Tripura : उच्च संक्रमण दर वाले राज्यों से आ रहे लोगों की कोविड जांच जरूरी





West Bengal News : पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 परामर्श जारी कर बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और पहले से किसी बीमारी से पीड़ित लोगों से भीड़-भाड़ वाली जगह जाने से बचने का आग्रह किया है। परामर्श में कहा गया है कि राज्य में फैले कोरोना वायरस के मौजूदा स्वरूप की वजह से संक्रमण के हल्के लक्षण होते हैं लेकिन यह संक्रमण कुछ मामले में, खासकर, बुजुर्गों, पहले से किसी बीमारी से पीड़ित लोगों और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों की जटिलाओं में इज़ाफा कर सकता है।
परामर्श के मुताबिक, यह बुजुर्गों के अलावा, दिल, गुर्दा, जिगर, फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित या मुधमेह से ग्रस्त लोगों की जटिलताओं को बढ़ा सकता है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि जिन लोगों ने कोविड रोधी टीके की एहतियाती खुराक नहीं लगवाई है, वे इस अवश्य और बिना विलंब किए लगवाएं। परामर्श में संवेदनशील लोगों से कहा गया है कि जहां तक मुमकिन हो, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। विभाग ने बुजुर्गों, अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों और गर्भवती महिलाओं से बुखार, ज़ुकाम और खांसी से पीड़ित लोगों से दूर रहने को कहा है।परामर्श में साबुन से बार बार हाथ धोने या सेनेटाइजर से हाथों को साफ करने को भी कहा गया है। साथ में लोगों से अपील की गई है कि सार्वजनिक जगहों पर न थूकें। विभाग ने लोगों से कहा है कि अगर गले में दर्द, खांसी या जुकाम है तो कोविड की जांच कराएं और संक्रमित पाए जाने की सूरत में एक हफ्ते तक घर में पृथक-वास में रहें।
West Bengal News : पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 परामर्श जारी कर बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और पहले से किसी बीमारी से पीड़ित लोगों से भीड़-भाड़ वाली जगह जाने से बचने का आग्रह किया है। परामर्श में कहा गया है कि राज्य में फैले कोरोना वायरस के मौजूदा स्वरूप की वजह से संक्रमण के हल्के लक्षण होते हैं लेकिन यह संक्रमण कुछ मामले में, खासकर, बुजुर्गों, पहले से किसी बीमारी से पीड़ित लोगों और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों की जटिलाओं में इज़ाफा कर सकता है।
परामर्श के मुताबिक, यह बुजुर्गों के अलावा, दिल, गुर्दा, जिगर, फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित या मुधमेह से ग्रस्त लोगों की जटिलताओं को बढ़ा सकता है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि जिन लोगों ने कोविड रोधी टीके की एहतियाती खुराक नहीं लगवाई है, वे इस अवश्य और बिना विलंब किए लगवाएं। परामर्श में संवेदनशील लोगों से कहा गया है कि जहां तक मुमकिन हो, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। विभाग ने बुजुर्गों, अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों और गर्भवती महिलाओं से बुखार, ज़ुकाम और खांसी से पीड़ित लोगों से दूर रहने को कहा है।परामर्श में साबुन से बार बार हाथ धोने या सेनेटाइजर से हाथों को साफ करने को भी कहा गया है। साथ में लोगों से अपील की गई है कि सार्वजनिक जगहों पर न थूकें। विभाग ने लोगों से कहा है कि अगर गले में दर्द, खांसी या जुकाम है तो कोविड की जांच कराएं और संक्रमित पाए जाने की सूरत में एक हफ्ते तक घर में पृथक-वास में रहें।
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केंद्र ने राज्यों से मांगी राय
शीर्ष अदालत में दायर हलफनामे में केंद्र ने कहा कि उसने 18 अप्रैल को सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर इन याचिकाओं में उठाए गए मौलिक मुद्दों पर उनकी टिप्पणियां और राय आमंत्रित की। केंद्र की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ से आग्रह किया कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सुनवाई में पक्ष बनाया जाए।लगातार दूसरे दिन भी जारी रही सुनवाई
पीठ में न्यायमूर्ति एसके कौल, न्यायमूर्ति एसआर भट, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा भी शामिल हैं। पीठ ने समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता देने के अनुरोध वाली याचिकाओं पर बुधवार को लगातार दूसरे दिन सुनवाई की। केंद्र की ओर से दायर हलफनामे में कहा गया है, 'इसलिए, विनम्रतापूर्वक अनुरोध किया जाता है कि सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को मौजूदा कार्यवाही में पक्षकार बनाया जाए, उनके संबंधित रुख को रिकॉर्ड में लिया जाए तथा भारत संघ को राज्यों के साथ परामर्श प्रक्रिया को समाप्त करने, उनके विचार/आशंकाएं प्राप्त करने, उन्हें संकलित करने तथा इस अदालत के समक्ष रिकॉर्ड पर रखने की अनुमति दी जाए, और उसके बाद ही वर्तमान मुद्दे पर कोई निर्णय लिया जाए। हलफनामे में कहा गया है कि यह सूचित किया जाता है कि भारत संघ ने 18 अप्रैल 2023 को सभी राज्यों को पत्र जारी कर याचिकाओं में उठाए गए मौलिक मुद्दों पर उनकी टिप्पणियां और विचार आमंत्रित किए हैं। इसमें कहा गया है कि याचिकाओं पर सुनवाई और फैसले का देश पर महत्वपूर्ण प्रभाव होगा, क्योंकि आम लोग और राजनीतिक दल इस विषय पर अलग-अलग विचार रखते हैं।Gautam Buddha Nagar : एक दिन में मिले कोरोना के 142 नए मरीज
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दो समलैंगिक जोड़ों ने दायर की थी याचिका
शीर्ष अदालत ने पिछले साल 25 नवंबर को दो समलैंगिक जोड़ों द्वारा दायर अलग-अलग याचिकाओं पर केंद्र से जवाब मांगा था। इन याचिकाओं में दोनों जोड़ों ने शादी के अपने अधिकार को लागू करने और संबंधित अधिकारियों को विशेष विवाह अधिनियम के तहत अपने विवाह को पंजीकृत करने का निर्देश देने की अपील की थी। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देश–दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।