सुंदरता के अलावा क्या आपकी पत्नी में है ये खास गुण

24a
Chanakya Niti
locationभारत
userचेतना मंच
calendar10 Oct 2023 10:27 PM
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Chanakya Niti : आमतौर पर मर्द महिलाओं की सुंदरता को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। महिलाओं की सुंदरता और उनका यौवन किसी भी स्त्री का गहना हो सकती है, लेकिन एक अहम गुण भी उनमें होना बेहद जरुरी है। जिस स्त्री में यह खास गुण होता है, वही महिला बलवान कही जा सकती है और अपने पति को संतुष्टि तथा परिवार को खुशियां दे सकती है।

Chanakya Niti

भारत के महान विद्वान आचार्य चाणक्य के बारे में तो आपने सुना ही होगा। फिर भी हम आपको बता देते हैं कि आचार्य चाणक्य मौर्य वंश के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य के महामंत्री थे। विद्वान अर्थशास्त्री, प्रखर कूटराजनीतिज्ञ और महान विद्वान आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र ''चाणक्य नीति'' में घर, परिवार और समाज के लिए बहुत कुछ लिखा है। आचार्य चाणक्य जहां पति पत्नी के रिश्तों में सामंजस्य बनाए रखने की बात करते हैं, वहीं वह स्त्री के गुणों पर भी काफी कुछ लिखते हैं। आचार्य चाणक्य ने लिखा है कि ...

बाहुवीर्य बलं राजा ब्राह्मणो ब्रह्मविद् बली। रूपयौवनमाधुर्यं स्त्रीणा बलमुत्तमम् ॥

मतलब, आचार्य चाणक्य स्त्रियों के गुणों की चर्चा करते हुए कहते हैं कि बाजुओं की शक्ति वाले राजा बलवान होते हैं। ब्रह्म को जानने वाला ब्राह्मण ही बलवान माना जाता है। सुन्दरता, यौवन और मधुरता ही स्त्रियों का श्रेष्ठ बल है। अर्थात, जिस राजा की बाजुओं में शक्ति होती है वही राजा बलवान माना जाता है। ब्रह्म को जानने वाला ब्राह्मण ही बलवान है। ब्रह्म को जानना ही ब्राह्मण का बल है। सुन्दरता, जवानी तथा वाणी की मधुरता ही स्त्रियों का सबसे बड़ा बल है।

जीवन के सिद्धांत को लेकर आचार्य चाणक्य लिखते हैं...

नात्यन्तं सरलेन भाव्यं गत्वा पश्य वनस्थलीम् । छिद्यन्ते सरलास्तत्र कुब्जास्तिष्ठन्ति पादपाः।।

अर्थात, जीवन का सिद्धान्त है कि अति सर्वत्र वर्जित होती है फिर चाहे वह जीवन के संदर्भ में सादगी या सीधेपन के स्तर पर ही क्यों न हो। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अधिक सीधा नहीं होना चाहिए। जंगल में जाकर देखने से पता लगता है कि सीधे वृक्ष काट लिए जाते हैं, जबकि टेढ़े-मेढ़े पेड़ छोड़ दिए जाते हैं। मतलब साफ साफ है कि व्यक्ति को अधिक सीधा, भोला-भाला नहीं होना चाहिए। अधिक सीधे व्यक्ति की सभी मूर्ख बनाने की कोशिश करते हैं। उसका जीना दूभर हो जाता है। जबकि अन्य गुरुल तथा टेढ़े किस्म के लोगों से कोई कुछ नहीं कहता। यह प्रकृति का ही नियम है। वन में जो पेड़ सीधा होता है, उसे काट लिया जाता है, जबकि टेढ़े-मेढ़े पेड़ खड़े रहते हैं।

हंस के समान न बरतें

यत्रोदकतत्रवसन्तिहंसाः स्तथैवशुष्क परिवर्जयन्ति। न हंसतुल्येन नरेणभाव्यम्, पुनस्त्यजन्ते पुनराश्रयन्ते ॥13॥

आचार्य चाणक्य यहां हंस के व्यवहार को आदर्श मानकर उपदेश दे रहे हैं कि जिस तालाब में पानी ज्यादा होता है हंस वहीं निवास करते हैं। यदि वहां का पानी सूख जाता है तो वे उसे छोड़कर दूसरे स्थान पर चले जाते हैं। जब कभी वर्षा अथवा नदी से उसमें पुनः जल भर जाता है तो वे फिर वहां लौट आते हैं। इस प्रकार हंस अपनी आवश्यकता के अनुरूप किसी जलाशय को छोड़ते अथवा उसका आश्रय लेते रहते हैं।

आचार्य चाणक्य का यहां आशय यह है कि मनुष्य को हंस के समान व्यवहार नहीं करना चाहिए। उसे चाहिए कि वह जिसका आश्रय एक बार ले उसे कभी न छोड़े। और यदि किसी कारणवश छोड़ना भी पड़े तो फिर लौटकर वहां नहीं आना चाहिए। अपने आश्रयदाता को बार-बार छोड़ना और उसके पास लौटकर आना मानवता का लक्षण नहीं है। अतः नीति यही कहती है कि मैत्री या सम्बन्ध स्थापित करने के बाद उसे अकारण ही भंग करना उचित नहीं।

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सुंदरता के अलावा क्या आपकी पत्नी में है ये खास गुण

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Chanakya Niti : आमतौर पर मर्द महिलाओं की सुंदरता को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। महिलाओं की सुंदरता और उनका यौवन किसी भी स्त्री का गहना हो सकती है, लेकिन एक अहम गुण भी उनमें होना बेहद जरुरी है। जिस स्त्री में यह खास गुण होता है, वही महिला बलवान कही जा सकती है और अपने पति को संतुष्टि तथा परिवार को खुशियां दे सकती है।

Chanakya Niti

भारत के महान विद्वान आचार्य चाणक्य के बारे में तो आपने सुना ही होगा। फिर भी हम आपको बता देते हैं कि आचार्य चाणक्य मौर्य वंश के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य के महामंत्री थे। विद्वान अर्थशास्त्री, प्रखर कूटराजनीतिज्ञ और महान विद्वान आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र ''चाणक्य नीति'' में घर, परिवार और समाज के लिए बहुत कुछ लिखा है। आचार्य चाणक्य जहां पति पत्नी के रिश्तों में सामंजस्य बनाए रखने की बात करते हैं, वहीं वह स्त्री के गुणों पर भी काफी कुछ लिखते हैं। आचार्य चाणक्य ने लिखा है कि ...

बाहुवीर्य बलं राजा ब्राह्मणो ब्रह्मविद् बली। रूपयौवनमाधुर्यं स्त्रीणा बलमुत्तमम् ॥

मतलब, आचार्य चाणक्य स्त्रियों के गुणों की चर्चा करते हुए कहते हैं कि बाजुओं की शक्ति वाले राजा बलवान होते हैं। ब्रह्म को जानने वाला ब्राह्मण ही बलवान माना जाता है। सुन्दरता, यौवन और मधुरता ही स्त्रियों का श्रेष्ठ बल है। अर्थात, जिस राजा की बाजुओं में शक्ति होती है वही राजा बलवान माना जाता है। ब्रह्म को जानने वाला ब्राह्मण ही बलवान है। ब्रह्म को जानना ही ब्राह्मण का बल है। सुन्दरता, जवानी तथा वाणी की मधुरता ही स्त्रियों का सबसे बड़ा बल है।

जीवन के सिद्धांत को लेकर आचार्य चाणक्य लिखते हैं...

नात्यन्तं सरलेन भाव्यं गत्वा पश्य वनस्थलीम् । छिद्यन्ते सरलास्तत्र कुब्जास्तिष्ठन्ति पादपाः।।

अर्थात, जीवन का सिद्धान्त है कि अति सर्वत्र वर्जित होती है फिर चाहे वह जीवन के संदर्भ में सादगी या सीधेपन के स्तर पर ही क्यों न हो। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अधिक सीधा नहीं होना चाहिए। जंगल में जाकर देखने से पता लगता है कि सीधे वृक्ष काट लिए जाते हैं, जबकि टेढ़े-मेढ़े पेड़ छोड़ दिए जाते हैं। मतलब साफ साफ है कि व्यक्ति को अधिक सीधा, भोला-भाला नहीं होना चाहिए। अधिक सीधे व्यक्ति की सभी मूर्ख बनाने की कोशिश करते हैं। उसका जीना दूभर हो जाता है। जबकि अन्य गुरुल तथा टेढ़े किस्म के लोगों से कोई कुछ नहीं कहता। यह प्रकृति का ही नियम है। वन में जो पेड़ सीधा होता है, उसे काट लिया जाता है, जबकि टेढ़े-मेढ़े पेड़ खड़े रहते हैं।

हंस के समान न बरतें

यत्रोदकतत्रवसन्तिहंसाः स्तथैवशुष्क परिवर्जयन्ति। न हंसतुल्येन नरेणभाव्यम्, पुनस्त्यजन्ते पुनराश्रयन्ते ॥13॥

आचार्य चाणक्य यहां हंस के व्यवहार को आदर्श मानकर उपदेश दे रहे हैं कि जिस तालाब में पानी ज्यादा होता है हंस वहीं निवास करते हैं। यदि वहां का पानी सूख जाता है तो वे उसे छोड़कर दूसरे स्थान पर चले जाते हैं। जब कभी वर्षा अथवा नदी से उसमें पुनः जल भर जाता है तो वे फिर वहां लौट आते हैं। इस प्रकार हंस अपनी आवश्यकता के अनुरूप किसी जलाशय को छोड़ते अथवा उसका आश्रय लेते रहते हैं।

आचार्य चाणक्य का यहां आशय यह है कि मनुष्य को हंस के समान व्यवहार नहीं करना चाहिए। उसे चाहिए कि वह जिसका आश्रय एक बार ले उसे कभी न छोड़े। और यदि किसी कारणवश छोड़ना भी पड़े तो फिर लौटकर वहां नहीं आना चाहिए। अपने आश्रयदाता को बार-बार छोड़ना और उसके पास लौटकर आना मानवता का लक्षण नहीं है। अतः नीति यही कहती है कि मैत्री या सम्बन्ध स्थापित करने के बाद उसे अकारण ही भंग करना उचित नहीं।

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अगर घर में सीलन से हैं परेशान, तो इन उपायों को करने से मिलेगा समाधान

Pareshan e1696847694322
Ways to remove dampness
locationभारत
userचेतना मंच
calendar09 Oct 2023 09:45 PM
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Ways to remove dampness : बारिश की रिमझिम फुहार पड़ते ही हर किसी का मन प्रफुल्लित हो जाता है । हम अपने घरों मे बैठकर या बारिश मे भीग कर इस मौसम का मजा लेते है । लेकिन ये मौसम कई बार अपने साथ अलग-अलग तरह की परेशानियां ले कर आता है । बारिश मे होने वाली परेशानियों मे से एक सबसे बड़ी परेशानी है घरों मे सीलन का आना। इस सीलन की वजह से कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। घरों का पेंट और वाल पेपर खराब हो जाना और घर मे से अजीब सी बदबू का आना। कईं बार इसी सीलन से घर मे कीड़े-मकोड़े,इन्फेक्शन और बीमारियां भी हो जाती है । आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय के बारें मे बताने जा रहें है जो अपके घर को सीलन से दूर रखेंगे और आपका घर खुशबूदार रहेगा।

1)नमक से सीलन करें दूर: Ways to remove dampness

नमक एक सस्ता और सरल उपाय है जो आपके घर को सीलन से बचायेगा । नमक मे नमी सोखने की अद्भुत क्षमता होती है । इसके लियें आपको एक फैले बर्तन में करीब एक किलो पिसे हुये नमक को फैला कर सीलन वाली जगह पर रख दे। कुछ टाईम बाद आप देखेंगे की नमक ने काफी नमी को सोख लिया है ।

2)घर की मरम्मत भी है जरुरी:

बारिश के मौसम मे आप अपने घर की दीवारों की दरारों की मरम्मत करवा ले। इसके लिये आप सीमेंट या वाल पुट्टी का इस्तेमाल लर सकते है । इसे लगाने के बाद पेंट करा दें। इसके अलावा सीलन से बचने के लिए आप बाहरी दीवारों को वॉटरप्रूफ पेंट भी करा सकते हैं।

3)पानी ना जमा होने दे:

बारिश के दिनों मे आमतौर पर जगह-जगह पानी जमा हो जाता है इस पानी को इकट्ठा ना होने दे। पानी का जमा होना भी सीलन का एक कारण होता है । आप अपने घर के ड्रेनज पाईप की सफाई की सफाई करवा ले।

4)वॉटर प्रोटेक्शन कैमिकल :

यदि अपके घर की दिवारों पर बार-बार सीलन आ जाती है तो आप वाटर प्रोटेक्शन से इसे रोक सकते है । इसके लिए दिवारों पर जिस जगह पर ज्यादा सीलन होती है, उस जगह की पहचान करके वाटर प्रोटेक्शन केमिकल को सीमेंट के साथ मिक्स करके लगा दें। ये कैमिकल आपको हर जगह आसानी से मिल जायेगा । इसे आप हार्डवेयर की दुकान से खरीद सकते हैं। एक बार जब यह पूरी तरह से सुख जाए तो इसपर पेंट करा लें।

Ways to remove dampness 5)डीह्युमिडीफायर उपकरण :

अगर अपके घर की दीवारों पर सीलन आ गईहै तो आप इस उपकरण की मदद से सीलन को दूरकर सकतें है । डीह्युमिडीफायर अपके कमरे की अतिरिक्त सीलन और नमी को सोख लगा और दीवारों को सूखा बना देगा। इससे आपका घर सीलन रहित और बदबू रहित हो जायेगा।

6)खिड़की दरवाजों को खुला रखे:

आप अपने घर के खिडक़ी दरवाजों को कुछ समय के लियें खुला रख दे। रसोई मे काम करने से और बाथरुम मे नहाने से जो भाप बनती है उससे भी घर मे नमी आ जाती है । इसके लिये आप अपने घर के खिड़की दरवाजे को खोल दे जिससे घर मे वेंटिलेशन बना रहें । इसके साथ आप ऐग्जौस्ट फैन का भी प्रयोग कर सकतें है ।

बदबू को दूर करे:

घर में सीलन की वजह से अक्सर अजीब तरह की स्मेल आने लगती है । इस स्मेल से छुटकारा पाने के लिए हाइड्रोजन पेरोक्साइड को पानी में मिला लें। फिर इससे घर की बदबू वाली जगहों पर छिड़काव करें। इससे भी घर मे आने वाली बदबू दूर होगी। इन छोटे-छोटे उपायो को अपना कर आप अपने घर को सीलन रहित बना सकतें है ।

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