G 20 Summit: भारत को प्रस्तावित ‘फाइनेंस ट्रैक’ प्राथमिकताओं पर व्यापक समर्थन मिला

24 1
G 20 summit
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 02:26 PM
bookmark

G 20 Summit: बेंगलुरु। भारत को जी20 में 2023 के लिए ‘फाइनेंस ट्रैक’ एजेंडा की प्रस्तावित प्राथमिकताओं पर व्यापक समर्थन मिला है। भारत की अध्यक्षता में पहली बार आयोजित जी20 के वित्त और केंद्रीय बैंक के उप-प्रमुखों की बैठक में यह रुझान देखने को मिला। आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव अजय सेठ ने यह जानकारी दी।

G 20 Summit

यहां बुधवार को सेठ और भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर डॉ माइकल पात्रा की सह-अध्यक्षता में यह बैठक संपन्न हुई।

बैठक में जी20 सदस्य देशों, आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों सहित 160 से अधिक विदेशी प्रतिनिधियों ने शिरकत की।

इस बैठक का एजेंडा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए दृष्टिकोण और भारत की जी20 अध्यक्षता के विषय को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया था।

सेठ ने कहा कि चुनौतीपूर्ण वैश्विक आर्थिक माहौल के बीच जी20 के ज्यादातर प्रतिनिधिमंडलों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और अन्य आमंत्रित लोगों की उपस्थिति भारत की जी20 अध्यक्षता के लिए समर्थन को दर्शाती है।

ग्रेटर नोएडा में लगातार स्थापित हो रहे हैं थैला बैंक, पूरे शहर में खुलेंगे 40 नए बैंक

Adopted children: बेटियों के प्रति अधिक प्यार, लड़कों से ज्यादा लड़कियां ली जा रही हैं गोद

देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

Adopted children: बेटियों के प्रति अधिक प्यार, लड़कों से ज्यादा लड़कियां ली जा रही हैं गोद

41 4
Adopted children
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 11:09 PM
bookmark

Adopted children:: शादी होने के बाद किसी भी दंपत्ति का सपना होता है कि वह माता पिता का सुख प्राप्त करें। विवाहित महिलाएं भी शादी के बाद मातृ सुख प्राप्त करना चाहती हैं। लेकिन कुछ दंपत्ति ऐसे होते हैं, जिनके विभिन्न कारणों से औलाद पैदा नहीं होती हैं। ऐसी दंपत्ति बच्चों को गोद लेकर अपने सपनों को पूरा करते है। आज हम आपको बताते हैं कि भारत में गोद लिए जाने के वाले बच्चों में सर्वाधिक संख्या लड़कियों की है। यानि कि लड़कों की अपेक्षा लड़कियों को ज्यादा गोद लिया जा रहा है।

Adopted children

लोकसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्यसभा में बुधवार को बताया कि वर्ष 2021-22 में 1293 लड़के गोद लिए गए, जबकि गोद ली जाने वाली लड़कियों की संख्या करीब 1690 थी। इसी प्रकार 2020-21 में 1200 लड़कों एवं 1856 लड़कियों को गोद लिया गया। उन्होंने कहा कि 2019-20 में 1400 लड़कों एवं 1938 लड़कियों को गोद लिया गया। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों के आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि भारत में गोद लिए जाने वाले लड़कों की अपेक्षा लड़कियों की संख्या अधिक है।

उन्होंने कहा कि गोद लेने की प्रक्रिया को कठोर बनाया गया है और किसी बच्चे को गोद लिए जाने के बाद दो साल तक मामले की निगरानी (फॉलो-अप) की जाती है। उन्होंने कहा कि इस दौरान माता-पिता के साथ बच्चों से भी नियमित संपर्क रखा जाता है और गौर किया जाता है कि गोद लिए गए बच्चों को कोई परेशानी तो नहीं हो रही है।

ईरानी ने कहा कि इसके लिए बाल कल्याण समिति को भी मजबूत बनाने पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि गोद लिए जाने की प्रक्रिया से गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को अलग कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि नए नियमन के तहत एनजीओ को प्रशासनिक कार्यों से अलग कर दिया गया है और जोर इस बात पर दिया गया है कि प्रशासन ही दायित्वों का निर्वहन करे। ईरानी ने कहा कि इस प्रक्रिया में जिलाधिकारी के साथ ही पुलिस व्यवस्था को शामिल किया गया है।

ईरानी ने कहा कि यदि अधिक माता-पिता प्रक्रिया को पूरा करने के लिए तैयार हैं तो किसी बच्चे को गोद लेने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अदालती प्रक्रियाओं के जरिए बच्चे को गोद लेने में लगने वाला औसत समय इतना लंबा था कि गोद लेने वाले माता-पिता को कम से कम दो साल का इंतजार करने की आवश्यकता होती थी।

उन्होंने कहा कि प्रक्रिया में अधिक समय लगने के मद्देनजर मंत्रालय ने कानून में संशोधनका प्रस्ताव किया है। ईरानी ने कहा कि इस साल 23 सितंबर को सरकार ने नए नियमों को अधिसूचित किया और उस समय विभिन्न न्यायालयों में करीब 900 मामले लंबित थे। राज्यों द्वारा नए संकल्प पर कार्रवाई किए जाने के बाद, 580 से अधिक बच्चों को गोद लिया जा चुका है।

ग्रेटर नोएडा में लगातार स्थापित हो रहे हैं थैला बैंक, पूरे शहर में खुलेंगे 40 नए बैंक

देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

Income Tax: प्रवासी करदाताओं को टीडीएस लाभ के लिये मार्च तक 10 F फॉर्म हाथ से भरने की अनुमति

36 1
Income Tax
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 05:28 AM
bookmark

Income Tax: नयी दिल्ली। आयकर विभाग ने स्थायी खाता संख्या (PAN) नहीं रखने वाले प्रवासी करदाताओं को 31 मार्च, 2023 तक हाथ से फॉर्म 10एफ भरने की अनुमति दे दी है। इससे उनका अनुपालन बोझ कम होगा और वे कम टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) दर का दावा कर सकेंगे।

Income Tax

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने जुलाई में प्रवासी करदाताओं के लिये कम टीडीएस के लाभ का दावा करने के लिये 10 एफ इलेक्ट्रॉनिक रूप से भरना अनिवार्य कर दिया था।

हालांकि, करदाताओं को फॉर्म को इलेक्ट्रॉनिक रूप से भरने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था क्योंकि आयकर पोर्टल उन करदाताओं को 10एफ भरने की अनुमति नहीं दे रहा था, जिनके पास पैन नहीं है।

सीबीडीटी ने एक अधिसूचना में कहा कि ऐसे करदाताओं की समस्याओं को दूर करने के लिये यह निर्णय किया गया है कि उन करदाताओं को 31 मार्च, 2023 तक इलेक्ट्रॉनिक रूप से 10एफ भरने से छूट दी जाती है, जिनके पास पैन नहीं है और आयकर कानून के संबंधित प्रावधान के तहत उन्हें स्थायी खाता संख्या रखने की जरूरत नहीं है। 12 दिसंबर को जारी अधिसूचना के अनुसार, ‘‘ऐसी श्रेणी के करदाता 31 मार्च, 2023 तक हाथ से उसी तरह से 10 एफ फॉर्म भर सकेंगे, जैसा कि वे जुलाई में जारी अधिसूचना से पहले कर रहे थे।’’

नांगिया एंडरसन एलएलपी में कर भागीदारी संदीप झुनझुनवाला ने कहा, ‘‘सीबीडीटी की अधिसूचना से छूट से प्रवासी भारतीयों के लिये इलेक्ट्रॉनिक रूप से 10 एफ फॉर्म करने के लिये पैन प्राप्त करने की जरूरत को लेकर जो अनुपालन बोझ था, वह दूर होगा। हालांकि, यह छूट 31 मार्च, 2023 तक ही है। ऐसे में उनकी भारत में अनुपालन के स्तर पर डिजिटलीकरण से संबंधित आगे की गतिविधियों पर नजर होगी।’’

Politics: भाजपा संसदीय दल की बैठक में गुजरात जीत पर मोदी का भव्य स्वागत