Greater Noida News : दो और फर्मों पर लगाया डेढ़ लाख का जुर्माना
भारत
चेतना मंच
30 Nov 2025 07:33 AM
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा । ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण दो और फर्मों पर डेढ़ लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। 80 व 60 मीटर रोड के अनुरक्षण कार्य में देरी के चलते यह कार्रवाई की गई है। दोनों फर्मों को 3 दिन में सभी अनुरक्षण कार्य दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। अन्यथा काली सूची में डालने की चेतावनी दी गई है।
दरअसल बीते दिनों ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ व मेरठ मंडलायुक्त सुरेन्द्र सिंह ने ग्रेटर नोएडा के अलग-अलग जगहों का निरीक्षण किया था, जिसमें सीईओ ने अनुरक्षण कार्य ठीक न मिलने पर नाराजगी जाहिर की थी और सभी अनुरक्षण कार्य शीघ्र दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे। सीईओ के निर्देशों के क्रम में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक एके अरोड़ा ने 80 मीटर रोड के लिए ठाकुर कंस्ट्रक्शन को 3 दिन में कार्य करने के निर्देश दिए थे। इसी तरह 60 मीटर रोड के अनुरक्षण कार्यों को दुरुस्त करने के लिए गुड इंटरप्राइज को 3 दिन का समय दिया था। शुक्रवार को महाप्रबंधक परियोजना की समीक्षा के दौरान 80 मीटर रोड पर अनुरक्षण कार्य अभी भी अधूरा मिले। आरसीसी पोस्ट तार फेंसिंग क्षतिग्रस्त मिले, जिसके चलते ठाकुर कंस्ट्रक्शन पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इसी तरह 60 मीटर रोड के अनुरक्षण कार्य की समीक्षा की तो आरसीसी पोस्ट, तार फेंसिंग , कर्व स्टोन, रोड साइड पटरी पर झाडिय़ों की कटिंग आदि कार्य अधूरे मिले, जिसके चलते गुड इंटरप्राइज पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। वहीं होंडा सीएल जंक्शन से 130 मीटर रोड तक अनुरक्षण कार्य पर भी दुरुस्त नहीं मिले, जिसके चलते गुड इंटरप्राइज और ही 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इन फर्मो को अधूरे कार्यों को 3 दिन में दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। अन्यथा काली सूची में डालने की चेतावनी दी है।
सभी अनुरक्षण कार्य एक सप्ताह में पूरे न होने पर होगी कार्रवाई
प्राधिकरण के महाप्रबंधक परियोजना एके अरोड़ा ने आरक्षण कार्यों में लगी सभी फर्मों को एक सप्ताह में सभी अधूरे कार्य पूरे करने के निर्देश दिए हैं। जहां भी तार फेंसिंग, कर्व स्टोन, आरसीसी पोस्ट आदि क्षतिग्रस्त हैं, उनको दुरुस्त करने के लिए कहा है। इसके बाद सभी मार्गों पर अनुरक्षण कार्यों का जायजा लिया जाएगा।
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चेतना मंच
30 Nov 2025 07:33 AM
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा । ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण दो और फर्मों पर डेढ़ लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। 80 व 60 मीटर रोड के अनुरक्षण कार्य में देरी के चलते यह कार्रवाई की गई है। दोनों फर्मों को 3 दिन में सभी अनुरक्षण कार्य दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। अन्यथा काली सूची में डालने की चेतावनी दी गई है।
दरअसल बीते दिनों ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ व मेरठ मंडलायुक्त सुरेन्द्र सिंह ने ग्रेटर नोएडा के अलग-अलग जगहों का निरीक्षण किया था, जिसमें सीईओ ने अनुरक्षण कार्य ठीक न मिलने पर नाराजगी जाहिर की थी और सभी अनुरक्षण कार्य शीघ्र दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे। सीईओ के निर्देशों के क्रम में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक एके अरोड़ा ने 80 मीटर रोड के लिए ठाकुर कंस्ट्रक्शन को 3 दिन में कार्य करने के निर्देश दिए थे। इसी तरह 60 मीटर रोड के अनुरक्षण कार्यों को दुरुस्त करने के लिए गुड इंटरप्राइज को 3 दिन का समय दिया था। शुक्रवार को महाप्रबंधक परियोजना की समीक्षा के दौरान 80 मीटर रोड पर अनुरक्षण कार्य अभी भी अधूरा मिले। आरसीसी पोस्ट तार फेंसिंग क्षतिग्रस्त मिले, जिसके चलते ठाकुर कंस्ट्रक्शन पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इसी तरह 60 मीटर रोड के अनुरक्षण कार्य की समीक्षा की तो आरसीसी पोस्ट, तार फेंसिंग , कर्व स्टोन, रोड साइड पटरी पर झाडिय़ों की कटिंग आदि कार्य अधूरे मिले, जिसके चलते गुड इंटरप्राइज पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। वहीं होंडा सीएल जंक्शन से 130 मीटर रोड तक अनुरक्षण कार्य पर भी दुरुस्त नहीं मिले, जिसके चलते गुड इंटरप्राइज और ही 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इन फर्मो को अधूरे कार्यों को 3 दिन में दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। अन्यथा काली सूची में डालने की चेतावनी दी है।
सभी अनुरक्षण कार्य एक सप्ताह में पूरे न होने पर होगी कार्रवाई
प्राधिकरण के महाप्रबंधक परियोजना एके अरोड़ा ने आरक्षण कार्यों में लगी सभी फर्मों को एक सप्ताह में सभी अधूरे कार्य पूरे करने के निर्देश दिए हैं। जहां भी तार फेंसिंग, कर्व स्टोन, आरसीसी पोस्ट आदि क्षतिग्रस्त हैं, उनको दुरुस्त करने के लिए कहा है। इसके बाद सभी मार्गों पर अनुरक्षण कार्यों का जायजा लिया जाएगा।
Vijay Malya : भगोड़े विजय माल्या को चार महीने की जेल, जुर्माना भी लगाया
भारत
चेतना मंच
30 Nov 2025 09:53 AM
New Delhi : देश की सुप्रीम अदालत (Supreme Court) ने सोमवार को भगोड़े कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) के खिलाफ अवमानना मामले में सजा सुना दी। कोर्ट ने माल्या को चार महीने की जेल की सजा सुनाई। उसे 2000 रुपये का जुर्माना भी भरना होगा। अदालत ने माल्या से ब्याज के साथ चार करोड़ (40 मिलियन) डॉलर की रकम चार सप्ताह (Four week) के भीतर जमा करने का भी आदेश दिया है। मामले की सुनवाई जस्टिस यूयू ललित (UU Lalit), रवींद्र एस भट (Ravindra S. Bhat) और पीएस नरसिम्हा की बेंच ने की। बीते 10 मार्च को इस मामले पर कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। न्यायालय ने सुनवाई के दौरान कहा था कि माल्या के खिलाफ सुनवाई में अब कोई प्रगति नहीं हो सकती।
सुप्रीम कोर्ट ने 2017 के फैसले पर पुनर्विचार के लिए माल्या की ओर से दायर पुनरीक्षण याचिका 2020 में ही खारिज कर दी थी। माल्या के वकील ने 10 मार्च को कहा था कि ब्रिटेन में रह रहे उनके मुवक्किल से कोई निर्देश नहीं मिल सका है, इसलिए वह पंगु हैं और अवमानना के मामले में दी जाने वाली सजा की अवधि को लेकर माल्या का पक्ष रख पाने में वह असहाय हैं।
भगोडे कारोबारी विजय माल्या ने न सिर्फ विदेशी खातों में पैसे ट्रांसफर करने को लेकर कोर्ट को गलत जानकारी दी, बल्कि पिछले 5 साल से कोर्ट में पेश न होकर अवमानना को और आगे बढ़ाया है। माल्या को 9 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का दोषी मानते हुए उसके खिलाफ कार्यवाही शुरू की थी। कोर्ट ने 10 मार्च को माल्या की सजा पर फैसला सुरक्षित रखा था। उसे 40 मिलियन डॉलर अपने बेटे सिद्धार्थ माल्या, बेटी लीना माल्या और तान्या माल्या के अकाउंट में ट्रांसफर करने और सम्पत्ति का सही ब्यौरा न देने के लिए अवमानना का दोषी करार दिया गया है।
भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में बैंकों के एक कंसोर्टियम ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि माल्या 9,000 करोड़ रुपये से अधिक के लोन के रिपेमेंट पर अदालत के आदेशों का पालन नहीं कर रहा है। माल्या मार्च 2016 से यूके में है। वह अभी जमानत पर है।
कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ स्टेट बैंक के नेतृत्व में 13 बैंकों ने लंदन की अदालत में याचिका दायर की थी। इनमें बैंक ऑफ बड़ौदा, कॉर्पोरेशन बैंक, फेडरल बैंक लिमिटेड, आईडीबीआई बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, जम्मू और कश्मीर बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और जेएम फाइनेंशियल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के साथ-साथ एक अतिरिक्त लेनदार इस केस में मुख्य याचिकाकर्ता थे।
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चेतना मंच
30 Nov 2025 09:53 AM
New Delhi : देश की सुप्रीम अदालत (Supreme Court) ने सोमवार को भगोड़े कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) के खिलाफ अवमानना मामले में सजा सुना दी। कोर्ट ने माल्या को चार महीने की जेल की सजा सुनाई। उसे 2000 रुपये का जुर्माना भी भरना होगा। अदालत ने माल्या से ब्याज के साथ चार करोड़ (40 मिलियन) डॉलर की रकम चार सप्ताह (Four week) के भीतर जमा करने का भी आदेश दिया है। मामले की सुनवाई जस्टिस यूयू ललित (UU Lalit), रवींद्र एस भट (Ravindra S. Bhat) और पीएस नरसिम्हा की बेंच ने की। बीते 10 मार्च को इस मामले पर कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। न्यायालय ने सुनवाई के दौरान कहा था कि माल्या के खिलाफ सुनवाई में अब कोई प्रगति नहीं हो सकती।
सुप्रीम कोर्ट ने 2017 के फैसले पर पुनर्विचार के लिए माल्या की ओर से दायर पुनरीक्षण याचिका 2020 में ही खारिज कर दी थी। माल्या के वकील ने 10 मार्च को कहा था कि ब्रिटेन में रह रहे उनके मुवक्किल से कोई निर्देश नहीं मिल सका है, इसलिए वह पंगु हैं और अवमानना के मामले में दी जाने वाली सजा की अवधि को लेकर माल्या का पक्ष रख पाने में वह असहाय हैं।
भगोडे कारोबारी विजय माल्या ने न सिर्फ विदेशी खातों में पैसे ट्रांसफर करने को लेकर कोर्ट को गलत जानकारी दी, बल्कि पिछले 5 साल से कोर्ट में पेश न होकर अवमानना को और आगे बढ़ाया है। माल्या को 9 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का दोषी मानते हुए उसके खिलाफ कार्यवाही शुरू की थी। कोर्ट ने 10 मार्च को माल्या की सजा पर फैसला सुरक्षित रखा था। उसे 40 मिलियन डॉलर अपने बेटे सिद्धार्थ माल्या, बेटी लीना माल्या और तान्या माल्या के अकाउंट में ट्रांसफर करने और सम्पत्ति का सही ब्यौरा न देने के लिए अवमानना का दोषी करार दिया गया है।
भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में बैंकों के एक कंसोर्टियम ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि माल्या 9,000 करोड़ रुपये से अधिक के लोन के रिपेमेंट पर अदालत के आदेशों का पालन नहीं कर रहा है। माल्या मार्च 2016 से यूके में है। वह अभी जमानत पर है।
कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ स्टेट बैंक के नेतृत्व में 13 बैंकों ने लंदन की अदालत में याचिका दायर की थी। इनमें बैंक ऑफ बड़ौदा, कॉर्पोरेशन बैंक, फेडरल बैंक लिमिटेड, आईडीबीआई बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, जम्मू और कश्मीर बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और जेएम फाइनेंशियल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के साथ-साथ एक अतिरिक्त लेनदार इस केस में मुख्य याचिकाकर्ता थे।
Sri Lanka News : संकट में श्रीलंका : खुफिया बंकर से भागने से पहले गोटबाया ने विक्रमसिंघे से कही थी इस्तीफे की बात
भारत
चेतना मंच
11 Jul 2022 04:38 PM
Colombo : राजपक्षे परिवार (Rajpakshe family) की गलत नीतियों के कारण दिवालिया हो चुके श्रीलंका (Srilanka) में हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। पिछले तीन महीने से जारी आर्थिक और राजनीतिक संकट (Political crisis) के बीच राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajpakshe) के देश छोड़कर भागने की खबर सामने आ रही है; हालांकि इस बाबत कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। सोमवार को प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि गोटबाया ने राष्ट्रपति भवन छोड़ने से पहले प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे (President Vikramsinghe) से बात की थी। इसमें गोटबाया ने कहा था वे इस्तीफा दे देंगे।
रविवार को एक और वीडियो सामने आया, जिसमें राष्ट्रपति भवन (President house) में खुफिया रास्ता होने का दावा किया गया। प्रदर्शन कर रहे लोगों का दावा है कि राष्ट्रपति अपनी जान बचाकर इसी खुफिया रास्ते से देश छोड़कर भागे हैं। राष्ट्रपति भवन के प्रथम तल पर ये बंकर बनाया गया है। बंकर से बाहर जाने के पहले यहां लकड़ी की अलमारी फिट की गई है। इसकी बनावट ऐसी है कि किसी को एक बार में इसे जान पाना मुमकिन नहीं है।
श्रीलंका के राष्ट्रपति भवन पर प्रदर्शनकारियों के कब्जे के बाद से उनकी वहां मस्ती और गैरजिम्मेदार हरकतों की तस्वीरें सामने आ रही थीं। सोमवार की सुबह प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन के ग्राउंड में जमा कचरे को साफ करके अपनी जिम्मेदारी का अहसास कराया। प्रदर्शनकारियों ने ग्राउंड को पूरा साफ किया और कचरा जमा करके उसे थैलियों में पैक करके फिंकवाया। उन्होंने कहा- यह गंदगी हमने फैलाई थी, इसलिए इसे साफ करना भी हमारी जिम्मेदारी बनती है। यह एक सार्वजनिक क्षेत्र है। हम यहां व्यवस्था बदलने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
गोटबाया ने श्रीलंका के अफसरों को एक निर्देश जारी किया है। राजपक्षे ने अधिकारियों को गैस की अनलोडिंग और उसकी सप्लाई का काम तेजी से करने का निर्देश दिया है। श्रीलंकाई मीडिया के अनुसार, 3,740 मीट्रिक टन गैस लेकर आने वाला दूसरा जहाज 11 और तीसरा 3,200 मीट्रिक टन गैस 15 जुलाई को आएगा।
दूसरी ओर, श्रीलंका में नई सरकार के गठन को लेकर विपक्षी दलों ने तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक मुख्य विपक्षी दल समागी जन बालवेगय और उसके सहयोगी दल सर्वदलीय सरकार के गठन के लिए जल्द स्पेशल पार्टी मीटिंग बुला सकते हैं। अगर विपक्षी दलों का प्रयास कामयाब रहा तो यह दो महीने में तीसरी सरकार होगी।
इन्वेस्टमेंट प्रमोशन मिनिस्टर धम्मिका परेरा ने सोमवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। धम्मिका बीते दो महीने में मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले चौथे मंत्री हैं। वहीं, दूसरी तरफ सेना प्रमुख शैवेंद्र सिल्वा ने लोगों से सिक्योरिटी फोर्सेज और पुलिस का सहयोग करने की अपील की है, ताकि देश में शांति स्थापित की जा सके।
आंदोनलकारियों ने प्रदर्शन के 116 दिन बाद शनिवार को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आवास पर कब्जा कर लिया। हाउस पर कब्जे के बाद कोलंबो से फरार गोटबाया ने 13 जुलाई को इस्तीफा देने का फैसला किया है। इससे पहले उनके भाई महिंद्रा राजपक्षे मई में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं। श्रीलंका में राजपक्षे परिवार के खिलाफ इसी साल 15 मार्च को प्रदर्शन शुरू हुआ था।
- ये भी पढें : Goa Political News : महाराष्ट्र के बाद अब गोवा में ऑपरेशन लोटस
प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के निजी आवास को आग के हवाले कर दिया था। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस ने आगजनी की घटना को अंजाम दिया है। हालांकि पुलिस ने इससे इनकार किया है। श्रीलंका में आर्थिक और राजनीतिक संकट का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री के निजी घर में आग लगा दी थी। हालांकि अब प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस ने ही प्रधानमंत्री के घर में आग लगाई है। जब घटना का वीडियो बनाया जा रहा था तो पुलिस ने जबरन लोगों के कैमरे बंद कर दिए।
श्रीलंका में नियमों के मुताबिक राष्ट्रपति भवन पर जनता के कब्जे के बाद दबाव बढ़ा तो प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। इस्तीफे से पहले इमरजेंसी मीटिंग बुलाई थी, जिसमें असेंबली स्पीकर महिंदा यप्पा अभयवर्धने को अंतरिम राष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव रखा गया। श्रीलंकाई संविधान के अनुसार राष्ट्रपति इस्तीफा दे, तो स्पीकर एक महीने के लिए अंतरिम राष्ट्रपति बन सकते हैं।
भारत
चेतना मंच
11 Jul 2022 04:38 PM
Colombo : राजपक्षे परिवार (Rajpakshe family) की गलत नीतियों के कारण दिवालिया हो चुके श्रीलंका (Srilanka) में हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। पिछले तीन महीने से जारी आर्थिक और राजनीतिक संकट (Political crisis) के बीच राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajpakshe) के देश छोड़कर भागने की खबर सामने आ रही है; हालांकि इस बाबत कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। सोमवार को प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि गोटबाया ने राष्ट्रपति भवन छोड़ने से पहले प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे (President Vikramsinghe) से बात की थी। इसमें गोटबाया ने कहा था वे इस्तीफा दे देंगे।
रविवार को एक और वीडियो सामने आया, जिसमें राष्ट्रपति भवन (President house) में खुफिया रास्ता होने का दावा किया गया। प्रदर्शन कर रहे लोगों का दावा है कि राष्ट्रपति अपनी जान बचाकर इसी खुफिया रास्ते से देश छोड़कर भागे हैं। राष्ट्रपति भवन के प्रथम तल पर ये बंकर बनाया गया है। बंकर से बाहर जाने के पहले यहां लकड़ी की अलमारी फिट की गई है। इसकी बनावट ऐसी है कि किसी को एक बार में इसे जान पाना मुमकिन नहीं है।
श्रीलंका के राष्ट्रपति भवन पर प्रदर्शनकारियों के कब्जे के बाद से उनकी वहां मस्ती और गैरजिम्मेदार हरकतों की तस्वीरें सामने आ रही थीं। सोमवार की सुबह प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन के ग्राउंड में जमा कचरे को साफ करके अपनी जिम्मेदारी का अहसास कराया। प्रदर्शनकारियों ने ग्राउंड को पूरा साफ किया और कचरा जमा करके उसे थैलियों में पैक करके फिंकवाया। उन्होंने कहा- यह गंदगी हमने फैलाई थी, इसलिए इसे साफ करना भी हमारी जिम्मेदारी बनती है। यह एक सार्वजनिक क्षेत्र है। हम यहां व्यवस्था बदलने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
गोटबाया ने श्रीलंका के अफसरों को एक निर्देश जारी किया है। राजपक्षे ने अधिकारियों को गैस की अनलोडिंग और उसकी सप्लाई का काम तेजी से करने का निर्देश दिया है। श्रीलंकाई मीडिया के अनुसार, 3,740 मीट्रिक टन गैस लेकर आने वाला दूसरा जहाज 11 और तीसरा 3,200 मीट्रिक टन गैस 15 जुलाई को आएगा।
दूसरी ओर, श्रीलंका में नई सरकार के गठन को लेकर विपक्षी दलों ने तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक मुख्य विपक्षी दल समागी जन बालवेगय और उसके सहयोगी दल सर्वदलीय सरकार के गठन के लिए जल्द स्पेशल पार्टी मीटिंग बुला सकते हैं। अगर विपक्षी दलों का प्रयास कामयाब रहा तो यह दो महीने में तीसरी सरकार होगी।
इन्वेस्टमेंट प्रमोशन मिनिस्टर धम्मिका परेरा ने सोमवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। धम्मिका बीते दो महीने में मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले चौथे मंत्री हैं। वहीं, दूसरी तरफ सेना प्रमुख शैवेंद्र सिल्वा ने लोगों से सिक्योरिटी फोर्सेज और पुलिस का सहयोग करने की अपील की है, ताकि देश में शांति स्थापित की जा सके।
आंदोनलकारियों ने प्रदर्शन के 116 दिन बाद शनिवार को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आवास पर कब्जा कर लिया। हाउस पर कब्जे के बाद कोलंबो से फरार गोटबाया ने 13 जुलाई को इस्तीफा देने का फैसला किया है। इससे पहले उनके भाई महिंद्रा राजपक्षे मई में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं। श्रीलंका में राजपक्षे परिवार के खिलाफ इसी साल 15 मार्च को प्रदर्शन शुरू हुआ था।
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प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के निजी आवास को आग के हवाले कर दिया था। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस ने आगजनी की घटना को अंजाम दिया है। हालांकि पुलिस ने इससे इनकार किया है। श्रीलंका में आर्थिक और राजनीतिक संकट का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री के निजी घर में आग लगा दी थी। हालांकि अब प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस ने ही प्रधानमंत्री के घर में आग लगाई है। जब घटना का वीडियो बनाया जा रहा था तो पुलिस ने जबरन लोगों के कैमरे बंद कर दिए।
श्रीलंका में नियमों के मुताबिक राष्ट्रपति भवन पर जनता के कब्जे के बाद दबाव बढ़ा तो प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। इस्तीफे से पहले इमरजेंसी मीटिंग बुलाई थी, जिसमें असेंबली स्पीकर महिंदा यप्पा अभयवर्धने को अंतरिम राष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव रखा गया। श्रीलंकाई संविधान के अनुसार राष्ट्रपति इस्तीफा दे, तो स्पीकर एक महीने के लिए अंतरिम राष्ट्रपति बन सकते हैं।