करोड़ो की बोली, फिर भी पूरा पैसा नहीं! IPL कॉन्ट्रैक्ट का अंदरूनी हिसाब समझिए

खासकर विदेशी खिलाड़ियों के मामले में BCCI की ‘कैपिंग’ और फिर टैक्स कटौती दोनों मिलकर उस रकम को काफी घटा देते हैं। यही वजह है कि 25 करोड़ में बिकने वाला खिलाड़ी भी अंत में पूरे 25 करोड़ घर नहीं ले जाता।

IPL की कमाई का गणित समझिए
IPL की कमाई का गणित समझिए
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar17 Dec 2025 02:21 PM
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IPL 2026 : टीवी स्क्रीन पर जब किसी खिलाड़ी के नाम के आगे 20–25 करोड़ की बोली चमकती है, तो लगता है मानो उसकी ज़िंदगी रातों-रात बदल गई। लेकिन आईपीएल की नीलामी का यह आंकड़ा ‘इन-हैंड’ कमाई नहीं होता। खासकर विदेशी खिलाड़ियों के मामले में BCCI की ‘कैपिंग’ और फिर टैक्स कटौती दोनों मिलकर उस रकम को काफी घटा देते हैं। यही वजह है कि 25 करोड़ में बिकने वाला खिलाड़ी भी अंत में पूरे 25 करोड़ घर नहीं ले जाता।

1) ‘कैपिंग’ का नियम

आईपीएल के नियमों में विदेशी खिलाड़ियों की फीस को लेकर एक अहम शर्त होती है कैपिंग (Capping)। इसके तहत अगर कोई विदेशी खिलाड़ी नीलामी में 20, 22 या 25 करोड़ में भी बिक जाए, तो उसकी वास्तविक फीस एक तय सीमा तक ही मानी जाती है। यानी बोली जितनी भी बड़ी हो, खिलाड़ी को अधिकतम कैपिंग राशि तक ही भुगतान मिलता है और नीलामी रकम व कैपिंग रकम के बीच का अंतर आमतौर पर BCCI के वेलफेयर/कल्याण फंड में चला जाता है। यह नियम मुख्य रूप से विदेशी खिलाड़ियों पर लागू माना जाता है, जबकि भारतीय खिलाड़ियों के मामले में यह बाध्यता नहीं दिखती।

2) ग्रॉस सैलरी से कटकर बनती है इन-हैंड

कैपिंग की सीमा पार होते ही खिलाड़ियों की कमाई पर दूसरा बड़ा “कट” लगता है टैक्स का। टीवी स्क्रीन पर जो रकम चमकती है, वह ग्रॉस सैलरी होती है; खिलाड़ी के खाते में उतनी रकम कभी नहीं आती। विदेशी खिलाड़ियों की फीस पर आमतौर पर TDS की दर ऊंची रहती है, जबकि भारतीय खिलाड़ियों के मामले में भी TDS कटता है बस उनकी टैक्स स्लैब और भुगतान संरचना के हिसाब से दरें बदलती रहती हैं। नतीजा साफ है: नीलामी में करोड़ों की बोली जितनी भारी दिखती है, बैंक स्टेटमेंट तक पहुंचते-पहुंचते वही रकम काट-छांटकर काफी हल्की हो जाती है।

3) मैनेजर-पीआर की फीस

टैक्स कटने के बाद भी खिलाड़ी की जेब “पूरी” नहीं भरती । मिलने वाली रकम में से अक्सर मैनेजर/एजेंट का कमीशन, पीआर एजेंसी की फीस, और ट्रेनर–फिजियो–सपोर्ट स्टाफ का खर्च अलग से जाता है। यानी नीलामी के बाद जो पैसा नेट दिखता है, वह भी कई बार अंतिम रकम नहीं होती। मैदान पर फिटनेस, ब्रांड वैल्यू और प्रोफेशनल टीम बनाए रखने की कीमत खिलाड़ी को खुद चुकानी पड़ती है और यही वजह है कि करोड़ों की डील के बावजूद “हाथ में आया पैसा” अक्सर लोगों की कल्पना से काफी कम रह जाता है।

4) किश्तों में मिलता है भुगतान

आईपीएल में खिलाड़ियों की कमाई “मैच फीस” नहीं, बल्कि कॉन्ट्रैक्ट सैलरी होती है और इसका भुगतान भी अक्सर एकमुश्त नहीं होता। फ्रेंचाइजी आमतौर पर रकम को टूर्नामेंट से पहले और सीजन के दौरान किस्तों में जारी करती है। खिलाड़ी फिट और उपलब्ध है तो वह प्लेइंग-11 में उतरे या बेंच पर बैठे, कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक सैलरी चलती रहती है। लेकिन कहानी तब बदलती है जब खिलाड़ी चोटिल हो जाए या बीच सीजन टीम से बाहर हो जाए ऐसे मामलों में भुगतान कई बार एग्रीमेंट की शर्तों, मेडिकल रिपोर्ट और उपलब्धता के आधार पर तय होता है। यानी नीलामी का आंकड़ा जितना सीधा दिखता है, भुगतान की वास्तविक तस्वीर उतनी ही “कॉन्ट्रैक्ट-ड्रिवन” और शर्तों से बंधी रहती है।

5) भुगतान अब रुपये में होता है डॉलर में नहीं

आईपीएल में फीस को लेकर एक बड़ी गलतफहमी भी रहती है, कई लोग मान लेते हैं कि विदेशी खिलाड़ियों को भुगतान डॉलर में होता होगा। जबकि हकीकत यह है कि अब खिलाड़ियों की कॉन्ट्रैक्ट फीस का भुगतान भारतीय रुपये (INR) में ही किया जाता है। यानी नीलामी में फ्रेंचाइजी ने जितनी बोली लगाई, उसी रकम का भुगतान रुपये में होता है डॉलर में नहीं। इससे यह साफ हो जाता है कि खिलाड़ी की कमाई का “फाइनल हिसाब” भी भारतीय मुद्रा के हिसाब से ही तय होता है, और बाकी कटौतियां/शर्तें उसी ढांचे में लागू होती हैं। IPL 2026

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मेसी के पैर की कीमत से दुनिया हैरान, रकम इतनी कि एक छोटा देश चल जाए!

मगर इस चमक-धमक के बीच एक और बात ने लोगों को हैरान कर दिया: मेसी के बाएं पैर के इंश्योरेंस की चर्चा, जिसकी कीमत सुनकर अच्छे-अच्छों के होश उड़ सकते हैं। वहीं भारतीय क्रिकेट की जर्सी भेंट कर भारत में खेल संस्कृति और सम्मान का संदेश भी दिया गया।

लियोनेल मेसी
लियोनेल मेसी
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar17 Dec 2025 12:36 PM
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Messi leg insurance : फुटबॉल की दुनिया के सबसे बड़े सितारों में शुमार लियोनेल मेसी का भारत दौरा किसी उत्सव से कम नहीं रहा। नई दिल्ली, कोलकाता और हैदराबाद तीन शहरों में तीन दिन तक फैंस का जोश चरम पर दिखा। हर जगह वही एक सवाल गूंजता रहा “मेसी को करीब से देखने का मौका कब मिलेगा?” मगर इस चमक-धमक के बीच एक और बात ने लोगों को हैरान कर दिया: मेसी के बाएं पैर के इंश्योरेंस की चर्चा, जिसकी कीमत सुनकर अच्छे-अच्छों के होश उड़ सकते हैं।

क्रिकेट और फुटबॉल का ‘वर्ल्ड-क्लास’ मिलन

दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में मेसी के सम्मान समारोह ने इस दौरे को खास बना दिया। स्टेडियम में क्रिकेट और फुटबॉल के फैंस एक साथ नजर आए—मानो खेलों की सीमाएं कुछ देर के लिए मिट गई हों। इस मौके पर मेसी को भारतीय क्रिकेट से जुड़ी यादगार भेंट भी दी गई। बताया गया कि 2024 टी-20 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम के ऑटोग्राफ वाला बैट उन्हें उपहार में दिया गया। वहीं भारतीय क्रिकेट की जर्सी भेंट कर भारत में खेल संस्कृति और सम्मान का संदेश भी दिया गया।

74 अरब रुपये का ‘जादुई पैर’!

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेसी के बाएं पैर का बीमा करीब 900 मिलियन डॉलर बताया जाता है। भारतीय मुद्रा में देखें तो यह रकम लगभग 74 अरब रुपये के आसपास बैठती है। यह संख्या सिर्फ बड़ी नहीं कल्पना से भी बाहर है। यही बायां पैर मेसी की पहचान है, वही ‘टच’ और वही ‘फिनिशिंग’ जिसने उन्हें फुटबॉल का आइकन बनाया। इसी वजह से उसकी सुरक्षा को लेकर भी कोई समझौता नहीं किया जाता।

फिर मेसी मैदान में क्यों नहीं उतरे?

कई फैंस यह भी पूछते रहे कि जब मेसी भारत आए तो उन्होंने कोई दोस्ताना या प्रदर्शनी मैच क्यों नहीं खेला। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण वही इंश्योरेंस और रिस्क मैनेजमेंट माना जाता है। अक्सर सुपरस्टार खिलाड़ी आधिकारिक मैचों के अलावा अनौपचारिक मुकाबलों में खेलने से बचते हैं, क्योंकि प्रदर्शनी मैच के दौरान चोट लगने पर बीमा शर्तें जटिल हो सकती हैं और नुकसान करोड़ों-अरबों तक पहुंच सकता है। यही वजह है कि ऐसे दौरों में खिलाड़ी आमतौर पर समारोह, मुलाकात और फैन-एंगेजमेंट तक सीमित रहते हैं, मैदान पर “जोखिम वाली किक” नहीं लगाते। मेसी का यह दौरा भारतीय खेलप्रेमियों के लिए यादगार बन गया जहां एक तरफ उनकी मौजूदगी ने माहौल को ‘स्टारडम’ से भर दिया, वहीं दूसरी तरफ उनके लेफ्ट फुट की बीमा रकम ने नई बहस छेड़ दी। कुल मिलाकर, मेसी की यात्रा ने एक बार फिर साबित किया: कुछ खिलाड़ी मैदान में नहीं, इतिहास में खेलते हैं और उनकी कीमत सिर्फ ट्रॉफियों से नहीं, उनके टैलेंट की “वैल्यू” से भी नापी जाती है। Messi leg insurance

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कौड़ियों के भाव दिल्ली के हाथ लगे दो ‘गेमचेंजर’, मौका मिला तो बरसेंगे रन

हैरानी की बात यह रही कि शुरुआती दौर में किसी टीम ने मिलर के लिए जोर नहीं लगाया, और इसी मौके को दिल्ली ने बिना देरी भुनाया। टी20 में बड़े शॉट्स और दबाव में फिनिश करने की मिलर की पहचान दिल्ली के लिए बेहद काम की साबित हो सकती है।

दिल्ली कैपिटल्स टीम
दिल्ली कैपिटल्स टीम
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar17 Dec 2025 10:23 AM
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IPL 2026 : 18 सीजन से ट्रॉफी का सूखा झेल रही दिल्ली कैपिटल्स इस बार IPL 2026 में इतिहास बदलने के मूड में दिख रही है। फ्रेंचाइजी ने रिटेन किए गए खिलाड़ियों के साथ मिनी ऑक्शन में भी बेहद सटीक और ‘हिसाब-किताब वाली’ रणनीति अपनाई। 21.8 करोड़ रुपये के पर्स के साथ मैदान में उतरी दिल्ली ने 8 नए खिलाड़ियों को जोड़कर स्क्वॉड को मजबूती और गहराई दोनों दीं। मगर असली चर्चा दो ऐसे ‘कम कीमत’ वाले सौदों की है, जिन्हें फैंस अब दिल्ली के छिपे हुए ट्रम्प कार्ड की तरह देख रहे हैं क्योंकि ये खिलाड़ी मौका मिलते ही मैच का पासा पलटने का दम रखते हैं।

बेस प्राइस में “किलर फिनिशर” मिलर

ऑक्शन की शुरुआत में ही दिल्ली ने दमदार दांव खेला। साउथ अफ्रीका के विस्फोटक बल्लेबाज डेविड मिलर को फ्रेंचाइजी ने उनके बेस प्राइस 2 करोड़ रुपये में अपने नाम कर लिया। हैरानी की बात यह रही कि शुरुआती दौर में किसी टीम ने मिलर के लिए जोर नहीं लगाया, और इसी मौके को दिल्ली ने बिना देरी भुनाया। टी20 में बड़े शॉट्स और दबाव में फिनिश करने की मिलर की पहचान दिल्ली के लिए बेहद काम की साबित हो सकती है।

बेन डकेट भी बिना मुकाबले मिल गए

दिल्ली ने अगले सेट में भी मौके पर चौका मारा। इंग्लैंड के आक्रामक ओपनर बेन डकेट को भी बेस प्राइस 2 करोड़ रुपये में खरीद लिया गया। यहां भी बाकी टीमों से कोई प्रतिस्पर्धा नहीं दिखी, और दिल्ली ने सीधे उन्हें स्क्वॉड में जोड़कर बैटिंग विकल्पों को और मजबूत कर दिया। डकेट की तेज शुरुआत और मिलर की फिनिशिंग—अगर प्लेइंग-11 में सही रोल मिला तो दिल्ली की बैटिंग को “तूफानी मोड” में ले जाना तय माना जा रहा है। अब देखना होगा कि टीम मैनेजमेंट इन दोनों को किस रणनीति के तहत इस्तेमाल करता है।

स्टब्स के साथ खेलने को उत्साहित - मिलर

दिल्ली कैपिटल्स में चुने जाने के बाद डेविड मिलर ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि वह साउथ अफ्रीका के अपने साथी ट्रिस्टन स्टब्स के साथ खेलने को लेकर काफी उत्साहित हैं। स्टार स्पोर्ट्स पर उन्होंने कहा, “मैं सच में बहुत उत्साहित हूं। जब मुझे पता चला, तब मैं ट्रेनिंग ग्राउंड से ही आया था। मैं काफी समय से आईपीएल खेल रहा हूं और कुछ टीमों के लिए खेला हूं, इसलिए दिल्ली के लिए खेलने का मौका मिलना रोमांचक है। मैं आगे क्या होगा, इसके लिए उत्सुक हूं।”

दिल्ली ने ऑक्शन में किन-किन खिलाड़ियों को खरीदा?

दिल्ली कैपिटल्स ने मिनी ऑक्शन में कुल 8 खिलाड़ी खरीदे और खास तौर पर बैटिंग लाइन-अप को मजबूती देने पर फोकस किया। टीम ने डेविड मिलर और बेन डकेट के साथ-साथ औकिब नबी, पथुम निसांका, लुंगी एनगिडी, साहिल पारख, पृथ्वी शॉ और काइल जैमीसन को शामिल किया। सबसे महंगे खिलाड़ी औकिब नबी रहे, जिन्हें 8 करोड़ 40 लाख रुपये में खरीदा गया। वहीं पथुम निसांका 4 करोड़ में, जबकि लुंगी एनगिडी और काइल जैमीसन 2-2 करोड़ रुपये में टीम का हिस्सा बने।

IPL 2026 के लिए दिल्ली कैपिटल्स का स्क्वॉड

अक्षर पटेल, नितीश राणा, अभिषेक पोरेल, अजय मंडल, आशुतोष शर्मा, दुष्मंता चमीरा, करुण नायर, केएल राहुल, कुलदीप यादव, माधव तिवारी, मिचेल स्टार्क, समीर रिजवी, टी नटराजन, त्रिपुराना विजय, ट्रिस्टन स्टब्स, विप्रज निगम, डेविड मिलर, बेन डकेट, औकिब नबी, पथुम निसांका, लुंगी एनगिडी, साहिल पारख, पृथ्वी शॉ, काइल जैमीसन। IPL 2026

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