मोदी के अमेरिकी यात्रा पर दिखा 'एम' फैक्टर का असर!





Ajab Gajab : अक्सर आपने देखा होगा कि देवी दुर्गा maa durga के मंदिरों में मां भगवती के शरीर के उपरी स्वरुप की पूजा की जाती है। लेकिन भारत में एक ऐसा भी मंदिर है, जहां पर योनि yoni की पूजा की जाती है। श्रद्धालु इसी रुप में देवी की पूजा करते हैं और देवी भी श्रद्धालुओं की मनोकामनाओं को पूर्ण करती है।
यह मंदिर है कामाख्या देवी का मंदिर। ये वो मंदिर है जहां योनि की पूजा की जाती है। आसाम में नीलचंद पहाड़ी के पास गुवाहाटी रेलवे स्टेशन से 10 किलोमीटर दूर यह मंदिर एक ऐसा स्थान है जहां 52 शक्तिपीठों में से एक कामख्या शक्तिपीठ है। आपको बता दें यह सबसे पुराना शक्तिपीठ है और जब सती को उनके पिता दक्ष ने अपनी पुत्री सती और उसके पति शंकर को यज्ञ में अपमानित किया और शिव जी को अपशब्द कहे तो सती ने दुखी होकर अपनी आहुति यज्ञ कुंद कुंड में दे दी थी। जिसके बाद उनके 51 टुकड़े हुए जो की 51 शक्ति पीठ कहलाए कहां जाता है।
ख़ास बात यह है कि सती का योनि अंग कामाख्या में आकर गिरा और इसी वजह से इस वजह से यहाँ योनि की पूजा की जाती है। मंदिर के बीचों-बीच एक योनि आकर का कुंड है जिसमें से हमेशा पानी निकलता रहता है। इस जगह पर एक भव्य मेले का आयोजन होता है। कहा जाता है कि देवी सती से उनके पिता इसलिए नाराज़ थे क्योंकि उन्होंने उनके खिलाफ जाकर शिव जी से विवाह किया था।
जाने मंदिर कि कुछ ख़ास बातें
इस मंदिर के अंदर एक भी देवी माँ या सती की मूर्ति देखने को नहीं है जो इसे अपने-आप में ही खास बनता है।
हर साल जून में यहाँ पूरे भारत से कोई साधू आते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं, इस जगह को तंत्र विद्या का सबसे बड़ा केंद्र माना गया है।
कहा जाता है कि इस जगह पर मां का योनि भाग गिरा था, जिस वजह से यहां पर माता हर साल तीन दिनों के लिए रजस्वला होती हैं।
Ajab Gajab : अक्सर आपने देखा होगा कि देवी दुर्गा maa durga के मंदिरों में मां भगवती के शरीर के उपरी स्वरुप की पूजा की जाती है। लेकिन भारत में एक ऐसा भी मंदिर है, जहां पर योनि yoni की पूजा की जाती है। श्रद्धालु इसी रुप में देवी की पूजा करते हैं और देवी भी श्रद्धालुओं की मनोकामनाओं को पूर्ण करती है।
यह मंदिर है कामाख्या देवी का मंदिर। ये वो मंदिर है जहां योनि की पूजा की जाती है। आसाम में नीलचंद पहाड़ी के पास गुवाहाटी रेलवे स्टेशन से 10 किलोमीटर दूर यह मंदिर एक ऐसा स्थान है जहां 52 शक्तिपीठों में से एक कामख्या शक्तिपीठ है। आपको बता दें यह सबसे पुराना शक्तिपीठ है और जब सती को उनके पिता दक्ष ने अपनी पुत्री सती और उसके पति शंकर को यज्ञ में अपमानित किया और शिव जी को अपशब्द कहे तो सती ने दुखी होकर अपनी आहुति यज्ञ कुंद कुंड में दे दी थी। जिसके बाद उनके 51 टुकड़े हुए जो की 51 शक्ति पीठ कहलाए कहां जाता है।
ख़ास बात यह है कि सती का योनि अंग कामाख्या में आकर गिरा और इसी वजह से इस वजह से यहाँ योनि की पूजा की जाती है। मंदिर के बीचों-बीच एक योनि आकर का कुंड है जिसमें से हमेशा पानी निकलता रहता है। इस जगह पर एक भव्य मेले का आयोजन होता है। कहा जाता है कि देवी सती से उनके पिता इसलिए नाराज़ थे क्योंकि उन्होंने उनके खिलाफ जाकर शिव जी से विवाह किया था।
जाने मंदिर कि कुछ ख़ास बातें
इस मंदिर के अंदर एक भी देवी माँ या सती की मूर्ति देखने को नहीं है जो इसे अपने-आप में ही खास बनता है।
हर साल जून में यहाँ पूरे भारत से कोई साधू आते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं, इस जगह को तंत्र विद्या का सबसे बड़ा केंद्र माना गया है।
कहा जाता है कि इस जगह पर मां का योनि भाग गिरा था, जिस वजह से यहां पर माता हर साल तीन दिनों के लिए रजस्वला होती हैं।