मिनिमम बैलेंस के नाम पर जेब कटाई, जानिए किस बैंक में कितनी है लिमिट?

मिनिमम बैलेंस के नाम पर जेब कटाई, जानिए किस बैंक में कितनी है लिमिट?
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calendar10 Aug 2025 11:24 AM
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अगर आपका सेविंग्स अकाउंट बैंक में है और आप सोचते हैं कि उसमें पैसा रखा है तो सब ठीक है तो जरा रुकिए। क्योंकि बैंक आपके खाते से मिनिमम बैलेंस के नाम पर मोटी रकम काट सकते हैं। हाल ही में ICICI बैंक ने मिनिमम बैलेंस (ICICI Bank Minimum Balance) की लिमिट में बड़ा बदलाव किया है और अब यह मुद्दा दोबारा चर्चा में आ गया है। आइए जानें कि आपके बैंक में कितना बैलेंस रखना अनिवार्य है और न रखने पर कितनी पेनल्टी लग सकती है। ICICI Bank Minimum Balance

मिनिमम बैलेंस में 5 गुना बढ़ोतरी!

ICICI बैंक ने सेविंग्स अकाउंट में मिनिमम बैलेंस की लिमिट 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी है। यह बदलाव मेट्रो शहरों के खाताधारकों के लिए है। अन्य क्षेत्रों के लिए भी लिमिट बदली गई है जैसे- सेमी-अर्बन (छोटे शहर): अब 5,000 की जगह 25,000 रुपये। रूरल (गांव-देहात): अब 2,500 की जगह 10,000 रुपये। अगर खाताधारक निर्धारित बैलेंस मेंटेन नहीं करता है, तो ग्रामीण क्षेत्रों में: पेनल्टी = मिनिमम अमाउंट का 5% शहरी और सेमी-अर्बन: ₹100 + मिनिमम बैलेंस का 5%

शहरी ग्राहकों से 10,000 रुपये की उम्मीद

देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक HDFC में मिनिमम बैलेंस इस प्रकार है मेट्रो/अर्बन ब्रांच: ₹10,000 सेमी-अर्बन ब्रांच: ₹5,000 रूरल ब्रांच: ₹2,500 नियम तोड़ने पर पेनल्टी ₹600 तक लग सकती है।

एसबीआई मिनिमम बैलेंस में राहत

अगर आपका अकाउंट भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में है तो अच्छी खबर है। SBI ने साल 2020 में ही मिनिमम बैलेंस न रखने पर लगने वाली पेनल्टी को खत्म कर दिया है। यानी SBI में इस मामले में कोई कटौती नहीं होती।

एक्सिस बैंक: सबसे ज्यादा मिनिमम बैलेंस

बाजार डाटा के मुताबिक शहरी ब्रांच: ₹12,000 सेमी-अर्बन: ₹5,000 ग्रामीण शाखाएं: ₹2,500

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया: चेकबुक पर निर्भर लिमिट

यहां मिनिमम बैलेंस की लिमिट इस बात पर निर्भर करती है कि आपने चेक बुक ली है या नहीं,
क्षेत्र चेक बुक के साथ बिना चेक बुक
शहर ₹1,000 ₹500
सेमी-अर्बन ₹500 ₹250
ग्रामीण ₹250 ₹100

क्या करें ग्राहक?

खाते में हमेशा अपेक्षित बैलेंस बनाए रखें। SMS अलर्ट या बैंक ऐप से बैलेंस ट्रैक करें। जरूरत न हो तो जीरो बैलेंस अकाउंट की तरफ जाएं। बैंक की पेनल्टी पॉलिसी को ध्यान से पढ़ें।

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गोल्ड लवर्स ध्यान दें! कीमतों में आया जबरदस्त उछाल, जानें लेटेस्ट रेट

गोल्ड लवर्स ध्यान दें! कीमतों में आया जबरदस्त उछाल, जानें लेटेस्ट रेट
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userचेतना मंच
calendar10 Aug 2025 11:01 AM
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अगर आप सोना खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो रुक जाइए और पहले इसके दामों पर एक नजर डाल लीजिए। अगस्त महीने की शुरुआत से अब तक सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया है। बीते एक हफ्ते में 24 कैरेट गोल्ड का रेट 2700 रुपये तक बढ़ गया है और इसका भाव 1 लाख रुपये के पार पहुंच गया है। Gold Rate

MCX पर सोना रिकॉर्ड हाई पर पहुंचा

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर 24 कैरेट सोने ने बीते हफ्ते सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए। 1 अगस्त को 3 अक्टूबर एक्सपायरी वाले गोल्ड का रेट 99,754 रुपये प्रति 10 ग्राम था। 8 अगस्त को ये बढ़कर 1,01,498 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया वहीं, बीते हफ्ते के दौरान सोने ने 1,02,250 रुपये प्रति 10 ग्राम का लाइफटाइम हाई भी छू लिया। इस तरह सिर्फ एक हफ्ते में MCX पर सोने के भाव में 1,744 रुपये का उछाल आया है।

घरेलू बाजार में भी सोना चमका

इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के मुताबिक, 1 अगस्त को 24 कैरेट सोने का भाव था 98,253 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा, 8 अगस्त को यह बढ़कर हो गया 1,00,942 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। यानि कि घरेलू बाजार में सोना 2,689 रुपये प्रति 10 ग्राम महंगा हुआ है।

अलग-अलग कैरेट में सोने की कीमत

कैरेट  रेट (INR) 24 कैरेट     ₹1,00,942 22 कैरेट     ₹98,520 20 कैरेट     ₹89,840 18 कैरेट     ₹81,760 14 कैरेट     ₹65,110

कैसे पहचानें सोने की शुद्धता?

सोना खरीदते समय उसकी शुद्धता जानना बहुत जरूरी है। इसके लिए आप ज्वेलरी पर लगे हॉलमार्क नंबर को देखें: 24 कैरेट: 999 23 कैरेट: 958 22 कैरेट: 916 21 कैरेट: 875 18 कैरेट: 750

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तो खरीदने से पहले ये बात जरूर ध्यान रखें

अगर आप आने वाले त्योहारों या निवेश के लिहाज से सोना खरीदने की सोच रहे हैं, तो तेजी से बढ़ते दामों को देखते हुए सही वक्त पर खरीददारी करना समझदारी होगी। साथ ही, हॉलमार्क, GST और मेकिंग चार्ज की जानकारी जरूर लें ताकि आपको सही दाम पर असली सोना मिल सके। नोट: ये रेट IBJA द्वारा घोषित हैं लेकिन इनमें 3% GST और मेकिंग चार्ज जोड़ने के बाद बाजार भाव थोड़ा और बढ़ सकता है। अलग-अलग शहरों में मेकिंग चार्ज अलग-अलग होता है। Gold Rate
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बिना नोटिस वोटर लिस्ट से नहीं हटेगा कोई नाम, SIR पर SC में EC का हलफनामा

बिना नोटिस वोटर लिस्ट से नहीं हटेगा कोई नाम, SIR पर SC में EC का हलफनामा
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userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 07:56 PM
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बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) अभियान को लेकर निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। आयोग ने साफ कहा है कि बिना पूर्व नोटिस, सुनवाई और सक्षम अधिकारी के तर्कसंगत आदेश के किसी भी पात्र मतदाता का नाम मतदाता सूची से नहीं हटाया जाएगा। यह हलफनामा उस याचिका के जवाब में दाखिल किया गया है जिसमें एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने आरोप लगाया था कि SIR की प्रक्रिया में 65 लाख मतदाताओं को गलत तरीके से सूची से बाहर कर दिया गया और पारदर्शिता के मानकों का पालन नहीं किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए 6 अगस्त को चुनाव आयोग को स्थिति स्पष्ट करने के लिए हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया था। अगली सुनवाई 13 अगस्त को होनी है। Supreme Court 

SIR प्रक्रिया में पारदर्शिता के दावे

निर्वाचन आयोग ने बताया कि SIR का पहला चरण पूरा हो चुका है और 1 अगस्त 2025 को प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित कर दी गई है। इस चरण में बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर मतदाताओं की पुष्टि कर रहे थे। आयोग के अनुसार, बिहार के 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 7.24 करोड़ लोगों ने दस्तावेजों के साथ अपने नाम की पुष्टि की है। इस प्रक्रिया में 38 जिला निर्वाचन पदाधिकारी, 243 निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी, 77,895 BLO, 2.45 लाख स्वयंसेवक, 1.60 लाख बूथ स्तर एजेंट सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं। राजनीतिक दलों को समय-समय पर छूटे हुए मतदाताओं की सूची भी दी गई है।

प्रवासी, युवा, दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिक

प्रवासी मजदूरों तक पहुंचने के लिए 246 अखबारों में हिंदी में विज्ञापन दिए गए। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से फॉर्म भरने की सुविधा दी गई। शहरी निकायों में विशेष कैंप लगाए गए। युवाओं के लिए अग्रिम पंजीकरण, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग मतदाताओं की मदद के लिए 2.5 लाख स्वयंसेवकों की तैनाती की गई। आपत्तियों पर सुनवाई और अपील की प्रक्रिया प्रारूप मतदाता सूची के खिलाफ 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक दावे और आपत्तियां दर्ज की जा सकती हैं। सभी आपत्तियों का निस्तारण 7 कार्यदिवसों में किया जाएगा। असंतुष्ट व्यक्ति पहले ERO (निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी) और फिर मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास अपील कर सकते हैं।

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EC का दावा

निर्वाचन आयोग ने कहा है कि प्रत्येक हटाए गए नाम के पीछे कारण बताया जाएगा और सभी कार्यवाही प्रेस रिलीज और अन्य माध्यमों से जनता को नियमित रूप से बताई जा रही है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी नाम हटाने से पहले नोटिस, व्यक्तिगत सुनवाई और सक्षम अधिकारी का आदेश अनिवार्य होगा। इस हलफनामे के बाद अब निगाहें 13 अगस्त की सुनवाई पर टिकी हैं, जहां सुप्रीम कोर्ट यह देखेगा कि क्या निर्वाचन आयोग की दलीलें SIR में पारदर्शिता और वैधानिकता को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त हैं। Supreme Court