Mohini Ekadashi 2023: इस मोहिनी एकादशी दूर होंगे सभी दुख और कलेश, नोट कर लें पूजा का शुभ मुहूर्त समय 

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Mohini Ekadashi 2023: This Mohini Ekadashi will remove all sorrows and troubles
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calendar29 Apr 2023 04:09 PM
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राजरानी Mohini Ekadashi 2023:  एकादशी तिथि को एक अत्यंत ही पवित्र और शुभ फल प्रदान करने वाली है. 1 मई 2023 को आने वाली मोहिनी एकादशी का समय काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है. इस दिन श्री विष्णु भगवान के मोहिनी रुप का पूजन किया जाएगा. भगवान श्री विष्णु पूजन के साथ साथ इस दिन हवन एवं नाम सुमिरन का महत्व कई गुणा रुप में भक्तों को प्राप्त होता है. मान्यता है कि इस व्रत की महिमा एवं प्रभाव द्वारा भक्त संसार की मोह-माया से मुक्त हो जाता है, उसके सारे पाप, क्लेश और दुख दूर हो जाते हैं. शास्त्रों के अनुसार संसार में एकादशी व्रत से बढ़कर कोई व्रत नहीं है. इसके माहात्म्य को सुनने और सुनाने से जो पुण्य प्राप्त होता है, वह पुण्य एक हजार गायों के पुण्य के बराबर होता है.

Mohini Ekadashi 2023:

  मोहिनी एकादशी पर लिया श्री विष्णु ने मोहिनी अवतार मान्यताओं के आधार पर कहा जाता है कि मोहिनी एकादशी का व्रत करने से सहस्त्र गायों के बराबर पुण्य मिलता है. मोहिनी एकादशी व्रत एवं पूजन यदि शुभ समय एवं सात्विक आचार विचार द्वारा संपन्न हो तो यह जीवन में सकारात्मकता में वृद्धि को प्रदान करने में भी सक्षम होता है. वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु ने असुरों का नाश करने और देवताओं को विजय दिलाने के लिए इसी दिन मोहिनी रूप धारण किया था और इसलिए इस दिन को मोहिनी एकादशी के रुप में पूजा जाता है और उस दिन व्रत एवं पूजन किया जाता है. आइये जानें मोहिनी एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त और नियम मोहिनी एकादशी 2023 मुहूर्त ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥ मोहिनी एकादशी पूजन का शुभ समय दशमी से ही आरंभ हो जाता है. इस वर्ष वैशाख शुक्ल एकादशी तिथि का प्रारंभ 30 अप्रैल 2023 को रात्रि 20:28 बजे से होगा और इसके पश्चात वैशाख शुक्ल एकादशी तिथि की समाप्ति 01 मई 2023 को रात्रि 22:09 पर होगी. मोहिनी एकादशी पूजा मुहूर्त का समय सुबह 09: 38 से 10: 39 तक बहुत शुभ रहेगा. मोहिनी एकादशी व्रत मुहूर्त का समय आरंभ ब्रह्म मुहूर्त से होगा. व्रत का पारण समय 02 मई 2023 को सुबह 05:40 से 08:19 का होगा.  मोहिनी एकादशी में कैसे करें श्री विष्णू पूजन  मोहिनी एकादशी के दिन प्रात:काल स्नान कार्यों से निवृत्त होकर पूजा आरंभ करनी चाहिए. इस शुभ दिन पर खीर का भोग श्री विष्णु भगवान और मां लक्ष्मी जी को अवश्य लगाना चाहिए. श्री विष्णु जी को पीले वस्त्र एवं माता लक्ष्मी जी को लाल वस्त्र अर्पित करने चाहिए. सुगंध चंदन इत्यादि का उपयोग करना चाहिए. मोहिनी एकादशी के दिन तुलसी जी का पूजन भी विशेष रुप से करने का विधान रहा है. तुलसी जी को श्री विष्णु जी को भी अर्पित करना चाहिए. घी का दीपक जला कर मंत्र जाप करना चाहिए. मोहिनी एकादशी पर करें दान कार्य  मोहिनी एकादशी के दिन दान एवं जप तप का महत्व सर्वोपरी रहा है. इस माह के दौरान जल का दान एवं पंखे का दान करना उत्तम होता है. वैशाख माह के समय सूर्य का ताप अत्यधिक होता है, इसलिए ऎसे में गर्मी अपने चरम पर होती है. इस कारण से कहा जाता है कि इस समय पर यदि प्यासों को पानी पिलाया जाए एवं पेड़ पौधों को लगाया जाए तो इसका कई गुना फल प्राप्त होता है. इस समय पर प्यासे पशु-पक्षियों को पानी पिलाने की व्यवस्था करना एवं उन्हें अन्न प्रदान करना सबसे उत्तम कार्य माना गया है. शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि मोहिनी एकादशी व्रत का फल अवश्य प्राप्त होता है. इस समय पर व्रत करने के साथ ही सभी नियमों का पालन करने से भक्त को प्रभु का आशीर्वाद प्राप्त होता है. एकादशी व्रत के दिन नकारात्मक विचारों से मुक्त रहते हुए हरि भजन करना चाहिए. किसी भी प्रकार के वाद-विवाद से बचना चाहिए अपशब्दों का उपयोग नहीं करना चाहिए तथा सभी के साथ प्रेम पूर्वक व्यवहार करते हुए इस दिन का पालन करना चाहिए.

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आज की बड़ी खबर : रामभक्तों का इंतजार होगा खत्म, 9 महीने में कर सकेंगे दर्शन

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Ayodhya Ram Mandir
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Apr 2023 07:32 PM
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Ayodhya Ram Mandir / अयोध्या। देश दुनिया के करोड़ों रामभक्तों के लिए एक बड़ी खबर है। अयोध्या में निर्माणाधीन भव्य श्रीराम मंदिर में जल्द ही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसकी तिथि घोषित कर दी गयी है। आज प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने ट्वीट करके रामभक्तों को यह खुशखबरी दी।

Ayodhya Ram Mandir

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट 22 जनवरी 2023 को रामलला को स्थायी गर्भगृह में प्रतिष्ठित करेगा। एक कार्यक्रम में ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने यह जानकारी दी। इस जानकारी को लेकर यूपी के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने एक ट्वीट किया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, '22 जनवरी को गर्भगृह में होगी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा। जय श्री राम'

22 जनवरी 2024 को होगा अनुष्ठान

कार्यक्रम में चंपतराय ने कहा कि स्थायी गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कई तिथियों पर विचार हुआ। अंतत: कई चरणों में विचार-विमर्श के उपरांत 22 जनवरी 2024 को यह अनुष्ठान पूर्ण कराया जाना प्रस्तावित किया गया है। अक्टूबर तक रामलला की मूर्ति तथा इससे पूर्व सितंबर तक गर्भगृह का निर्माण पूर्ण कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। गर्भगृह के निर्माण में मकराना मार्बल का उपयोग हो रहा है।

चंपतराय ने व्यापारियों के समक्ष मंदिर निर्माण की प्रक्रिया साझा की। उन्होंने कहा कि भूतल पर सिर्फ रामलला विराजमान होंगे। प्रथम तल पर राम दरबार होगा, जबकि द्वितीय तल खाली होगा। शिखर, आसन, दरवाजे में स्वर्ण का उपयोग भी किया जाएगा। गर्भगृह तक पहुंचने के लिए 34 सीढिय़ां बनाई गईं हैं। रामलला की मूर्ति अयोध्या में ही बनेगी। प्रतिमा पांच वर्ष के बालक की होगी।

Ayodhya Ram Mandir - राम मंदिर की भव्यता

45 एकड़ में रामकथा कुंज लम्बाई : 268 फीट चौड़ाई : 140 फीट ऊंचाई : 128 फीट मंदिर में 212 खंभे, प्रथम तल पर 106 खंभे, हर खंभे में 16 मूर्तियां (Ayodhya Ram Mandir)

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Char Dham : बदरीनाथ धाम के कपाट खुले, हजारों श्रद्धालु बने गवाह

Badarnath
The doors of Badrinath Dham opened, thousands of devotees became witnesses
locationभारत
userचेतना मंच
calendar27 Apr 2023 05:27 PM
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बदरीनाथ (उत्तराखंड)। हल्की बर्फबारी और बारिश के बीच गढ़वाल हिमालय के विश्वप्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट बृहस्पतिवार को विधि विधान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इसी के साथ उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा पूरी तरह से शुरू हो गई। तीन अन्य धामों- केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट पहले ही खोले जा चुके हैं।

Char Dham

श्रद्वालुओं पर की गई हैलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा

श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि भगवान बदरी विशाल के मंदिर के कपाट ब्रह्म बेला में पूरे वैदिक मंत्रोचारण एवं विधि विधान के साथ सुबह 7:10 बजे श्रद्वालुओं के लिए खोल दिए गए। उन्होंने बताया कि इस मौके पर पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से की गई। मंदिर के कपाट खुलने के अवसर पर धाम में हजारों की संख्या में श्रद्वालु मौजूद रहे, जिन पर हैलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा भी की गई। इस मौके पर धाम को 15 कुंतल फूलों से सजाया गया था।

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बारिश और बर्फबारी के बीच पारंपरिक नृत्य व संगीत

तड़के चार बजे कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू होते ही कुबेर जी, उद्वव जी और पवित्र गाडू घड़ा दक्षिण द्वार से मंदिर परिसर में लाया गया। इसके बाद, मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने धर्माधिकारियों, मंदिर समिति के पदाधिकारियों और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना कर मंदिर के कपाट श्रद्वालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए। बारिश और हल्की बर्फबारी के बीच सेना की टुकडी के बैंड की मधुर धुन तथा स्थानीय महिलाओं के पारंपरिक संगीत एवं नृत्य के साथ भगवान बदरीनाथ की स्तुति ने परिसर में मौजूद श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

Char Dham

सीएम धामी ने दीं शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कपाट खुलने के अवसर पर श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं और कहा कि चारधाम यात्रा के सकुशल संचालन के लिए राज्य सरकार ने तमाम व्यवस्थाएं की हैं। कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण दो साल बाद पिछले साल पूरी तरह से संचालित हुई चारधाम यात्रा के दौरान देश-विदेश से 47 लाख से अधिक श्रद्धालु चारों धामों के दर्शन के लिए पहुंचे थे। पिछले साल 17,63,549 श्रद्वालुओं ने बदरीनाथ के दर्शन किए थे। इस बार सरकार को तीर्थयात्रियों के और बड़ी संख्या में पहुंचने की उम्मीद है।

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देवता करते हैं भगवान की पूजा

बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ इस वर्ष की चारधाम यात्रा पूरी तरह से शुरू हो गई है। केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को खोले गए थे, जबकि गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया के पर्व पर खुले थे। उच्च गढ़वाल क्षेत्र में स्थित चारों धामों के कपाट हर वर्ष सर्दियों में बंद कर दिए जाते हैं। अगले साल अप्रैल-मई में दोबारा खोले जाते हैं। मान्यता है कि सर्दियों में भगवान की पूजा देवता करते हैं। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।