भाषा नहीं, नीयत है असली बाधा: शशि थरूर ने पाकिस्तान को सुनाई खरी-खरी

Shashi Tharoor
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locationभारत
userचेतना मंच
calendar27 Nov 2025 06:15 PM
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Shashi Tharoor :  कांग्रेस सांसद डॉ. शशि थरूर ने भारत-पाकिस्तान संबंधों पर बड़ा बयान देते हुए एक बार फिर पड़ोसी मुल्क को आतंकवाद पर उसके रवैये को लेकर कठघरे में खड़ा किया है। ब्राजील में आयोजित सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल की बैठक के दौरान थरूर ने स्पष्ट कहा कि भारत को पाकिस्तान से बातचीत करने में किसी भाषा की दिक्कत नहीं है—चाहे वह हिंदी हो, पंजाबी हो या अंग्रेज़ी। असली अड़चन है आतंकवाद पर पाकिस्तान की नीति और शांति के प्रति उसकी ईमानदारी।

थरूर ने स्पष्ट किया अपना रूख

ब्राजील में एक बहुदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए शशि थरूर ने कहा कि भारत, पाकिस्तान के साथ किसी भी भाषा में—चाहे वह हिंदी हो, अंग्रेज़ी या पंजाबी—बात करने को तैयार है, लेकिन जब तक इस्लामाबाद अपने यहां मौजूद आतंकवादी ढांचे के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करता, तब तक बातचीत का कोई आधार नहीं बनता। “हम संवाद के लिए तैयार हैं, लेकिन उसके लिए साझा दृष्टिकोण और ईमानदारी चाहिए। भाषा से कहीं ज़्यादा ज़रूरी है मंशा। जब तक पाकिस्तान अपने घर में पल रहे आतंक के जाल पर लगाम नहीं लगाता, बात आगे नहीं बढ़ सकती ।

पाकिस्तान की दोहरी नीति पर उठाए गंभीर सवाल

थरूर ने तीखे शब्दों में पूछा कि अगर पाकिस्तान खुद को आतंकवाद के मुद्दे पर निर्दोष बताता है, तो फिर उसके यहां आतंकी संगठन फल-फूल कैसे रहे हैं? इसके अलावा थरूर ने  यह भी सवाल उठाया कि “अगर पाकिस्तान पाक-साफ है, तो आतंकवादी वहां बेधड़क शिविर कैसे चला रहे हैं?  वे हथियारों की ट्रेनिंग क्यों पा रहे हैं? और क्यों उन्हें खुलेआम लोगों को कट्टरपंथ की ओर मोड़ने की छूट है?  थरूर ने बताया कि उनकी टीम ने अमेरिकी महाद्वीप के उन देशों तक भारत की आवाज़ पहुंचाई, जहां पाकिस्तान को लेकर भ्रम की स्थिति हो सकती थी। “हमने स्पष्ट किया कि भारत किसी भी रूप में आतंकवाद को सहन नहीं करता, और भारत की नीति शांति की है लेकिन आत्मरक्षा में कोई समझौता नहीं।

थरूर ने अंत में स्पष्ट किया कि भारत के पास संवाद की नीयत और माध्यम दोनों हैं, लेकिन पाकिस्तान को पहले अपने भीतर के आतंकवादी ढांचे को खत्म करने की सच्ची इच्छा दिखानी होगी। “हम हिंदुस्तानी में बात कर सकते हैं, पंजाबी में भी और अंग्रेजी में भी। लेकिन बात तब होगी जब पाकिस्तान हमारे साथ शांति की जमीन साझा करने को तैयार हो। अभी वे हमें अस्थिर करने में लगे हैं, कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।    Shashi Tharoor

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Microsoft को पछाड़कर Nvidia बनी दुनिया की सबसे मूल्यवान टेक कंपनी

Microsoft को पछाड़कर Nvidia बनी दुनिया की सबसे मूल्यवान टेक कंपनी
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:14 AM
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Microsoft News :  सेमीकंडक्टर क्षेत्र की प्रमुख कंपनी एनवीडिया ने माइक्रोसॉफ्ट को पछाड़कर वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक मूल्यवान कंपनी बनने का शानदार मुकाम हासिल कर लिया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में अपनी तेजी से बढ़ती पकड़ के दम पर Nvidia के शेयरों में मंगलवार को करीब 3.4 फीसदी की जबरदस्त तेजी आई, जिससे कंपनी की कुल मार्केट वैल्यू 3.45 ट्रिलियन डॉलर के करीब पहुंच गई। वहीं, Microsoft का बाजार मूल्यांकन इससे कुछ ही पीछे, 3.44 ट्रिलियन डॉलर पर रहा।

AI चिप्स की बढ़ती मांग ने दिलाई सफलता

Nvidia की यह उपलब्धि किसी नई शुरुआत से कम नहीं है। इस साल जनवरी में भी कंपनी ने Microsoft को पीछे छोड़कर शीर्ष स्थान हासिल किया था, लेकिन कुछ समय बाद Microsoft ने वापसी की। हालांकि, AI तकनीक में Nvidia की बढ़ती पकड़ और इसके चिप्स की भारी मांग ने कंपनी को फिर से टॉप पर पहुंचा दिया है।

पहली तिमाही में राजस्व में जबरदस्त वृद्धि

27 अप्रैल को समाप्त हुई पहली तिमाही में Nvidia का कुल राजस्व 44.1 बिलियन डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि से 69 प्रतिशत अधिक और पिछली तिमाही की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक है। इस उछाल के पीछे AI और डेटा सेंटर के लिए कंपनी के अत्याधुनिक चिप्स की मजबूत मांग है। वैश्विक टैरिफ और कड़े व्यापार नियमों के बावजूद, Nvidia की H20 चिप्स की मांग में लगातार इजाफा हो रहा है। वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में केवल H20 प्रोडक्ट्स से कंपनी ने 4.6 बिलियन डॉलर का राजस्व अर्जित किया, जो उसकी मजबूत आर्थिक स्थिति का साक्ष्य है।

सिर्फ चिप्स नहीं, AI इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण भी

Nvidia अब सिर्फ चिप्स तक सीमित नहीं है, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को सपोर्ट करने वाले बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में भी जुटी है। कंपनी अगले चार वर्षों में 50,000 करोड़ डॉलर से अधिक के AI सिस्टम्स विकसित करने का लक्ष्य लेकर चल रही है, जिनमें AI सुपरकंप्यूटर और विशाल डेटा सेंटर शामिल हैं।

अमेरिका में AI सुपरकंप्यूटर का निर्माण

इस साल अप्रैल में सामने आई रिपोर्ट्स के अनुसार, Nvidia अमेरिका में अपना पहला AI सुपरकंप्यूटर बनाने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है। कंपनी ने एरिजोना में एडवांस ब्लैकवेल चिप्स के उत्पादन के लिए भारी निवेश किया है। साथ ही, टेक्सास में एक विशाल AI सुपरकंप्यूटर फैसिलिटी का निर्माण भी जारी है, जिसका निर्माण क्षेत्र एक मिलियन वर्ग फीट से अधिक है। इस प्रोजेक्ट में Nvidia ने Foxconn के साथ साझेदारी भी की है।      Microsoft News

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परवेज मुशर्रफ का नाम हुआ मिट्टी में दफन, कोताना की जमीन को मिला नया वारिस

Pervez Musharraf
Pervez Musharraf
locationभारत
userचेतना मंच
calendar03 Jun 2025 10:15 PM
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Pervez Musharraf : पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ (Pervez Musharraf) और उनके परिवार का नाम अब उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के कोताना गांव से सरकारी रिकॉर्ड से भी हमेशा के लिए हटा दिया गया है। शत्रु संपत्ति के रूप में चिह्नित की गई 13 बीघा कृषि भूमि अब नीलामी के बाद नए मालिकों के नाम दर्ज हो चुकी है।

नीलामी के बाद हटाया गया नाम

बागपत के बड़ौत तहसील क्षेत्र के कोताना गांव में मुशर्रफ के परिवार की जमीन वर्षों से खाली पड़ी थी। भारत-पाक बंटवारे के बाद उनका पूरा परिवार पाकिस्तान चला गया था जिसके चलते यह जमीन शत्रु संपत्ति घोषित कर दी गई थी। उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय लखनऊ ने हाल ही में इसकी नीलामी कराई। बड़ौत के पंकज ठेकेदार, मनोज गोयल और गाजियाबाद की जेके स्टील कंपनी ने इस जमीन को 1.38 करोड़ रुपये में खरीदा। अब इस जमीन के बैनामे भी उनके नाम हो चुके हैं और प्रशासन ने मुशर्रफ परिवार का नाम रिकॉर्ड से पूरी तरह हटा दिया है।

कोताना से था पारिवारिक नाता

कोताना गांव परवेज़ मुशर्रफ के पिता मुशर्रफुद्दीन और माता बेगम जरीन का पैतृक गांव था। यहीं दोनों की शादी हुई थी। 1943 में परिवार दिल्ली चला गया और यहीं परवेज़ और उनके भाई डॉ. जावेद मुशर्रफ का जन्म हुआ। 1947 में बंटवारे के समय उनका परिवार पाकिस्तान चला गया, लेकिन कोताना में उनकी कृषि भूमि और हवेली वर्षों तक बची रही।

बाकी ज़मीन भी शत्रु संपत्ति

हालांकि, मुशर्रफ के भाई डॉ. जावेद और अन्य परिजनों की कुछ कृषि भूमि अब भी शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज है, जबकि हवेली उनके चचेरे भाई हुमायूं के नाम हो चुकी है। प्रशासन द्वारा भविष्य में बाकी संपत्तियों की स्थिति भी स्पष्ट की जाएगी। बड़ौत के एसडीएम मनीष कुमार यादव ने पुष्टि की है कि “कोताना गांव की जिस शत्रु संपत्ति की नीलामी हुई थी, उसके मालिकाना हक अब कानूनी रूप से नई खरीदारों के नाम दर्ज हो गए हैं।"

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