World Literacy Day: 8 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है विश्व साक्षरता दिवस, जानें साल 2023 की थीम

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calendar08 Sep 2023 01:50 PM
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World Literacy day 2023- साक्षरता शब्द साक्षर से बना है। साक्षर का मतलब होता है पढ़ने और लिखने में सक्षम होना। पढ़ाई हम सभी के लिए बहुत आवश्यक है। हमारे साथ ही यह हर एक देश के लिए भी बहुत ज्यादा आवश्यक है। देश के जितने ज्यादा नागरिक लिटरेट होंगे, देश उतना ही आगे बढ़ेगा और उतनी ही उन्नति करेगा। साक्षरता को लेकर भी आज भी कई लोग हैं जो इतने ज्यादा जागरूक नहीं है लेकिन फिर भी हर देश में इसके लिए प्रयास किए जाते हैं कि हर एक नागरिक को इसके लिए जागरूक किया जा सके और देश का विकास और बेहतर हो सके। इसी वजह से साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए और नागरिकों को इसके प्रति जागरूक बनाने के लिए हर साल 8 सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस मनाया जाता है। इस दिन का विशेष महत्व है। हर साल 8 सितंबर को शिक्षा का प्रचार प्रसार करने के मकसद से इसको मनाया जाता है। आइये जानते हैं कि इसका इतिहास और इस वर्ष इसकी थीम क्या है।

World Literacy day: विश्व साक्षरता दिवस का इतिहास;-

इसको लेकर 1965 में शिक्षा मंत्रियों के द्वारा सिफारिश की गई थी। शिक्षा मंत्रियों ने ईराक में आयोजित निरक्षरता के उन्मूलन में 8 सितंबर को साक्षरता दिवस के रूप में मनाने की सिफारिश की थी। इसके बाद यूनेस्को के एग्जीक्यूटिव बोर्ड ने 1966 में इस पर सहमति दे दी और तभी से 8 सितंबर को दुनियाभर में लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल विश्व साक्षरता दिवस मनाया जाने लगा। इसको मनाने का एलान यूनेस्को द्वारा अक्टूबर, 1966 में किया गया। हालांकि इससे पहले कुछ सदस्य देशों ने तेहरान की सिफारिश के अनुसरण में 8 सितंबर 1966 को पहली बार विश्व साक्षरता दिवस मनाया।

साक्षरता दिवस का महत्व;-

इसका बहुत अधिक महत्व है। आज भी ऐसे बहुत सारे लोग हैं जो शिक्षा से वंचित रह गए हैं। ऐसे में लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए और शिक्षा का महत्व समझाने के नजरिए से हर साल विश्व साक्षरता दिवस (Importance of World Literacy day) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य है लोगों को साक्षर होने के लिए प्रेरित करना तथा हर किसी के लिए शिक्षा को सुनिश्चित करना। साक्षरता दिवस मनाने के पीछे मुख्य कारण शिक्षा का प्रचार प्रसार करना है।

World Literacy Day 2023 Theme : विश्व साक्षरता दिवस 2022 की थीम -

हर साल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विश्व साक्षरता दिवस के लिए यूनेस्को एक थीम घोषित करता है। विश्व साक्षरता दिवस 2023 की थीम है - "Promoting Literacy for a World in Transition: Building The Foundation for Sustainable and Peaceful Societies" जिसका अर्थ है - "परिवर्तनशील दुनिया में साक्षरता को बढ़ावा देना स्थाई और शांतिपूर्ण समाज की नींव का निर्माण करना"।

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MP News:1000 साल पुराने गोपाल मंदिर मे जन्माष्टमी पर राधा और कृष्ण की सजावट 100 करोड़ के गहने से की जाती है

Kanha
MP News
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calendar02 Dec 2025 01:16 AM
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MP News हिंदू धर्म मे श्री कृष्ण भागवान को विष्णु भगवान का 8 वां अवतार माना गया है । इन्हें कन्हैया, श्याम, गोपाल, केशव, द्वारकेश या द्वारकाधीश, वासुदेव आदि नामों से भी उनको जाना जाता है। हमारे देश मे उनके कई  प्रसिद्ध मंदिर भी है । उनमे से एक प्रसिद्ध मंदिर ग्वालियर का फूलबाग मंदिर है जहां राधा और कृष्ण की सजावट 100 करोड़ के गहने से की जाती है । तो आज हम जनमाष्टमी के अवसर पर इस मंदिर के बारे मे आपको बताने जा रहें है । जन्माष्टमी के पावन अवसर पर हर कोई कृष्ण भक्ति मे लीन रहता है और अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार श्री कृष्ण भगवान को सजाते है । उन्ही सजावट मे से एक प्रसिद्ध सजावट है ग्वालियर के फूलबाग मंदिर की जहां राधा कृष्ण को 100 करोड़ के गहने पहनाए जातें है । यह मंदिर मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित है। हर बार की तरह इस बार भी शहर के फूलबाग स्थित गोपाल मंदिर में जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जा रही है। जिसके लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस साल 2023 मे जन्माष्टमी 6 और 7 सितंबर को मनाई जा रही है । ग्वालियर मे स्थित  गोपाल मंदिर की खासियत यह है कि यहां पर जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर  राधा-कृष्ण की मूर्तियों का विशेष श्रृंगार किया जाता है। यहां राधा-कृष्ण की मूर्ति को करोड़ों के गहने पहनाएं जाते हैं।

यह परंपरा आजादी से पूर्व की है:

[caption id="attachment_112719" align="aligncenter" width="206"]ग्वालियर का फूलबाग मंदिर ग्वालियर का फूलबाग मंदिर[/caption] MP News फूलबाग स्थित गोपाल मंदिर शहर के प्राचीन मंदिरों में से एक है। यह लगभग 1000 साल पुराना बताया जाता है। 1921 में सिंधिया राज के तत्कालीन महाराज माधवराव ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। भगवान के श्रृंगार के लिए सिंधिया ने ही गहने बनवाए थे। गोपाल मंदिर में स्थापित भगवान राधा-कृष्ण की प्रतिमा को इन जेवरात से सुसज्जित करने की परंपरा आजादी के पूर्व से है। जन्माष्टमी के अवसर पर राजपरिवार के लोग वा आमजन दर्शन को आते थे।

समय के साथ प्रशासन की निगरानी मे होता है श्रंगार:

[caption id="attachment_112722" align="aligncenter" width="259"]MP News MP News[/caption] आजादी के बाद गोपल मंदिर और  उससे जुड़ी सारी सम्पत्ति जिला प्रशासन और निगम प्रशासन के आधीन हो गया । इन जेवरातों में हीरे-जवाहरात से जड़ा स्वर्ण मुकुट, पन्ना और सोने का सात लड़ी का हार, शुद्ध मोती की मालाएं, हीरे जड़े कंगन, हीरे व सोने की बांसुरी, प्रतिमा का विशालकाय चांदी का छत्र, चांदी के बर्तन, भगवान श्रीकृष्ण व राधा के झुमके, सोने की नथ, कंठी, चूडियां, कड़े समेत अन्य बहुत सा सामान शामिल हैं। इन जेवरात को बैंक के लॉकर से भारी सुरक्षा के बीच लाया जाता है और श्रृंगार किया जाता है । फिर मंदिर के पट भक्तों के लियें खोल दिये जाते है । MP News इतना ही नहीं इस मंदिर की सुरक्षा में बड़ी संख्या में सुरक्षा जवानों की तैनाती होती है। पूरे मंदिर की निगरानी सीसीटीवी कैमरे से की जाती है ।

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Haryana News: हरियाणा कांग्रेस में एक बार फिर दिखी फूट , हुड्डा - सुरजेवाला गुट में जूतम पैज़ार

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Haryana News
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calendar30 Nov 2025 12:54 PM
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Haryana News: हरियाणा की सीएम सिटी यानी करनाल में कांग्रेस की जिला बैठक का आयोजन किया गया था लेकिन वहां पर स्टेट ऑब्जर्वर की मौजूदगी में हुड्डा - सुरजेवाला समर्थक भिड़ गए और एक बार फिर कांग्रेस में फूट का नमूना देखने को मिल गया । इस दौरान दोनों ही पक्षो की तरफ से खूब लात और घूंसे चले । जिसके बाद हंगामा काफी ज्यादा बढ़ गया बड़ी मुश्किल से लोगों ने मिलकर उन्हें शांत करवाया । हुड्डा गुट के लोग बैठक में चले गए वहीं सुरजेवाला गुट ने नारेबाजी शुरू कर दी । दरअसल आज अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कॉर्डिनेटर और हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कॉर्डिनेटर सुबह पीडब्ल्यू रेस्ट हाउस में पहुंचे थे ।

बैठक में दोनों गुट के लोग थे शामिल

Haryana News: बैठक में हरियाणा के पूर्व सीएम रह चुके हुड्डा गुट ,पूर्व प्रदेशअध्यक्ष कुमारी सैलजा गुट , सुरजेवाला गुट ,और दूसरे कांग्रेसी शामिल थे । सुरजेवाला गुट ने आते ही नारेबाजी करनी शुरू कर दी उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें मीटिंग की कोई जानकारी नही दी गई थी । सुरजेवाला समर्थकों ने ऑब्जर्वर वापिस जाओ के नारे लगाने शुरू कर दिए। उन्होंने कहा कि हम इन बाप बेटों की नहीं चलने देंगे यानी भूपिंदर और देपिंदर हुड्डा ने ही मीटिंग रखी और किसी को भी नही बताया ।

पूर्व विधायक ने किया था विरोध

Haryana News:

नारेबाजी हुई तो हुड्डा गुट में पूर्व विधायक राकेश कंबोज ने इसका विरोध किया । देखते ही देखते दोनों गुटों में झगड़ा बढ़ गया और नौबत यहा तक आ पहुंची की दोनों गुटों में जमकर लात घूंसे चलने लगे । लगभग 20 मिनट तक दोनों गुटों में झगड़ा चलता रहा । इसके बाद हुड्डा गुट मीटिंग में गया लेकिन सुरजेवाला गुट नारेबाजी करता रहा ।

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