अब नहीं सुनाई देगी Big B की आवाज, सरकार ने बंद की साइबर क्राइम कॉलर ट्यून, जानिए वजह!




Himachal Cloud Burst : हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य के कुल्लू और कांगड़ा जिलों में बादल फटने और अचानक आई बाढ़ ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आपदा की स्थिति पर चिंता जताते हुए जानकारी दी कि प्रदेश के तीन अलग-अलग स्थानों पर बादल फटे और नौ इलाकों में अचानक बाढ़ आई है, जिसमें अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है जबकि कई लोग लापता बताए जा रहे हैं।
सीएम सुक्खू ने बताया कि कांगड़ा में बादल फटने से तीन लोगों की मौत हुई है और पांच लोग अब भी लापता हैं। कुल्लू जिले के सैंज क्षेत्र में जीवा नाला, रेहला बिहाल और शिलागढ़ में बादल फटने की तीन घटनाएं सामने आई हैं। इनमें कुछ लोग बाढ़ की चपेट में आकर लापता हो गए हैं, जिनकी तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। एक व्यक्ति जंगल में फंसा हुआ है, जिसे सुरक्षित बाहर निकालने का प्रयास चल रहा है।
मुख्यमंत्री के मुताबिक बाढ़ और भारी बारिश के कारण नदी-नालों के किनारे बसे कई गांवों में 15 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में कई सड़कों पर मलबा और भूस्खलन के कारण आवागमन प्रभावित हुआ है। लाहौल-स्पीति के काजा-समदोह मार्ग पर भूस्खलन और नालों के उफान के चलते यातायात पूरी तरह ठप हो गया है।
सीएम सुक्खू ने राज्य में आने वाले पर्यटकों से सावधानी बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान हिमाचल आने पर रोक नहीं है, लेकिन कृपया नदी-नालों के किनारे जाने से बचें। सुरक्षा में ही समझदारी है। प्रशासन हर स्थिति पर नजर बनाए हुए है और राहत कार्य जारी हैं। बंजार के विधायक सुरिंदर शौरी ने बताया कि सैंज, तीर्थन और गड़सा क्षेत्रों से लगातार नुकसान की सूचनाएं मिल रही हैं। स्थानीय प्रशासन को तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं। ब्यास और सतलुज नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है। Himachal Cloud Burst
Himachal Cloud Burst : हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य के कुल्लू और कांगड़ा जिलों में बादल फटने और अचानक आई बाढ़ ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आपदा की स्थिति पर चिंता जताते हुए जानकारी दी कि प्रदेश के तीन अलग-अलग स्थानों पर बादल फटे और नौ इलाकों में अचानक बाढ़ आई है, जिसमें अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है जबकि कई लोग लापता बताए जा रहे हैं।
सीएम सुक्खू ने बताया कि कांगड़ा में बादल फटने से तीन लोगों की मौत हुई है और पांच लोग अब भी लापता हैं। कुल्लू जिले के सैंज क्षेत्र में जीवा नाला, रेहला बिहाल और शिलागढ़ में बादल फटने की तीन घटनाएं सामने आई हैं। इनमें कुछ लोग बाढ़ की चपेट में आकर लापता हो गए हैं, जिनकी तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। एक व्यक्ति जंगल में फंसा हुआ है, जिसे सुरक्षित बाहर निकालने का प्रयास चल रहा है।
मुख्यमंत्री के मुताबिक बाढ़ और भारी बारिश के कारण नदी-नालों के किनारे बसे कई गांवों में 15 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में कई सड़कों पर मलबा और भूस्खलन के कारण आवागमन प्रभावित हुआ है। लाहौल-स्पीति के काजा-समदोह मार्ग पर भूस्खलन और नालों के उफान के चलते यातायात पूरी तरह ठप हो गया है।
सीएम सुक्खू ने राज्य में आने वाले पर्यटकों से सावधानी बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान हिमाचल आने पर रोक नहीं है, लेकिन कृपया नदी-नालों के किनारे जाने से बचें। सुरक्षा में ही समझदारी है। प्रशासन हर स्थिति पर नजर बनाए हुए है और राहत कार्य जारी हैं। बंजार के विधायक सुरिंदर शौरी ने बताया कि सैंज, तीर्थन और गड़सा क्षेत्रों से लगातार नुकसान की सूचनाएं मिल रही हैं। स्थानीय प्रशासन को तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं। ब्यास और सतलुज नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है। Himachal Cloud Burst
