Ramcharit Manas Controversy राम कटघरे में क्यों ?

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Ramcharit Manas Controversy राम कटघरे में क्यों ?
locationभारत
userचेतना मंच
calendar14 Jan 2023 07:02 PM
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Ramcharit Manas Controversy : Bihar Education Minister Professor Chandrashekhar : गोस्वामी तुलसीदास कृत श्रीराम चरित मानस  (Ramcharit Manas Controversy) की चौपाई ''ढोल गंवार सूद्र पसु नारी। सकल ताड़ना के अधिकारी॥''को लेकर देश में एक बार फिर से बड़ा बखेड़ा खड़ा हो गया है। इस चौपाई को लेकर ही बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर (Professor Chandrashekhar)  ने बयान दिया कि तुलसीदास कृत रामचरित मानस (Ramcharit Manas) को जला ​देना चाहिए। इस बयान को दिए हुए तीन दिन हो गए हैं और प्रोफेसर चंद्रशेखर अपने इस बयान पर अभी भी अडिग है। उनके इस से ​न केवल बिहार की राजनीति गरमा गई, बल्कि देशभर के हिन्दुवादी नेता उनके खिलाफ हो गए और प्रोफेसर के खिलाफ हिन्दुओं की भावनाएं आहत किए जाने का मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग करने लगे।

Bihar Education Minister Professor Chandrashekhar

यहां हम आपको स्मरण करना चाहते हैं कि आज से करीब तीन दशक पूर्व भी इस चौपाई को लेकर एक बड़ा आंदोलन एक दलित समाज द्वारा किया गया था। श्रीराम चरित मानस ही नहीं मनु स्मृति में भी ''ढोल गंवार सूद्र पसु नारी। सकल ताड़ना के अधिकारी॥'' का उल्लेख मिलता है। संविधान रचियता और महान दलित नेता बाबा साहेब डा. भीमराव अंबेडकर ने भी अपने जीवन काल में इसका विरोध किया था। यही नहीं उस समय डा. अंबेडकर और उनके सहयोगियों और अनुयायियों ने मनु स्मृति की प्रतियां तक जलाई थी। तीन दशक पूर्व इस चौपाई को लेकर जो आंदोलन हुआ था, वह भी डा. अंबेडकर के अभियान से प्रेरित था।

Ramcharit Manas Controversy

यदि दलित चिंतकों की बात माने तो, किसी ने तो इस धर्म ग्रंथ के नष्ट किए जाने की पहल और हिम्मत तो की है। यह "एक दम सच्चा और अच्छा कदम" दलित चिंतकों द्वारा बताया जा रहा है।

श्रीराम (Shri Ram) ने लगाया सभी को गले

अब थोड़ा बात करते हैं भगवान श्रीराम के बारे में, भगवान श्रीराम ने हर उस वंचित को गले लगाया है, जिसे समाज द्वारा ठुकरा दिया ​गया। वनवास काल में उन्होंने निषादराज को गले लगाया। निषादराज एक नीच जाति से आते हैं। इसके बाद उन्होंने केवट को भी गले लगाया। यही नहीं सीता खोज के दौरान उन्होंने शबरी के झूठे बेर भी सेवन किए। जो श्रीराम मानव जाति में किसी भी तरह का ऊंच नीच का भेदभाव नहीं करते हैं, वही राम नीच जाति के विरोधी कैसे हो सकते हैं। फिर गोस्वामी तुलसी दास के ये कौन से राम है, जो ढोल, गंवार, शुद्र, पसु और नारी को ताड़ना के अधिकारी बताते हैं।

मुगल शासन काल (Mughal shashan)

यहां एक बात और गौर करने लायक है। भारत में जब मुगल शासन आया तो मुगल शासकों ने धर्म ग्रंथों को भी नष्ट किया था। इस बाबत तर्क दिया जाता है कि कुछ धर्म ग्रंथ ऐसे थे, जो समानता का विरोध करते थे। इन धर्म ग्रंथों के नष्ट होने के बाद ब्राह्मणों ने मुगलों द्वारा नष्ट किए गए धर्म ग्रंथों को आधार बनाते हुए नए धर्म ग्रंथों का निर्माण किया और काफी कुछ ऐसा बदलाव किया, जो केवल एक वर्ग विशेष के हित में हो।

दलित समाज (Dalit Samaj) खड़ा हुआ शिक्षा मंत्री के साथ

बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर अपने बयान पर अडिग हैं। उन्होंने कहा कि मैं अपने बयान पर कायम हूं और रहूंगा। इस मुद्दे पर उन्होंने ट्वीट करके कहा कि मेरा बयान बहुजनों के हक में है और मैं उस पर अडिग रहूंगा।

जहां एक तरफ शिक्षा मंत्री के इस बयान की आलोचना हो रही है तो दूसरी तरफ उनके बयान को कई हलकों से समर्थन भी मिल रहा है।

बिहार में आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने प्रोफेसर चंद्रशेखर के बयान का समर्थन करते हुए कहा है कि लोहिया जी ने कहा था रामचरितमानस में हीरा मोती भी हैं और बहुत सा कचरा भी है तो हमें कचरे की सफाई करना भी जरूरी है जो चंद्रशेखर जी ने किया है। अन्य कई बड़े दलित नेता भी प्रोफेसर के साथ नजर आ रहे हैं।

क्या कहते हैं दलित नेता

मूल रुप से नोएडा के रहने वाले दलित नेता दयाराम जाटव की माने तों दलितों को प्रारंभ से ही उनके अधिकारों से वंचित रखा गया है। उन्होंने कहा कि रामरचित मानस जो धर्म ग्रंथ है, उसकी कुछ चौपाई और दोहे समानता का अधिकार नहीं देते हैं। उनका कहना है कि यदि हिन्दू दलितों के इतने ही हितैषी हैं तो मंदिरों में दलितों को महंत क्यों नहीं बनाया जाता है। दलित समाज में भी विद्वान हैं, उन विद्वानों को मंदिरों का महंत बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज भी देश के बहुत से ऐसे मंदिर हैं, जहां पर दलित और नीच जाति के लोगों को प्रवेश करने से रोका जाता है। यह समानता का अधिकार नहीं है।

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COVID-19: भारत में बढ़ने के साथ कम भी हो रहे कोरोना मरीज

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COVID-19
locationभारत
userचेतना मंच
calendar14 Jan 2023 05:41 PM
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COVID-19: नई दिल्ली। भारत में कोरोना रोगियों की संख्या बढ़ने के साथ ही कम भी हो रही है। अधिकृत आंकड़ों के अनुसार कोरोना के 179 मामले सामने आए हैं। वहीं उपचाराधीन रोगियों की संख्या में 30 की कमी आई है। इन रोगियों की कुल संख्या वर्तमान में 2227 रह गए हैं।

COVID-19

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार सुबह आठ बजे अद्यतन किए गए आंकड़ों के अनुसार, नए मामलों के आने से संक्रमितों की संख्या बढ़कर 4.46 करोड़ (4,46,80,936) हो गई है जबकि केरल में एक व्यक्ति की मृत्यु होने से मृतक संख्या बढ़कर 5,30,726 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन रोगियों की संख्या में 30 की कमी आई है। दैनिक और साप्ताहिक संक्रमण दर दोनों ही 0.10 प्रतिशत हैं। उपचाराधीन रोगियों की संख्या कुल संक्रमितों का 0.01 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से ठीक होने की दर बढ़कर 98.80 प्रतिशत हो गई है। बीमारी से ठीक होने वालों की संख्या बढ़कर 4,41,47,983 हो गई है, जबकि मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत दर्ज की गई है। मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, देशव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत देश में कोविड-19 रोधी टीके की अब तक 220.16 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं। गौरतलब है कि भारत में सात अगस्त 2020 को कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी। संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ से अधिक हो गए थे। पिछले साल चार मई को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ और 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी। इस साल 25 जनवरी को संक्रमण के कुल मामले चार करोड़ के पार हो गए थे।

Big Breaking Auto Expo 2023 : गनीमत रही कि बुझ गई आग, नहीं तो ऑटो एक्सपो हो जाता खाक

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Big Breaking Auto Expo 2023 : गनीमत रही कि बुझ गई आग, नहीं तो ऑटो एक्सपो हो जाता खाक

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Big Breaking Auto Expo 2023
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 08:45 AM
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Big Breaking Auto Expo 2023 :  ग्रेटर नोएडा। फायर ब्रिगेड कर्मियों की सतर्कता के कारण 2 दिन पहले ऑटो एक्सपो मैं बड़ी जनहानि होते होते बच गई। ऑटो एक्सपो के एक पवेलियन में शार्ट सर्किट के कारण यहां भगदड़ और हड़कंप मच गया। पवेलियन में लगी आग पर फायर ब्रिगेड कर्मियों ने समय रहते काबू पा लिया वरना पूरा ऑटो एक्सपो आग की चपेट में आकर खाक हो सकता था।

Big Breaking Auto Expo 2023

बता दें कि ऑटो एक्सपो के शुभारंभ के दूसरे दिन ही शाम के समय हॉल नंबर 10 में शॉर्ट सर्किट से अचानक आग लग गई आग की लपटें उठती देख कर वहां मौजूद लोगों में हड़कंप मच गया। जहां पर आग लगी थी वहां दर्जनों गाड़ियां खड़ी हुई थी जिससे आग के फैलने की संभावना काफी प्रबल थी आग की लपटें उठती देख कर ड्यूटी पर तैनात फायर कर्मियों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कर्मचारियों की मदद से आग को बुझाया जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली। मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रदीप चौबे ने बताया कि ऑटो एक्सपो को लेकर अग्निशमन विभाग द्वारा भी सुरक्षा व्यवस्था के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए हैं किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए यहां 24 घंटे फायर टेंडर पर फायर कर्मियों की तैनाती की गई है इसके अलावा वह भी स्वयं समय-समय पर प्रत्येक पवेलियन का दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं।

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