विवाह पंचमी पर बन रहा है रोग पंचक योग, संभल कर करें ये काम

भक्त श्री राम सीता जी के विवाह का आयोजन करेंगे वहीं इस दिन पंचक भी आरंभ होने वाले हैं और बुध ग्रह वक्री अवस्था में अस्त हो जाएंगे।

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Marriage panchami News : इस बार आने वाली विवाह पंचमी का दिन कई मायनों में विशेष होने वाला है। जहां भक्त श्री राम सीता जी के विवाह का आयोजन करेंगे वहीं इस दिन पंचक भी आरंभ होने वाले हैं और बुध ग्रह वक्री अवस्था में अस्त हो जाएंगे। एक साथ इतने सारे योग मार्गशीर्ष पंचमी के दिन होने के कारण यह काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है। आइये जान लेते हैं कैसा रहेगा विवाह पंचमी के दिन पंचक और बुध के अस्त होने का प्रभाव।

विवाह पंचमी और पंचक का प्रभाव

विवाह पंचमी का पर्व मार्गशीर्ष माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन पर किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इसी दिन सीता जी के साथ श्री राम जी का दांपत्य जीवन आरंभ हुआ था। ऎसे में इस समय को कुछ विशेष मुहूर्त में स्थान भी दिया जाता है।

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श्री राम सीता के मिलन का ये समय कई मायनों में खास

शास्त्रों के अनुसार श्री राम सीता के मिलन का ये समय कई मायनों में खास होता है। इस समय पर किया जाने वाला पूजन विवाह सुख हेतु उत्तम होता है। इसके साथ ही इस दिन पर विवाह का कार्य भी होता है। कुछ लोग इस दिन का चयन विवाह सगाई हेतु करते हैं तो कुछ स्थानों पर इस दिन विवाह से जुड़े कामों की खरीदारी भी आरंभ करते हैं। किंतु इस बार विवाह पंचमी के दिन कुछ कार्यों को करने से पहले संभल कर आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि इस दिन चोर पंचक का आरंभ हो रहा है।

मार्गशीर्ष माह पंचक 17 दिसंबर 2023

पंचक आरंभ का समय 17 दिसंबर 2023 को रविवार के दिन होगा। पंचक का आरंभ दोपहर 15:45 से होगा। रविवार के दिन आरंभ होने के कारण ये पंचक चोर पंचक के नाम से जाना जाएगा। चोर पंचक को वैसे भी अधिक खराब भी माना गया है। मुहूर्त शास्त्र के अनुसार किसी भी कार्य हेतु उपयुक्त मुहूर्त की आवश्यकता अनिवार्य होता है। लेकिन जब पंचक होते हैं तो यह शुभ समय के लिए उपयुक्त नहीं होता है। ज्योतिष के अनुसार गलत मुहूर्त में किए गए प्रयास से कोई भी वांछित असर देखने को नहीं मिल पाता है।

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विवाह पंचमी पर बनेगा रोग पंचक 

रविवार शुरू होने वाला पंचक रोग पंचक के नाम से जाना जाता है। इस समय पर कोई कार्य परेशानी और विपदा देने वाले होते हैं। इस समय के दौरान स्वास्थ्य से जुड़े प्रभाव अधिक असर डाल सकते हैं और मानसिक चिंताएं अधिक बढ़ जाती हैं। इस समय विवाह पंचमी का समय रोग पंचक में होगा तो इस समय पर जरूरी है कि पंचक शांति अवश्य करें और फिर उसके बाद कोई काम करें। इसी दिन पर बुद्धि के कारक बुध अस्ब अस्त हो जाएंगे जिसके चलते संचार से संबंधित कामों के साथ साथ बाजार में रौनक भी कुछ कम अपना प्रभाव डाल सकती है। ऎसे में विवाह पंचमी के दिन दिन बुध मंत्र जाप एवं श्री विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना उत्तम होगा। आचार्य राजरानी

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विवाह पंचमी पर बन रहा है रोग पंचक योग, संभल कर करें ये काम

भक्त श्री राम सीता जी के विवाह का आयोजन करेंगे वहीं इस दिन पंचक भी आरंभ होने वाले हैं और बुध ग्रह वक्री अवस्था में अस्त हो जाएंगे।

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Marriage panchami News : इस बार आने वाली विवाह पंचमी का दिन कई मायनों में विशेष होने वाला है। जहां भक्त श्री राम सीता जी के विवाह का आयोजन करेंगे वहीं इस दिन पंचक भी आरंभ होने वाले हैं और बुध ग्रह वक्री अवस्था में अस्त हो जाएंगे। एक साथ इतने सारे योग मार्गशीर्ष पंचमी के दिन होने के कारण यह काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है। आइये जान लेते हैं कैसा रहेगा विवाह पंचमी के दिन पंचक और बुध के अस्त होने का प्रभाव।

विवाह पंचमी और पंचक का प्रभाव

विवाह पंचमी का पर्व मार्गशीर्ष माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन पर किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इसी दिन सीता जी के साथ श्री राम जी का दांपत्य जीवन आरंभ हुआ था। ऎसे में इस समय को कुछ विशेष मुहूर्त में स्थान भी दिया जाता है।

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श्री राम सीता के मिलन का ये समय कई मायनों में खास

शास्त्रों के अनुसार श्री राम सीता के मिलन का ये समय कई मायनों में खास होता है। इस समय पर किया जाने वाला पूजन विवाह सुख हेतु उत्तम होता है। इसके साथ ही इस दिन पर विवाह का कार्य भी होता है। कुछ लोग इस दिन का चयन विवाह सगाई हेतु करते हैं तो कुछ स्थानों पर इस दिन विवाह से जुड़े कामों की खरीदारी भी आरंभ करते हैं। किंतु इस बार विवाह पंचमी के दिन कुछ कार्यों को करने से पहले संभल कर आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि इस दिन चोर पंचक का आरंभ हो रहा है।

मार्गशीर्ष माह पंचक 17 दिसंबर 2023

पंचक आरंभ का समय 17 दिसंबर 2023 को रविवार के दिन होगा। पंचक का आरंभ दोपहर 15:45 से होगा। रविवार के दिन आरंभ होने के कारण ये पंचक चोर पंचक के नाम से जाना जाएगा। चोर पंचक को वैसे भी अधिक खराब भी माना गया है। मुहूर्त शास्त्र के अनुसार किसी भी कार्य हेतु उपयुक्त मुहूर्त की आवश्यकता अनिवार्य होता है। लेकिन जब पंचक होते हैं तो यह शुभ समय के लिए उपयुक्त नहीं होता है। ज्योतिष के अनुसार गलत मुहूर्त में किए गए प्रयास से कोई भी वांछित असर देखने को नहीं मिल पाता है।

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विवाह पंचमी पर बनेगा रोग पंचक 

रविवार शुरू होने वाला पंचक रोग पंचक के नाम से जाना जाता है। इस समय पर कोई कार्य परेशानी और विपदा देने वाले होते हैं। इस समय के दौरान स्वास्थ्य से जुड़े प्रभाव अधिक असर डाल सकते हैं और मानसिक चिंताएं अधिक बढ़ जाती हैं। इस समय विवाह पंचमी का समय रोग पंचक में होगा तो इस समय पर जरूरी है कि पंचक शांति अवश्य करें और फिर उसके बाद कोई काम करें। इसी दिन पर बुद्धि के कारक बुध अस्ब अस्त हो जाएंगे जिसके चलते संचार से संबंधित कामों के साथ साथ बाजार में रौनक भी कुछ कम अपना प्रभाव डाल सकती है। ऎसे में विवाह पंचमी के दिन दिन बुध मंत्र जाप एवं श्री विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना उत्तम होगा। आचार्य राजरानी

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विवाह पंचमी: दांपत्य जीवन के सुख से क्या है नाता? जानें इस दिन पूजा मुहूर्त

कब और क्यों मनाई जाती है विवाह पंचमी, जानें इस दिन पूजा मुहूर्त

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Vivah Panchami : मार्गशीर्ष माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की पंचमी का दिन विवाह पंचमी के रुप में मनाया जाता है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन पर ही भगवान श्री राम का सीता जी के साथ विवाह संपन्न हुआ था. अत: इस दिन को विवाह पंचमी के रुप में मनाया जाता है.इस वर्ष 17 दिसंबर के दिन विवाह पंचमी का पर्व मनाया जाएगा. विवाह पंचमी के दिन को बहुत ही शुभ एवं विशेष समय माना जाता है. इस दिन भगवान राम जी और सीता जी का पूजन किया जाता है. धर्म स्थलों पर राम दरबार स्थापित होता है तथा कई तरह के धार्मिक कार्य भी किए जाते हैं इस दिन स्नान दान, एवं उपासना का विशेष लाभ मिलता हैं. आइये जानते हैं विवाह पंचमी से जुड़ी कुछ अन्य विशेष बातें और इसका पूजन मुहूर्त समय

विवाह पंचमी पूजा मुहूर्त समय 2023

विवाह पंचमी के दिन भगवान राम जी के साथ सीता जी के विवाह का समय होने पर विशेष पूजा अर्चना होती हैं. इस वर्ष विवाह पंचमी का पर्व 17 दिसम्बर, 2023 को रविवार के दिन मनाया जाएगा. विवाह पंचमी का समय इस प्रकार रहेगा.मार्गशीर्ष माह की विवाह पंचमी तिथि का प्रारम्भ 16 दिसम्बर, 2023 को 20:00 पर आरंभ होगी और मार्गशीर्ष विवाह पंचमी तिथि की समाप्ति 17 दिसम्बर, 2023 को शाम 17:33 पर होगा. विवाह पंचमी के दिन भगवान श्री राम और सीता जी का पूजन करते हैं. इस दिन दोनों का गठबंधन भी किया जाता है. इस शुभ समय पर रामायण पाठ राम कथा भजन इत्यादि विशेष रुप से किया जाता है.

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विवाह पंचमी पौराणिक कथा महत्व

मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली पंचमी तिथि को बहुत ही शुभ माना जाता है. विवाह पंचमी के दिन की पौराणिकता का संबंध भगवान राम के युग से है. कथाओं के अनुसार त्रेता युग में श्रीराम और माता सीता का जब विवाह हुआ था तो इस तिथि का समय चयन किया गया था. किंतु इसके अलावा राम सीता के रिश्ते में आने वाली बाधाओं के चलते कई लोग इस तिथि को विवाह हेतु उपयोग करने से डरते भी हैं लेकिन इसके बावजूद इस दिन को विवाह सुख के लिए शुभ समय माना गया है.

विवाह पंचमी पर पूजन से मिलता है सुखी जीवन

Vivah Panchami मान्यताओं के अनुसार इस दिन पर किया जाने वाला पूजन दांपत्य जीवन का सुख तय करने वाला होता है. इस दिन पर विवाह के सुख के लिए इस दिन कई तरह के उपाय कर लेने से भी विवाह का सुखी जीवन प्राप्त होता है. विवाह पंचमी पर कई तरह के धार्मिक आयोजनों को किया जाता है. इस शुभ दिन पर भक्त भगवान राम ओर सीता जी का विवाह उत्सव भी मनाते हैं. विशेष रुप से इस दिन भोज आयोजन भी किया जाता है. धर्म स्थानों पर भगवान राम सीता जी के दर्शनों हेतु भक्त इस दिन पर विशेष उत्साह के साथ पहुंचते हैं. आचार्या राजरानी

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