Stock Market: बाजार में उतार-चढ़ाव के साथ हुआ कारोबार, इन स्टॉक ने किया मालामाल

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calendar02 Dec 2025 02:21 AM
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StocStock Market: इस साल के आखिरी सत्र में घरेलू शेयर बाजार गिरावट पर पहुंचने के बाद बंद हो गया। BSE का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक Sensex 293.14 अंक यानी 0.48 फीसदी की गिरावट करने के बाद क्लोज हो गया था। NSE Nifty 85.70 अंक यानी 0.47 फीसदी की कमी करने के बाद 18,105.30 अंक के स्तर पर बंद हो गया था। सेक्टोरल इंडिसेज की बात की जाए तो मेटल, रियल एस्टेट और पीएसयू बैंक इंडिसेज 0.5-1 फीसदी की गिरावट पर बंद हो गया था। इसी तरह पावर, बैंक और एफएमसीजी इंडिसेज भी 0.5-0.5 फीसदी की टूट पर बंद हो गया था। बीएसई मिडकैप इंडेक्स मे 0.37 फीसदी और स्मॉल कैप इंडेक्स में 0.76 फीसदी की तेजी होना शुरू हो गई थी। NSE Nifty की बात करें तो एसबीआई लाइफ (SBI Life) सबसे ज्यादा 1.99 फीसदी तक कम हो गया था। आयशर मोटर्स (Eicher Motors) में 1.78 फीसदी, ग्रासिम (Grasim) में 1.75 फीसदी, आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) में 1.66 फीसदी और भारती एयरटेल (Bharti Airtel) में 1.50 फीसदी की कमी हुई है। दूसरी ओर, बजाज फिनजर्व (Bajaj Finserv), Bajaj Auto, Titan, ओएनजीसी और कोल इंडिया के शेयरों में उछाल देखने को मिली है।

इस हफ्ते इन शेयर में हुई गिरावट

BSE Sensex पर आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), भारती एयरटेल (Bharti Airtel), एचडीएफसी (HDFC), लार्सन एंड टुब्रो (Larsen and Toubro), नेस्ले इंडिया (Nestle India), आईटीसी (ITC), महिंद्रा एंड महिंद्रा (Mahindra and Mahindra), पावरग्रिड (Powergrid), एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank), इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank), एशियन पेंट्स (Asian Paints), इन्फोसिस (Infosys), HCL Tech, मारुति (Maruti) के शेयर गिरावट में गिरावट हुई थी। इनके अलावा अल्ट्राटेक सीमेंट, टीसीएस (TCS), एनटीपीसी (NTPC), हिन्दुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) और एक्सिस बैंक (Axis Bank) के शेयर लाल निशान पर बंद हो गया था।

इन शेयरों में हुई तेज़ी

सेंसेक्स पर बजाज फिनजर्व (Bajaj Finserv), टाइटन (Titan), बजाज फाइनेंस (Bajaj Finance), टाटा स्टील (Tata Steel), टाटा मोटर्स (Tata Motors), Wipro, Kotak Mahindra Bank, Tech Mahindra, Reliance Industries, SBI और सन फार्मा के शेयर हरे निशान पर पहुंचकर बंद हो गया था। .
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Bussiness News : निवेशकों को राहत दिलाएगा सेबी का मंच

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Bussiness News
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calendar30 Nov 2025 10:57 PM
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Bussiness News : नई दिल्ली। अब कारोबारी सदस्यों के मंच पर तकनीकी खामियों की वजह से निवेशकों को नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। बाजार नियामक सेबी ने शुक्रवार को शेयर बाजारों और निपटान निगमों से निवेशकों की मदद के लिए एक मंच तैयार करने को कहा। यह मंच कारोबारी सदस्यों की तरफ से सेवाओं में व्यवधान की स्थिति में निवेशकों की मदद करेगा।

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भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने व्यापक विचार-विमर्श के बाद निवेशक जोखिम कटौती पहुंच (आईआरआरए) मंच को पेश करने का फैसला किया है। मंच को चालू करने के लिए अगले साल एक अक्टूबर तक का समय दिया गया है। यह कदम ट्रेडिंग सदस्यों (टीएम) की प्रणाली में गड़बड़ियों की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर उठाया गया है। कारोबारी सदस्यों के मंच पर तकनीकी गड़बड़ी होने पर जो निवेशक ‘ट्रेडिंग’ उद्देश्य से पैसा लगाये होते हैं, उन्हें खासकर बाजार में उतार-चढ़ाव होने पर उसे उपयुक्त समय पर बंद करने यानी उससे बाहर निकलने का रास्ता नहीं मिलता। सेबी ने शुक्रवार को एक परिपत्र में कहा कि शेयर बाजार आईआरआरए सेवा प्रदान करने के लिए एक संयुक्त मंच विकसित करेंगे ताकि निवेशकों को टीएम द्वारा प्रदान की जाने वाली ट्रेडिंग सेवाओं के व्यवधान के मामले में ‘खुली स्थिति’ (शेयर में कारोबार के दौरान लगाया गया पैसा) को बंद करने/या लंबित आदेशों को रद्द करने का अवसर प्रदान किया जा सके।

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Bussiness : वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच जारी रहेगी महंगाई के खिलाफ जंग

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calendar30 Dec 2022 10:16 PM
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Bussiness : नई दिल्ली। इस साल ज्यादातर समय महंगाई के आरबीआई के संतोषजनक स्तर छह प्रतिशत से ऊपर रहने के बाद खुदरा मुद्रास्फीति धीरे-धीरे नरम पड़ रही है। हालांकि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति को और कम करने के प्रयास जारी रहेंगे।

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वर्ष के दौरान कच्चे तेल और खाद्य तेलों, दालों तथा सब्जियों की कीमतों में तेजी के चलते मुद्रास्फीति उच्च स्तर पर बनी रही। रूस-यूक्रेन युद्ध ने महंगाई को हवा दी, जिसने वैश्विक आपूर्ति व्यवस्था को बाधित किया और कई वस्तुओं की कीमतों को बढ़ा दिया। भारतीय रिजर्व बैंक (आबीआई) ने इस साल मई के बाद से अल्पकालिक उधार दर (रेपो) में 2.25 प्रतिशत अंकों की बढ़ोतरी की है। इसके साथ ही रेपो दर लगभग तीन साल के उच्च स्तर 6.25 प्रतिशत पर पहुंच गई है। केंद्रीय बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति दो से छह प्रतिशत के बीच रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। वर्ष के दौरान कच्चे तेल और खाद्य तेलों, दालों तथा सब्जियों की कीमतों में तेजी के चलते मुद्रास्फीति उच्च स्तर पर बनी रही। रूस-यूक्रेन संघर्ष ने महंगाई को हवा दी, जिसने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को बाधित कर दिया और कई वस्तुओं की कीमतों को बढ़ा दिया। भारतीय रिजर्व बैंक (आबीआई) ने मई के बाद से नीतिगत दर रेपो में 2.25 प्रतिशत अंकों की बढ़ोतरी की है। इसके साथ ही रेपो दर लगभग तीन साल के उच्च स्तर 6.25 प्रतिशत पर पहुंच गई है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल में कहा था कि वैश्विक संकट, वैश्विक वित्तीय बाजार में अस्थिरता, घरेलू उत्पादन कीमतों और मौसम संबंधी व्यवधानों के चलते मुद्रास्फीति का दबाव बना हुआ है। वर्ष के दौरान अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप सहित दुनिया भर के नियामकों के लिए मुद्रास्फीति एक बड़ी चुनौती थी। मुख्य रूप से रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान पड़ा और जिंस कीमतें आसमान पर पहुंच गईं। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 2016 में शुरुआत के बाद पहली बार आरबीआई ने सरकार को रिपोर्ट सौंपकर बताया कि जनवरी से लगातार तीन तिमाहियों में मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से अधिक क्यों रही। थोक मुद्रास्फीति नवंबर में 5.85 प्रतिशत तक गिरने से पहले सितंबर तक दहाई अंकों में थी।  उम्मीद है कि दिसंबर तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति 6.6 प्रतिशत और मार्च तिमाही में घटकर 5.9 प्रतिशत रह जाएगी। रेटिंग फर्म इक्रा के अनुसार अगले 12 महीनों में मुद्रास्फीति में कमी आने की संभावना है।

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