शेख हसीना की बढ़ीं मुश्किलें : ICT-BD ने लगाए गंभीर आरोप, गिरफ्तारी वारंट जारी

Haseena
Sheikh Hasina
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 02:29 AM
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Sheikh Hasina : बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की कानूनी चुनौतियाँ और गहराती जा रही हैं। रविवार को देश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT-BD) ने वर्ष 2024 में छात्र आंदोलनों के दमन से जुड़े सामूहिक हत्या, मानवाधिकार उल्लंघन और राज्य हिंसा जैसे गंभीर आरोपों में उन्हें औपचारिक रूप से अभियुक्त घोषित किया। न्यायाधिकरण ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया है।

हसीना पर मुकदमा चलेगा गैर-मौजूदगी में

तीन सदस्यीय पीठ ने यह स्पष्ट किया कि चूँकि शेख हसीना फिलहाल देश से बाहर हैं, इसलिए उनकी अनुपस्थिति में ही मुकदमे की कार्यवाही शुरू की जाएगी। उनके साथ ही तत्कालीन गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल पर भी समान आरोप तय हुए हैं। तीसरे अभियुक्त और उस समय के पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून को पहले ही हिरासत में लिया जा चुका है, और उनके खिलाफ मुकदमा उनकी मौजूदगी में चलेगा।

10 महीने पूर्व सत्ता से हटने के बाद तेज हुई कार्रवाई

हसीना सरकार को सत्ता से हटे लगभग 10 महीने बीत चुके हैं। 5 अगस्त 2024 को छात्रों द्वारा नेतृत्व किए गए राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शनों के बाद राजनीतिक हालात अस्थिर हुए थे। आरोप है कि हसीना सरकार ने इन प्रदर्शनों को बलपूर्वक और हिंसक तरीके से कुचला, जिससे कई छात्रों की मौत और सैकड़ों घायल हुए थे। इसी सिलसिले में अब अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई हो रही है।

कार्यवाही का सीधा प्रसारण, राजनीतिक संदेश या कानूनी पारदर्शिता?

बांग्लादेश के इतिहास में यह पहली बार है जब किसी न्यायाधिकरण की कार्यवाही को टेलीविजन पर सीधा प्रसारित किया गया। जानकार इसे केवल कानूनी पारदर्शिता का प्रयास नहीं, बल्कि भारत में रह रहीं शेख हसीना को राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक संदेश देने की रणनीति भी मान रहे हैं।

भारत को भेजा गया प्रत्यर्पण नोट

इससे पहले भी ICT-BD की सिफारिश पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत सरकार को शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए राजनयिक नोट भेजा था। भारत ने इस नोट को प्राप्त करने की पुष्टि तो की है, पर अब तक इस पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। शेख हसीना पर चल रही कार्यवाही न सिर्फ बांग्लादेश की आंतरिक राजनीति को प्रभावित कर रही है, बल्कि इसका असर भारत-बांग्लादेश संबंधों पर भी पड़ सकता है। भारत के लिए यह स्थिति रणनीतिक रूप से संवेदनशील है, क्योंकि हसीना लंबे समय तक भारत की निकट सहयोगी मानी जाती रही हैं।

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भारत को मिला सबसे बड़े मुस्लिम देश का समर्थन, आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई पर सहमति

Indoneshiya
Operation Sindoor
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Jun 2025 06:26 PM
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Operation Sindoor : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले और आपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने वैश्विक मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ अपनी कूटनीतिक मुहिम तेज कर दी है। इसी क्रम में भारत का एक बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता पहुँचा। इस यात्रा के दौरान भारत को वहां स्पष्ट और सार्वजनिक समर्थन मिला।

आतंकवाद के खिलाफ ठोस उपायों पर चर्चा

जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के वरिष्ठ नेता संजय झा के नेतृत्व में पहुंचे इस प्रतिनिधिमंडल ने इंडोनेशिया के सबसे प्रभावशाली इस्लामिक संगठन नहदलतुल उलमा (एनयू) के शीर्ष पदाधिकारियों, राजनेताओं, मीडिया प्रतिनिधियों और व्यापारिक समुदाय से मुलाकात की। चर्चा का केंद्र आतंकवाद, धार्मिक कट्टरता और शांति स्थापित करने के ठोस उपाय रहे।

साझा बयान और नैतिक समर्थन

नहदलतुल उलमा के नेताओं ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की स्पष्ट शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि निर्दोष नागरिकों पर हमला किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने भारत के साथ मिलकर क्षेत्रीय शांति और आतंकवाद विरोधी प्रयासों को बल देने की प्रतिबद्धता दोहराई। उल्लेखनीय है कि इंडोनेशिया ने हमेशा कश्मीर जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भारत की क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन किया है और पाकिस्तान के पक्ष में कोई स्पष्ट रुख नहीं अपनाया है।

डकार में प्रस्ताव पर रोक की कोशिश

भारत का यह प्रयास विशेष रूप से डकार (डीएकेएआर) में होने वाली एक बहुपक्षीय बैठक के संदर्भ में अहम है, जहां पाकिस्तान भारत-विरोधी प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। भारत चाहता है कि मुस्लिम बहुल देशों में उसका पक्ष बेहतर तरीके से सुना और समझा जाए। इंडोनेशिया की भूमिका ऐसे में निर्णायक मानी जा रही है।

अन्य देशों का रुख और कोलंबिया प्रकरण

इंडोनेशिया के अलावा मिस्र, ओमान, बहरीन और कजाकिस्तान जैसे देशों ने भी पहलगाम हमले के बाद भारत के प्रति समर्थन जताया है। इस कूटनीतिक पहल का एक अन्य पड़ाव कोलंबिया भी रहा, जहां कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में गए प्रतिनिधिमंडल ने कोलंबियाई विदेश मंत्रालय द्वारा आॅपरेशन सिंदूर को लेकर दिए गए बयान पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद कोलंबिया की उप विदेश मंत्री रोजा योलांडा विलाविसेन्सियो ने भारत की चिंताओं को गंभीरता से लिया और स्पष्ट किया कि वे पूरे घटनाक्रम की जानकारी लेकर नया और संतुलित बयान जारी करेंगी।

आतंकवाद के विरुद्ध वैश्विक सहयोग की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

भारत की यह पहल न केवल आतंकवाद के विरुद्ध वैश्विक सहयोग को प्रोत्साहित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह पाकिस्तान के एकतरफा प्रचार को भी संतुलित करने का माध्यम बनती जा रही है। इंडोनेशिया जैसे देशों का समर्थन यह संकेत देता है कि वैश्विक दक्षिण अब आतंकवाद के मसले पर अधिक जवाबदेही और स्पष्टता की मांग कर रहा है। Operation Sindoor

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आज फिर होगा भारत में मॉक ड्रिल, सीमा पार पाकिस्तान में सतर्कता

Mok dril
Delhi News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 06:37 PM
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Delhi News : भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित "आपरेशन शील्ड" के तहत आज देश के पांच राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में व्यापक स्तर पर आपातकालीन मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इस अभ्यास का उद्देश्य संभावित आपदा या युद्ध जैसे हालात में नागरिक प्रशासन, सुरक्षा बलों और आपातकालीन सेवाओं की तैयारियों की समीक्षा करना है।

मॉक ड्रिल को लेकर पाकिस्तान में हलचल देखी जा रही

भारत की इस मॉक ड्रिल को लेकर पड़ोसी देश पाकिस्तान में हलचल देखी जा रही है। सीमा पर सुरक्षा एजेंसियों की गतिविधियों में तेजी के बीच कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने अपनी अग्रिम चौकियों से पीछे हटना शुरू कर दिया है। हालांकि इस संबंध में अभी तक पाकिस्तान की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

सीमा पर पाकिस्तानी बलों की हलचल

सूत्रों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय सीमा के कुछ क्षेत्रों में पाकिस्तानी रेंजर्स की गतिविधियों में असामान्य बदलाव देखा गया है। एक भारतीय समाचार चैनल द्वारा जारी फुटेज में कुछ पाकिस्तानी सैनिकों को सीमा के निकट से हटते हुए देखा गया है। बताया जा रहा है कि ये सैनिक पास के झाड़ियों में पुन: जमावड़ा कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत की सैन्य तैयारियों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया हो सकता है।

पाकिस्तानी जनरल का बयान

इस बीच पाकिस्तान के ज्वाइंट चीफ आॅफ स्टाफ जनरल शमशाद मिर्जा ने एक बयान में स्वीकार किया है कि उनकी सेना ने सीमा से कुछ पीछे हटने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, "हम लगभग 22 अप्रैल से पहले की स्थिति में लौट आए हैं और सीमा क्षेत्र में सैन्य उपस्थिति को सीमित कर रहे हैं।" उन्होंने इसे रणनीतिक दृष्टिकोण बताया।

गृहमंत्री का वक्तव्य

भारत के गृहमंत्री अमित शाह ने "आॅपरेशन शील्ड" और सीमा पर भारत की स्थिति को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत की कार्रवाई से पाकिस्तान को बड़ा नुकसान हुआ है। उनके अनुसार, हालिया अभियानों में पाकिस्तान की 118 से अधिक चौकियाँ क्षतिग्रस्त की गई हैं और उनकी निगरानी प्रणाली को निष्क्रिय किया गया है। शाह ने कहा कि इन चौकियों को पुन: स्थापित करने में पाकिस्तान को वर्षों लग सकते हैं।

मॉक ड्रिल का उद्देश्य नागरिक सुरक्षा तंत्र की दक्षता को परखना

भारत की यह मॉक ड्रिल पूर्णत: आंतरिक प्रशासनिक प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य नागरिक सुरक्षा तंत्र की दक्षता को परखना है। हालांकि इसके क्षेत्रीय प्रभावों को नजरंदाज नहीं किया जा सकता। विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान स्थिति में संयम और कूटनीतिक संवाद दोनों देशों के लिए आवश्यक है। दोनों देशों के बीच आज स्थिति यह है कि सीमा पर किसी भी तरह की हलचल देखते ही दोनों देश सतर्क हो जाते हैं। Delhi News

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