Teacher Recruitment 2022- 32,000 पदों पर भर्तियां, जल्द करे आवेदन

Teacher Recruitment 2022- 32,000 पदों पर भर्तियां, जल्द करे आवेदन
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calendar01 Dec 2025 06:57 AM
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Teacher Recruitment 2022- ज्यादातर युवा सरकारी टीचर बनने का सपना देखते हैं। देखना भी चाहिए क्योंकि ये नौकरी सबसे ज्यादा सुकून वाली नौकरी मानी जाती है। ऐसे में राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) उम्मीदवारों के लिए एक सुनहरा अवसर लेकर के आई है। राजस्थान के सरकारी स्कूलों में प्राथमिक शिक्षक (Primary Teacher Vacancy in Rajasthan) और उच्च प्राथमिक शिक्षक के रिक्त पदों को भरने के लिए वेकेंसी की घोषणा कर दी गई है। इसके अंतर्गत लगभग 32000 पदों को भरा जाना है। राजस्थान में सरकारी टीचर (Government Teacher in Rajasthan) बनने के लिए आवेदन की जो प्रक्रिया है उसकी शुरुआत 10 जनवरी 2022 से हो गई है। जो भी इच्छुक उम्मीदवार हैं वो 9 फरवरी 2022 तक राजस्थान सरकार की ऑफिसियल वेबसाइट recruitment.rajasthan.gov.in या sso.rajasthan.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इन रिक्त पदों में 16500 जो पद हैं वो उच्च प्राथमिक स्तर के शिक्षक के हैं और बाकी बचे अन्य 15500 पद प्राथमिक स्तर के शिक्षकों के लिए है।

राजस्थान शिक्षक के लिए शैक्षणिक योग्यता;-

इसके लिए निम्न शैक्षणिक योग्यता होनी चाहिए- प्राइमरी स्तर के शिक्षक के लिए- 50 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं पास होना अनिवार्य है। इसी के साथ ही स्पेशल एजुकेशन या फिर एलीमेंट्री एजुकेशन में 2 साल का डिप्लोमा भी चाहिए होगा। या फिर 12वीं 45 प्रतिशत अंकों के साथ पास होना चाहिए, इसके साथ 2 साल का एलीमेंट्री एजुकेशन में डिप्लोमा लगेगा। या फिर 50 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं पास होना अनिवार्य है, जिसमें साथ में 4 साल की B.el.ed की डिग्री भी लगेगी। उच्च प्राथमिक स्तर के शिक्षक के लिए- 50 प्रतिशत अंकों के साथ ग्रेजुएट होना अनिवार्य है, साथ ही प्रारंभिक शिक्षा / विशेष शिक्षा में 2 वर्ष का डिप्लोमा। या फिर 50 प्रतिशत अंकों के साथ किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएट डिग्री / मास्टर डिग्री होनी चाहिए और इसके साथ ही बी.एड परीक्षा उत्तीर्ण या एनसीटीई मानदंड 2002 के अनुसार 45 प्रतिशत अंकों के साथ ग्रेजुएट और बी.एड परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। या फिर 50 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं और 4 साल की बी.एलईडी डिग्री / बीए बीएड / बीएससी बीईडी होना चाहिए। अगर बात करें इसकी आयु सीमा की तो इसके लिए उम्मीदवार की आयु 18 से 40 वर्ष होनी चाहिए।

राजस्थान शिक्षक में पदों की रिक्तियों का विवरण;-

राजस्थान शिक्षक उच्च प्राथमिक स्तर II - 16500 पद टीएसपी सामान्य - 2580 विशेष - 55 राजस्थान शिक्षक प्राथमिक स्तर - 15500 पद टीएसपी सामान्य - 3500 विशेष - 60 नॉन- TSP सामान्य - 11500 विशेष - 440 Government Job 10वीं पास के लिए कई पदों पर सैकड़ों भर्ती, जानें अंतिम तिथि UP NHM में निकली बंपर भर्ती, जल्द करें आवेदन

राजस्थान शिक्षक के लिए आवेदन शुल्क;-

इस पद की भर्ती के आवेदन के लिए जनरल/ ओबीसी/ ईडब्ल्यूएस को 100 रुपये शुल्क देना होगा। वहीं एनसीएल ओबीसी ओबीसी को इस परीक्षा के लिए 70 रुपये शुल्क के तौर पर देने होंगे। अगर उम्मीदवार एससी या एसटी या पीएच वर्ग से है तो उसको आवेदन के लिए 60 रुपये शुल्क के तौर पर देने होंगे।
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कोरोना के नए वैरिएंट के बारे में जानने से पहले इन 5 बातों को जरूर समझ लें

कोरोना के नए वैरिएंट के बारे में जानने से पहले इन 5 बातों को जरूर समझ लें
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userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 06:59 AM
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यूपी सहित पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव की खबरों के बीच कोरोना (COVID-19) भले ही मीडिया की नजरों से ओझल हो गया है लेकिन, खतरा अभी भी बरकरार है। इस बात की पुष्टि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट करती है जिसमें कहा गया है कि 2021 बीत जाने के बावजूद 86 देशों की 40% से भी कम आबादी को वैक्सीन लग पाई है। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली खबर अफ्रीकी महाद्वीप से है, जहां 85% आबादी को टीके की एक भी डोज नहीं लगी है।

क्यों जरूरी है नए वैरिएंट की जानकारी वुहान (Wuhan) में पहली बार सामने आने के बाद से कोरोना वायरस (COVID-19) पिछले दो साल में कई बार अपना रूप बदल चुका है। फिलहाल, पूरी दुनिया ओमिक्रॉन (Omicron) वैरिएंट से जूझ रही है और भारत सहित 40 से ज्यादा देशों में एक अन्य वैरिएंट के पनपने की आशंका जाहिर की जा चुकी है। इसे स्टील्थ ओमिक्रॉन (Stealth Omicron) या बीए-टू (BA.2) वैरिएंट कहा जा रहा है।

शुरुआती जांच में सामने आया है कि बीए-टू (BA.2) वैरिएंट को RT-PCR टेस्ट में भी आसानी से नहीं पकड़ा जा सकता। इसके अलावा, यह ओमिक्रॉन से भी ज्यादा तेजी से फैलता है और उससे कहीं ज्यादा घातक भी है।

यह गलती पड़ सकती है भारी पिछले दो साल से लगातार दहशत और हाफ या फुल लॉकडाउन (Lockdown) जैसी चीजों से लोग ऊब चुके हैं। कोरोना (COVID-19) ने सिर्फ इंसानी जीवन को खतरे में डाला है बल्कि, पिछले दो सालों में इसने रोजगार और आर्थिक संकट के साथ मानसिक बीमारियों को भी बढ़ाया है। ऐसे में लोगों को लगने लगा है कि कोरोना से वह भले बच जाएं लेकिन, बेरोजगारी और बढ़ता आर्थिक संकट उन्हें जीते जी मार डालेगा।

तो क्या सरकारों को वीकेंड लॉकडाउन या लॉकडाउन जैसे प्रतिबंधों को पूरी तरह से समाप्त कर देना चाहिए? या इसके अलावा भी इस महामारी से निपटने का कोई रास्ता है?

दुनियाभर के डॉक्टर इन 5 उपायों पर सहमत इस बारे में दुनिया भर के डॉक्टर और विशेषज्ञ चिंतित हैं और कोरोना के लगातार बदलते स्वरूप के चलते वह भी इससे निपटने के रास्तों को तलाशने में जी जान से जुटे हुए हैं। फिलहाल, लगभग सभी विशेषज्ञ कुछ उपायों पर एकमत हैं:

1. दो साल में पहली बार भारत में कोरोना के कम्युनिटी ट्रांसमिशन (Community Transmission) को आधिकारिक तौर पर स्वीकार कर लिया गया है। यानी, अब इस बात का पता लगाना मुश्किल है कि संक्रमण के लिए कौन सा क्षेत्र या व्यक्ति जिम्मेदार है। हमें यह मानकर चलना होगा कि हमारे आस-पास मौजूद कोई भी व्यक्ति वायरस का संवाहक या कैरियर हो सकता है और हमें संक्रमित कर सकता है।

2. ऐसे में हर व्यक्ति को यह मानकर चलना चाहिए कि वह कोरोना पॉजिटिव है, जब तक कि डॉक्टर या जांच में उसे निगेटिव घोषित न कर दिया जाए। क्योंकि कोरोनो के किसी भी वैरिएंट से संक्रमित ज्यादातर लोग एसिम्टोमैटिक (Asymptotic) होते हैं। यानी, उनमें किसी तरह के लक्षण नहीं दिखाई देते। ऐसे लोग खुद को सामान्य मान लेते हैं और कोरोना प्रोटोकॉल (Corona Protocol) का पालन नहीं करते। इस लापरवाही के चलते वह दूसरों को संक्रमित करते चले जाते हैं। इससे बचने का एक ही उपाय है कि हर व्यक्ति मास्क पहने और जब तक जरूरी न हो भीड़-भाड़ से बचने की कोशिश की जाए।

3. टेस्टिंग की एकमात्र ऐसा उपाय है जिससे इस बीमारी के नये वैरिएंट या इसके बदलते स्वरूप के बारे में पता लगाया जा सकता है। ओमिक्रॉन (Omicron) वैरिएंट के समय पर पता चलने की वजह भी टेस्टिंग ही थी। दक्षिण अफ्रीका में डॉक्टरों को जैसे ही यह पता चला कि कोरोना से संक्रमित लोगों में मिला वायरस पिछले वैरिएंट से मेल नहीं खाता तो, वे सतर्क हो गए। तुरंत ही नमूनों की जीनोम सिक्वेंसिंग (Genome Sequencing) की गई और ओमिक्रॉन (Omicron) का पता चल गया। यानी, टेस्टिंग को लगातार बढ़ाने और उस पर कड़ी निगरानी की जरूरत है ताकि, वायरस के म्यूटेट होते ही उसे डिटेक्ट किया जा सके और समय रहते उससे निपटने की रणनीति बनाई जा सके। इसके लिए जरूरी है कि जीनोम सिक्वेंसिंग जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं का तेजी से विस्तार किया जाए।

4. भारत सहित दुनियाभर से मिले आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि हर्ड इम्युनिटी (Herd immunity) और टीकाकरण (Vaccination) दो ऐसे उपाय हैं जिससे महामारी के असर को कम किया जा सकता है। हर्ड इम्युनिटी उन लोगों में होती है जो कोरोना से संक्रमित होने के बाद ठीक हो जाते हैं जबकि, वैक्सीन से कृत्रिम इम्युनिटी पैदा की जाती है। इन दोनों ही तरह की इम्युनिटी वाले लोगों के नए या पुराने वैरिएंट से संक्रमित होने के बावजूद, गंभीर होने या जान गंवाने का खतरा कम होता है। यानी, ऐस लोग जो कोरोना से कभी संक्रमित नहीं हुए या जिन्होंने कोई टीका नहीं लगवाया है उनके लिए कोरोना के नए वैरिएंट से संक्रमित होने, गंभीर होने और जान गंवाने का जोखिम बढ़ जाता है। यानी, टीका लगवाना इस महामारी से लड़ने का वैज्ञानिक तरीका है जिसे दुनिया के हर देश को समझने और पालन करने की सख्त जरूरत है।

5. लॉकडाउन (Lockdown), वीकेंड लॉकडाउन, नाइट कर्फ्यू सहित सार्वजनिक जगहों पर भीड़ को नियंत्रित करना, सार्वजनिक समारोहों पर रोक जैसे कदम उठाने की जरूरत तभी पड़ती है जब महामारी का संक्रमण बहुत तेजी से होने लगता है। इस तरह की पाबंदियों का मकसद भीड़-भाड़ को कम करने के साथ आम आदमी को महामारी के बढ़ते खतरे के प्रति आगाह करना भी होता है। ताकि, लोग यह समझें कि अब मामला गंभीर हो गया है।

चुनावी माहौल में आप भी न कर बैठें ये गलती ओमिक्रॉन (Omicron) या कोरोना की तीसरी लहर के साथ अच्छी बात यह रही कि इसने अस्पतालों में मरीजों की भीड़ नहीं जमा होने दी और मरने वालों का आंकड़ा भी पिछले दो वैरिएंट से काफी कम रहा। हालांकि, जिस नये वैरिएंट (Stealth Omicron) की आशंका प्रकट की जा रही है उसके बारे में ऐसा नहीं कहा जा रहा है। संकेत साफ है कि कोरोना अभी भी हमारे बीच मौजूद है और इसका नया वैरिएंट हमें कभी भी अपनी गिरफ्त में ले सकता है।

इसका यह मतलब भी नहीं है कि कोरोना कभी नहीं जाएगा। वैज्ञानिक मानते हैं कि वायरस के खत्म होने की एक अवधि होती है जो आमतौर पर तीन से पांच साल तक हो सकती है। इसके बाद वह अपने आप ही इतना कमजोर हो जाता है कि उसका असर सर्दी-जुकाम जैसे सामान्य लक्षणों तक सीमित हो जाता है। लेकिन, उस स्थिति की घोषणा भी वै​ज्ञानिक और डॉक्टर ही करेंगे। तब तक ऐहतियात और ऊपर बताये गये पांच रास्ते ही इससे बचने का उपाय हैं।

चुनावी माहौल और गहमागहमी के आवेश में कोरोना की अनदेखी की कीमत आने वाली सरकारों और जनता दोनों को चुकानी पड़ सकती है। ऐसे में यह याद रखना जरूरी है कि कोरोना अभी जिंदा है।

- संजीव श्रीवास्तव

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UP NHM में निकली बंपर भर्ती, जल्द करें आवेदन

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राष्ट्रीय स्वास्थ्य विभाग के तहत निकली रिक्तियां
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calendar01 Dec 2025 06:58 AM
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UP NHM 2022- उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (UP NHM) के तहत एक बार फिर भर्तियों को जारी कर दिया गया है। इसके तहत लैब टेक्नीशियन, सीनियर लैब टेक्नीशियन, सीनियर ट्यूबरक्लोसिस सुपरवाइजर, सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर जैसी रिक्तियों के लिए ऑफिसियल वेबसाइट http://upnrhm.gov.in/ पर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके लिए जो भी इच्छुक उम्मीदवार हैं वो 4 फरवरी 2022 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा इस भर्ती के लिए कुछ पात्रता मानदंड भी सुनिश्चित किया गया है। अगर उम्मीदवार इस पात्रता के अंतर्गत आता है तो वो 4 फरवरी तक इसके लिए आवेदन कर सकता है।

UP NHM में रिक्त पदों का विवरण;-

अगर हम इसमें कुल पदों की बात करें तो इसमें कुल पदों की संख्या 2980 है, उसके अलावा रिक्तियां कुछ इस प्रकार से हैं- 1. लैब टेक्नीशियन- 1665 2. लैब टेक हिनिशियन - मेडिकल कॉलेज - 17 3. एलटी आईआरएल/सी एंड डीएसटी - 5 4. LT+ CBNAAT LT - 171 5. सीनियर एलटी ईक्यूए - 4 6. सीनियर लेफ्टिनेंट आईआरएल - 21 7. सीनियर लेफ्टिनेंट सी एंड डीएसटी - 23 8. लैब टेक्निशियन (यूसीएचसी) - 175 9. लैब टेक्निशियन (यूपीएचसी) - 6 10. सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर (एसटीएस) - 293 11. एसटीएलएस - 202 12. लैब टेक्निशियन - 64 13. लैब टेक्निशियन - 15 14. लैब टेक्निशियन - 91 15. लैब टेक्निशियन - 1665 16. लैब टेक्निशियन - 4 17. लैब टेक्निशियन - 224

UP NHM रिक्तियों के लिए पात्रता मापदंड;-

इसके लिए अलग अलग पदों पर अलग अलग पात्रता सुनिश्चित की गई है जिसका विवरण कुछ इन प्रकार से है- 1. लैब टेक्नीशियन एनसीडी- इस पद के लिए उम्मीदवार का 12वीं पास होना चाहिए और एमएलटी में डिग्री होनी चाहिए। 2. लैब टेक्नीशियन सीपी- इस पद के लिए उम्मीदवार का 12वीं पास होना चाहिए व एमएलटी में डिप्लोमा या फिर सर्टिफिकेट होना चाहिए। 3. लैब टेक्नीशियन- 12वीं पास के साथ साथ एमएलटी में डिप्लोमा व सर्टीफिकेट। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज, एलटी+सीबीएनएएटी एलटी, एलटी आईआरएल/सीएंडडीएसटी भी अनिवार्य है। आयु सीमा - इन पदों पर आवेदन के लिए अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष निर्धारित की गई है।

UP NHM रिक्ति के लिए चयन प्रक्रिया;-

इनकी चयन प्रक्रिया CBT आधारित होगी। इसमें 2 घण्टे में उम्मीदवार को 100 अंकों का 2 खण्डों से युक्त पेपर सॉल्व करना होगा। इसके अलावा इसके लिए आप ऑनलाइन मोड में बिना किसी शुल्क के आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने के लिए आपको इसकी आधिकारिक वेबसाइट http://upnrhm.gov.in/ पर जाना होगा।