Bhagirathi Effort : गोमती नदी के संरक्षण के लिए शिप्रा का 'भागीरथी प्रयास'

Gomti 2
Shipra's 'Bhagirathi Effort' for the conservation of Gomti river
locationभारत
userचेतना मंच
calendar12 Mar 2023 08:22 PM
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शाहजहांपुर (उप्र)। गोमती नदी को स्वच्छ, संरक्षित करने और लोगों को जागरूक करने के लिए 30 वर्षीय शिप्रा पाठक ने 'भागीरथी प्रयास' शुरू किया है। वह नदी के उद्गम स्थल पीलीभीत से उसके 690 किलोमीटर के दायरे की पदयात्रा पर निकली हैं।

Bhagirathi Effort

जल और प्रकृति के संरक्षण के लिए आंदोलित शिप्रा पाठक ने इस महीने की शुरुआत में पीलीभीत जिले के माधोटांडा में गोमती नदी के उद्गम स्थल गोमट ताल से अपनी यात्रा शुरू की। पाठक ने रविवार को कहा कि लगभग 60 किलोमीटर की यात्रा तय कर मैं शाहजहांपुर पहुंची हूं। होली के कारण हमें कुछ दिनों के लिए यात्रा रोकनी पड़ी थी, लेकिन आज फिर से यात्रा शुरू हो गयी है। लाल रंग की पोशाक पहने अपने कंधे पर दो बैग लटकाए- एक में पतली कालीन और रजाई और दूसरे में दो सेट कपड़े, मोबाइल फोन, चार्जर और कपड़े से ढकी लकड़ी की छड़ी पकड़े हुए शिप्रा नदी के किनारे चल रही हैं। अपने बालों को पीछे की ओर करके, वह अपने माथे पर तिलक लगाती हैं और सावधानी से कच्चे, उबड़-खाबड़ नदी के किनारे पर छोटे-छोटे कदमों से चलती हैं। पाठक ने कहा कि स्थानीय गांवों के लोग, जो नदियों और प्रकृति की बेहतरी के बारे में सोचते हैं, मेरे साथ यात्रा में साथ चलते हैं और अक्सर नदी के किनारे मेरा मार्गदर्शन करते हैं।

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नदी की स्थिति के बारे में चिंतित लोगों को एक साथ लाने के अलावा, वह उन्हें कार्रवाई करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि नदी के किनारे रहने वाले लोग नदी की सेहत के बारे में चिंतित हैं, लेकिन वे अक्सर नहीं जानते कि क्या करना है। मैं उन्हें कुछ कार्रवाई करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती हूं, चाहे वह नदी के किनारों की सफाई हो या नदी के तल की सफाई। पाठक ने कहा, नदी के किनारे चलने से विकसित होने वाली अपनेपन की भावना निश्चित रूप से लोगों को नदी के करीब लाएगी तथा इसके लिए और अधिक करने के लिए प्रेरित करेगी।

Bhagirathi Effort

गंगा की सहायक नदी, गोमती उत्तर प्रदेश की सबसे प्रमुख बारहमासी नदियों में से एक है। छह सौ नब्बे किलोमीटर में फैली यह नदी गाजीपुर जिले के सैदपुर में गंगा नदी में मिल जाती है। अपने रास्ते में, यह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित कई महत्वपूर्ण कस्बों और शहरों में पानी की आपूर्ति करती हुई गुजरती है। काफी महत्‍वपूर्ण होने के बावजूद गोमती नदी लोगों की उदासीनता से प्रभावित हुई है।

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विशेषज्ञों को आशंका है कि अनियंत्रित अतिक्रमण और व्यापक खेती गोमती को मौसमी नदी में बदल रही है। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में पर्यावरण विज्ञान विभाग के प्रोफेसर वेंकटेश दत्ता ने कहा कि नदी के तल को कुछ हिस्सों पर शायद ही देखा जा सकता है, क्योंकि इसका अधिकांश हिस्सा अतिक्रमण कर लिया गया है और खेत में बदल दिया गया है। दत्ता ने 2011 में गोमती पर एक व्यापक अध्ययन किया और कहा कि पिछले एक दशक में नदी की स्थिति बद से बदतर हो गई है। बदायूं जिले की मूल निवासी पाठक ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि मनुष्य के रूप में, हमें यह महसूस करना चाहिए कि हम पर्यावरण, नदियों, पानी के बिना जीवित नहीं रह सकते हैं। हमारे सभी शास्त्र और धर्म ग्रंथ इस पर प्रकाश डालते हैं। हमें इन प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा और संरक्षण के उपाय करने चाहिए।

Bhagirathi Effort

एक स्थानीय राजनेता और एक गृहिणी के यहां जन्मी शिप्रा पाठक ने नदियों के लिए कुछ करने का फैसला करने से पहले रुहेलखंड विश्वविद्यालय से अपनी मास्टर डिग्री पूरी की। उन्होंने कहा कि मैंने मानसरोवर झील की 52 किलोमीटर की परिक्रमा और मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी के किनारे 3,600 किलोमीटर की पैदल यात्रा पूरी कर ली है। मैंने नदियों की रक्षा के लिए एक आंदोलन शुरू किया है और गोमती के लिए भी ऐसा ही करना चाहती हूं।अपने अभियान के तहत, पाठक ने नदी के किनारे एक करोड़ पौधे लगाने का भी संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि पेड़ नदियों के सबसे अच्छे मित्र हैं। पिछले कुछ वर्षों में, स्वयंसेवकों और स्थानीय लोगों की मदद से, हमने नदी के किनारों पर 10 लाख से अधिक पौधे लगाए हैं और इस संख्या को एक करोड़ तक ले जाने का लक्ष्य है। पाठक ने अपनी यात्रा पूरी करने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की है। उन्होंने कहा कि मैं दिन में नदी किनारे पर चलती हूं और एक मंदिर या आश्रम में रात बिताती हूं। स्थानीय लोग इतने दयालु हैं कि वे मुझे भोजन और आराम करने की जगह दे देते हैं। उत्तर प्रदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Maharashtra : टायर फटना मानवीय लापरवाही, दैवीय घटना नही: बंबई हाईकोर्ट

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Maharashtra News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 09:37 PM
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Maharashtra/ मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने मुआवजे के खिलाफ एक बीमा कंपनी की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि 'टायर फटना दैवीय घटना नहीं, बल्कि मानवीय लापरवाही है।'

Maharashtra News

न्यायमूर्ति एस जी डिगे की एकल पीठ ने 17 फरवरी के अपने आदेश में मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के 2016 के फैसले के खिलाफ 'न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड' की अपील खारिज कर दी। न्यायाधिकरण ने इस बीमा कंपनी को मकरंद पटवर्धन के परिवार को 1.25 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया था। मकरंद पटवर्धन 25 अक्टूबर 2010 को अपने दो सहयोगियों के साथ पुणे से मुंबई जा रहे थे और चालक की लापरवाही के कारण कार का पिछला पहिया फट गया और कार गहरी खाई में जा गिरी। इस हादसे में मकरंद पटवर्धन (38) की मौके पर ही मौत हो गई थी।

बीमा कंपनी की दलील की खारिज

न्यायाधिकरण ने अपने आदेश में कहा था कि मकरंद पटवर्धन परिवार में इकलौता कमाने वाला था। बीमा कंपनी ने अपील में मुआवजे की राशि को अत्यधिक बताया था और कहा था कि टायर फटने की घटना दैवीय थी, न कि चालक की लापरवाही थी। उच्च न्यायालय को बीमा कंपनी की दलील पसंद नहीं आयी और कहा, दैवीय घटना का तात्पर्य एक ऐसी अप्रत्याशित प्राकृतिक घटना होती है, जिसके लिए इंसान जिम्मेदार नहीं होता है। लेकिन, टायर के फटने को दैवीय घटना नहीं कहा जा सकता है। यह मानवीय लापरवाही है।"
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Maharashtra : समृद्धि एक्सप्रेसवे पर हादसा, कार सवार छह लोगों की मौत

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Accident on Samridhi Expressway, six people killed in a car
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 12:43 AM
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बुलढाणा (महाराष्ट्र)। महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में समृद्धि एक्सप्रेसवे पर रविवार सुबह एक कार दुर्घटना में छह लोगों की मौत हो गयी।

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Maharashtra

बुलढाणा के पुलिस अधीक्षक सारंग आव्हाड ने बताया कि यह हादसा शिवणी पिसा गांव में सुबह आठ बजे उस वक्त हुआ, जब एक कार में सवार 13 लोग औरंगाबाद से यहां शेगांव की ओर जा रहे थे। पुलिस अधीक्षक ने बताया तिक कार के चालक ने वाहन पर से नियंत्रण खो दिया, जिसके बाद कार सड़क पर एक अवरोधक से टकरायी और पलट गयी। कार में सवार छह लोगों - एक पुरुष, चार महिलाओं और एक लड़की की मौत हो गयी। घायलों को इलाज के लिए औरंगाबाद ले जाया गया है।

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इससे पहले, कुछ अधिकारियों ने बताया था कि प्रथमदृष्टया ऐसा लगता है कि कार का टायर फटने से यह हादसा हुआ। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।