National News : बेटी की क्लॉस के टॉपर को जहर देकर मार डाला

Murder final
locationभारत
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calendar02 Dec 2025 01:59 AM
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Puducherry : पुडुचेरी। किसी के प्रति जलन इस हद तक हो सकता है कि कोई किसी की जान तक ले ले? आपको यकीन नहीं होगा, लेकिन एक ऐसी ही सन्न कर देने वाली घटना उजागर हुई है। पुडुचेरी (Puducherry) के कराईकल (Karaikal) इलाके में 42 वर्षीय एक महिला ने अपनी बेटी की क्लास के टॉपर (topper) को जहर (Poison) देकर मार डाला। महिला को इस बात से जलन थी कि 13 वर्षीय छात्र उसकी बेटी की क्लास का टॉपर था। आरोपी महिला ने टॉपर को कोल्ड ड्रिंक में जहर डालकर पिला दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल वो जेल की सलाखों की पीछे है। कराईकल के एसएसपी आर लोकेश्वरन ने बताया कि महिला इस बात से चिढ़ती थी कि 13 साल का बाल मणिकंदन पढ़ाई में हमेशा उसकी बेटी से बेहतर प्रदर्शन करता था। दोनों आठवीं क्लास के छात्र थे। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को स्कूल के वार्षिक दिवस समारोह के दौरान महिला ने बाल मणिकंदन को कोल्ड ड्रिंक में जहर डालकर पिला दिया। महिला ने वाचमैन से कहा था कि वो मणिकंदन की मां है, महिला ने वाचमैन को कोल्ड ड्रिंक की दो बोतल दी और कहा कि ये बाल मणिकंदन को समारोह के बाद दे दे। बाल मणिकंदन ने कोल्ड ड्रिंक की दोनों बोतल पी ली। उसे पीते ही उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। घर पहुंचते ही उसे उल्टी होने लगी। माता-पिता उसे नजदीकी निजी अस्पताल लेकर गए। इलाज के बाद वह घर आ गए, लेकिन शनिवार को अचानक उसकी तबीयत फिर खराब हो गई और उसे कराईकल के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। मणिकंदन ने अपनी मां को बताया कि उसे चौकीदार ने कोल्ड ड्रिंक की बोतल दी थी, जिसे पीने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ी है। छात्र की मां को कुछ शक हुआ। उसने कराईकल थाने में शिकायत दर्ज कराई। एसएसपी लोकेश्वरन ने कहा कि पुलिस ने जांच की और दौरान आरोपी महिला से पूछताछ की और शनिवार रात उसे उठा लिया। पूछताछ में महिला ने बताया कि उसने कोल्ड ड्रिंक में दस्त की दवा मिलाने की बात कबूल कर ली। पुलिस ने पुलिस ने उसे हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया और एक स्थानीय अदालत ने उसे जेल भेज दिया।
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Meerut News इस पिता को बोझ लग रही थी 12 साल की बेटी, फेंक दिया नहर में

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locationभारत
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calendar04 Sep 2022 06:28 PM
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Meerut News कहते हैं कि बेटी पिता का अभिमान और स्वाभिमान होती हैं। बेटी का दुख उस व्यक्ति को ज्यादा खलता है, जिसके बेटी नहीं होती, लेकिन उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक बाप को अपनी 12 साल की बेटी बोझ लग रही थी। इस बोझ को कम करने के लिए पिता ने अपनी 12 साल की मासूम बेटी को नहर में फेंक दिया और बेटी के अपहरण की झूठी रिपोर्ट थाने में दर्ज करा दी है। फिलहाल, सच्चाई सामने के बाद पुलिस ने बालिका की तलाश शुरू कर दी है। अभी तक बालिका का कुछ पता नहीं चल सका है।

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जानकारी के अनुसार मेरठ के गंगानगर थाना क्षेत्र निवासी बबलू मूलरूप से बागपत के सिंघावली का रहने वाला है। वह मेरठ में अपनी पत्नी रूबी, 14 वर्षीय पुत्र वंश, 12 वर्षीय बेटी चंचल और 5 वर्षीय बेटे आरव के साथ रहता है। वह एक फाइनेंस कंपनी में कलेक्शन एजेंट है।

आपको बता दें कि बबलू की 12 साल की बेटी चंचल 1 सितंबर की रात 8 बजे से गायब थी। बबलू ने पुलिस को बेटी चंचल के अपहरण की आशंका जताते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। दो दिन तक जब चंचल का पता नहीं चला तो पुलिस ने बबलू को पूछताछ के लिए बुलाया। बबलू पहले तो पुलिस को गुमराह करता रहा, लेकिन बाद में जब सख्ती की गई तो टूट गया। उसने सारा सच उगल दिया।

पुलिस पूछताछ में बबलू ने बताया कि गुरुवार की रात 10 बजे वो, पत्नी और बेटी को भोला की झाल इलाके में लेकर गया था। वहां बेटी को नहर में फेंक दिया। एसपी देहात केशव कुमार ने बताया कि पिता की इस बात पर भरोसा नहीं हो रहा है कि उसने जिंदा बेटी को नहर में फेंक दिया है। हो सकता है कि बेटी की हत्या करने के बाद उसे फेंका हो। पुलिस की टीम शव को ढूंढने के लिए लगा दी गई है।

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एसपी देहात केशव कुमार ने बताया कि पिता के बेटी को फेंकने की बात पर पुलिस टीम को भोला की झाल भेजा गया। वहां लगे एक सीसीटीवी कैमरे में चंचल अपने पिता बबलू और मां रुबी के साथ जाती हुई दिख रही है। इससे यह पुख्ता हो गया कि चंचल की हत्या कर दी गई है।

आरोपी पिता बबलू ने पुलिस पूछताछ में बताया था कि बेटी चंचल को एक रेस्टोरेंट में बर्गर खिलाने ले गया था। वहां जब पुलिसकर्मी पहुंचे और पूछताछ की तो उसने बताया कि उसकी दुकान पर बच्ची नहीं आई थी। सीसीटीवी कैमरे भी चेक करवाए, जिसमें चंचल नहीं दिखी।

पुलिस पूछताछ में आरोपी बबलू ने बताया कि उसकी पत्नी रोज एक ही बात कहती थी कि चंचल लड़कों से बात करती है। कहीं आगे चल कर बेटी की ये हरकत बदनामी का कारण न बन जाए, इसलिए बेटी उसे और उसकी पत्नी को बोझ लगने लगी थी। साथ ही उसकी पत्नी उसे यह भी कहा था कि चंचल को मारना जरूरी है, ताकि बदनामी से बचा जा सके।

एसपी देहात केशव कुमार ने बताया कि 12 साल की बच्ची को गंग नहर में फेंकने की बात बच्ची की मां और पिता ने कबूल कर लिया है। सीसी टीवी फुटेज देखने पर पता चला है कि दोनों बच्ची को बाइक से लेकर गए थे। जहां रात में बच्ची को नहर में फेंक दिया।

फिलहाल बालिका की तलाश के लिए गंग नहर में पीएसी के गोताखोर लगाकर सर्च अभियान शुरू करा दिया गया है। मुकदमा 363 और 366 धारा में दर्ज था, उसी में हत्या की धारा बढ़ा दी जाएगी। यदि बच्ची का शव नहीं मिलता है तो पुलिस 364 में बच्ची की मां और पिता को कोर्ट में पेश करेगी। पूरी घटना में बच्ची का पिता और मां दोनों दोषी हैं।

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ED : चीन से संचालित हो रही पेमेंट गेटवे कंपनियों पर ईडी का छापा, 17 करोड़ जब्त

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 09:42 PM
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चाइनीज लोन ऐप (chinese loan app) मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) बेंगलुरू में छह ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। ईडी ने बताया है कि वह ऑनलाइन पेमेट गेटवे कंपनियों (online payment gateway companies) रेजरपे, पेटीएम और कैश फ्री (Razorpay, Paytm and Cash Free) के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। इस दौरान 17 करोड़ की नकदी जब्त की गई है। ईडी के अनुसार छापेमारी की यह कार्रवाई दो सितंबर को बेंगलुरु के छह ठिकानों पर शुरू की गई। यह अब भी जारी है। एजेंसी ने कहा कि उसने छापेमारी के दौरान मर्चेंट आईडी और चीन के लोगों की ओर से नियंत्रित संस्थाओं के बैंक खातों में रखे गए 17 करोड़ रुपये को जब्त कर लिया है। ईडी के अनुसार इन संस्थाओं के काम करने का तरीका यह है कि वे भारतीय नागरिकों के जाली दस्तावेजों का उपयोग कर उन्हें डमी निदेशक बनाकर अवैध आमदनी अर्जित कर रहे हैं। ईडी ने कहा है कि इन संस्थाओं को चीन के लोगों की ओर से नियंत्रित किया जाता है। यह भी पता चला है कि ये संस्थाएं भुगतान गेटवे और बैंकों के पास रखे गए विभिन्न मर्चेंट आईडी व खातों के माध्यम से संदिग्ध और अवैध व्यवसाय चला रही थीं। ईडी ने कहा कि रेजोरपे प्राइवेट लिमिटेड, कैशफ्री पेमेंट्स और पेटीएम पेमेंट सर्विसेज लिमिटेड जैसी कंपनियों के परिसरों की तलाशी अभियान के दौरान यह बात सामने आई है कि ये चीन के लोगों की ओर से नियंत्रित और संचालित होती हैं। ईडी के अनुसार ये संस्थाएं विभिन्न मर्चेंट आईडी व खातों के माध्यम से अवैध आय अर्जित कर रहीं थीं। ईडी ने यह भी कहा है कि जांच के दौरान पता चला है कि ये संस्थाएं एमसीए (कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय) की वेबसाइट पर दिए गए पंजीकृत पते पर से भी काम नहीं कर रहे हैं। वे नकली पते से ऑपरेट कर रहे हैं। ईडी ने कहा कि मनी लांड्रिंग का यह मामला, जिसके तहत छापेमारी चल रही है, वह बेंगलुरु पुलिस के साइबर क्राइम स्टेशन की ओर से दर्ज कम से कम 18 एफआईआर पर आधारित है। ये एफआईआर कई संस्थाओं और व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज किए गए हैं। इन मामलों में आरोपियों पर छोटी राशि के लोन की वसूली के लिए भी उत्पीड़न करने के आरोप लगाए गए हैं।