World's first museum: तिरुवनंतपुरम में खुला दुनिया का पहला ताड़ के पत्तों का पांडुलिपि संग्रहालय

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World's first museum
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userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 06:45 AM
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World's first museum: तिरुवनंतपुरम। केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में हाल ही में दुनिया का ताड़ के पत्तों का पहला पांडुलिपि संग्रहालय खोला गया है, जिससे राज्य सांस्कृतिक और शैक्षणिक रूप से और अधिक समृद्ध हुआ है। यह संग्रहालय भारत की धरती पर यूरोपीय शक्तियों को हराने वाले एशिया के पहले साम्राज्य त्रावणकोर की लोकप्रिय कहानियों का खजाना समेटे हुए है।

World's first museum

दुनिया के पहले, ताड़ के पत्तों वाले पांडुलिपि संग्रहालय की उपलब्धि पाने वाले इस संस्थान में, 19वीं सदी के आखिर तक लगभग 650 बरस राज करने वाले त्रावणकोर साम्राज्य के प्रशासनिक, सामाजिक-सांस्कृतिक और आर्थिक पहलुओं के साथ-साथ राज्य के मध्य में कोच्चि की सीमाओं और आगे उत्तर में मालाबार की झलक मिलती है। अधिकारियों ने बताया कि यह संग्रहालय राज्य की सांस्कृतिक संपदा बढ़ाने के अलावा शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक विद्वानों के लिए भी महत्वपूर्ण है। संग्रहालय में पांडुलिपियों के अलावा कोलाचेल के प्रसिद्ध युद्ध की भी जानकारी उपलब्ध है, जिसमें त्रावणकोर के वीर राजा अनिजाम तिरुनल मार्तंड वर्मा (1729-58) ने डच ईस्ट इंडिया कंपनी को पराजित किया था। कोलाचेल वर्तमान में तमिलनाडु के कन्याकुमारी से 20 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित है। सन् 1741 में त्रावणकोर के राजा की जीत से डच का भारत में विस्तार रुक गया और मार्तंड वर्मा के राज में त्रावणकोर एशिया का पहला ऐसा राज्य बन गया, जिसने किसी यूरोपीय ताकत की विस्तारवादी सोच को रोका हो। पिछले सप्ताह खुले इस संग्रहालय में 187 पांडुलिपियां हैं, जो प्राथमिक स्रोतों पर आधारित कहानियों की खान हैं। ये दस्तावेज ताड़ के साफ और स्पष्ट पत्तों पर लिखे गए हैं, जो रिकॉर्ड कक्षों के कोनों पर सुसज्जित हैं। उस दौर में विवरण लिखने से पहले ताड़ के इन पत्तों को उपचारित किया गया था। पहले चरण में पूरे राज्य से इकट्ठे किए गए 1.5 करोड़ ताड़ के पत्तों के विशाल भंडार से छंटाई करने के बाद यह अभिलेख सामग्री चुनी गई थी। संग्रहालय में बांस की खपच्चियां और तांबे की प्लेटें भी हैं। यह संग्रहालय तीन सौ साल पुरानी इमारत में स्थित है। राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (पुरातत्व, अभिलेखागार और संग्रहालय) डॉ. वेणु ने कहा कि गैलरी में त्रावणकोर साम्राज्य के जटिल भूमि प्रबंधन, ऐतिहासिक घोषणाओं और अंतरराष्ट्रीय समझौतों के बारे में जानकारी उपलब्ध है। डॉ. वेणु नयी दिल्ली स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय के महानिदेशक भी रह चुके हैं। ताड़ के पत्तों का संग्रह जल्द ही शहर में एक आधुनिक इमारत में भेजा जाएगा, जहं वैज्ञानिक संग्रहण और अध्ययन की भी सुविधा होगी।

Kanjhawala Incident : आरोपियों को बचाने की कोशिश में जुटे दो लोग अब पुलिस की रडार पर

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Kanjhawala Incident : आरोपियों को बचाने की कोशिश में जुटे दो लोग अब पुलिस की रडार पर

Kanjhawala
Two people trying to save the accused are now on the police radar
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 03:03 AM
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नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने कहा कि वह उन दो लोगों की तलाश में जुटी है, जिन पर कंझावला हादसे के आरोपियों को बचाने की कोशिश करने का संदेह है।

Kanjhawala Incident

कंझावला में 20 वर्षीय युवती की स्कूटी को एक कार ने टक्कर मार दी और उसे सुल्तानपुरी से कंझावाला तक करीब 12 किलोमीटर घसीटते हुई ले गई। रविवार को हुई इस घटना में युवती की मौत हो गई थी। मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि 18 दल मामले की जांच कर रहे हैं और हर पहलू पर गौर किया जा रहा है।

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विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) सागर प्रीत हुड्डा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सीसीटीवी कैमरे की फुटेज और कॉल डिटेल के रिकॉर्ड के आधार पर दो और लोगों की संलिप्तता सामने आई है। पुलिस उनकी तलाश कर रही है। उन्होंने बताया कि इन दोनों लोगों की पहचान आशुतोष और अंकुश के तौर पर हुई है, जो कथित तौर पर आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रहे थे।

Kanjhawala Case : मृतका और उसकी सहेली की थी कार सवारों से पुरानी पहचान 

Kanjhawala Incident

अधिकारी ने बताया कि सभी पांच आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। अभी तक हुई जांच में सामने आया है कि युवती और आरोपी एक-दूसरे को नहीं जानते थे।
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Kanjhawala Case : मृतका और उसकी सहेली की थी कार सवारों से पुरानी पहचान 

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Kanjhawala Case
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:33 AM
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Kanjhawala Case : कंझावाला हादसे में गुरुवार को एक और नया खुलासा सामने आया है। इस मामले में जहां पुलिस की 18 स्पेशल टीम काम कर रही है, वहीं दूसरी ओर पता चला है कि मृतका और उसकी सहेली की आरोपियों से पुरानी जान पहचान रही है। कार सवार आरोपी भी जानते थे कि कार के नीचे शव फंसा हुआ है, लेकिन इसके बावजूद वह कार को तेज गति से दौड़ाते रहे।

Kanjhawala Case

दिल्ली पुलिस स्पेशल सीपी सागर प्रीत हुड्डा ने बताया कि जो दीपक था, उसने अपने आप को ड्राइवर बताया। पूछताछ के दौरान पता चला कि गाड़ी अमित चला रहा था। इसके सबूत हैं। जो नए आरोपी हैं। उनमें से एक आरोपी का भाई है। उसने देखा कि ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है और ये एक्सीडेंट का केस है। तो नए आरोपी ने दूसरे से कहा कि तुम कहो कि गाड़ी चला रहे थे। जिसकी गाड़ी थी, उसे भी मालूम था कि गाड़ी कौन लेकर गया। उसने भी पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की।

इस मामले में दो नए वीडियो भी सामने आए हैं, जिनको देखने से पता चलता है कि 31 दिसंबर की रात को एक्सीडेंट के बाद निधि पैदल जाती दिख रही। यह फुटेज हादसे वाली जगह से कुछ ही दूरी का है। आरोपियों की कार के कुछ देर बाद पुलिस की वैन भी निकली। इसका CCTV फुटेज सामने आया है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अब आरोपियों की बैक रूट मैपिंग की जाएगी। इससे यह जानने की कोशिश होगी कि उस रात क्या हुआ होगा और आरोपियों ने क्या किया होगा।

पुलिस पांचों आरोपियों का लाई डिटेक्टर टेस्ट करवा सकती है। इसके लिए कोर्ट से अनुमति मांगेगी। मृतका अंजलि की मां ने बुधवार देर रात कहा, 'निधि भी बेटी अंजलि की हत्या में शामिल हो सकती है। उन्होंने कहा कि निधि को मैं नहीं जानती हूं। मैंने उसे कभी नहीं देखा। अंजलि ड्रिंक नहीं करती थी। वह नशे की हालत में कभी घर नहीं आई।'

फैमिली डॉक्टर भूपेश ने भी अंजलि के नशे में होने के दावे को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि अटॉप्सी रिपोर्ट में पाया गया है कि मृतका के पेट में अल्कोहल नहीं था।

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