पहले भारतीय, फिर धर्म’ – कर्नल सोफिया के पिता का बयान BJP नेता की टिप्पणी पर भारी

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 01:54 AM
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नई दिल्ली। भारतीय सेना की बहादुर अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंक के खिलाफ एक निर्णायक मिशन में हिस्सा लिया। उनकी वीरता की सराहना पूरे देश में हो रही है। मगर इस बीच एक BJP नेता के विवादित बयान ने न सिर्फ विवाद को जन्म दिया बल्कि इसने एक नई बहस भी खड़ी कर दी – क्या राष्ट्रसेवा से पहले धर्म आता है? BJP मंत्री कुंवर विजय शाह ने एक सार्वजनिक बयान में कर्नल सोफिया की धार्मिक पहचान पर अप्रत्यक्ष टिप्पणी कर दी, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। इस विवाद के बीच, सोफिया के पिता ताज मोहम्मद कुरैशी ने जो जवाब दिया, उसने पूरे देश का दिल जीत लिया। कर्नल सोफिया के पिता ताज मोहम्मद कुरैशी ने कहा कि-"हम पहले भारतीय हैं, फिर हिंदू या मुसलमान। मेरी बेटी ने जो किया, वो एक फौजी की बेटी के नाते किया। हमें अपने देश पर गर्व है, धर्म से पहले वतन आता है।" उन्होंने आगे कहा कि उनकी बेटी का सपना था कि वह भारतीय सेना में जाकर देश की सेवा करे। बचपन से ही वह हथियारों में रुचि रखती थीं और देशभक्ति उसके खून में है।

ऑपरेशन सिंदूर में नेतृत्व किया था सोफिया कुरैशी ने:

6 मई की रात भारतीय सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों पर बड़ी सैन्य कार्रवाई की। कर्नल सोफिया ने इस मिशन में नेतृत्व निभाया और प्रेस कॉन्फ्रेंस में आकर इसकी जानकारी देश को दी। उनकी शांत, प्रभावशाली और आत्मविश्वास से भरी प्रस्तुति ने लोगों को गर्व से भर दिया।,

माता-पिता का गर्व

उनकी मां हलीमा कुरैशी ने कहा कि सोफिया की सफलता हर उस मां की जीत है, जिसने बेटी को खुलकर सपने देखने दिए। उन्होंने कहा, "मेरी बेटी ने बहनों और माताओं के सिंदूर का बदला लिया है।"

सियासत बनाम सेवा

जहां एक ओर कर्नल सोफिया की वीरता पूरे देश के लिए प्रेरणा बन रही है, वहीं दूसरी ओर कुछ नेताओं के बयान इस पर सियासी रंग चढ़ा रहे हैं। लेकिन ताज मोहम्मद कुरैशी के शब्दों ने साफ कर दिया कि सच्चा भारतीय होने के लिए जाति या धर्म नहीं, बल्कि देशप्रेम ज़रूरी है। विवादित बयान के बावजूद अड़ियल बन रहे मंत्री विजय शाह, सुप्रीम कोर्ट से…
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16 से 18 मई तक बंद रहेंगे स्कूल, कॉलेज और बैंक, यहां देखें अपने राज्य की छुट्टी

Sikkim State Day
Public Holiday
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 12:14 AM
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Public Holiday : 16 मई को सिक्किम (Sikkim) में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है क्योंकि 16 मई (शुक्रवार) को सिक्किम राज्य दिवस (Sikkim State Day) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन 1975 में सिक्किम के भारत का 22वां राज्य बनने की स्मृति में मनाया जाता है। इस अवसर पर पूरे राज्य में सभी सरकारी कार्यालय, बैंक, स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। कुछ निजी कंपनियों में भी छुट्टी हो सकती है हालांकि यह उनकी आंतरिक नीति पर निर्भर करेगा।

लोगों को मिल सकता है लंबा वीकेंड

इस बार 16 मई को शुक्रवार है, जिसके बाद शनिवार और रविवार का साप्ताहिक अवकाश है। यानी सिक्किम में लोगों को तीन दिन का लंबा वीकेंड मिल सकता है, जो किसी त्योहार से कम नहीं है। हालांकि बैंक बंद रहने के कारण लोग पहले से जरूरी काम निपटा लें, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है — एटीएम, इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल ऐप्स के जरिए ज़रूरी काम किए जा सकते हैं।

सिक्किम राज्य दिवस क्यों है खास?

इस दिन को केवल छुट्टी के रूप में नहीं बल्कि राज्य की एकता, इतिहास और संस्कृति को सम्मान देने के रूप में भी देखा जाना चाहिए। यह एक ऐसा अवसर है जब लोग अपने राज्य के विकास, पहचान और आत्मसम्मान को महसूस कर सकते हैं। सिक्किमवासियों के लिए यह दिन गर्व और उत्सव का प्रतीक है।

MP के मंत्री विजय शाह को सुप्रीम फटकार, “मंत्री होकर ऐसी भाषा का इस्तेमाल”

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MP के मंत्री विजय शाह को सुप्रीम फटकार, "मंत्री होकर ऐसी भाषा का इस्तेमाल"

Supreme Court of India
Supreme Court
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userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 05:33 AM
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Vijay Shah : मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए गए विवादित बयान पर मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी हस्तक्षेप किया है और मंत्री को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि वह मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के एफआईआर दर्ज करने के आदेश पर कोई रोक नहीं लगाएगा।

मंत्री होकर करते हैं ऐसी भाषा का इस्तेमाल

मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने सुनवाई के दौरान तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, "आप मंत्री हैं, इस तरह की भाषा का इस्तेमाल क्या शोभा देता है? संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति से इस प्रकार के बयान की उम्मीद नहीं की जाती, खासकर तब जब देश संवेदनशील परिस्थितियों से गुजर रहा हो।"

हाईकोर्ट के आदेश को रखा बरकरार

सीजेआई ने विजय शाह के वकील से यह भी पूछा, "आप जानते हैं ना कि आप कौन हैं?" इस पर वकील ने सफाई दी कि उनके मुवक्किल ने माफी मांग ली है और मीडिया ने उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया है। हालांकि कोर्ट इस दलील से असहमत दिखी और हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा।

शाह के लिए मंत्री पद पर बने रहना हो सकता है मुश्किल

गौरतलब है कि विजय शाह के बयान पर महू तहसील के मानपुर थाने में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। यह कार्रवाई मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के बाद की गई थी, जिसने इस बयान को गंभीर मानते हुए स्वतः संज्ञान लिया था। अब जब सुप्रीम कोर्ट ने भी मंत्री को लताड़ते हुए राहत देने से इनकार कर दिया है, तो यह मामला राजनीतिक और कानूनी दोनों ही स्तरों पर और अधिक गंभीर हो गया है। मंत्री पद पर बने रहना अब उनके लिए और मुश्किल हो सकता है, खासकर जब विपक्ष इस मुद्दे को लेकर लगातार दबाव बना रहा है। Vijay Shah

विवादित बयान के बावजूद अड़ियल बन रहे मंत्री विजय शाह, सुप्रीम कोर्ट से…

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