कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, सीज रहेंगे बैंक एकाउंट

Congress
Congress In Trouble
locationभारत
userचेतना मंच
calendar08 Mar 2024 11:32 PM
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Congress In Trouble : लोकसभा चुनाव-2024 की विधिवत घोषणा होने वाली है। लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले भारत के सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा। एक अदालती फैसले के अनुसार इनकम टैक्स द्वारा फ्रीज (सीज) किए गए कंाग्रेस पार्टी के बैंक खाते (एकाउंट) आगे भी सीज ही रहेंगे। स्टे की मांग करने गई कांग्रेस पार्टी को स्टे नहीं मिला है। यह मामला 210 करोड़ रूपये की वसूली से जुड़ा हुआ है।

कांग्रेस को लगा बड़ा झटका

शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है। 100 साल से भी पुरानी पार्टी कांग्रेस के बैंक खाते (बैंक एकाउंट) अब लम्बे समय तक फ्रीज (सीज) रहेंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आयकर अपीलीय प्राधिकरण (ITAT) ने शुक्रवार को कांग्रेस की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें पार्टी ने अपने बैंक खातों पर आयकर विभाग की कार्रवाई पर स्टे की मांग की थी। दरअसल, आयकर विभाग ने कांग्रेस और यूथ कांग्रेस से जुड़े चार बैंक अकाउंट को फ्रीज कर दिया था. आयकर विभाग ने 210 करोड़ की रिकवरी मांगी है. यानी कांग्रेस को यह रकम पैनल्टी के तौर पर आयकर विभाग को देनी होगी. इसके खिलाफ पार्टी ने आयकर अपीलीय प्राधिकरण में अपील की थी, लेकिन इस अपील को खारिज कर दिया गया है। प्राधिकरण के आदेश की घोषणा के बाद कांग्रेस की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने आईटीएटी से आदेश को 10 दिनों के लिए स्थगित रखने का आग्रह किया ताकि वे हाईकोर्ट में अपील दायर कर सकें. उन्होंने कहा, "चूंकि आपने स्टे आवेदन खारिज कर दिया है, इस कारण पार्टी के लिए दूरगामी परिणाम होंगे. क्या मैं अदालत से आदेश को 10 दिनों के लिए स्थगित रखने का अनुरोध कर सकता हूं ताकि मैं हाईकोर्ट जा सकूं?" अपीलीय न्यायाधिकरण ने यह कहते हुए याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया कि उन्हें इस तरह के आदेश पारित करने का अधिकार नहीं है.

क्यों फ्रीज हुए खाते?

आपको यह जानना जरूरी है कि कांग्रेस पार्टी के वर्ष-2018-2019 के इनकम टैक्स रिटर्न से जुड़ा है. आयकर विभाग ने कांग्रेस से पैनल्टी के तौर पर 210 करोड़ की रिकवरी मांगी है। कांग्रेस नेता अजय माकन के मुताबिक, इस एक्शन के दो कारण हैं. पहला- हम लोगों को 31 दिसंबर 2019 तक अपने अकाउंट से संबंधित जानकारी आयकर विभाग को देनी थी. उस समय 40-45 दिन लेट रिटर्न सब्मिट किया था. आमतौर पर भी लोग 10-15 दिन लेट हो जाते हैं. दूसरा कारण यह है कि 2018-19 चुनावी वर्ष था. उस चुनावी वर्ष में कांग्रेस के 199 करोड़ रुपए खर्च हुए थे. उसमें से 14 लाख 40 हजार रुपए कांग्रेस के सांसद और विधायकों ने अपने वेतन का हिस्सा जमा करवाया था. ये पैसा कैश में जमा किया गया था. कैश में पैसा आने की वजह से आयकर विभाग ने कांग्रेस पर 210 करोड़ रुपए की पैनल्टी लगा दी है। Congress In Trouble सुनवाई के दौरान एडवोकेट तन्खा ने तर्क दिया कि आईटी के दावे के विपरीत, राजनीतिक दल फंड के लिए विवश है, खासकर क्योंकि उसे आगामी चुनावों के लिए अपने अभियान के वित्तपोषण के लिए संसाधनों की आवश्यकता है. तन्खा के मुताबिक, अगर पार्टी आगामी चुनाव में केवल 350 सीटों पर भी चुनाव लड़ती है, तो उसे प्रत्येक उम्मीदवार के खर्च का 50 प्रतिशत वहन करना पड़ सकता है, जो एक महंगा मामला साबित हो सकता है. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के मुताबिक लोकसभा चुनाव में एक उम्मीदवार 95 लाख रुपये तक खर्च कर सकता है. 21 फरवरी को, आईटी ने तर्क दिया था कि राजनीतिक दल के पास 657 करोड़ रुपये का कोष, 340 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति के अलावा 380 करोड़ रुपये की नकद है. आगे तर्क दिया गया कि इससे आगामी चुनावों में कांग्रेस की गतिविधियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा और इसलिए मांग पर रोक लगाने की जरूरत नहीं है. इस प्रकार लोकसभा चुनाव की विधिवत घोषणा से चंद दिन पहले ही कांग्रेस पार्टी को यह बड़ा झटका लगा है। राजनीतिक तौर पर तो कांग्रेस को रोज ही झटके लग रहे हैं। आर्थिक तौर पर यह बड़ा झटका माना जा रहा है।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को मिला अनोखा न्योता कहा तुरंत आ जाओ

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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को मिला अनोखा न्योता कहा तुरंत आ जाओ

Union Minister Nitin Gadkari
Union Minister Nitin Gadkari
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 10:18 PM
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Union Minister Nitin Gadkari: केंद्रीय मंत्री तथा भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता नितिन गडकरी को अनोखा न्योता मिला है नितिन गडकरी को यह न्योता उनके एक पुराने मित्र के राजनेता पुत्र ने दिया है। इस न्योते को जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे। हैरानी की कोई बात नहीं है नितिन गडकरी को लेकर पहले भी तरह-तरह की बातें सामने आती रही हैं। नितिन गडकरी न केवल केंद्रीय मंत्री हैं बल्कि बीजेपी के बड़े नेता भी हैं। नितिन गडकरी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं। क्या मिला नितिन गडकरी को न्योता आपको बता दें कि नितिन गडकरी एक जमाने में शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे के मित्र रहे हैं। बाला साहब ठाकरे के पुत्र उद्धव ठाकरे ने नितिन गडकरी को एक न्योता दिया है। शिवसेना चीफ, उद्धव ठाकरे (UBT) ने शुक्रवार को कहा कि, 'बीजेपी की लिस्ट सामने आ गई है.। उनके नाम घोषित हुए हैं। जिन कृपाशंकर सिंह पर बीजेपी ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था उनका नाम भी पीएम मोदी के साथ लिस्ट में है, लेकिन नितिन गडकरी जिन्होंने इतने सालों तक महाराष्ट्र में बीजेपी के लिए आधार तैयार करने का काम किया। उनका नाम वहां नहीं है. ठाकरे ने कहा कि,  'गडकरी जी बीजेपी छोड़ दीजिए। हम आपको महाराष्टï्र विकास अघाड़ी (MVA) से चुनाव जीतवाकर लाएंगे. गडकरी जी उनको दिखाओ कि महाराष्ट्र क्या है. महाराष्ट्र कभी दिल्ली के आगे नहीं झुका है। न्यौते के इस मामले में एनसीपी नेता सुप्रिया सुले की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. उन्होंने कहा कि नितिन गडकरी एक पार्टी के नेता नहीं बल्कि पूरे देश के बड़े नेता हैं. कभी बदले की भावना से राजनीति नहीं की है. उनकी खासियत है कि जब भी कोई सांसद उनके पास अपने लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए फंड की मांग करता है, तो बिना सोचे-समझे फंड उपलब्ध कराते हैं। सुप्रिया ने आगे कहा कि बीजेपी के साथ हमारे वैचारिक मतभेद हैं लेकिन गडकरी साहब के लिए मन में सम्मान है क्योंकि उन्होंने कभी इस रिश्ते में कठोरता नहीं लाई, बदले की भावना से कभी राजनीति नहीं की है. भाजपा ने दी बड़ी प्रतिक्रिया इस मामले में भाजपा की प्रतिक्रिया आ गयी है। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम  तथा भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे के इस बयान पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि, उद्धव ठाकरे की पार्टी केवल बैंड बाजा के साथ बची है. वह गडकरी जैसे हमारे राष्ट्रीय नेता को सीट की पेशकश कर रहे हैं . यह वैसा ही है जैसे कोई गली के व्यक्ति को अमेरिकी राष्ट्रपति बनाने के लिए पेशकश करता है। महाराष्ट्र की सीट अभी अनाउंस नहीं की गई है, क्योंकि COALITION PARTIES  में मंथन चल रहा है, जब महाराष्ट्र के लोकसभा उम्मीदवारों की चर्चा होगी तो सबसे पहला नाम नीतीन गडकरी का होगा.' ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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क्या आप जानते हैं बिना चुनाव लड़े सांसद बनने वाली सुधा मूर्ति को ? हम बता देते हैं

Sudha Murthy
Sudha Murthy
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 05:59 PM
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Sudha Murthy : भारत में सांसद बनने के लिए करोड़ों रूपये खर्च करने पड़ते हैं। आपको लोकसभा अथवा राज्यसभा का सांसद बनने के लिए चुनाव लडऩा पड़ता है। शुक्रवार (8 मार्च 2024) को श्रीमती सुधा मूर्ति को बिना कोई चुनाव लड़े ही सांसद बनने का मौका मिल गया है। दरअसल सुधा मूर्ति को भारत की सबसे बड़ी पंचायत यानि कि राज्यसभा का सदस्य मनोनीत (नामित) किया गया है। क्या आपको पता है कि कोन हैं सुधा मूर्ति ?

दस हजार रूपये से की थी बड़ी शुरूआत

श्रीमती सुधा मूर्ति दुनिया भर में प्रसिद्ध कंपनी इंफोसिस के सह संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति की धर्मपत्नी हैं। सुधा मूर्ति के जीवन जीवन में 10 हजार रूपए का बड़ा महत्व रहा है। सुधा मूर्ति से 10 हजार रूपए लेकर ही उनके पति एनआर नारायण मूर्ति प्रसिद्ध आईटी कंपनी इंफोसिस के सह संस्थापक यानि कि को-फाउंडर बने थे। शुक्रवार (8 मार्च 2024) को सुधा मूर्ति को भारत की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया है। इसका मतलब यह हुआ कि दुनिया की बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस की निदेशक सुधा मूर्ति अब भारत की माननीया सांसद बन गई हैं।

सुधा मूर्ति के जीवन के अहम अंग

सुधा मूर्ति के पति N.R. Narayana Murthy ने वर्ष 1981 में अपने छह साथियों के साथ मिलकर इंफोसिस (Infosys) कंपनी की स्थापना की थी. आज यह भारत की टॉप-10 वैल्यूएवल कंपनियों में शामिल है और टाटा ग्रुप की टीसीएस (TCS) के बाद दूसरी सबसे बड़ी टेक कंपनी है. इंफोसिस का मार्केट कैप (MCap) 6,69,920.64 करोड़ रुपये है और अमेरिका, इंग्लैंड सहित दुनिया के कई देशों में कारोबार है. नारायण मूर्ति ने खुद अनेक मौकों पर इंफोसिस की शुरुआत और उसके यहां तक पहुंचने में अपनी पत्नी Sudha Murthy के योगदान के बारे में बताया है. PM Modi ने खुद एक्स पोस्ट कर उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने की जानकारी शेयर की है. दरअसल, जब नारायण मूर्ति ने कंपनी शुरू करने का प्लान बनाया था. उस दौर में नारायण मूर्ति अपनी पत्नी सुधा मूर्ति के साथ एक कमरे के मकान में रहते थे. सुधा मूर्ति खुद इसका जिक्र कई बार टीवी शो और इंटरव्यू में कर चुकी हैं. कंपनी का नाम इंफोसिस (Infosys) तय हो चुका था, लेकिन इसे शुरू करने के लिए पैसों की तंगी बनी हुई थी. तब सभी को-फाउंडर्स में नारायण मूर्ति ने अपना हिस्सा देने के लिए पत्नी से उस समय 10,000 रुपये उधार लिए थे. इन्हीं पैसों की वजह से पुणे के एक अपार्टमेंट से कंपनी की शुरुआत हुई. बाद में साल 1983 में कंपनी का मुख्यालय पुणे से बेंगलुरु ट्रांसफर कर दिया गया. इस कंपनी ने ऐसा कमाल किया कि आगे बढ़ती ही चली गई और कारोबार फैलता गया. साल 1999 में इंफोसिस US Stock Market नास्डैक (Nasdaq) में लिस्ट होने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई. आज इस कंपनी में 3 लाख से ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे हैं.

सुधा मूर्ति का परिचय

Sudha Murthy का जन्म उत्तरी कर्नाटक में शिगांव में 19 अगस्त 1950 को हुआ था. सुधा के पिता का नाम आर.एच कुलकर्णी और माता विमला कुलकर्णी है. उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है. इनकी पढ़ाई और करियर के साथ भी बेहद खास बाकया जुड़ा हुआ है. दरअसल, सुधा मूर्ति इंजीनियरिंग कॉलेज में 150 स्टूडेंट्स के बीच दाखिला पाने वाली पहली महिला थीं और वे पढ़ाई के बाद टाटा मोटर्स (Tata Motors) की पहली महिला इंजीनियर भी थीं. इसके साथ ही उन्होंने आठ उपन्यास लिखे हैं. सुधा मूर्ति और नारायण मूर्ति के दो बच्चे हैं. एक बेटी अक्षता मूर्ति और बेटा रोहन मूर्ति. वह UK PM की सास हैं. उनकी बेटी अक्षता की शादी ब्रिटेन में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) के साथ हुई है. जब पति नारायण मूर्ति अपनी कंपनी शुरू करने के लिए जद्दोजहद कर रहे थे, तब उन्होंने पैसों से साथ दिया, यही नहीं अपनी खुद की नौकरी छोड़कर सुधा मूर्ति ने पति की कंपनी शुरू करने में हर मोर्चे पर मदद की.

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए मनोनीत

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