Delhi: CBDT ने बेनामी लेनदेन कानून पर एससी के फैसले के खिलाफ दायर की समीक्षा याचिका

16 13
Delhi News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar24 Nov 2025 03:43 AM
bookmark

Delhi News: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने उच्चतम न्यायालय द्वारा अगस्त में दिए गए उस फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर की है जिसमें कहा गया था कि आयकर विभाग बेनामी लेनदेन निरोधक कानून को पिछली तारीख से लागू नहीं कर सकता है।

Delhi News

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सीबीडीटी ने इस याचिका में दलील दी है कि आरोपी शख्स का गैरकानूनी संपत्तियां रखना एक 'सतत आपराधिक कृत्य' माना जाना चाहिए। सीबीडीटी केंद्रीय वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के तहत कर विभाग के लिए नीति तैयार करता है।

सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि सीबीडीटी ने आयकर विभाग की क्षेत्रीय इकाइयों से राय लेने के बाद यह समीक्षा याचिका उच्चतम न्यायालय में दायर की है। बेनामी लेनदेन निरोधक कानून को 2016 में लागू किया गया था।

सूत्रों ने उम्मीद जताई है कि याचिका जल्द ही शीर्ष अदालत द्वारा सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की जाएगी।

न्यायालय ने अगस्त में सुनाए अपने फैसले में कहा था कि बेनामी लेनदेन (निरोधक) संशोधन अधिनियम को वर्ष 2016 से पहले के मामलों में लागू नहीं किया जा सकता है।

अधिकारियों के मुताबिक, उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ दाखिल समीक्षा याचिका में सीबीडीटी का तर्क इस बात पर आधारित है कि 'बेनामी' तंत्र के माध्यम से संपत्ति का निर्माण/हस्तांतरण एक 'सतत आपराधिक कृत्य" है और अपराधी इस तरह अवैध रूप से अर्जित फल का आनंद लेना जारी रखते हैं।'

सूत्रों के मुताबिक, याचिका में कहा गया है कि जिन लोगों ने 2016 से पहले बेनामी संपत्तियां बनाई थीं, वे उसका लाभ अभी भी ले रहे हैं लिहाजा उन्हें बख्शा नहीं जा सकता है।

Lucknow News: मुसलमानों की गरीबी सियासी छल का परिणाम: नकवी

देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

National News : चीन के खिलाफ रक्षात्मक बने रहने से भारतीय सुरक्षा बलों पर बोझ बढ़ता है : ब्रह्म चेलानी

Brahma
Being on the defensive against China increases the burden on Indian security forces: Brahm Chellaney
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 01:11 PM
bookmark
नई दिल्ली। चीन द्वारा भारतीय सीमा में अतिक्रमण की शुरुआत 1950 के दशक के मध्य में हुई थी, लेकिन यह सिलसिला आज भी जारी है और चीन के इस रवैये की वजह से न सिर्फ भारत के साथ, बल्कि दुनिया के अन्य देशों के साथ भी उसके रिश्ते लगातार बिगड़ ही रहे हैं।

National News

ताजा घटनाक्रम में चीन ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग में यह कोशिश की है, इससे पहले उसने गलवान घाटी में भी यही कोशिश की थी। इन्हीं सब मुद्दों पर जाने-माने जियोस्ट्रैटेजिस्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के पूर्व सलाहकार ब्रह्म चेलानी से किए गए पांच सवाल और उनके जवाब :- सवाल : तवांग में चीनी अतिक्रमण और इस पर भारत की प्रतिक्रिया को कैसे देखते हैं आप?

Ajab Gajab: ये व्यक्ति हथकड़ी लगाकर ग्राहकों को हवालात में बैठाकर पिलाता है चाय

जवाब : चीन चुपके से आक्रामकता दिखाना पसंद करता है। आमने-सामने की लड़ाई से बचने के लिए वह किसी भी हद तक जाता है। यही कारण है कि वह भारतीय सेना के साथ सीधे टकराव से बचता है। चीनी सेना एक ऐसी सेना है, जिसमें काफी हद तक बलपूर्वक कर्मियों की भर्ती की जाती है। भारत में स्थिति इसके विपरीत है। स्वयं लोग सेना में भर्ती होते हैं। भारत की कमजोरी उसकी रणनीति है। वह प्रतिक्रियाशील होने और जोखिम से बचने वाली रणनीतिक संस्कृति पर भरोसा करता है। नतीजतन, वह एक ऐसे विरोधी के खिलाफ अत्यधिक रक्षात्मक रणनीति का अनुसरण करता है, जो क्षेत्रीय विस्तारवाद के लिए नए अवसर तलाशते रहता है और भारतीय सुरक्षा को परखते रहता है। स्पष्ट तथ्य यह है कि चीन के खिलाफ भारत की यह रणनीति काम नहीं कर रही है। भारत सरकार ने बार-बार चेतावनी दी है कि द्विपक्षीय संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते जब तक कि चीन सीमा पर शांति बहाल नहीं करता। लेकिन चीन, दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे समझौतों का उल्लंघन करते हुए अपनी आक्रामक कार्रवाइयों पर कायम है। वास्तव में, लद्दाख में एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) में बदलाव करने की कोशिशों में असफल होने के कारण, चीन अब पूर्वी क्षेत्र में अपने विस्तारवाद को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, वह भी सर्दियों के मौसम में जब स्थितियां बेहद ठंडी होती हैं। सवाल : क्या आप कांग्रेस नेता राहुल गांधी की इस टिप्पणी से सहमत हैं कि चीन युद्ध की तैयारी कर रहा है और भारत को इससे सचेत रहना चाहिए?

Lucknow News: मुसलमानों की गरीबी सियासी छल का परिणाम : नकवी

जवाब : इस तरह के आक्रामक दुश्मन के खिलाफ लगातार रक्षात्मक बने रहना भारतीय सुरक्षा बलों पर बड़ा बोझ डालता है। क्योंकि चीनी सैन्य आक्रामकता का अनुमान लगाने या प्रतिक्रिया देने में एक भी चूक महंगी साबित हो सकती है। हमें अप्रैल 2020 की घटना से सबक लेना चाहिए, जब चीन ने पूर्वी लद्दाख के कुछ प्रमुख सीमावर्ती क्षेत्रों में चुपके से अतिक्रमण कर लिया था। चीनी हमेशा भारतीयों को आश्चर्यचकित करने के लिए समय और स्थान चुनते हैं। ‘सलामी स्लाइसिंग’ या चुपके से आक्रामकता केवल चीनी पक्ष का विशेषाधिकार क्यों होना चाहिए? भारत क्यों नहीं चीन को इसी अंदाज में जवाब देता है? किसी मुल्क द्वारा अपने पड़ोसी देशों के खिलाफ छोटे-छोटे सैन्य अभियान के जरिये धीरे-धीरे किसी बड़े इलाके पर कब्जा कर लेने की नीति को ‘सलामी स्लाइसिंग’ कहा जाता है। सवाल : वैश्विक मंच पर भी चीन का आक्रामक व्यवहार एक 'बहुत बड़ा खतरा' है। चीन का मुकाबला करने के लिए भारत की रणनीति क्या होनी चाहिए?

National News

जवाब : भारत, चीन को रोकने में काफी हद तक विफल हो रहा है क्योंकि भारत सरकार यह समझने से इनकार करती है कि प्रतिरोध केवल सैन्य ताकत के बारे में नहीं है। प्रभावी होने के लिए, प्रतिरोध की प्रकृति व्यापक होनी चाहिए और रणनीतिक व कूटनीतिक स्तर पर इसका नेतृत्व किया जाना चाहिए। इसका मतलब है कि भारत को व्यापार और कूटनीतिक मंच का उपयोग करना चाहिए। भारत के अब तक के मुख्य कदम चीनी मोबाइल एप पर प्रतिबंध लगाना और भारत सरकार के अनुबंधों तक चीनी कंपनियों की पहुंच को प्रतिबंधित करना रहा है। यह सब बुरी तरह से अपर्याप्त साबित हुए हैं। इस प्रकार के कदमों के साथ ही भारत को अनौपचारिक व्यापार प्रतिबंधों के रास्ते को भी अपनाने की आवश्यकता है। वास्तव में, भारत के पास गैर-आवश्यक आयातों को प्रतिबंधित करके चीन के साथ अपने बड़े पैमाने पर व्यापार घाटे को ठीक करने के लिए अपनी खरीद शक्ति का लाभ उठाने का एक शानदार अवसर है। सवाल : चीन पिछले कुछ वर्षों से अपनी भू-राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन कर रहा है, और कई देशों के साथ उसके संबंध भी खराब हुए हैं। मौजूदा परिस्थितियों में आप इसे कैसे देखते हैं? जवाब : ऐसे समय में जब अंतरराष्ट्रीय माहौल चीन की महत्वाकांक्षाओं के प्रति शत्रुतापूर्ण हो रहा है, भारत को चीनी आक्रामकता को उजागर करने के लिए एक कूटनीतिक आक्रमण शुरू करना चाहिए। चीन का नाम लेकर और उसे शर्मिंदा करने के भारत के पास कई अवसर होते हैं, लेकिन वह इससे परहेज करता है, जबकि चीन अपनी आक्रामकता के बीच भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाने में कोई हिचक नहीं दिखाता है। सवाल : चीन की आक्रामकता सिर्फ सीमा पर ही नहीं है। वह भारत के खिलाफ ‘साइबर वार’ भी चला रहा है। इस संबंध में आपका क्या कहना है? जवाब : भारत जब तक चीन को उसकी आक्रामकता का ठोस जवाब नहीं देगा (ताकि बीजिंग को उसकी कारस्तानी महंगी पड़े), वह भारत के खिलाफ नए मोर्चे खोलता रहेगा। नहीं तो वह अपनी साइबर आक्रामकता को बढ़ाएगा और भारत को उसके समुद्री इलाकों में भी चुनौती देगा।
अगली खबर पढ़ें

Assam News: असम सरकार ने गरीबी उन्मूलन योजना शुरू की

15 15
Assam News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar27 Nov 2025 11:12 PM
bookmark

Assam News: गुवाहाटी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) परिकल्पना को हकीकत में तब्दील करने की कोशिश करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के नेतृत्व वाली असम सरकार ने एक विशेष योजना ‘ओरुनोदोई 2.0’ शुरू की है, जिसके तहत 10.54 लाख लाभार्थियों को हर महीने 1,250 रुपये दिए जाएंगे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

Assam News

इस तरह, एक दिसंबर 2020 को शुरू की गई गरीबी उन्मूलन योजना के तहत लाभार्थियों की कुल संख्या बढ़कर अब लगभग 27 लाख हो जाएगी।

एक अधिकारी ने बताया कि ओरुनोदोई के तहत राशि प्रत्येक लाभार्थी के बैंक खाते में आमतौर पर हर महीने की 10 तारीख तक अंतरित कर दी जाती है।

यह वर्तमान में जारी असम सरकार की 18 प्रमुख योजनाओं में से एक है।

शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार राज्य में लाखों की संख्या में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को आर्थिक और पोषण संबंधी सुरक्षा प्रदान कर रही है और राज्य की योजनाओं में सबसे महत्वपूर्ण योजना ओरुनोदोई रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित परिवारों के लिए ओरुनोदोई का बड़ा संस्करण शुरू किया जा रहा है।

ओरुनोदोई के लिए कुल लागत 4,142 करोड़ रुपये प्रति वर्ष होगी। यह देश की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजनाओं में से एक है। मुख्यमंत्री ने योजना शुरू करने के बाद जिला स्तरीय निगरानी समितियों (डीएलएमसी) के सदस्यों के साथ बातचीत की और उन्हें इसका सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए कहा।

लाभार्थियों के नामों का चयन करने के लिए डीएलएमसी की बैठकें एक जनवरी से 15 जनवरी तक होंगी और चयनित लाभार्थियों के बीच आवेदन पत्रों का वितरण 20 जनवरी से शुरू होगा।

पोर्टल पर आवेदन करने और अपलोड करने का कार्य 28 फरवरी, 2023 तक पूरा हो जाएगा।

Lucknow News: मुसलमानों की गरीबी सियासी छल का परिणाम: नकवी