Javed Akhtar : पाक में दिया बयान इतना बड़ा बन जाएगा, अंदाजा नहीं था

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Had no idea that the statement given in Pakistan would become so big
locationभारत
userचेतना मंच
calendar26 Feb 2023 06:01 PM
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नई दिल्ली। आसान से शब्दों और छोटे-छोटे जुमलों में बहुत बड़ी बात कह देना जावेद अख्तर का अंदाज रहा है। उनका लेखन किसी परिचय का मोहताज नहीं है। हाल ही में पड़ोसी मुल्क में कही गई उनकी एक जरा सी बात ने तूफान खड़ा कर दिया है। जावेद अख्तर का कहना है कि उन्हें खुद नहीं पता था कि उन्होंने कोई इतनी बड़ी बात कह दी है।

Javed Akhtar

दरअसल वह ‘फैज फेस्टिवल’ में शिरकत करने पाकिस्तान में लाहौर गए थे। वहां बातचीत के दौरान उनसे कहा गया कि भारत के कलाकारों को पाकिस्तान में जितना प्यार और अपनापन मिलता है, पाकिस्तान के कलाकारों को भारत में उस तरह से नहीं अपनाया जाता। इस पर जावेद अख्तर ने अपने अंदाज में जवाब दिया कि मुंबई पर आतंकी हमला करने वाले लोग अभी भी आपके मुल्क में घूम रहे हैं और अगर इस बात को लेकर आम हिंदुस्तानी के दिल में शिकायत है तो आपको इसका बुरा नहीं मानना चाहिए। जावेद अख्तर की बात को पाकिस्तानियों ने दिल पर ले लिया और बुरा मान गए। दिलचस्प बात यह रही कि जावेद अख्तर के इस बयान पर वहां मौजूद लोगों ने उस वक्त तो तालियां बजाईं, लेकिन फिर नाराज हो गए और कुछ लोगों ने यहां तक कह डाला कि जावेद अख्तर को पाकिस्तान का वीजा नहीं दिया जाना चाहिए था।

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तूफान अभी थमा नहीं है और इस पूरे विवाद पर जावेद अख्तर का कहना है कि उन्हें खुद नहीं पता था कि उनकी कही बात से पाकिस्तान से खलबली मच जाएगी। एक चैनल के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में जो बयान उन्होंने दिया, वह 'इतना बड़ा' बन जाएगा, इसका उन्हें भी नहीं पता था, पर इतना जरूर है कि इसे लेकर वह पहले से स्पष्ट थे कि वहां जाकर साफगोई से अपनी बात कहेंगे और उन्होंने वही किया।

Javed Akhtar

जावेद अख्तर की ज़ुबान, कलम और जहन की साफगोई ही उन्हें आला दर्जे का इंसान और एक मुकम्मल फनकार बनाती है। उन्होंने हिंदी सिनेमा में लेखकों का कद बढ़ाया और सलीम खान के साथ मिलकर यह साबित कर दिया कि एक उम्दा कहानी और चुस्त पटकथा ही किसी भी फिल्म की सफलता की गारंटी होती है। इन दोनों ने मिलकर 24 फिल्मों की पटकथा लिखी जिसमें से 20 सुपरहिट रहीं। जावेद अख्तर का फिल्मी सफर, उनका काम और उन्हें मिले सम्मान हिंदी सिनेमा के इतिहास का हिस्सा हैं। उनके निजी जीवन की बात करें तो जावेद अख्तर का जन्म 17 जनवरी 1945 को ग्वालियर में हुआ। लेखन का हुनर उन्हें अपने पिता जां निसार अख्तर और मां सफिया से मिला, जो उर्दू की मशहूर लेखिका थीं। उनके दादा और परदादा भी लेखन में अच्छा खासा दखल रखते थे। हालांकि विरासत से ज्यादा हालात की दुष्वारियों ने उनके इस जन्मजात हुनर को कुंदन बनाने का काम किया।

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जावेद बहुत छोटे थे, जब उनकी मां का निधन हो गया। उनके पिता ने दूसरी शादी कर ली। जावेद कुछ अर्सा भोपाल में रहने के बाद अपने नाना नानी के पास लखनऊ भेज दिए गए। कुछ अर्सा अलीगढ अपनी मौसी के यहां भी रहे। लखनऊ में स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद वह भोपाल लौट आए और सैफिया कॉलेज से स्नातक की उपाधि हासिल की। जावेद अख्तर 1964 में कुछ बनने का इरादा लेकर मुंबई चले गए। उनके पिता का घर मुंबई में ही था, लेकिन पिता के साथ विचारों का टकराव होने के कारण उन्होंने अपने दम पर कुछ बनने का फैसला किया। हकीकत यह थी कि उस वक्त न तो मुंबई में उनका कोई ठिकाना था और न ही आमदनी का कोई जरिया। जेब में चंद रूपए आखिर कब तक चलने वाले थे। एक अर्सा संघर्ष और छोटे-मोटे काम करने के बाद नवंबर 1969 में उन्हें काम मिलना शुरू हुआ। उसके बाद का फिल्मी दुनिया का सफर किसी परिकथा से कम नहीं। उन्होंने सलीम खान के साथ जोड़ी बनाई और 1971 से 1982 तक हिंदी सिनेमा को बेहतरीन फिल्में दीं। खुद उनके शब्दों में, छह वर्षों में एक के बाद एक लगातार बारह सुपर हिट फ़िल्में, पुरस्कार, तारीफें, अखबारों और मैगज़ीनों में इंटरव्यू, तस्वीरें, पैसा और पार्टियां, दुनिया के सफ़र, चमकीले दिन, जगमगाती रातें- जिंदगी एक टेक्नीकलर ख़्वाब है। सलीम-जावेद की जोड़ी हालांकि बाद में टूट गई और दोनों ने एक साथ काम करना छोड़ दिया, लेकिन इन दोनों बेहतरीन लेखकों की कलम का जादू लगातार चलता रहा। इसी दौरान जावेद अख्तर की जिंदगी में एक और मोड़ आया, जब 1979 में उन्होंने अपने पिता की मौत के तीन बरस बाद शायरी का रूख किया। इस तरह अपने मरहूम शायर पिता से लाख शिकायतों के बाद उनके बागी बेटे ने उनकी विरासत को अपना लिया। जावेद ने अपनी किताब में लिखा है कि लड़कपन से जानता हूं कि चाहूं तो शायरी कर सकता हूं मगर आज तक की नहीं है। ये भी मेरी नाराज़गी और बग़ावत का एक प्रतीक है। 1979 में पहली बार शेर कहता हूं और ये शेर लिखकर मैंने अपनी विरासत और अपने बाप से सुलह कर ली है। फिल्म सीता और गीता के सेट पर जावेद अख्तर की मुलाकात हनी ईरानी से हुई। चार महीने के भीतर दोनों ने शादी कर ली। हनी ईरानी से उनके दो बच्चे फरहान और जोया हैं, जो फिल्म उद्योग के जाने माने नाम हैं। जावेद अख्तर और हनी ईरानी 1983 में एक दूसरे से अलग हो गए। हालांकि दोनों ने बड़े दोस्ताना अंदाज में एक दूसरे का साथ छोड़ने का फैसला किया। अलग होने के बाद भी अच्छे दोस्तों का रिश्ता निभाते रहे और अपने बच्चों के अच्छे माता-पिता साबित हुए। जावेद ने शबाना आजमी के साथ दोबारा घर बसा लिया। इतने कामयाब करियर, मान सम्मान और धनदौलत हासिल करने के बाद एक इंसान को अपने आप से जितना खुश होना चाहिए, जावेद अख्तर उतने खुश हैं नहीं। उन्होंने इस बारे में अपनी किताब में लिखा है, ‘आज इतने बरसों बाद अपनी ज़िंदगी को देखता हूं तो लगता है कि पहाड़ों से झरने की तरह उतरती, चट्टानों से टकराती, पत्थरों में अपना रास्ता ढूंढती, उमड़ती, बलखाती, अनगिनत भंवर बनाती, तेज़ चलती और अपने ही किनारों को काटती हुई ये नदी अब मैदानों में आकर शांत और गहरी हो गई है।’ उन्होंने अपनी किताब में लिखा, ‘ऐसा तो नहीं है कि मैंने ज़िंदगी में कुछ किया ही नहीं है, लेकिन फिर ये ख़्याल आता है कि मैं जितना कर सकता हूं, उसका तो एक चौथाई भी अब तक नहीं किया और इस ख़्याल की दी हुई बेचैनी जाती नहीं।’ बहरहाल जावेद अख्तर के कद का इंसान भले अपनी कामयाबियों से संतुष्ट न हों, उनकी कलम का जादू आने वाली सदियों तक कायम रहेगा। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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AWARDS PROGRAM: जी सिने अवार्ड्स’ की मेजबानी करेंगे खुराना भाई

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AWARDS PROGRAM
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 01:02 PM
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AWARDS PROGRAM: मुंबई। अपारशक्ति खुराना ने शुक्रवार को कहा कि वह अपने अभिनेता भाई आयुष्मान खुराना के साथ आगामी जी सिने अवार्ड्स की मेजबानी करेंगे। पुरस्कार समारोह 26 फरवरी को मुंबई में होने वाला है।

AWARDS PROGRAM

‘दंगल’, ‘स्त्री’, ‘लुका छुपी’, ‘पति पत्नी और वो’, ‘हेलमेट’ जैसी फिल्मों में अभिनय कर चुके खुराना ने कहा कि वह आयुष्मान के साथ अवार्ड शो की मेजबानी करने को लेकर रोमांचित हैं और दोनों का लक्ष्य लोगों को एक यादगार अनुभव प्रदान करना है। उन्होंने कहा, उनके (आयुष्मान के) साथ काम करना हमेशा शानदार होता है। हमने पहले भी एक साथ एक और शो की मेजबानी की थी, जो कमाल का और धमाकेदार था। हम जानते हैं कि यह हमारी पेशेवर प्रतिबद्धता है और ऐसा हमेशा नहीं होता है कि हम साथ में काम करते हैं। अभिनेता ने एक बयान में कहा, लेकिन हमारी व्यक्तिगत पृष्ठभूमि को देखते हुए यह निश्चित रूप से शो में मुख्य आकर्षण होगा और खूब सारी मस्ती होगी। अंत में शाम को यादगार बनाने का विचार है। अपारशक्ति और आयुष्मान ने इससे पहले 2019 में आईफा की मेजबानी की थी।

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Akshay Kumar की देशभक्ति या प्रमोशन स्टंट , कहा भारत ही सब कुछ।

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Actor speakes about his nationality
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 12:25 AM
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Akshay Kumar अक्सर अपनी कनाडा की नागरिकता के कारण चर्चा में बने रहते हैं। लेकिन अपनी आने वाली फ़िल्म सेल्फी के प्रमोशन के दौरान एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि वे जल्द ही कनाडा की नागरिकता छोड़ देंगे और उन्होंने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन भी कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कनाडा की नागरिकता लेने के पीछे के कारण को भी बताया और कहा कि उन्हें काफी बुरा लगता है जब लोग बिना सही वजह जाने इस विषय पर चर्चा करते हैं। उनके लिए भारत ही सब कुछ है और उन्होंने जो भी कमाया है वो इसी देश का है और उनके लिए इससे ऊपर कुछ भी नहीं है।

क्या थी कनाडा की नागरिकता लेने की वजह?

Akshay Kumar ने बताया कि ये 1990 के समय की बात है जब उनकी लगातार 15 से भी ज्यादा फ़िल्में फ्लॉप हो चुकी थीं और उन्हें महसूस हुआ कि वे इसमें सफल नहीं हो पाएंगे। उनका एक दोस्त कनाडा में रहता है जिसने उनसे कहा कि वे कनाडा आ जाएँ और यहाँ पर रह कर काम करें। अपने दोस्त की बात मानते हुए उस वक़्त वे कनाडा चले भी गए थे लेकिन उनकी दो फ़िल्में अभी भी रिलीज़ होने को बची थीं। रिलीज़ होने पर दोनों ही फ़िल्में सुपरहिट हुईं और उसी दोस्त ने कहा कि आप वापस जाइये और फिर से काम शुरू करिये।

Akshay Kumar

जल्द ही "सेल्फी" मूवी में नज़र आने वाले Akshay Kumar के साथ इमरान हाश्मी और नुसरत भरुचा भी हैं। यह एक मलयालम फ़िल्म ड्राइविंग लाइसेंस की हिंदी रीमेक है जिसका डायरेक्शन राज मेहता ने किया है। 24 फ़रवरी को रिलीज़ होने जा रहीं अक्षय कुमार की इस फ़िल्म ने अभी से अपने फैंस को एक्साइटेड कर दिया है। इसके बाद उनके पास कई बड़ी फ़िल्में और हैं जिनमें फिर हेरा फेरी 2, ओह माय गॉड और बड़े मियां छोटे मियां आदि शामिल हैं।

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