अलीगढ़ में शादी समारोह में जमकर चले जूते- चप्पल, बारातियों और घरातियों में हुई लड़ाई

Uttar Pradesh
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locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:40 AM
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Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में होने वाली शादियों में हंगामे की खबरें अब तो आम सी बात हो गई है। इसी बीच एक मामला उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से सामने आया है। जहां शादी समारोह में नाश्ते को लेकर दो पक्षों में कहासुनी हो गई। देखते ही देखते मामला इतना बड़ गया कि कहासुनी मारपीट और हाथापाई में बदल गई। इस दौरान लोग एक दूसरे पर दनादन कुर्सियां फेंकते नजर आए। इस मारपीट में बाराती पक्ष के कई लोग घायल हो गए। वहीं इसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया। Uttar Pradesh

अफवाह के चलते हुआ हंगामा

मिली जानकारी के अनुसार समारोह में किसी ने अफवाह फैला दिया कि रसगुल्‍ले खत्‍म हो गए हैं। इसी बात को लेकर दोनों परिवार के सदस्‍य आपस में भिड़ गए। इसमें झगड़े में पुरुषों के साथ महिलाएं भी शामिल रहीं। आपको बता दें यह मामला सासनीगेट थाना इलाके के भुजपुरा स्थित आशु गार्डन मैरिज होम का है। वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे लड़ाई इतनी ज्‍यादा बढ़ गई कि लोग एक दूसरे पर कुर्सियां फेंक रहे हैं। बताया जा रहा है कि दुल्‍हन के भाई और भाभी के बीच पहले से किसी मुद्दे पर विवाद चल रहा था। इसको लेकर दोनों पति और पत्‍नी अलग रह रहे थे। शादी समारोह में पति भी शामिल होने पहुंचा था। इसकी जानकारी मिलने पर पत्‍नी और उसके भाई लोग वहां पहुंच गए। https://twitter.com/ManchChetna/status/1757665058426061185 Uttar Pradesh

मौके पर पहुंची पुलिस

जिसके बाद पति और पत्‍नी के बीच कहासुनी हुई और उनके बीच हाथापाई होने लगी। साथ ही इसी दौरान किसी ने रसगुल्‍ले खत्‍म होने की भी अफवाह फैला दी। जिससे मामला और बढ़ गया।  वहीं मामले की जानकारी देते हुए डीएसपी अभय कुमार पांडेय ने बताया कि शादी समारोह के दौरान आपस में किसी बात को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया था। दोनों पक्षों ने खुद ही आपस में बैठकर मामला सुलझा लिया। जिससे पुलिस को बीच में कोई हस्‍तक्षेप करने की जरूरत नहीं पड़ी। Uttar Pradesh

मोदी और योगी के शासन काल में हो रहा भ्रष्टाचार : शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती

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मोदी और योगी के शासन काल में हो रहा भ्रष्टाचार : शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती

Swami
Uttar Pradesh News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 04:57 PM
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Uttar Pradesh News :  गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा है कि धर्म का अतिक्रमण कर राजनीति नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार चरम पर है। मोदी और योगी भले ही अपना घर न भर रहे हों किंतु उनके शासन काल में भ्रष्टाचार हो रहा है।

धर्म का अतिक्रमण कर राजनीति नहीं की जा सकती

आज देश में जो छोटे-छोटे राजनीतिक दलों के गठन की बाढ़ आई है, वह व्यक्ति की राजनीतिक महत्वाकांक्षा है। किसी बड़े दल में रहकर कोई जो व्यक्ति पद आदि का दायित्व नहीं पाता वह अपनी महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए अपना राजनीतिक दल बना लेता है। शंकराचार्य प्रयागराज माघ मेला क्षेत्र के सेक्टर 3 त्रिवेणी मार्ग स्थित अपने शिविर में आए लोगों को संबोधित कर रहे थे।

मोदी और योगी के शासन काल में भ्रष्टाचार हो रहा है

शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने अध्यात्म से संबंधित एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि भारत में जो धर्म निरपेक्ष होने का ढिंढोरा पीटा जाता है, वास्तविकता में धर्म निरपेक्ष का कोई अर्थ ही नहीं होता बल्कि धर्म निरपेक्ष एक शब्द है। बिना गुण धर्म के कुछ संभव ही नहीं है। उन्होंने कहा कि राजनेताओं को चाहिए कि भारत की मेधा शक्ति का उपयोग होने दें। वे अपनी राजनीति के लिए भारत के मेधावी युवाओं को शोषण का शिकार न बनाए।

भारतीय प्रतिभा का नहीं हो रहा सही उपयोग 

आज पूरा विश्व भारत की मेधा शक्ति का उपयोग कर रहा है। अमेरिका सहित कई देश तकनीकी विज्ञान आदि पर भारत के मेधावी युवाओं की सहायता लेते हैं किंतु अपने ही देश में उनका सही ढंग से उपयोग नहीं हो पा रहा है। इस अवसर पर स्वामी निर्विकल्पानंद, ऋषिकेश ब्रम्हचारी, आचार्य विवेक मिश्रा, प्रफुल्ल चैतन्य ब्रह्मचारी, राजेश चैतन्य ब्रह्मचारी, त्यागी महाराज, सुरेश सिंह, विवेक मिश्रा, डाक्टर दिव्यकांत त्रिपाठी, बसंत तिवारी, नरेंद्र देव तिवारी, दीपक शुक्ला, अशोक शुक्ला समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। Uttar Pradesh News -- अमर नाथ झा--

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32 लाख मतदाता, सबसे ज्यादा बीजेपी जीती, पढ़िए लखनऊ लोकसभा सीट के बारे में सब कुछ

Seata 1
Lucknow Loksabha Seat
locationभारत
userचेतना मंच
calendar14 Feb 2024 06:18 PM
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Lucknow Loksabha Seat : आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं, सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी बिसात बिछाना शुरू कर दिया है।  जहां बीजेपी (BJP) की नजर सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश पर टिकी हुई है, वहीं विपक्ष यानी INDIA गठबंधन भी पूरी ताकत के साथ सत्ताधारी दल को टक्कर देने की तैयारी कर रही है। लेकिन राजनीतिक दलों की तैयारी के बीच लखनऊ की लोकसभा सीट भी साख का विषय है। वैसे तो 1991 से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है लेकिन, विपक्षी गठबंधन सामान्य वर्ग के वोटर्स को अपनी तरफ जोड़ता है तो ये बड़ी बात होगी। हालाकि, आज हम आपको बताते हैं कि आखिर लखनऊ की लोकसभा सीट पर कितने मतदाता, किस पार्टी का दबदबा और क्या कुछ जातिगत समीकरण है।

 लखनऊ लोकसभा सीट में मतदाता 32 लाख से अधिक

दरअसल, Lucknow Loksabha Seat के अंतर्गत लखनऊ की पांच विधानसभा सीटें आती हैं जिसमें लखनऊ पूर्वी, लखनऊ पश्चिम लखनऊ मध्य लखनऊ उत्तरी और कैंट विधानसभा शामिल हैं। वहीं अगर इन सभी जगहों पर वोटरों की संख्या की बात करें तो करीब 32 लाख 90 हजार से अधिक हैं। इसमें अगर जातिगत आधार की बात करें तो सबसे ज्यादा सामान्य और मुस्लिम समाज के मतदाता हैं। जिसमें ब्राह्मणों की संख्या अधिक है। इसके बाद मुस्लिम आबादी है। और फिर वैश्य समाज। हालाकि दलित और ओबीसी भी है लेकिन सामान्य और मुस्लिम वर्ग की तुलना में बेहद कम है शायद यही वजह है कि लखनऊ लोकसभा सीट को बीजेपी का गढ़ कहा जाता है क्योंकि 1991 से लेकर अब तक लखनऊ लोकसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है।

सपा PDA का नारा कर रही बुलंद

बता दें कि 1991 से लेकर 2004 तक स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई Lucknow Loksabha Seat से सांसद रहें, 2009 में लाल जी टंडन और 2014 से लेकर अब देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस सीट से सांसद हैं। हालांकि इस बार जनता किसको जिताती है ये तो देखने वाली बात होगी लेकिन ब्राह्मण, ठाकुर और मुस्लिम वोट बैंक को साधने में कामयाब होगा उसकी जीत तय है। हालाकि, दूसरी ओर PDA का नारा बुलंद करते हुए विपक्ष यानी समाजवादी पार्टी भी विधानसभा चुनाव की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं क्योंकि 2022 के विधानसभा चुनाव में लखनऊ मध्य और पश्चिमी सीट सपा के खाते में आई थी इस लिहाज से अगर ब्राह्मण और क्षत्रिय वोटर्स को जोड़ने में सपा कामयाब होती है तो चुनाव परिणाम दिलचस्प होंगे।

2019 में राजनाथ सिंह को मिले थे 56.70 फीसदी वोट

वहीं 2019 के लोकसभ चुनाव में पार्टियों के प्रदर्शन को बात करें तो बीजेपी के राजनाथ सिंह को 6,33, 026 यानी 56.70 प्रतिशत वोट मिले थे। सपा से पूनम सिन्हा को 2,85,724 यानी 25.59 फीसदी और कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी रहे प्रमोद कृष्णम को 1,80,011 वोट मिले थे जोकि 16.12 फीसदी था। चूंकि इस बार सपा और कांग्रेस गठबंधन में हैं और एक साथ चुनाव लड़ने बात कर रहे हैं तो कहीं न कहीं इंडिया गठबंधन का वोट प्रतिशत बढ़ सकता है। हालांकि अगर राजनीतिक पार्टियों की बात करें तो उनका मेन फोकस मुस्लिम, ब्राह्मण, ठाकुर और वैश्य वोट बैंक पर है क्योंकि चुनाव जीतने में ये वोटर अहम भूमिका निमाएंगे।

विधानसभावार मतदाता

सीट पुरुष महिला कुल पश्चिम- 245,462 216,058 632,099 उत्तर- 255,987 224,597 643,602 पूर्व- 239,059 217,542 656,089 मध्य- 195,217 175,844 704,715 कैंट- 193,950 172,422। 653,623 जानें 1952 से लेकर 2019 तक कौन-कौन रहा सांसद साल, सांसद, पार्टी 1952- विजय लक्ष्मी पंडित, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 1955- श्योराजवती नेहरु, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 1957- पुलिन बिहारी बनर्जी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 1962- बीके धवन, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 1967- आनन्द नारायण मुल्ला, स्वतंत्र 1971- शीला कॉल, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 1977- हेमवती नन्दन बहुगुणा, जनता पार्टी 1989- मांधाता सिंह, जनता दल 1991- अटल बिहारी बाजपेई, भारतीय जनता पार्टी 1996- अटल बिहारी बाजपेई, भारतीय जनता पार्टी 1998- अटल बिहारी बाजपेई, भारतीय जनता पार्टी 1999- अटल बिहारी बाजपेई, भारतीय जनता पार्टी 2004- अटल बिहारी बाजपेई, भारतीय जनता पार्टी 2009- लाल जी टंडन, भारतीय जनता पार्टी 2014- राजनाथ सिंह, भारतीय जनता पार्टी 2019- राजनाथ सिंह, भारतीय जनता पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों का प्रदर्शन बीजेपी- राजनाथ सिंह- 6,33,026 वोट, 56.70% सपा - पूनम सिन्हा- 2,85,724 वोट, 25.59% कांग्रेस- आचार्य प्रमोद कृष्णम- 1,80,011 वोट, 16.12% नोटा - 7416 वोट, 0.66 %

किसानों से बात करने को केंद्र हुई तैयार, केंद्रीय कृषि मंत्री का आया बयान