भारत, बांग्लादेश समेत पश्चिम बंगाल सरकार के सदस्य शामिल है।बता दें कि दोनों देशो के टेक्निकल एक्सपर्ट कि संयुक्त समिति कि इस बैठक में 30 साल पुराने समझौते पर बात होगी।

बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल जायजा लेनें पहुंचा फरक्का बैराज

जेआरसी के सदस्य मोहम्मद अबुल हुसैन बांग्लादेश प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे है। बांग्लादेश के प्रतिनिधिमण्डल हाल ही मे गंगा के पानी का प्रवाह और इसका बांग्लादेश मे बहाव देखने फरक्का बैराज पहुंचे थे। सीमा पर की नदियो से संबन्धित मुद्दो के लिए बांग्लादेश मे हर साल एक बार आयोग की बैठक होती है। गंगा जल बंटवारा पश्चिम बंगाल के लोगो के लिए भी काफी अहम है क्योंकि फरक्का बैराज से छोड़ा गया पानी नदी के किनारे रहने वाले लोगो केएस रहन-सहन और कोलकाता के बंदरगाह की क्षमता को बनाए रखने के लिए अहम है। दोनों देश 54 नदियों का जल साझा करते है। भारत-बांग्लादेश संयुक्त नदी आयोग कि स्थापना 1972 में हुई थी। इस संधि पर 12 दिसंबर 1996 में बांग्लादेश द्वारा हस्ताक्ष किये गए थे।  Kolkata:

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भारतीय विदेश मंत्री के लंदन पहुंचने पर खालिस्तानियों ने मचाया उत्पात

S Jayshankar
S.Jaishankar
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 03:42 PM
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S.Jaishankar : रक्षा मंत्री एस जयशंकर(S Jaishankar) गुरुवार को ब्रिटेन दौरे पर थे जब उनकी कार के सामने आके खालिस्तानियों ने हंगामा करना शुरु कर दिया। दरअसल एस जयशंकर मंगलवार को ब्रिटेन दौरे पर पहुंचे थे और यह घटना तब घटी जब वह गुरुवार को चैथम हाउस थिंक टैंक में एक कार्यक्रम के बाद वापस जा रहे थे। बता दें कि इस घटना का विडियो भी सामने आया है जिसमें एक खालिस्तानी भारतीय रक्षा मंत्री कि कार कि ओर भागते हुए और भारतीय धव्ज को फाड़ते हुए दिख रहे थे। जानकारी मिली है कि भारतीय सरकार ने इस घटना के बाद यूके का सामने अपना विरोध दर्ज करा है।

द्विपक्षीय सहयोग को और बढावा देने के लिए पहुंचे थे ब्रिटेन

रक्षा मंत्री एस जयशंकर द्विपक्षीय सहयोग को और बढावा देने के लिए मंगलवार से छह दिवसीय ब्रिटेन और आयरलैंड यात्रा पर है। दौरे में सबसे पहले लंदन में उनका आगमन हुआ था। उन्होनें जानकारी दी कि बुधवार को ब्रिटेन में उनके और डेविड लैमी के बीच द्विपक्षीय संबंधो समेत अन्य कई मुद्दो पर चर्चा हुई। दोनो नेताओ के बीच कैंट के शेवनिंग हाउस में दो दिन तक चर्चा भी हुई जिसमें मुक्त व्यापार समझौता से लेकर रूस युक्रेन के युद्ध समेत कई मुद्दे शामिल थे।

क्या था विवाद का पूरा मामला ?

दरअसल एस जयशंकर चैथम हाउस थिंक टैंक में ‘भारत का उदय और विश्व भूमिका’ नामक एक संवाद सत्र में पहुंचे थे। हमले कि वारदात तब हुई जब वे कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वैपस आ रहे थे। उसी दौरान सड़क के किनारे खडे कुछ खालिस्तानी नारेबाजी करने लगे और जब एस जयशंकर कार में बैठ रहे थे तब एक शख्स उनकी तरफ भागता हुआ आया और कार के सामने नारे लगाते हुए भारतीय तिरंगा फाड दिया। मौके पर लंदन पुलिस ने इस व्यक्ति को काबू करा और एस जयशंकर को वहां से सुरक्षित बाहर निकाला। वायरल वीडियो में खालिस्तानी समर्थक कार्यक्रम स्थल के बाहर आपत्तिजनक नारे लगाते हुए सुने जा सकते है। बता दें कि खालिस्तानी कई मौको पर एस जयशंकर समेत अन्य कई भारतीय अधिकारियों को धमकियां दे चुके है। S.Jaishankar:

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