National : आसान भाषा में तैयार करें विधेयक का मसौदा : संसदीय समिति

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Prepare draft bill in easy language: Parliamentary Committee
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 02:18 PM
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नई दिल्ली। संसद की एक समिति ने विधेयकों के मसौदे को आसाना भाषा में तैयार करने की सिफारिश की है। समिति का कहा है कि भाषा ऐसी होनी चाहिए जिसे आम जनता आसानी से समझ सके।

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कांग्रेस को विपक्षी एकता बनाने के लिए पहले अपना घर सुधारना होगा : देवेगौड़ा

संसद में पेश विधेयक को समझना आम जनता के लिए बहुत मुश्किल होता है

संसद की कानून एवं कार्मिक मामलों की स्थाई समिति ने यह भी कहा कि वर्तमान में केन्द्रीय विधि मंत्रालय के विधायी विभाग द्वारा तैयार किए जाने वाले सभी विधेयकों के मसौदों की भाषा को या तो केवल देश के बुद्धिजीवी समझ सकते हैं या फिर वे लोग, जिन्हें कानून की समझ हो। भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा कि संसद में पेश विधेयक को समझना आम जनता के लिए बहुत मुश्किल होता है। इसलिए समिति यह सिफारिश करना चाहती है कि विधेयकों का मसौदा इतनी सरल भाषा में तैयार किया जाना चाहिए कि आम लोग भी विधेयकों के प्रस्तावित उद्देश्य और उसके प्रभावों को समझ सकें। उदाहरण के तौर पर हाल ही में सरकार द्वारा लाये गये ‘डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन विधेयक, 2022’ और ‘इंडियन टेलीकम्युनिकेशन विधेयक, 2022’ जैसे विधेयक।

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विधायी विभाग का काम मसौदा तैयार करने में मदद करना है

विधायी विभाग का काम सरकार के महत्वपूर्ण दस्तावेजों की बारीकी से जांच करना और मंत्रालयों को विभिन्न अध्यादेशों तथा विधेयकों का मसौदा तैयार करने में मदद करना है, ताकि संसदीय और न्यायिक समीक्षा के दौरान उनमें खामियां न निकले। यह विभाग मुख्य निर्वाचन आयुक्त और दोनों निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्तियों सहित निर्वाचन आयोग से जुड़े विभिन्न मुद्दों के लिए एक नोडल एजेंसी भी है।

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28 विधेयकों को संसद के पटल पर रखे जाने के लिए भेजा

यह जनप्रतिनिधित्व कानून, 1950 और 1951 तथा संबंधित चुनाव नियमों से जुड़े मुद्दों से भी निपटता है। विधायी विभाग ने समिति को बताया है कि एक जनवरी, 2022 से 31 दिसंबर, 2022 तक उसने 28 विधेयकों को संसद के पटल पर रखे जाने के लिए भेजा है। संसद में पहले से लंबित और इस अवधि में पेश सभी विधेयकों में से 23 ने कानून का रूप ले लिया है। इतना ही नहीं, इस दौरान राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 240 के तहत छह नियमावलियों को अधिसूचित किया गया तथा 2,332 उपनियमों, नियमावलियों, आदेशों और अधिसूचनाओं की भी विभाग द्वारा समीक्षा की गई। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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कांग्रेस को विपक्षी एकता बनाने के लिए पहले अपना घर सुधारना होगा : देवेगौड़ा

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Interview HD Deve Gowda
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 12:54 PM
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Interview : बेंगलुरु। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी एकता को लेकर चल रही सरगर्मियों के बीच जनता दल (सेक्यूलर) नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा ने रविवार को कहा कि कांग्रेस को पहले अपना घर सुधारना चाहिए। एक साक्षात्कार में उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी दलों के सामने कई विकल्प हैं तथा इस देश के पास नेतृत्व का खजाना है।

कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव में जद(एस) की संभावनाओं पर वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह इस साल अन्य राज्यों में चुनाव तथा 2024 में संसदीय चुनावों की दिशा भी तय करेगी। देवेगौड़ा उम्र संबंधी बीमारियों के कारण सक्रिय रूप से चुनाव प्रचार करने से दूरी बरत रहे हैं।

Interview HD Deve Gowda

प्रश्न : आप आगामी विधानसभा चुनावों में जद(एस) की संभावनाओं को कैसे देखते हैं? प्रचार अभियान में जद(एस) की रणनीति क्या होगी?

उत्तर : मेरी पार्टी कर्नाटक में अच्छा प्रदर्शन करेगी। केवल दो राष्ट्रीय दलों पर नजर गड़ा रहे कई लोग हैरान हो जाएंगे। हम विभाजनकारी एजेंडे के लिए वोट नहीं मांग रहे हैं। हम समावेशी समाज और विकास - पंचरत्न कार्यक्रम के नाम पर वोट मांग रहे हैं। मेरी पार्टी सत्ता में आएगी और हम इस कार्यक्रम को लागू करेंगे।

हमारे नेता एच डी कुमारस्वामी ने इस कार्यक्रम का प्रचार करने के लिए हाल में राज्यव्यापी दौरा संपन्न किया है। उन्हें शानदार प्रतिक्रिया मिली है। हमारी पार्टी की रणनीति बहुत साधारण है - कड़ी मेहनत करो और लोगों के साथ ईमानदार रहें, उन्हें झांसा न दें और उन्हें बांटें न।

क्षेत्रों के बीच भेदभाव नहीं किया

प्रश्न : कुछ वर्गों में यह धारणा है कि जद(एस) ओल्ड मैसूरु के आगे अपना आधार बढ़ा नहीं पायी है, उस मोर्चे पर क्या किया जा रहा है?

उत्तर : हम मैसूरु क्षेत्र तक सीमित है, यह राष्ट्रीय दलों का चतुर दुष्प्रचार है। हमारे हमेशा राज्यभर और समुदायों से विधायक रहे हैं। मैं जो कह रहा हूं उसे समझने के लिए आपको 1999 के बाद से विधायकों और निर्वाचन क्षेत्र की सूची देखनी होगी।

हां, मैसूरु क्षेत्र ने हमें सबसे ज्यादा समर्थन दिया है और हम उसके लिए आभारी हैं। इस बार हम राज्य के सभी क्षेत्रों में कहीं ज्यादा कामयाब होंगे। एक मंत्री, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के तौर पर मैंने सभी के लिए काम किया है, मैंने कभी क्षेत्रों के बीच भेदभाव नहीं किया। निहित स्वार्थ के चलते झूठ बोला जाता है। अपने करियर में मैंने कभी झूठ का जवाब देने के लिए महंगी जनसंपर्क एजेंसियों की सेवाएं नहीं ली।

प्रश्न : जद(एस) ने अपने दम पर सरकार बनाने के लिए 123 सीटों का लक्ष्य तय किया है। कुछ आलोचकों का कहना है कि यह अवास्तविक है। आपको इसे हासिल करने का इतना भरोसा कैसे है?

उत्तर : हमारी कड़ी मेहनत और विकास की दूरदृष्टि हमें यह विश्वास देती है। मैं अपने आलोचकों और राजनीतिक विरोधियों की कुटिलता की परवाह नहीं करता हूं।

राष्ट्रीय दलों को झूठे दावे करने की आदत

प्रश्न : राष्ट्रीय दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बारे में आपका क्या ख्याल है और क्या उन्होंने कर्नाटक में सत्ता में रहते हुए काम किया है?

उत्तर : मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। हमारे नेता एच डी कुमारस्वामी और सी एम इब्राहिम (पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष) इस पर उचित विश्लेषण दे सकते हैं। मैं सिर्फ यह कह सकता हूं कि राष्ट्रीय दलों की केवल ऊंचे-ऊंचे वादे और झूठे दावे करने की आदत होती है।

प्रश्न : कर्नाटक चुनाव कितना अहम है और राष्ट्रीय राजनीतिक दृश्य पर इसके नतीजे का क्या असर होने जा रहा है?

उत्तर : कर्नाटक इस साल अन्य राज्यों में होने वाले चुनाव तथा 2024 में संसदीय चुनाव की दिशा तय करेगा। इसने हमेशा ऐसा किया है और इस बार भी ऐसा ही होगा।

कांग्रेस देश की अकेली विपक्षी पार्टी नहीं

प्रश्न : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके प्रदर्शन तथा भारत में उनके शासन में लोकतंत्र के संबंध में चल रही चर्चा पर आपकी क्या राय है?

उत्तर : मैंने राज्यसभा में सभी मुद्दों चाहे कृषि मुद्दे हों, कृषि कानून, कोविड-19, केंद्रीय बजट, अर्थव्यवस्था, पूर्वोत्तर, कश्मीर आदि पर चर्चा में भाग लिया है...मैंने विस्तार से बात की है। यह संसद तथा मेरे सोशल मीडिया अकाउंट पर रिकॉर्ड में है। अगर कोई उन पर गौर करेगा तो उसे पता चल जाएगा कि भाजपा सरकार तथा केंद्र पर मेरा आकलन क्या है। मैंने हमेशा अपने काम को गंभीरता से लिया है और 91 वर्ष की उम्र भी ऐसा ही कर रहा हूं। कांग्रेस इस देश में अकेली विपक्षी पार्टी नहीं है।

प्रश्न : आपको क्या लगता है कि कांग्रेस को 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए विपक्षी एकता बनाने में क्या भूमिका निभाने की जरूरत है?

उत्तर : पहले तो कांग्रेस को अपने घर में सुधार करना होगा। विपक्षी दलों के सामने कई विकल्प हैं और इस देश के पास नेतृत्व का खजाना है।

राहुल को अयोग्य ठहराना दुर्भाग्यपूर्ण

प्रश्न : राहुल गांधी को मानहानि के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद सांसद के रूप में अयोग्य घोषित किए जाने पर आपकी क्या राय है?

उत्तर : मैं अलग से टिप्पणी करना नहीं चाहता। मेरी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने पहले ही इस पर बात की है। मैं बस यही कह सकता हूं कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।

प्रश्न : आपको अब भी लगता है कि जनता परिवार तथा तीसरा मोर्चा के पुनर्जीवित होने की कोई संभावना है या यह बंद हो चुका अध्याय है?

उत्तर : सब कुछ संभव है। सब कुछ से मेरा मतलब सब कुछ है। मैं तीसरे या चौथे मोर्चे में यकीन नहीं रखता, मेरा मानना है कि हम जो भी करें, हम इस देश तथा लोकतंत्र की रक्षा करने में सबसे आगे खड़े होंगे।

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Rajasthan : भगवान महावीर और महात्मा गांधी के आदर्श आज भी प्रासंगिक : गहलोत

Ashok
The ideals of Lord Mahavir and Mahatma Gandhi are relevant even today: Gehlot
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Apr 2023 06:13 PM
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जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा कि अहिंसा और शांति के रास्ते पर चलने वाला परिवार, समाज और राज्य ही आगे बढ़ता है। उन्होंने आज सुबह श्री महावीर जैन दिगंबर विद्यालय में ‘अहिंसा रन’ रैली को हरी झंडी दिखाकर धावकों का उत्साहवर्धन किया।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्री महावीर और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अहिंसा, शांति और सत्य के आदर्श आज भी प्रासंगिक हैं। हम सभी को उनके बताए रास्तों पर चलने के साथ उनके संदेशों को जन-जन तक पहुंचाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें जीवन में अहिंसा का प्रण लेना चाहिए। वही परिवार, समाज, प्रदेश आगे बढ़ता है, जो अहिंसा और शांति के रास्ते पर चलता है।

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गहलोत ने कहा कि अहिंसा एवं शांति के रास्ते पर ही भारत आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि आजादी की जंग भी सत्य और अहिंसा के आधार पर जीती गई। पूरी दुनिया में भारत से ही अहिंसा और शांति का संदेश फैला है। इस रन का आयोजन ‘जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन’ (जीतो) ने किया। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।