प्रयागराज बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट हुआ सख्त, कहा- घर बना कर देने होंगे...

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calendar02 Dec 2025 02:49 AM
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उत्तर प्रदेश: प्रयागराज में कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना ही लोगों के घर गिराए जाने के मामले को संज्ञान में लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई है। बुधवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन मामले में यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि- इस तरह की कार्यवाही चौंकाने वाली है और बहुत ही गलत उदाहरण पेश करती है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय ओका और एन कोटेश्वर सिंह के पीठ ने, प्रयागराज में लोगों के घरों को तोड़ने वाले मामले को न सिर्फ अत्याचारी कदम बताया बल्कि यह भी कहा कि सरकार को लोगों का मकान बनाकर वापस भी करना होगा।

प्रयागराज बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी:

दरअसल बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने जुल्फिकार हैदर, प्रोफेसर अली अहमद, दो विधवाओं और एक अन्य व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई करते हुए बुलडोजर एक्शन के प्रति सख्ती पेश की। इनकी याचिका में सरकार पर गैर-कानूनी तरीके से घर गिरने का आरोप लगाया गया है। जबकि सरकार का कहना है कि यह जमीन गैंगस्टर अतीक अहमद से जुड़ी हुई है। कोर्ट ने कहा कि - " प्रथम दृश्य इस तरह की कार्यवाही चौंकाने वाली और गलत उदाहरण पेश करने वाली है। इसे ठीक करने की जरूरत है। आप घरों को तोड़कर ऐसे एक्शन क्यों ले रहे हैं। हम जानते हैं कि इस तरह की तकनीकी तर्कों से कैसे निपटना है। आखिरकार अनुच्छेद 21 और आश्रय के अधिकार जैसी कोई चीज भी है।" दरअसल इस मामले में पहले याचिकाकर्ता जुल्फिकार हैदर, प्रोफेसर अली अहमद, दो विधवाओं और एक अन्य व्यक्ति ने हाई कोर्ट में गुहार लगाई थी। लेकिन हाइकोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। फिर याचिका कर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली। याचिका कर्ताओं ने कहा कि उन्हें मार्च 2021 में शनिवार के दिन नोटिस मिला और रविवार को ही उनका मकान गिरा दिया गया। जबकि इस मामले में सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल आर वेंकटमणि ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि लोगों को नोटिस का जवाब देने का पर्याप्त टाइम दिया गया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय ओका ने इस बात से असहमति दर्शाते हुए कहा कि - " नोटिस इस तरह से क्यों चिपकाए गया? कोरियर से क्यों नहीं भेजा गया? कोई भी इस तरह से नोटिस भेज कर तोड़फोड़ करे, यह एक गलत उदाहरण है।" अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट से मांग की की इस मामले को हाईकोर्ट स्थानांतरित कर दिया जाए, लेकिन SC ने अटॉर्नी की इस मांग को खारिज करते हुए कहा कि- "मामला अगर हाई कोर्ट गया, तो फिर से टाल दिया जाएगा।"

सुप्रीम कोर्ट ने दिया पुनर्निर्माण का आदेश:

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कहा कि गिराए गए मकान का पुनर्निर्माण करना होगा। अगर आप हलफनामा दाखिल करके इसका विरोध करना चाहते हैं, तो ठीक है अन्यथा कम शर्मनाक रास्ता यही है कि उन्हें निर्माण कार्य करने दिया जाए और फिर कानून के मुताबिक उन्हें नोटिस दी जाए।" नोएडा के डीएम की ट्रांसजेंडरों को सीख, टेक्निकल लाइन में निपुण बनें
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बरसाना की लड्डू होली में शामिल होंगे CM योगी, अधिकारियों के छूटे पसीने, तैयारियां तेज

CM Yogi 7
UP News
locationभारत
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calendar01 Dec 2025 10:40 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के बरसाना में इस बार की लड्डू होली और लठामार होली के आयोजन के लिए तैयारियां तेज हो गई हैं। खासकर 7 मार्च को होने वाली लड्डू होली के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन को लेकर प्रशासन और संबंधित विभागों के अधिकारियों ने खास इंतजाम किए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कार्यक्रम

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 7 मार्च को बरसाना में सुबह 10:00 बजे से साढ़े 10:00 बजे तक रहेंगे। उनका हेलीपैड गोवर्धन रोड पर एक खेत में तैयार किया गया है, जहां से वह कार द्वारा बरसाना के मंदिर तक पहुंचेंगे। इसके बाद, वह रोप-वे से राधारानी मंदिर तक जाएंगे। ध्यान देने योग्य बात यह है कि जब तक मुख्यमंत्री मंदिर में रहेंगे तब तक रोप-वे आम श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगा। सीएम के आगमन से पहले रोप-वे की सुरक्षा जांच की जा रही है। इसके अलावा, सीएम योगी का निरीक्षण निर्माणाधीन टीएफसी (ट्रांसपोर्ट फैसिलिटी सेंटर) पर भी हो सकता है।

सड़क और सुरक्षा की व्यवस्था

सीएम के आगमन के रूट की सड़कें भी दुरुस्त की जा रही हैं। हेलीपैड से लेकर मंदिर तक के रास्तों की सफाई और आवश्यक सुधार किए जा रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार, सिंचाई विभाग ने गोवर्धन ड्रेन की सफाई का काम शुरू कर दिया है और बिजली के खंभों को भी रास्ते से हटा दिया जा रहा है। इसी तरह, तीर्थ विकास परिषद मंदिर परिसर और रास्तों की सजावट कर रही है, जहां होली से संबंधित पेंटिंग की जा रही हैं।

 150 बसों का संचालन करने का निर्णय

बरसाना में होली के दौरान श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने 150 बसों का संचालन करने का निर्णय लिया है। इन बसों में 30 इलेक्ट्रिक बसें, 67 अनुबंधित बसें और 53 निगम की बसें शामिल हैं। आगरा से 70 अतिरिक्त बसें भी मंगाई जाएंगी ताकि यातायात की व्यवस्था में कोई परेशानी न हो। इसके अलावा, जाम की समस्या को नियंत्रित करने के लिए अधिकारियों को खास निर्देश दिए गए हैं। 10 बसें छाता और 10 बसें कोसीकलां से चलाई जाएंगी ताकि इन मार्गों पर भी श्रद्धालुओं को कोई समस्या न हो। हर गाड़ी में एक अधिकारी मौजूद रहेगा ताकि जाम की स्थिति में तत्परता से काम किया जा सके।

मुख्य होली कार्यक्रम

  • लड्डू होली: 7 मार्च
  • लठामार होली: 8 मार्च
  • नंदगांव की लठामार होली: 9 मार्च
बरसाना की प्रसिद्ध लठामार होली में लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं और इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। इस बार, व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। UP News

महाकुंभ में नाव चलाने वाले परिवार ने कमाए 30 करोड़ रुपये

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11 मार्च को खेली जाएगी चिता भस्म होली, जाने काशी के महाश्मशान घाट पर होने वाली इस होली से जुड़ी मान्यता

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calendar30 Nov 2025 11:01 AM
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वाराणसी: उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी जिले में स्थित मणिकर्णिका महा शमशान घाट पर खेली जाने वाली चिता भस्म होली, इस वर्ष 11 मार्च को खेली जाएगी। प्रतिवर्ष ये होली रंगभरी एकादशी के दूसरे दिन खेली जाती हैं। इस वर्ष 11 मार्च के दिन दोपहर 12 से 2 बजे तक चिता भस्म होली का भव्य आयोजन किया जाएगा। आयोजकों ने बताया है कि इस आयोजन की शुरुआत मसान नाथ की भव्य आरती के साथ होगी। इसके बाद होली खेली जाएगी। हर साल की तरह इस साल भी लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का, इस आयोजन में हिस्सा लेने की संभावना है।

बहुत खास है चिता भस्म होली की अनोखी परंपरा:

काशी के मणिकर्णिका महाश्मशान घाट पर खेली जाने वाली चिता भस्म होली की परंपरा बहुत खास है। प्रतिवर्ष फाल्गुन मास में रंगभरी एकादशी के दूसरे दिन यह होली खेली जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार महाशिवरात्रि पर शिव विवाह के पश्चात, रंगभरी एकादशी के दिन ही भोले बाबा, माता पार्वती का गौना कराके अपनी नगरी काशी लेकर आए थे। रंगभरी एकादशी के दिन अपने गौने में भोले बाबा ने देवताओं के साथ होली खेली थी। लेकिन वे श्मशान में बसने वाले भूत, प्रेत, पिशाच, यक्ष गन्धर्व, किन्नर और दूसरे जीव-जंतुओं के साथ ये खुशी नहीं मना पाए थे। इसलिए रंगभरी एकादशी के दूसरे दिन बाबा भोलेनाथ मणिकर्णिका घाट पर भूत, पिशाच, किन्नर, दृश्य- अदृश्य, शक्तियों के साथ भस्म की होली खेलने पहुंच गए। इसी के बाद से ये परंपरा है शुरू हो गई। इसी वजह से ये होली बहुत खास है।

6 महीने पहले से शुरू हो जाती है इस भव्य होली की तैयारी:

काशी में महाशमशान घाट पर खेली जाने वाली चिता भस्म होली की तैयारी 6 महीने पहले से ही शुरू हो जाती है। इस अनोखी होली को खेलने के लिए, रोजाना दो से तीन बोरी चिता की राख इकट्ठी की जाती है।

महाकुंभ की वजह से इस बार की होली होगी खास:

इस बार प्रयागराज के संगम तट पर लगे महाकुंभ मेले की वजह से चिता भस्म की होली और भी खास होने वाली है। दरअसल प्रतिवर्ष माघ मेले में आने वाले नागा साधु, माघ मेला समाप्ति के बाद चिता भस्म की होली खेलने के लिए वाराणसी रवाना हो जाते हैं। इस वर्ष महाकुंभ मेले में भारी संख्या में नागा साधु एकत्रित हुए थे, जो इस होली का भी हिस्सा बनेंगे। इस अनोखी होली के आयोजक गुलशन कुमार ने कहा है कि "बाबा के भक्तों को विशेष सुविधाओं की जरूरत नहीं होती, बस खाली स्थान ही काफी है। हर वर्ष आयोजन में कई चुनौतियाँ आती हैं, लेकिन बाबा की कृपा से यह परंपरा निरंतर जारी रहती है।" इसके अलावा आयोजक गुलशन कुमार ने बताया है कि इस वर्ष भस्म की होली में नशा करके प्रवेश करने की अनुमति नहीं मिलेगी। साथ ऐसे कलाकार जो भगवान का वेश बनाकर, होली खेलने पहुंच जाते हैं, उन्हें भी आयोजन का हिस्सा बनने की अनुमति नहीं मिलेगी। आयोजकों ने महिलाओं से अपील की है कि वो दूर से ही इस अनोखी होली को देखने की कृपा करें, जिससे किसी भी प्रकार के असुविधा उत्पन्न ना हो। महाकुंभ में नाव चलाने वाले परिवार ने कमाए 30 करोड़ रुपये