'Agnipath' : सर्वोच्च अदालत का बड़ा फैसला, अग्निपथ से जुड़े सभी मामले दिल्ली हाईकोर्ट ट्रांसफर
Formation of women's bench for hearing cases in the Supreme Court
भारत
चेतना मंच
30 Nov 2025 01:36 AM
New Delhi : नई दिल्ली। भारत सरकार (Government of India) की सेना में नई भर्ती योजना ‘अग्निपथ’ (Agnipath) को चुनौती देने वाली याचिकाओं (Petitions) पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अग्निपथ योजना से जुड़े सभी मामलों को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में ट्रांसफर करने के आदेश दिए हैं।
सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं दाखिल की गई थीं। उनमें इस योजना पर फिलहाल रोक लगाने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ताओं ने ये भी मांग की थी कि जो सेना की नौकरी पाने की प्रक्रिया में हैं, उन पर ये योजना लागू नहीं की जानी चाहिए।
केंद्र ने 21 जून को सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट अर्जी दाखिल कर रक्षा बलों के लिए अग्निपथ भर्ती योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सरकार का पक्ष भी सुनने की मांग की है। इसमें अपील की गई है कि उसका पक्ष सुने बिना कोई आदेश न दिया जाए। गौरतलब है कि एक वादी द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए एक कैविएट आवेदन दायर किया गया है कि उसका पक्ष सुने बिना उसके खिलाफ कोई प्रतिकूल आदेश पारित नहीं किया जाए। केंद्र की अधिसूचना को रद्द करने की मांग करने वाली जनहित याचिका अधिवक्ता एमएल शर्मा ने दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि यह योजना अवैध और असंवैधानिक है।
अग्निपथ योजना के तहत थलसेना में भर्ती प्रक्रिया जहां एक जुलाई से शुरू हो गई, वहीं वायुसेना में इससे पहले 24 जून, जबकि नौसेना में 25 जून से शुरू हो गई। इस भर्ती में 17.5 वर्ष से 21 वर्ष तक के उम्मीदवार शामिल हो सकेंगे। हालांकि, इस साल के लिए आयु सीमा बढ़ाकर 23 साल कर दी गई है। यह भर्ती चार सालों के लिए होगी। इसके बाद परफॉर्मेंस के आधार पर 25 फीसदी कर्मियों को वापस से रेगुलर कैडर के लिए नामांकित किया जाएगा।
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30 Nov 2025 01:36 AM
New Delhi : नई दिल्ली। भारत सरकार (Government of India) की सेना में नई भर्ती योजना ‘अग्निपथ’ (Agnipath) को चुनौती देने वाली याचिकाओं (Petitions) पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अग्निपथ योजना से जुड़े सभी मामलों को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में ट्रांसफर करने के आदेश दिए हैं।
सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं दाखिल की गई थीं। उनमें इस योजना पर फिलहाल रोक लगाने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ताओं ने ये भी मांग की थी कि जो सेना की नौकरी पाने की प्रक्रिया में हैं, उन पर ये योजना लागू नहीं की जानी चाहिए।
केंद्र ने 21 जून को सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट अर्जी दाखिल कर रक्षा बलों के लिए अग्निपथ भर्ती योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सरकार का पक्ष भी सुनने की मांग की है। इसमें अपील की गई है कि उसका पक्ष सुने बिना कोई आदेश न दिया जाए। गौरतलब है कि एक वादी द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए एक कैविएट आवेदन दायर किया गया है कि उसका पक्ष सुने बिना उसके खिलाफ कोई प्रतिकूल आदेश पारित नहीं किया जाए। केंद्र की अधिसूचना को रद्द करने की मांग करने वाली जनहित याचिका अधिवक्ता एमएल शर्मा ने दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि यह योजना अवैध और असंवैधानिक है।
अग्निपथ योजना के तहत थलसेना में भर्ती प्रक्रिया जहां एक जुलाई से शुरू हो गई, वहीं वायुसेना में इससे पहले 24 जून, जबकि नौसेना में 25 जून से शुरू हो गई। इस भर्ती में 17.5 वर्ष से 21 वर्ष तक के उम्मीदवार शामिल हो सकेंगे। हालांकि, इस साल के लिए आयु सीमा बढ़ाकर 23 साल कर दी गई है। यह भर्ती चार सालों के लिए होगी। इसके बाद परफॉर्मेंस के आधार पर 25 फीसदी कर्मियों को वापस से रेगुलर कैडर के लिए नामांकित किया जाएगा।
Flood : भारत-तिब्बत सीमा पर बादल फटा, कई गांवों में आई बाढ़
भारत
चेतना मंच
30 Nov 2025 08:23 AM
Shimla : शिमला। देश के कई हिस्सों में दैवीय आपदाओं (Divine calamities) से लोग हलकान हैं। अब हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के किन्नौर (Kinnaur) जिले में भारत-तिब्बत सीमा पर बादल फटने की घटना हुई है। इससे कई गांवों में बाढ़ (Flood) आ गई है। हालांकि घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। राज्य आपदा प्रबंधन के निदेशक सुदेश मोख्ता ने बताया कि सोमवार की शाम करीब सात बजे चांगो और शालखर गांवों में बादल फटने से एक छोटा पुल, एक श्मशान घाट और कई बाग क्षतिग्रस्त हो गए।
अधिकारियों ने बताया कि नहरों से पानी उफनकर गिरने से शालाखर और आसपास के कई गांवों और खेतों में गंदा पानी घुस गया। मोख्ता ने बताया कि इन गांवों में नुकसान का आंकलन जमीनी रिपोर्ट मिलने के बाद किया जाएगा।
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चेतना मंच
30 Nov 2025 08:23 AM
Shimla : शिमला। देश के कई हिस्सों में दैवीय आपदाओं (Divine calamities) से लोग हलकान हैं। अब हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के किन्नौर (Kinnaur) जिले में भारत-तिब्बत सीमा पर बादल फटने की घटना हुई है। इससे कई गांवों में बाढ़ (Flood) आ गई है। हालांकि घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। राज्य आपदा प्रबंधन के निदेशक सुदेश मोख्ता ने बताया कि सोमवार की शाम करीब सात बजे चांगो और शालखर गांवों में बादल फटने से एक छोटा पुल, एक श्मशान घाट और कई बाग क्षतिग्रस्त हो गए।
अधिकारियों ने बताया कि नहरों से पानी उफनकर गिरने से शालाखर और आसपास के कई गांवों और खेतों में गंदा पानी घुस गया। मोख्ता ने बताया कि इन गांवों में नुकसान का आंकलन जमीनी रिपोर्ट मिलने के बाद किया जाएगा।
Parliament News : खाद्य पदार्थों पर जीएसटी और अग्निपथ स्कीम के विरोध में कांग्रेस का संसद परिसर में प्रदर्शन
भारत
चेतना मंच
29 Nov 2025 04:40 PM
New Delhi : नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र (Monsoon session of parliament) के दूसरे दिन मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही कांग्रेस (Congress) सहित कई विपक्षी पार्टियों ने महंगाई, डेयरी और खाद्य पदार्थों पर जीएसटी (GST) लगाने और अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme) को वापस लेने की मांग को लेकर संसद परिसर (Parliament Complex) में गांधी प्रतिमा के पास नारेबाजी की। विपक्ष के प्रदर्शन के बाद माना जा रहा है कि दूसरे दिन भी सदन हंगामे की भेंट चढ़ सकता है।
सोमवार को शुरू हुए मानसून सत्र के पहले दिन लोकसभा में स्पीकर ओम बिड़ला ने सदन की कार्यवाही शुरू करने से पहले जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग के लिए सभा दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। बाद में लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, लेकिन विपक्ष के हंगामे की वजह से कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा था। मानसून सत्र 12 अगस्त तक चलेगा।
महंगाई, अग्निपथ, ईडी और सीबीआई के दुरुपयोग के मुद्दे पर विपक्ष सरकार को घेरने का प्रयास करेगा। सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग करके विपक्ष ने इसके संकेत दे दिए हैं। इसके साथ ही सदन में असंसदीय शब्दों की सूची को लेकर भी विपक्ष सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेगी। अग्निपथ योजना, बेरोजगारी, महंगाई और जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग के मुद्दे पर हंगामे के आसार हैं।
12 अगस्त तक चलने वाले मानसून सत्र में संसद की 18 बैठकें होंगी। सत्र में सरकार की ओर से 32 बिल पेश किए जा सकते हैं। इनमें से 24 नए हैं। 35 लंबित हैं। आठ बिल फिर से विचार के लिए पेश किए जाने हैं। 14 बिल तैयार हैं। चार बिल ऐसे हैं, जो विचार के लिए स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजे गए थे। उनकी रिपोर्ट भी आ चुकी है। इन बिलों में मेंटिनेंस एंड वेल्फेयर ऑफ पैरेंट्स एंड सीनियर सिटीजंस बिल भी शामिल हैं।
भारत
चेतना मंच
29 Nov 2025 04:40 PM
New Delhi : नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र (Monsoon session of parliament) के दूसरे दिन मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही कांग्रेस (Congress) सहित कई विपक्षी पार्टियों ने महंगाई, डेयरी और खाद्य पदार्थों पर जीएसटी (GST) लगाने और अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme) को वापस लेने की मांग को लेकर संसद परिसर (Parliament Complex) में गांधी प्रतिमा के पास नारेबाजी की। विपक्ष के प्रदर्शन के बाद माना जा रहा है कि दूसरे दिन भी सदन हंगामे की भेंट चढ़ सकता है।
सोमवार को शुरू हुए मानसून सत्र के पहले दिन लोकसभा में स्पीकर ओम बिड़ला ने सदन की कार्यवाही शुरू करने से पहले जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग के लिए सभा दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। बाद में लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, लेकिन विपक्ष के हंगामे की वजह से कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा था। मानसून सत्र 12 अगस्त तक चलेगा।
महंगाई, अग्निपथ, ईडी और सीबीआई के दुरुपयोग के मुद्दे पर विपक्ष सरकार को घेरने का प्रयास करेगा। सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग करके विपक्ष ने इसके संकेत दे दिए हैं। इसके साथ ही सदन में असंसदीय शब्दों की सूची को लेकर भी विपक्ष सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेगी। अग्निपथ योजना, बेरोजगारी, महंगाई और जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग के मुद्दे पर हंगामे के आसार हैं।
12 अगस्त तक चलने वाले मानसून सत्र में संसद की 18 बैठकें होंगी। सत्र में सरकार की ओर से 32 बिल पेश किए जा सकते हैं। इनमें से 24 नए हैं। 35 लंबित हैं। आठ बिल फिर से विचार के लिए पेश किए जाने हैं। 14 बिल तैयार हैं। चार बिल ऐसे हैं, जो विचार के लिए स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजे गए थे। उनकी रिपोर्ट भी आ चुकी है। इन बिलों में मेंटिनेंस एंड वेल्फेयर ऑफ पैरेंट्स एंड सीनियर सिटीजंस बिल भी शामिल हैं।