राफेल की उड़ान में न कोई मुकाबला, न कोई शक! डसॉल्ट सीईओ ने पाक-चीन के दावे की उड़ाई धज्जियाँ

Rafel 1
New Delhi/Paris
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 11:18 PM
bookmark
New Delhi/Paris : भारत द्वारा फ्रांस से खरीदे गए राफेल लड़ाकू विमानों को लेकर पाकिस्तान और चीन द्वारा किए गए दावों की विश्वसनीयता पर अब राफेल निर्माता कंपनी डसॉल्ट एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने खुद सवालिया निशान लगा दिया है। ट्रैपियर ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में साफ कहा कि पाकिस्तान द्वारा आॅपरेशन सिंदूर के दौरान राफेल को मार गिराने का दावा झूठा और बेबुनियाद है।

पाक का प्रोपेगेंडा, फ्रांस से आया करारा जवाब

दरअसल, पाकिस्तान ने यह प्रचारित किया था कि उसके चीनी सहयोग से बने फाइटर जेट्स ने भारतीय वायुसेना के तीन राफेल विमान मार गिराए। इस दावे को न सिर्फ भारत ने नकारा, बल्कि अब डसॉल्ट एविएशन ने भी स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है। एरिक ट्रैपियर ने कहा कि हम भारत सरकार से सीधे संपर्क में नहीं थे, इसलिए मिशन के सभी पहलुओं की जानकारी हमारे पास नहीं है, लेकिन हम यह जरूर कह सकते हैं कि पाकिस्तान द्वारा किया गया दावा पूरी तरह गलत और भ्रामक है। उन्होंने आगे यह भी जोड़ा कि किसी भी मिशन की सफलता का पैमाना यह नहीं होता कि कोई विमान क्षतिग्रस्त न हो, बल्कि यह होता है कि मिशन के उद्देश्य पूरे हुए या नहीं।

राफेल बनाम चीन-पाक के फाइटर जेट : कौन है ज्यादा ताकतवर?

डसॉल्ट एविएशन के अनुसार, राफेल एक अत्याधुनिक मल्टी-रोल कॉम्बैट फाइटर जेट है, जो एक साथ एयर डॉमिनेशन, ग्राउंड अटैक, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर और न्यूक्लियर डिटरेंस मिशन को अंजाम दे सकता है। एरिक ट्रैपियर ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राफेल की तुलना अमेरिकी एफ-35 या चीनी जे-20 जैसे विमानों से करना तकनीकी रूप से बेईमानी होगी। राफेल इन दोनों से बेहतर आॅपरेशनल लचीलापन, बेहतर एवियोनिक्स, और प्रूव्ड कॉम्बैट हिस्ट्री रखता है। यानी साफ है कि पाकिस्तानी या चीनी विमानों के पास राफेल जैसी मल्टी-थिएटर कंपैटिबिलिटी नहीं है।

भारत की रणनीतिक बढ़त : 26 राफेल-एम की डील

भारत ने हाल ही में फ्रांस के साथ 26 राफेल-एम (नेवल वर्जन) की डील को अंतिम रूप दिया है। ये विमान भारतीय नौसेना के आईएनएस विक्रांत जैसे एयरक्राफ्ट कैरियर्स पर तैनात किए जाएंगे। इस सौदे की कुल लागत 63,000 करोड़ रुपये के करीब है, और इससे भारत की समुद्री शक्ति में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। यह रक्षा डील इस बात का प्रमाण है कि भारत न केवल तकनीकी दृष्टि से उन्नत सैन्य प्लेटफॉर्म चुन रहा है, बल्कि वह क्षेत्रीय ताकतों को स्पष्ट और सामरिक संदेश भी दे रहा है।

बयानबाजी नहीं, प्रदर्शन है असली प्रमाण

इस पूरी घटना का विश्लेषण यह दर्शाता है कि आज के दौर में युद्ध केवल गोले-बारूद से नहीं, बल्कि सूचना, तकनीक और भरोसे की नींव पर लड़ा जाता है। पाकिस्तान और चीन के कागजी फाइटर जेट्स चाहे जितना दावा करें, राफेल का ट्रैक रिकॉर्ड और वैश्विक भरोसा उनकी तुलना में कहीं ऊपर खड़ा दिखाई देता है।

इजराइल-ईरान टकराव के मद्देनज़र भारत ने जारी की एडवाइजरी, नागरिकों को किया सतर्क

ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

ट्रंप की चेतावनियों के बावजूद इराक में अमेरिकी बेस पर ड्रोन हमला, ईरान समर्थित गुटों पर संदेह

Tramp 5
Drone Attack :
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 01:13 AM
bookmark
Drone Attack : पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच इराक में स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकाने ऐन अल-असद एयर बेस पर ड्रोन हमले ने एक बार फिर क्षेत्रीय शांति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को खुले तौर पर चेतावनी दी थी कि यदि अमेरिका या उसके ठिकानों को निशाना बनाया गया, तो जवाब "इतिहास में अब तक का सबसे घातक" होगा।

तीन ड्रोन, सभी निष्क्रिय, फिर भी बढ़ा खतरा

पेंटागन सूत्रों के मुताबिक, रविवार देर रात इराक के अल-असद बेस की ओर तीन ड्रोन दागे गए। अमेरिकी सुरक्षा बलों ने इन सभी ड्रोनों को सफलतापूर्वक हवा में ही निष्क्रिय कर दिया, जिससे किसी प्रकार की जान-माल की हानि नहीं हुई। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि यह हमला सीधा ईरान द्वारा किया गया या इराक में सक्रिय किसी ईरान-समर्थित शिया मिलिशिया की ओर से। यह हमला इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते सैन्य संघर्ष की पृष्ठभूमि में हुआ है, जिससे पश्चिम एशिया में संभावित क्षेत्रीय युद्ध की आशंका और गहरा गई है।

ट्रंप की चेतावनी और अमेरिका की रणनीतिक स्थिति

हमले से ठीक पहले डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर चेताया था कि अगर ईरान ने अमेरिका या उसके ठिकानों पर हमला किया, तो अमेरिका की सैन्य ताकत का ऐसा जवाब मिलेगा जो अब तक कभी नहीं देखा गया। ट्रंप का यह बयान इजराइल द्वारा तेहरान में ईरान के कथित परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों के बाद आया। इजराइली रक्षा बलों ने दावा किया है कि उनके आॅपरेशन ने ईरानी शासन की परमाणु परियोजनाओं को निशाना बनाया।

ईरान की धमकी और संभावित प्रतिक्रिया

इस पूरे घटनाक्रम में अहम मोड़ तब आया जब ईरान ने खुलेआम धमकी दी थी कि अगर इजराइल को क्षेत्रीय अमेरिकी ठिकानों से समर्थन मिला, तो वह उन अमेरिकी सैन्य ठिकानों को भी हमलों का निशाना बनाएगा। यह बयान एक संभावित विस्तृत संघर्ष की ओर संकेत करता है, जिसमें अमेरिका, इजराइल और ईरान के साथ-साथ इराक और लेबनान जैसे देश भी अप्रत्यक्ष रूप से खिंच सकते हैं।

पिछला अनुभव और आगे का खतरा

यह पहली बार नहीं है जब इराक में अमेरिकी बेस को निशाना बनाया गया है। पूर्व में ईरान समर्थित शिया मिलिशिया समूहों ने कई बार अमेरिकी प्रतिष्ठानों को ड्रोन और रॉकेट से हमला किया है। लेकिन इस बार की परिस्थिति असाधारण है, क्योंकि यह हमला उस वक्त हुआ है जब इजराइल और ईरान के बीच तनाव सैन्य टकराव की सीमाओं को पार कर रहा है।

युद्ध की आहट या कूटनीतिक मोड़?

हालांकि अभी तक कोई पक्ष खुलकर इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ले रहा है, लेकिन अमेरिकी खुफिया तंत्र इस हमले को एक संदेश के रूप में देख रहा है कि अगर पश्चिमी देशों ने इजराइल को खुला समर्थन दिया, तो वे खुद भी निशाने पर आ सकते हैं। इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि पश्चिम एशिया एक नाजुक मोड़ पर खड़ा है, जहां एक चिंगारी भी पूरे क्षेत्र को युद्ध की आग में झोंक सकती है। अगला कदम किसका क्या होगा यही अब अंतरराष्ट्रीय राजनीति की धुरी तय करेगा।

इजराइल-ईरान टकराव के मद्देनज़र भारत ने जारी की एडवाइजरी, नागरिकों को किया सतर्क

ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

"अगर हमला किया तो तबाही तय", ईरान को ट्रंप की कड़ी चेतावनी

"अगर हमला किया तो तबाही तय", ईरान को ट्रंप की कड़ी चेतावनी
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 06:54 PM
bookmark
Israel-Iran War : इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के बीच अमेरिका ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर तेहरान ने अमेरिका पर हमला करने की जरा-सी भी कोशिश की, तो अमेरिका की सैन्य ताकत "इतनी प्रचंड होगी, जितनी पहले कभी नहीं देखी गई।"

आज रात ईरान पर हुए हमले में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं

ट्रंप ने यह बयान ऐसे समय पर दिया है जब इजराइली सेना ने दावा किया है कि उसने तेहरान में स्थित ईरानी रक्षा मंत्रालय और विवादास्पद परमाणु परियोजना पर लक्षित हमले किए हैं। ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर साफ किया कि आज रात ईरान पर हुए हमले में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं है। लेकिन यदि ईरान ने अमेरिका को निशाना बनाया, तो जवाब ऐसा होगा जिसकी दुनिया ने कल्पना नहीं की होगी।

इजराइल का दावा : तेहरान में एसपीएनडी परियोजना को बनाया निशाना

इजराइली डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) ने रविवार को एक बयान में पुष्टि की कि उसकी वायुसेना ने ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं से जुड़ी कई प्रमुख ठिकानों पर हमले किए हैं। इनमें ईरानी रक्षा मंत्रालय का मुख्यालय और एसपीएनडी (संभावित वैज्ञानिक परमाणु विकास) परियोजना का केंद्र भी शामिल है। आईडीएफ के अनुसार, इन हमलों का उद्देश्य ईरान की गुप्त परमाणु क्षमताओं को निष्क्रिय करना है। जानकारी के मुताबिक, हमला उस स्थान पर भी हुआ जहां कथित रूप से ईरान ने अपने परमाणु दस्तावेजों को छिपा रखा था। जिसे पहले भी इजराइल दुनिया के सामने उजागर कर चुका है।

ईरान ने परमाणु वार्ता की प्रक्रिया रोकी

सैन्य हमलों की पृष्ठभूमि में ईरान ने अमेरिका के साथ चल रही बहुप्रतीक्षित परमाणु वार्ता को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया है। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने बयान जारी करते हुए कहा, इस समय जब इजराइल खुलेआम हमारे देश पर हमला कर रहा है, किसी भी तरह की वार्ता आगे बढ़ाना न केवल अव्यावहारिक, बल्कि राष्ट्रीय सम्मान के खिलाफ होगा।

ट्रंप का प्रस्ताव : मैं यह युद्ध अभी रोक सकता हूं

दिलचस्प बात यह है कि ट्रंप ने जहां एक ओर ईरान को चेताया, वहीं उन्होंने यह भी कहा कि यदि मौका दिया जाए तो वह ईरान और इजराइल के बीच मध्यस्थता कर इस "खूनी संघर्ष" को समाप्त कर सकते हैं। ट्रंप ने लिखा, मैं इस युद्ध को आसान तरीके से समाप्त कर सकता हूं। लेकिन इसके लिए दोनों पक्षों को बातचीत की मेज पर आना होगा।

ईरान के सर्वोच्च नेता खुमैनी का यूपी कनेक्शन : बाराबंकी के किंतूर गांव से जुड़ी है विरासत

ग्रेटर नोएडा – नोएडाकीखबरोंसेअपडेटरहनेकेलिएचेतनामंचसेजुड़ेरहें।

देशदुनियाकीलेटेस्टखबरोंसेअपडेटरहनेकेलिएहमेंफेसबुकपरलाइककरेंयाट्विटरपरफॉलोकरें।