Uttar pradesh: बिल्ली डकार गई पड़ोसी का मुर्गा, दो लोगों की पिटाई

02 4
Uttar pradesh
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 11:47 AM
bookmark
Uttar pradesh: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के कैंट थाना इलाके में एक पालतू बिल्ली के एक मुर्गे को खा जाने की शिकायत करने पर दो लोगों की पिटाई करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।

Uttar pradesh

पुलिस ने बिल्‍ली पालने वाले परिवार के छह सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। बरेली में कैंट थाना स्थित ग्राम मोहनपुर की निवासी फरीदा की ओर से दर्ज कराई शिकायत के हवाले से पुलिस ने बताया कि फरीदा ने मुर्गे पाल रखे हैं, जबकि उसके पड़ोसी नदीम के घर में बिल्लियां हैं। फरीदा ने आरोप लगाया कि नदीम की बिल्ली उनके मुर्गे को खा गई और जब उन्होंने इसकी शिकायत की तो नदीम, उसकी मां इन्ना, बहन शमशुल, शबनम, शब्बू तथा शमा गाली-गलौज करने लगे। तहरीर में फरीदा ने कहा कि उनके छोटे बेटे मुजाहिद और बेटी शादिया ने विरोध किया तो इन सभी छह लोगों ने उन्हें जमकर पीटा। उन्होंने कहा कि झगड़े में उनकी सोने की अंगूठी व कुंडल भी कहीं गिर गए। कैंट थाना के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) बलवीर सिंह ने बताया कि मामले में मिली तहरीर के आधार पर नदीम समेत सभी छह लोगों के खिलाफ रविवार को प्राथमिकी दर्ज की गई।

Rampur byelection: वोट डालने से मना कर रही है पुलिस : आजम

देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

UP Crime News : छात्रा को अगवा कर बलात्कार करने के मामले में शिक्षक गिरफ्तार

Arrested 16350109433x2 1
Noida News: Manager behind bars who defrauded Samsung of crores
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 02:33 PM
bookmark
 

UP Crime News :   बलिया जिले के बैरिया क्षेत्र में एक छात्रा को अगवा कर उससे बलात्कार करने के आरोप में एक शिक्षक को गिरफ्तार किया गया है। बैरिया थाने के वरिष्ठ उप निरीक्षक अतुल मिश्र ने सोमवार को बताया कि 17 वर्षीय किशोरी को उसे ट्यूशन पढ़ाने वाले नितेश कुमार ने पिछली सात नवंबर को अगवा कर लिया था। किशोरी रेवती थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली है और अपने ननिहाल में रहकर पढ़ाई कर रही थी।

UP Crime News :

इस मामले में किशोरी की मां की तहरीर पर नितेश कुमार के विरुद्ध गत 12 नवंबर को अपहरण के आरोप में नामजद मुकदमा दर्ज किया गया था। मिश्र ने बताया कि नितेश ने किशोरी को अगवा कर अन्यत्र स्थान पर ले जाकर उससे कथित रूप से कई बार बलात्कार किया। पुलिस ने दो दिन पहले किशोरी को थाना क्षेत्र के एक स्थान से बरामद किया तथा मेडिकल जांच कराकर उसके बयान के आधार पर मुकदमे में भारतीय दंड संहिता की बलात्कार के आरोप व यौन अपराधों से बच्चो का संरक्षण अधिनियम की सुसंगत धाराएं जोड़ दीं। उन्होंने बताया कि पुलिस ने नितेश को रविवार को गिरफ्तार कर लिया।

Gujarat Election 2022: गुजरात में दूसरे चरण का मतदान जारी, मोदी ने डाला वोट

अगली खबर पढ़ें

Uttar Pradesh: जाति आधारित रैलियों पर रोक लगाने को 4 दलों, चुनाव आयुक्‍त को नोटिस

35
Uttar Pradesh
locationभारत
userचेतना मंच
calendar05 Dec 2022 03:11 AM
bookmark

Uttar Pradesh: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने जाति आधारित रैलियों पर सदा के लिए रोक लगाने की मांग पर चार प्रमुख राजनीतिक दलों - भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को ताजा नोटिस जारी किया है ।

Uttar Pradesh

इसके साथ ही अदालत ने मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त को भी नोटिस देकर जवाब मांगा है कि ऐसी रैलियों पर रोक लगाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।

उच्‍च न्‍यायालय ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 15 दिसंबर तय की है।

उच्‍च न्‍यायालय ने 2013 में ही अंतरिम आदेश जारी करते हुए जाति आधारित रैलियों पर अंतरिम रोक लगा दी थी।

उच्‍च न्‍यायालय के मुख्‍य न्‍यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की पीठ ने स्थानीय अधिवक्‍ता मोतीलाल यादव द्वारा वर्ष 2013 में दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।

याचिकाकर्ता ने उत्तर प्रदेश में जाति आधारित रैलियों पर रोक लगाने की मांग की थी। 11 जुलाई 2013 को मामले की सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश में जाति आधारित रैलियों के आयोजन पर अंतरिम रोक लगा दी थी।

पीठ ने मामले में अपनी प्रतिक्रिया प्रस्तुत करने के लिए यहां के प्रमुख राजनीतिक दलों - भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को भी नोटिस जारी किया था। नौ साल बाद भी किसी राजनीतिक दल ने अदालत में अपना जवाब पेश नहीं किया और न ही मुख्य चुनाव आयुक्त ने कोई जवाब दिया।

इस पर चिंता जताते हुए पीठ ने राजनीतिक दलों और मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त को 15 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए ताजा नोटिस जारी किया है।

अदालत ने 2013 में पारित अपने आदेश में कहा था कि जाति प्रथा समाज को विभाजित करता है और इससे भेदभाव उत्पन्न होता है।

अदालत ने कहा था कि जाति आधारित रैलियों की अनुमति देना संविधान की भावना, मौलिक अधिकारों व दायित्वों का उल्लंघन है।

याचिका में, याचिकाकर्ता ने कहा है कि बहुसंख्यक समूहों के वोटरों को लुभाने के लिए राजनीतिक दलों की ऐसी अलोकतांत्रिक गतिविधियों के कारण देश में जातीय अल्पसंख्यकों को अपने आप में दूसरे दर्जे के नागरिकों की श्रेणी में ला दिया गया है।

याचिकाकर्ता ने कहा, "स्पष्ट संवैधानिक प्रावधानों और उसमें निहित मौलिक अधिकारों के बावजूद, वे वोट की राजनीति के नंबर गेम में नुकसानदेह स्थिति में रखे जाने के कारण मोहभंग, निराश और विश्वासघात महसूस कर रहे हैं।

Gujrat Chunav: महिलाओं को टिकट देना इस्लाम के खिलाफ : शाही इमाम

देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।