Security lapse of PM Narendra Modi : सुप्रीम कोर्ट ने माना, पंजाब में हुई थी पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक

Modi
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calendar02 Dec 2025 04:58 AM
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New Delhi : नई दिल्ली। पंजाब के फिरोजपुर में पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक (Security lapse of PM Narendra Modi) हुई थी। मोदी की जनवरी में पंजाब यात्रा (Punjab Tour) के दौरान हुई सुरक्षा चूक के मामले की जांच करने के लिए उच्चतम न्यायालय (Supreme court) द्वारा नियुक्त समिति ने पाया है कि फिरोजपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) पर्याप्त बल उपलब्ध होने के बावजूद अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में विफल रहे। इस रिपोर्ट (Report) के सार्वजनिक होने के बाद भाजपा (BJP) ने कांग्रेस (Congress) पर बड़ा हमला किया। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने कहा कि कांग्रेस के इशारे में पीएम की सूरक्षा में चूक हुई। यह सुनियोजित मामला (Well Planned Case) था। समिति ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि एक निगरानी समिति होनी चाहिए, जो प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लगे पुलिस अधिकारियों के लिए संवेदनशीलता एवं सुरक्षा पाठ्यक्रम तथा ब्लू बुक की समय समय पर समीक्षा करे। ब्लू बुक सुरक्षा से संबंधित दिशानिर्देशों का एक दस्तावेज होता है, जिसमें अति विशिष्ट लोगों (वीवीआईपी) की सुरक्षा को लेकर पालन किये जाने वाले नियमों का ब्यौरा होता है। ब्लू बुक में राज्य के अधिकारियों द्वारा प्रधानमंत्री की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने के वास्ते अपनाई जाने वाली एक स्पष्ट और विस्तृत प्रक्रिया होती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह शीर्ष अदालत की पूर्व न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय समिति की रिपोर्ट को उचित कार्रवाई के लिए सरकार के पास भेजेगी। प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने समिति की रिपोर्ट को पढ़ते हुए कहा कि फिरोजपुर के एसएसपी अवनीत हंस कानून-व्यवस्था बनाए रखने के अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में विफल रहे। पर्याप्त बल उपलब्ध होने के बावजूद और प्रधानमंत्री के मार्ग पर प्रवेश की सूचना दो घंटे पहले देने के बावजूद वह ऐसा करने में विफल रहे। पीठ ने कहा कि पर्याप्त सुरक्षा बल उपलब्ध होने के बावजूद वह ऐसा करने में विफल रहे, जबकि उन्हें दो घंटे पहले सूचित किया गया था कि प्रधानमंत्री उस मार्ग से गुजरेंगे। गौरतलब है कि पांच जनवरी को फिरोजपुर में प्रदर्शनकारियों की नाकेबंदी के कारण प्रधानमंत्री का काफिला एक फ्लाई ओवर पर फंस गया था, जिसके बाद वह एक रैली समेत किसी भी कार्यक्रम में शिरकत किए बिना ही लौट आए थे। उच्चतम न्यायालय ने प्रधानमंत्री मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा में हुई चूक की जांच के लिए 12 जनवरी को शीर्ष अदालत की पूर्व न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति गठित की थी और कहा था कि सवालों को एकतरफा जांच पर नहीं छोड़ा जा सकता और न्यायिक क्षेत्र के व्यक्ति द्वारा इसे देखे जाने की आवश्यकता है।
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Sonali Fogat : सोनाली फोगाट की मौत के पीछे छिपी है साजिश की दर्दनाक दास्तान

Sonali fogat
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calendar02 Dec 2025 01:21 AM
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टिकटॉक स्टार (Tiktok Star) से बिग बॉस (Big Boss) और फिर समाजसेवा के संकल्प (Commitment to Social Service) के साथ राजनीति (Politics) तक का सफर कामयाबी के साथ तय करने वाली सोनाली फोगाट (Sonali Fogat) की जिंदगी में जो बवंडर (Tornado) चल रहा था, उसे कोई देख नहीं सका। खुद सोनाली भी उसे अपनों से साझा नहीं कर सकी और आखिर, लव, सेक्स और धोखे (Love, Sex and Deception) का शिकार हो गई। सोनाली के भाई रिंकू ढाका (Rinku Dhaka) ने उनकी मौत के सिलसिले में पुलिस को जो तहरीर दी है, उसमें लिखी इबारतों के मुताबिक सोनाली की मौत एक बेहद गहरी साजिश का हिस्सा है, जिसमें उसके साथ सालों से चल रहे रेप, ब्लैकमेलिंग और धीमे जहर की साजिश की दर्दनाक दास्तान छिपी है। सोनाली के भाई रिंकू ढाका की शिकायत पर पुलिस ने सोनाली के पीए सुधीर सांगवान और उसके दोस्त सुखविंदर पर हत्या का केस दर्ज कर लिया है। तहरीर में साजिश का खुलासा खुलासा किया गया है, उसे पढ़कर यकीन करना मुश्किल है कि एक ऐसी महिला जो अक्सर अपनी तुलना शेरनी से करती हो, जो सियासत के रास्ते अक्सर लोगों की भलाई के लिए अपनी जान तक दे देने का दावा करती हो, असल में वो निजी जिंदगी में साजिश के भंवर में इतनी बुरी तरह उलझी हुई होगी। लेकिन, भाई रिंकू ढाका की लिखी तहरीर की हर लाइन सोनाली की जिंदगी में चल रही ऐसी साजिश का खुलासा करते हैं, जिसके बारे में जानकर कोई भी हैरान हो जाएगा। तहरीर के मुताबिक सोनाली की मौत न सिर्फ एक कत्ल है, बल्कि कत्ल के पीछे की साजिश और उसकी मोटिव भी साफ है। सोनाली के भाई ने बताया कि खुद सोनाली के पीए सुधीर सांगवान और उसके दोस्त सुखविंदर ने मिलकर उनकी बहन को साजिश के जाल में फंसाया था। सुखविंदर ने अब से कोई तीन साल पहले सोनाली को खाने में नशीली पदार्थ मिलाकर उसके साथ रेप किया था। इसका वीडियो भी बना लिया था, जिसके बाद से सुधीर और उसका दोस्त सुखविंदर लगातार सोनाली को ब्लैकमेल कर रहे थे। यही दोनों बीच-बीच में सोनाली के खाने में जहरीली पदार्थ मिला देते थे, जिससे उसकी तबीयत कई बार बिगड़ चुकी थी। आखिर, इन्हीं दोनों ने मिलकर साजिश के तहत गोवा ले जाकर उसका कत्ल कर दिया।
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Exclusive : उत्तर प्रदेश के पंचायत राज मंत्री भूपेंद्र चौधरी बने भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष

Bhupendra singh 1
locationभारत
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calendar25 Aug 2022 08:31 PM
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Lucknow : लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी ने साल, 2024 में प्रस्तावित आम चुनाव के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी है। तीन कृषि कानून को लेकर आंदोलित किसानों और पश्चिमी यूपी के जाटों को साधने के लिए पार्टी यूपी बीजेपी अध्यक्ष के लिए यूपी के जाट मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह पर दांव लगा दिया है। श्री चौधरी को उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष घोषित कर दिया गया है। यह घोषणा भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं मुख्यालय प्रभारी ने एक पत्र जारी करके की है। वर्ष-2024 में प्रस्तावित आम चुनाव के मद्देनजर पार्टी पश्चिमी यूपी के नेता को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी देना चाहती है। जाट वोट बैंक को साधने के लिए चौधरी भूपेंद्र सिंह सबसे मजबूत नेता माने जा रहे हैं। ऐसे में पश्चिमी यूपी में रालोद और सपा के गठबंधन का असर कम करने के लिए उनको आगे किया गया है। इससे पश्चिमी यूपी में जाटों के प्रभाव वाली डेढ़ दर्जन लोकसभा सीटों पर भाजपा को बड़ा फायदा हो सकता है। समझा जा रहा है कि इससे पूरे प्रदेश में पिछड़े वोट बैंक को साधने में मदद मिलेगी। यूपी सरकार में मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। उन्हें बुधवार को आनन-फानन में आजमगढ़ से दिल्ली बुलाया गया था। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यूपी में 80 में से 71 सीटों पर जीत दर्ज की थी। यही नहीं, 2017 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रदेश की सत्ता में वापसी की थी, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन के सामने उसे पश्चिमी यूपी में मुरादाबाद मंडल की लोकसभा की सभी छह सीटें (मुरादाबाद, बिजनौर, नगीना, अमरोहा, संभल और रामपुर) गंवानी पड़ी थीं। सहारनपुर मंडल में सहारनपुर सीट भी भाजपा हार गई थी। मुजफ्फरनगर में मामूली मतों से जीत हासिल की थी। मेरठ और बागपत लोकसभा सीट पर भी भाजपा की जीत का अंतर कम रहा था। वर्ष-2022 के विधानसभा चुनाव में पश्चिमी यूपी में सपा-रालोद गठबंधन का प्रदर्शन बेहतर रहा। पहले की तुलना में गठबंधन की सीटें बढ़ गई थीं। जाट मतदाताओं का झुकाव सपा-रालोद गठबंधन की ओर देखने को मिला था। ऐसे में 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा पश्चिमी यूपी में जाट मतदाताओं को साधने की तैयारी मेें है। इस सियासी बिसात में संगठन का लंबा तजुर्बा, जाट बिरादरी और राजनीतिक अनुभव प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए कैबिनेट मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह के पक्ष में गया। भूपेंद्र चौधरी वर्ष 2007 से 2012 तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय मंत्री रहे । वहीं, 2011-2018 तक लगातार तीन बार पश्चिमी यूपी के क्षेत्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को यूपी में 16 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। इसमें सात सीटें पश्चिमी उत्तर प्रदेश की थीं। इसमें भी मुरादाबाद मंडल की सभी छह सीटें शामिल थीं, जबकि एक सीट सहारनपुर की थी। ये आंकड़े भी वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए अहम हैं। लगभग तीन दशकों से भाजपा के साथ काम कर रहे चौधरी भूपेंद्र सिंह वर्ष 1999 में मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चुनाव लड़ा था। पार्टी ने उन्हें संभल से लोकसभा प्रत्याशी बनाया था। हालांकि वह चुनाव हार गए थे। फिलहाल, भारतीय जनता पार्टी फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रही है। उसके सामने बीते चुनाव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपेक्षित सफलता न मिलने का दुस्वप्न है। उधर, बिहार में नीतीश के अलग होने के बाद यूपी में पिछड़ों को साथ लाने की चुनौती भी है। इसके अलावा तीन कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन से भी पार्टी चिंतित है। इन संकटों से पार पाने के लिए भाजपा चौधरी भूपेंद्र सिंह को सबसे कारगर हथियार मान रही है।