IPL में बदले खेल के उसूल, विदेशी चाहकर भी नहीं छू पाएंगे पंत–अय्यर की सैलरी
दिलचस्प यह है कि फ्रेंचाइजी के पर्स से कटौती फिर भी पूरे 20 करोड़ रुपये की ही मानी जाएगी। यानी खर्च पूरा टीम मालिक की जेब से, लेकिन सैलरी पर लगाम खिलाड़ी की कमाई पर यही नया समीकरण पूरी नीलामी की तस्वीर बदलने वाला है।

IPL 2026 : आईपीएल 2026 की नीलामी की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है।16 दिसंबर को अबू धाबी में होने वाली इस मेगा ऑक्शन के लिए दुनिया भर के 1355 खिलाड़ी रजिस्टर हो चुके हैं। यह आंकड़ा साफ बताता है कि इंडियन प्रीमियर लीग अब सिर्फ भारत की T20 लीग नहीं, बल्कि ऐसा ग्लोबल क्रिकेट ब्रांड बन चुका है, जहां हर बड़ा क्रिकेटर खुद को फ्रेंचाइजियों के रडार पर देखने का सपना लेकर उतरता है।
2 करोड़ वाले ब्रैकेट में भी दिखेगी खींचतान
नीलामी पूल में इस बार 2 करोड़ रुपये के टॉप बेस प्राइस वाले खिलाड़ियों की अलग ही चकाचौंध दिखाई देगी। इस प्रीमियम ब्रैकेट में 43 विदेशी और 2 भारतीय खिलाड़ी शामिल हैं, इसलिए शुरुआत से ही बोली का पारा हाई रहने की पूरी उम्मीद है। फ्रेंचाइजियों की खास नजर कुछ बड़े नामों पर टिकी होगी, जिनमें ऑस्ट्रेलिया के ताकतवर ऑलराउंडर कैमरन ग्रीन और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) से रिलीज किए गए युवा श्रीलंकाई तेज गेंदबाज मथीशा पथिराना सबसे आगे हैं। मलिंगा जैसी स्लिंग एक्शन, डेथ ओवरों में धांसू यॉर्कर और कम उम्र में ही मैच फिनिश करने की काबिलियत ने पथिराना को टीमों के लिए ‘ड्रीम डेथ बॉलर’ बना दिया है। माना जा रहा है कि नीलामी के दिन उनके लिए कई फ्रेंचाइजियां आमने–सामने बोली की जंग लड़ती दिखेंगी और उनकी कीमत बेस प्राइस से कई गुना ऊपर पहुंच सकती है।
सबसे भरा पर्स KKR के पास
पैसों की ताकत की बात करें तो इस बार कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) नीलामी टेबल पर सबसे ज्यादा दमदार खिलाड़ी बनकर उभर रही है। फ्रेंचाइजी 12 खिलाड़ियों को रिटेन कर चुकी है और इसके बावजूद उनके पर्स में करीब 64.30 करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि बची हुई है, जो उन्हें बाकी टीमों पर साफ बढ़त देती है। याद दिलाना जरूरी है कि 2024 की मिनी ऑक्शन में यही KKR थी, जिसने ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क पर 24.75 करोड़ रुपये की रिकॉर्डतोड़ बोली लगाकर पूरे क्रिकेट जगत को हैरान कर दिया था। ऐसे में अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि अबू धाबी में होने वाली इस नीलामी में भी कोलकाता किसी बड़े नाम पर फिर से आक्रामक दांव खेलने से बिल्कुल पीछे हटने वाली नहीं है।
विदेशी खिलाड़ियों के लिए नया नियम
इस बार की नीलामी को सबसे अलग और दिलचस्प बनाने वाला मोर्चा मैदान के बाहर खुला है, जहां BCCI ने विदेशी खिलाड़ियों की कमाई पर सीधे सर्जिकल स्ट्राइक कर दी है। नया नियम साफ कहता है कि अब कोई भी विदेशी स्टार चाहे जितना बड़ा हो, उसकी सैलरी एक तय दायरे से बाहर नहीं जा सकेगी। बोर्ड ने विदेशी खिलाड़ियों के वेतन पर 18 करोड़ रुपये की सैलरी कैप लगा दी है। मतलब साफ है – नीलामी के दिन किसी खिलाड़ी के लिए बोली भले ही 20 करोड़ रुपये या उससे ऊपर क्यों न पहुंच जाए, लेकिन उसके बैंक खाते में अधिकतम 18 करोड़ रुपये ही जाएंगे। बची हुई रकम, यानी अतिरिक्त 2 करोड़ रुपये, सीधे BCCI के प्लेयर वेलफेयर फंड में चली जाएगी। दिलचस्प यह है कि फ्रेंचाइजी के पर्स से कटौती फिर भी पूरे 20 करोड़ रुपये की ही मानी जाएगी। यानी खर्च पूरा टीम मालिक की जेब से, लेकिन सैलरी पर लगाम खिलाड़ी की कमाई पर यही नया समीकरण पूरी नीलामी की तस्वीर बदलने वाला है।
भारतीय खिलाड़ियों पर नहीं लागू होगी यह कैप
सबसे मज़ेदार ट्विस्ट यही है कि BCCI का यह नया नियम सिर्फ विदेशी खिलाड़ियों पर लागू होगा, भारतीय सितारों पर नहीं। यानी अगर कोई भारतीय स्टार नीलामी में 22 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा में बिकता है, तो उसके खाते में पूरी की पूरी रकम पहुंचेगी, उस पर किसी तरह की सैलरी कैप नहीं होगी। भारतीय खिलाड़ियों की कमाई पर कोई ऊपरी सीमा तय नहीं की गई है। इसी वजह से माना जा रहा है कि 2026 से पहले जिन भारतीय क्रिकेटरों – जैसे ऋषभ पंत, श्रेयस अय्यर या अन्य टॉप इंडियन स्टार्स ने मोटे कॉन्ट्रैक्ट साइन कर रखे हैं, वे कमाई के मामले में विदेशी खिलाड़ियों से काफी आगे बने रहेंगे। चाहे जितना भी बड़ा विदेशी नाम हो, इस नए नियम के चलते वह भारतीय सुपरस्टार्स की सैलरी को पार नहीं कर पाएगा।
ग्रीन–पथिराना जैसे सितारों पर सीधा असर
कैमरन ग्रीन, मथीशा पथिराना और इस प्रीमियम ब्रैकेट में शामिल बाकी विदेशी सितारों के लिए यह नया नियम एक तरह से वरदान भी है और चुनौती भी। एक तरफ फ्रेंचाइजियां टीम बैलेंस, ऑलराउंड स्किल और मैच जिता देने वाली काबिलियत को देखते हुए इन खिलाड़ियों पर खुलकर बोली लगाने को तैयार होंगी, लेकिन दूसरी तरफ 18 करोड़ रुपये की सैलरी कैप उनकी जेब तक पहुंचने वाली असली रकम पर ब्रेक लगा देगी। यानी नीलामी में बोली भले ही आसमान छू ले, मगर इन विदेशी सितारों की सालाना कमाई एक तय सीमा से आगे नहीं बढ़ पाएगी।
रणनीति बदलने को मजबूर होंगी टीमें
नए नियम के बाद फ्रेंचाइजियों के लिए भी नीलामी सिर्फ बोली लगाने का खेल नहीं, बल्कि तेज दिमाग वाली वित्तीय रणनीति का इम्तिहान बन जाएगी। अब अगर कोई टीम किसी विदेशी खिलाड़ी पर 20–22 करोड़ रुपये तक बोली चढ़ाती है, तो उसका सीधा फायदा खिलाड़ी की जेब के बजाय आंशिक रूप से BCCI के प्लेयर वेलफेयर फंड को भी मिलेगा, क्योंकि खिलाड़ी को तो अधिकतम 18 करोड़ रुपये ही मिलेंगे। ऐसे में टीम मालिकों को हर बड़ी बोली से पहले यह सोचना पड़ेगा कि क्या किसी विदेशी स्टार पर इतनी भारी रकम झोंकना वाकई समझदारी है। इसके उलट, भारतीय टैलेंट पर किया गया निवेश टीम कॉम्बिनेशन, फैन कनेक्ट और लंबी अवधि की फाइनेंशियल प्लानिंग तीनों मोर्चों पर ज्यादा सुरक्षित और फायदेमंद डील साबित हो सकता है। IPL 2026
IPL 2026 : आईपीएल 2026 की नीलामी की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है।16 दिसंबर को अबू धाबी में होने वाली इस मेगा ऑक्शन के लिए दुनिया भर के 1355 खिलाड़ी रजिस्टर हो चुके हैं। यह आंकड़ा साफ बताता है कि इंडियन प्रीमियर लीग अब सिर्फ भारत की T20 लीग नहीं, बल्कि ऐसा ग्लोबल क्रिकेट ब्रांड बन चुका है, जहां हर बड़ा क्रिकेटर खुद को फ्रेंचाइजियों के रडार पर देखने का सपना लेकर उतरता है।
2 करोड़ वाले ब्रैकेट में भी दिखेगी खींचतान
नीलामी पूल में इस बार 2 करोड़ रुपये के टॉप बेस प्राइस वाले खिलाड़ियों की अलग ही चकाचौंध दिखाई देगी। इस प्रीमियम ब्रैकेट में 43 विदेशी और 2 भारतीय खिलाड़ी शामिल हैं, इसलिए शुरुआत से ही बोली का पारा हाई रहने की पूरी उम्मीद है। फ्रेंचाइजियों की खास नजर कुछ बड़े नामों पर टिकी होगी, जिनमें ऑस्ट्रेलिया के ताकतवर ऑलराउंडर कैमरन ग्रीन और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) से रिलीज किए गए युवा श्रीलंकाई तेज गेंदबाज मथीशा पथिराना सबसे आगे हैं। मलिंगा जैसी स्लिंग एक्शन, डेथ ओवरों में धांसू यॉर्कर और कम उम्र में ही मैच फिनिश करने की काबिलियत ने पथिराना को टीमों के लिए ‘ड्रीम डेथ बॉलर’ बना दिया है। माना जा रहा है कि नीलामी के दिन उनके लिए कई फ्रेंचाइजियां आमने–सामने बोली की जंग लड़ती दिखेंगी और उनकी कीमत बेस प्राइस से कई गुना ऊपर पहुंच सकती है।
सबसे भरा पर्स KKR के पास
पैसों की ताकत की बात करें तो इस बार कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) नीलामी टेबल पर सबसे ज्यादा दमदार खिलाड़ी बनकर उभर रही है। फ्रेंचाइजी 12 खिलाड़ियों को रिटेन कर चुकी है और इसके बावजूद उनके पर्स में करीब 64.30 करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि बची हुई है, जो उन्हें बाकी टीमों पर साफ बढ़त देती है। याद दिलाना जरूरी है कि 2024 की मिनी ऑक्शन में यही KKR थी, जिसने ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क पर 24.75 करोड़ रुपये की रिकॉर्डतोड़ बोली लगाकर पूरे क्रिकेट जगत को हैरान कर दिया था। ऐसे में अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि अबू धाबी में होने वाली इस नीलामी में भी कोलकाता किसी बड़े नाम पर फिर से आक्रामक दांव खेलने से बिल्कुल पीछे हटने वाली नहीं है।
विदेशी खिलाड़ियों के लिए नया नियम
इस बार की नीलामी को सबसे अलग और दिलचस्प बनाने वाला मोर्चा मैदान के बाहर खुला है, जहां BCCI ने विदेशी खिलाड़ियों की कमाई पर सीधे सर्जिकल स्ट्राइक कर दी है। नया नियम साफ कहता है कि अब कोई भी विदेशी स्टार चाहे जितना बड़ा हो, उसकी सैलरी एक तय दायरे से बाहर नहीं जा सकेगी। बोर्ड ने विदेशी खिलाड़ियों के वेतन पर 18 करोड़ रुपये की सैलरी कैप लगा दी है। मतलब साफ है – नीलामी के दिन किसी खिलाड़ी के लिए बोली भले ही 20 करोड़ रुपये या उससे ऊपर क्यों न पहुंच जाए, लेकिन उसके बैंक खाते में अधिकतम 18 करोड़ रुपये ही जाएंगे। बची हुई रकम, यानी अतिरिक्त 2 करोड़ रुपये, सीधे BCCI के प्लेयर वेलफेयर फंड में चली जाएगी। दिलचस्प यह है कि फ्रेंचाइजी के पर्स से कटौती फिर भी पूरे 20 करोड़ रुपये की ही मानी जाएगी। यानी खर्च पूरा टीम मालिक की जेब से, लेकिन सैलरी पर लगाम खिलाड़ी की कमाई पर यही नया समीकरण पूरी नीलामी की तस्वीर बदलने वाला है।
भारतीय खिलाड़ियों पर नहीं लागू होगी यह कैप
सबसे मज़ेदार ट्विस्ट यही है कि BCCI का यह नया नियम सिर्फ विदेशी खिलाड़ियों पर लागू होगा, भारतीय सितारों पर नहीं। यानी अगर कोई भारतीय स्टार नीलामी में 22 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा में बिकता है, तो उसके खाते में पूरी की पूरी रकम पहुंचेगी, उस पर किसी तरह की सैलरी कैप नहीं होगी। भारतीय खिलाड़ियों की कमाई पर कोई ऊपरी सीमा तय नहीं की गई है। इसी वजह से माना जा रहा है कि 2026 से पहले जिन भारतीय क्रिकेटरों – जैसे ऋषभ पंत, श्रेयस अय्यर या अन्य टॉप इंडियन स्टार्स ने मोटे कॉन्ट्रैक्ट साइन कर रखे हैं, वे कमाई के मामले में विदेशी खिलाड़ियों से काफी आगे बने रहेंगे। चाहे जितना भी बड़ा विदेशी नाम हो, इस नए नियम के चलते वह भारतीय सुपरस्टार्स की सैलरी को पार नहीं कर पाएगा।
ग्रीन–पथिराना जैसे सितारों पर सीधा असर
कैमरन ग्रीन, मथीशा पथिराना और इस प्रीमियम ब्रैकेट में शामिल बाकी विदेशी सितारों के लिए यह नया नियम एक तरह से वरदान भी है और चुनौती भी। एक तरफ फ्रेंचाइजियां टीम बैलेंस, ऑलराउंड स्किल और मैच जिता देने वाली काबिलियत को देखते हुए इन खिलाड़ियों पर खुलकर बोली लगाने को तैयार होंगी, लेकिन दूसरी तरफ 18 करोड़ रुपये की सैलरी कैप उनकी जेब तक पहुंचने वाली असली रकम पर ब्रेक लगा देगी। यानी नीलामी में बोली भले ही आसमान छू ले, मगर इन विदेशी सितारों की सालाना कमाई एक तय सीमा से आगे नहीं बढ़ पाएगी।
रणनीति बदलने को मजबूर होंगी टीमें
नए नियम के बाद फ्रेंचाइजियों के लिए भी नीलामी सिर्फ बोली लगाने का खेल नहीं, बल्कि तेज दिमाग वाली वित्तीय रणनीति का इम्तिहान बन जाएगी। अब अगर कोई टीम किसी विदेशी खिलाड़ी पर 20–22 करोड़ रुपये तक बोली चढ़ाती है, तो उसका सीधा फायदा खिलाड़ी की जेब के बजाय आंशिक रूप से BCCI के प्लेयर वेलफेयर फंड को भी मिलेगा, क्योंकि खिलाड़ी को तो अधिकतम 18 करोड़ रुपये ही मिलेंगे। ऐसे में टीम मालिकों को हर बड़ी बोली से पहले यह सोचना पड़ेगा कि क्या किसी विदेशी स्टार पर इतनी भारी रकम झोंकना वाकई समझदारी है। इसके उलट, भारतीय टैलेंट पर किया गया निवेश टीम कॉम्बिनेशन, फैन कनेक्ट और लंबी अवधि की फाइनेंशियल प्लानिंग तीनों मोर्चों पर ज्यादा सुरक्षित और फायदेमंद डील साबित हो सकता है। IPL 2026












