National: असीम पोर्टल पर 29 लाख कुशल अभ्यर्थी पंजीकृत

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calendar30 Nov 2025 04:47 PM
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National: नयी दिल्ली। आत्मनिर्भर कौशल कर्मचारी नियोक्ता मैपिंग (असीम) पोर्टल के जरिये 350 से ज्याद नियोक्ताओं ने लगभग 29 लाख कुशल अभ्यर्थियों या नौकरी चाहने वालों का पता लगाया जिनमें से केवल 56 हजार अभ्यर्थियों को सुनिश्चित रोजगार प्राप्त हुए। इस स्थिति को संसद की एक समिति ने असंतोषजनक बताते हुए सरकार से सुधारात्मक कार्रवाई करने के लिये गंभीरता से प्रयास करने को कहा है।

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लोकसभा में आठ दिसंबर को पेश ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का कार्यान्वयन’ विषय पर कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय से जुड़ी संसदीय समिति की रिपोर्ट में यह बात कही गई है। बीजू जनता दल सांसद भर्तृहरि महताब की अध्यक्षता वाली समित की रिपोर्ट के अनुसार, आत्मनिर्भर कौशल कर्मचारी नियोक्ता मैपिंग (असीम) की परिकल्पना एक सहयोगी प्लेटफार्म के माध्यम से कौशल प्राप्त कर्मचारियों और नियोक्ताओं के बीच संबंध बनाने के उद्देश्य से किया गया था । संसदीय समिति ने कहा कि इस पोर्टल का मकसद बाजार की मांग एवं कुशल कार्यबल की आपूर्ति में सामंजस्य स्थापित करना है जिससे आजीविका का बेहतर अवसर प्राप्त हो सके । कौशल एवं उद्यमिता मंत्रालय के अनुसार, असीम पोर्टल के माध्यम से 350 से ज्याद नियोक्ताओं ने लगभग 29 लाख कुशल अभ्यर्थियों या नौकरी चाहने वालों का पता लगाया जिनमें से केवल 56 हजार अभ्यर्थियों को सुनिश्चित रोजगार प्राप्त होने की सूचना है। रिपोर्ट के अनुसार, समिति यह महसूस करती है कि पोर्टल संतोषजनक नहीं है क्योंकि पंजीकृत अभ्यर्थियों और वास्तव में सुनिश्चित रोजगार पाने वाले अभ्यर्थियों की संख्या में बहुत अंतर है। इसमें कहा गया कि समिति चाहती है कि मंत्रालय इस बारे में सुधारात्मक कार्रवाई करने के लिये गंभीरतापूर्वक प्रयास करे ताकि पोर्टल पर पंजीकृत सभी सेक्टरों के नियोक्ताओं की संख्या बढ़ाई जा सके एवं अधिक से अधिक कुशल अभ्यर्थियों को काम पर रखने या रोजगार देने के उद्देश्य से पोर्टल का उपयोग करने के लिये प्रोत्साहित किया जा सके । समिति ने यह भी कहा कि उद्योग भागीदारों/हितधारकों ने संबंधित रोजगार से जुड़े कार्य में प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ाने में कई प्रकार की बाधाएं बताई हैं । मंत्रालय के अनुसार, उद्योगों से जुड़े भागीदारों ने सूचित किया है कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं पाठ्यचर्या... उद्योग की वास्तविक जरूरतों के अनुरूप नहीं है । साथ ही पीएमकेवीवाई प्रशिक्षण के तहत दिया गया व्यावहारिक कौशल उद्योगों की जरूरतों के अनुरूप नहीं है। इसमें कहा गया है कि अभ्यर्थी के प्लेसमेंट के ब्योरे की रिपोर्ट करने की प्रक्रिया जटिल है और इसे सरल बनाने के लिये व्यापक प्रयास करने की जरूरत है। रिपोर्ट के अनुसार, समिति चाहती है कि मंत्रालय नियमित परामर्श के माध्यम से उद्योगों की जरूरतों के लिये अपने प्रयास जारी रखे और उद्योगों की चिंताओं को दूर करने के लिये सभी अपेक्षित कदम उठाये ताकि प्रशिक्षित/प्रमाणित अभ्यर्थियों का अधिक से अधिक प्लेसमेंट हो सके ।

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New Delhi: हवाई अड्डे पर भीड़ को लेकर सिंधिया ने किया टर्मिनल-3 का दौरा

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New Delhi
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 08:49 PM
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New Delhi: नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को दिल्ली हवाई अड्डे का दौरा किया और यहां भीड़ से निपटने के तरीकों पर हितधारकों के साथ बात की।

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हाल के दिनों में हवाई अड्डे पर लंबी कतारें लगने और इंतजार की लंबी अवधि को लेकर यात्रियों ने शिकायतें की थीं। इसी पृष्ठभूमि में सिंधिया ने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हवाई अड्डे का दौरा किया। अधिकारियों ने कहा कि मंत्री ने भीड़ को कम करने के लिए किए गए प्रबंधों का निरीक्षण किया और विशिष्ट समयसीमा के साथ अहम निर्देश जारी किए गए। उन्होंने कहा कि उपायों को जल्द ही लागू किया जाएगा और अगले छह से सात दिनों में बदलाव दिखने की उम्मीद है। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से यात्री हवाई अड्डे पर प्रतीक्षा अवधि अधिक होने की शिकायत कर रहे हैं और कुछ ने हवाई अड्डे पर भीड़ की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर साझा की हैं।

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RajyaSabha News: राज्यसभा में उठा केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े पदों का मुद्दा

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locationभारत
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calendar12 Dec 2022 08:22 PM
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RajyaSabha News: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एक सदस्य ने सोमवार को केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों व विभागों में रिक्त पड़े करीब 10 लाख पदों का मुद्दा संसद में उठाया और इन्हें तत्काल भरे जाने की मांग की।

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राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए माकपा सदस्य वी शिवदासन ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में 10 लाख पद रिक्त पड़े हैं। पिछले पांच सालों में सिर्फ दो लाख पदों को ही भरा जा सका है। इस लिहाज से देखा जाए तो प्रति वर्ष 40,000 लोगों को ही केंद्र सरकार के मंत्रालयों व विभागों में नौकरी दी जा सकी है।’’

उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों में ‘‘ग्रुप ए’’ के 23,000, ‘‘ग्रुप बी’’ के 1.18 लाख और ‘‘ग्रुप सी’’ श्रेणी के आठ लाख पद रिक्त हैं जबकि रेलवे में 2.26 लाख, सेना में करीब 1.3 लाख पद रिक्त हैं।

उन्होंने कहा कि अन्य सशस्त्र बलों में भी बड़ी संख्या में रिक्तियां हैं।

शिवदासन ने कहा देश में बढ़ती बेरोजगारी के मद्देनजर केंद्र सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए और रिक्त पदों को भरे जाने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए।

माकपा के ही इलामारम करीम ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन से राज्यों को हो रहे राजस्व नुकसान का मुद्दा उठाया और इसकी क्षतिपूर्ति व्यवस्था को अगले पांच साल के लिए बढ़ाए जाने की मांग की।

उन्होंने कहा कि एक जुलाई 2017 को एक ‘‘राष्ट्र, एक कर’’ के तहत जब जीएसटी लागू किया गया था तो उत्पाद शुल्क और मूल्य वर्धित कर (वैट) सहित 17 शुल्कों को समाहित करने के साथ ही विलासिता के उत्पादों पर उपकर लगाया गया था।

उन्होंने कहा कि इससे होने वाले संग्रह का उपयोग राज्यों को उनके राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए किया गया था लेकिन यह तंत्र 30 जून, 2022 को समाप्त हो गया।

करीम ने कहा कि कोविड महामारी के कारण अर्थव्यवस्था में काफी मंदी आई है तथा राजस्व में गिरावट आई लेकिन खर्च बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि इस वजह से असंतुलन भी पैदा हुआ है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को केरल और अन्य राज्यों के अनुरोध पर विचार करना चाहिए एवं क्षतिपूर्ति व्यवस्था को और पांच साल के लिए बढ़ाया जाना चाहिए।

वाईएसआर कांग्रेस सदस्य वी विजयसाई रेड्डी ने ऋण संबंधी मोबाइल ऐप पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के ऐप ना केवल लोगों को ब्लैकमेल करते हैं बल्कि मोबाइल फोन पर संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी हासिल कर गोपनीयता का भी उल्लंघन करते हैं।

रेड्डी ने कहा कि ऐसे अधिकतर ऐप चीन से संचालित हो रहे हैं और सरकार को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे ऐप पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, उनके डेवलपर और प्रमोटर को दंडित किया जाना चाहिए और फोन डेटा की गोपनीयता के बारे में सख्त कानून बनाए जाने चाहिए।’’

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य पवित्र मार्गेरिटा ने चाय को राष्ट्रीय पेय घोषित किए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगले साल असम चाय की शुरुआत के 200 साल पूरे हो जाएंगे, ऐसे में इसके प्रचार प्रसार में केंद्र सरकार को असम सरकार की सहायता करनी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर से कन्यकुमारी तक भारत के हर घर में चाय मिल जाता है। हर किसी की सुबह चाय से होती है। यह हमारी संस्कृति का हिस्सा बन गया है। इसलिए चाय को राष्ट्रीय पेय घोषित किया जाना चाहिए।’’

उन्होंने चाय बागानों के कर्मियों के लिए विशेष राहत पैकेज घोषित किए जाने की मांग भी उठाई।

द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के एम षणमुगम ने तमिलनाडु के चाय उत्पादक किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित करने की मांग की।

समाजवादी पार्टी के जावेद अली खान ने राजधानी के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में छात्र व शिक्षक संघों के चुनाव पर रोक का मुद्दा उठाया और आरोप लगाया कि इस विश्वविद्याालय से संबंधित कानून के प्रावधानों का उल्लंघन किया जा रहा है।

कांग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि का मुद्दा उठाया और आरोप लगाया कि इसके खिलाफ अनशन कर रहे छात्रों पर पुलिस बल इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने छात्रों का ‘उत्पीड़न’ रोकने की मांग की।

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