World's first museum: तिरुवनंतपुरम में खुला दुनिया का पहला ताड़ के पत्तों का पांडुलिपि संग्रहालय





Kanjhawala Case : कंझावाला हादसे में गुरुवार को एक और नया खुलासा सामने आया है। इस मामले में जहां पुलिस की 18 स्पेशल टीम काम कर रही है, वहीं दूसरी ओर पता चला है कि मृतका और उसकी सहेली की आरोपियों से पुरानी जान पहचान रही है। कार सवार आरोपी भी जानते थे कि कार के नीचे शव फंसा हुआ है, लेकिन इसके बावजूद वह कार को तेज गति से दौड़ाते रहे।
दिल्ली पुलिस स्पेशल सीपी सागर प्रीत हुड्डा ने बताया कि जो दीपक था, उसने अपने आप को ड्राइवर बताया। पूछताछ के दौरान पता चला कि गाड़ी अमित चला रहा था। इसके सबूत हैं। जो नए आरोपी हैं। उनमें से एक आरोपी का भाई है। उसने देखा कि ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है और ये एक्सीडेंट का केस है। तो नए आरोपी ने दूसरे से कहा कि तुम कहो कि गाड़ी चला रहे थे। जिसकी गाड़ी थी, उसे भी मालूम था कि गाड़ी कौन लेकर गया। उसने भी पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की।
इस मामले में दो नए वीडियो भी सामने आए हैं, जिनको देखने से पता चलता है कि 31 दिसंबर की रात को एक्सीडेंट के बाद निधि पैदल जाती दिख रही। यह फुटेज हादसे वाली जगह से कुछ ही दूरी का है। आरोपियों की कार के कुछ देर बाद पुलिस की वैन भी निकली। इसका CCTV फुटेज सामने आया है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अब आरोपियों की बैक रूट मैपिंग की जाएगी। इससे यह जानने की कोशिश होगी कि उस रात क्या हुआ होगा और आरोपियों ने क्या किया होगा।
पुलिस पांचों आरोपियों का लाई डिटेक्टर टेस्ट करवा सकती है। इसके लिए कोर्ट से अनुमति मांगेगी। मृतका अंजलि की मां ने बुधवार देर रात कहा, 'निधि भी बेटी अंजलि की हत्या में शामिल हो सकती है। उन्होंने कहा कि निधि को मैं नहीं जानती हूं। मैंने उसे कभी नहीं देखा। अंजलि ड्रिंक नहीं करती थी। वह नशे की हालत में कभी घर नहीं आई।'
फैमिली डॉक्टर भूपेश ने भी अंजलि के नशे में होने के दावे को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि अटॉप्सी रिपोर्ट में पाया गया है कि मृतका के पेट में अल्कोहल नहीं था।
Kanjhawala Case : कंझावाला हादसे में गुरुवार को एक और नया खुलासा सामने आया है। इस मामले में जहां पुलिस की 18 स्पेशल टीम काम कर रही है, वहीं दूसरी ओर पता चला है कि मृतका और उसकी सहेली की आरोपियों से पुरानी जान पहचान रही है। कार सवार आरोपी भी जानते थे कि कार के नीचे शव फंसा हुआ है, लेकिन इसके बावजूद वह कार को तेज गति से दौड़ाते रहे।
दिल्ली पुलिस स्पेशल सीपी सागर प्रीत हुड्डा ने बताया कि जो दीपक था, उसने अपने आप को ड्राइवर बताया। पूछताछ के दौरान पता चला कि गाड़ी अमित चला रहा था। इसके सबूत हैं। जो नए आरोपी हैं। उनमें से एक आरोपी का भाई है। उसने देखा कि ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है और ये एक्सीडेंट का केस है। तो नए आरोपी ने दूसरे से कहा कि तुम कहो कि गाड़ी चला रहे थे। जिसकी गाड़ी थी, उसे भी मालूम था कि गाड़ी कौन लेकर गया। उसने भी पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की।
इस मामले में दो नए वीडियो भी सामने आए हैं, जिनको देखने से पता चलता है कि 31 दिसंबर की रात को एक्सीडेंट के बाद निधि पैदल जाती दिख रही। यह फुटेज हादसे वाली जगह से कुछ ही दूरी का है। आरोपियों की कार के कुछ देर बाद पुलिस की वैन भी निकली। इसका CCTV फुटेज सामने आया है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अब आरोपियों की बैक रूट मैपिंग की जाएगी। इससे यह जानने की कोशिश होगी कि उस रात क्या हुआ होगा और आरोपियों ने क्या किया होगा।
पुलिस पांचों आरोपियों का लाई डिटेक्टर टेस्ट करवा सकती है। इसके लिए कोर्ट से अनुमति मांगेगी। मृतका अंजलि की मां ने बुधवार देर रात कहा, 'निधि भी बेटी अंजलि की हत्या में शामिल हो सकती है। उन्होंने कहा कि निधि को मैं नहीं जानती हूं। मैंने उसे कभी नहीं देखा। अंजलि ड्रिंक नहीं करती थी। वह नशे की हालत में कभी घर नहीं आई।'
फैमिली डॉक्टर भूपेश ने भी अंजलि के नशे में होने के दावे को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि अटॉप्सी रिपोर्ट में पाया गया है कि मृतका के पेट में अल्कोहल नहीं था।