Political News : खरगे का भाषण 'अभद्र' और बातें 'बेबुनियाद', भड़के भाजपाई




Digital Rape: नई दिल्ली/नोएडा। जाने-माने क्रिमिनल लॉयर मोहित चौधरी एडवोकेट ने बताया है कि यदि किसी व्यक्ति के विरूद्ध 'डिजिटल रेप' का अपराध सिद्ध हो जाता है तो उस अपराधी को 7 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है। श्री चौधरी ने नोएडा के एक छात्र दल से कानूनी विषयों पर बात करते हुए यह बात बताई।
उन्होंने बताया कि वर्ष-2012 में पहली बार आईपीसी की धारा-376 में 'डिजिटल रेप' को जोड़ा गया। दिल्ली में हुए निर्भया कांड के बाद हुई कानूनी समीक्षा के बाद यह परिवर्तन किया गया। इस परिवर्तन के तहत यह प्रावधान किया गया कि यदि किसी अपराधी के विरूद्ध डिजिटल अपराध का दोष सिद्ध हो जाता है तो उस अपराधी को 7 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।
डिजिटल शब्द सुनते ही लगता है कि यह कोई इंटरनेट से जुड़ा हुआ मामला है। दरअसल इसका इंटरनेट से कुछ भी लेना-देना नहीं है।
हालाँकि 'डिजिटल रेप' शब्द थोड़ा अटपटा है। दरअसल, अंग्रेजी डिक्शनरी मे डिजिट का एक अर्थ, हाथ की उंगली, पैर की उंगली व अंगूठा भी होता है। इन अंगों द्वारा किया गया यौन उत्पीडऩ डिजिटल रेप कहलाता है। इस उत्पीडऩ मे पुरुष प्राइवेट पार्ट का स्त्री प्राइवेट पार्ट में प्रवेश आवश्यक नहीं।
अगर कोई शख्स बिना सहमति के किसी महिला के प्राइवेट पार्ट्स को अपनी अंगुलियों या अंगूठे से छेड़ता है, तो ये 'डिजिटल रेप' कहलाता है। मतलब डिजिट (उँगलियों) का इस्तेमाल करके यौन उत्पीडऩ करना डिजिटल रेप कहलाता है।
भारत में 'निर्भया कांड' के बाद इसका कानून बना है। इस अपराध को करने वाले को कम से कम 7 साल व अधिकतम आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। यह एक घिनौना अपराध है।
Digital Rape: नई दिल्ली/नोएडा। जाने-माने क्रिमिनल लॉयर मोहित चौधरी एडवोकेट ने बताया है कि यदि किसी व्यक्ति के विरूद्ध 'डिजिटल रेप' का अपराध सिद्ध हो जाता है तो उस अपराधी को 7 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है। श्री चौधरी ने नोएडा के एक छात्र दल से कानूनी विषयों पर बात करते हुए यह बात बताई।
उन्होंने बताया कि वर्ष-2012 में पहली बार आईपीसी की धारा-376 में 'डिजिटल रेप' को जोड़ा गया। दिल्ली में हुए निर्भया कांड के बाद हुई कानूनी समीक्षा के बाद यह परिवर्तन किया गया। इस परिवर्तन के तहत यह प्रावधान किया गया कि यदि किसी अपराधी के विरूद्ध डिजिटल अपराध का दोष सिद्ध हो जाता है तो उस अपराधी को 7 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।
डिजिटल शब्द सुनते ही लगता है कि यह कोई इंटरनेट से जुड़ा हुआ मामला है। दरअसल इसका इंटरनेट से कुछ भी लेना-देना नहीं है।
हालाँकि 'डिजिटल रेप' शब्द थोड़ा अटपटा है। दरअसल, अंग्रेजी डिक्शनरी मे डिजिट का एक अर्थ, हाथ की उंगली, पैर की उंगली व अंगूठा भी होता है। इन अंगों द्वारा किया गया यौन उत्पीडऩ डिजिटल रेप कहलाता है। इस उत्पीडऩ मे पुरुष प्राइवेट पार्ट का स्त्री प्राइवेट पार्ट में प्रवेश आवश्यक नहीं।
अगर कोई शख्स बिना सहमति के किसी महिला के प्राइवेट पार्ट्स को अपनी अंगुलियों या अंगूठे से छेड़ता है, तो ये 'डिजिटल रेप' कहलाता है। मतलब डिजिट (उँगलियों) का इस्तेमाल करके यौन उत्पीडऩ करना डिजिटल रेप कहलाता है।
भारत में 'निर्भया कांड' के बाद इसका कानून बना है। इस अपराध को करने वाले को कम से कम 7 साल व अधिकतम आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। यह एक घिनौना अपराध है।
