Maha Navami 2023 : शारदीय नवरात्रि की महानवमी आज, यहां जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

03 13
Maha Navami 2023
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 12:19 PM
bookmark

Maha Navami 2023 : शारदीय नवरात्रि का आज अंतिम दिन है। शारदीय नवरात्रि के अंतिम दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरुप का पूजन किया जाता है। आज के ही दिन कन्या पूजन करके शारदीय नवरात्रि व्रत का पारण किया जाता है। आज के दिन मां सिद्धिदात्री देवी की पूजा की जाती है। मां सिद्धिदात्री अपने भक्तों के अंधकार को दूर करती हैं. मां सिद्धिदात्री भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।

Maha Navami 2023

मां सिद्धिदात्री का स्वरूप

मां सिद्धिदात्री का स्वरूप अनोखा है। वह कमल पर विराजती हैं और शेर की सवारी करती हैं। मां की चार भुजाएं हैं जिनमें दाहिने हाथ में उन्होंने गदा लिया हुआ है दूसरे दाहिने हाथ में चक्र है। उनके दोनों बाएं हाथों में क्रमशः शंख और कमल है। मां का यह नौवां स्वरूप सभी तरह की सिद्धियों को देने वाला माना गया है।

नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की जाती है। मां सिद्धिदात्री को सभी सिद्धियों की देवी माना जाता है। मान्यता है कि मां के इस रूप की उपासना करने से नवरात्रि के 9 दिनों की उपासना का फल मिल जाता है। मां के इस स्वरूप की पूजा करने से भक्तों को यश, बल और धन का वरदान मिलता है।

महानवमी पूजा का शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार 23 अक्टूबर को दिन में 2 बजकर 58 मिनट तक नवमी तिथि रहेगी। इसके बाद से दशमी तिथि लग जाएगी। नवमी की पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 58 मिनट तक ही है।

महानवमी की पूजा विधि

महानवमी तिथि पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करके पूजा का संकल्प लेना चाहिए। पूजा स्थल पर देवी सिद्धिदात्री की प्रतिमा को स्थापित करें। अगर आपके पास देवी सिद्धिदात्री की प्रतिमा नहीं तो देवी दुर्गा की प्रतिमा को स्थापित करके पूजा आरंभ करें। पूजा की शुरुआत सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा से करनी चाहिए। नवग्रह को फूल अर्पित करें। इसके बाद देवी को धूप, दीप, फल, फूल, भोग और नवैद्य अर्पित करें. दुर्गा सप्तशती का पाठ और मां दुर्गा और सिद्धिदात्री से जुड़े मंत्रों का जाप करना चाहिए। अंत में मां की आरती करें और कन्या पूजन के बाद उन्हें उपहार देकर विदा करें।

मां सिद्धिदात्री का पूजा मंत्र

सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि, सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।।

आज का समाचार 23 अक्टूबर 2023 : डांडिया डांस ने मचाई धूम, एक महीने में होगी 35 लाख शादियां

ग्रेटर नोएडा - नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुकपर लाइक करें या  ट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

Maha Navami 2023 : शारदीय नवरात्रि की महानवमी आज, यहां जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

03 13
Maha Navami 2023
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 12:19 PM
bookmark

Maha Navami 2023 : शारदीय नवरात्रि का आज अंतिम दिन है। शारदीय नवरात्रि के अंतिम दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरुप का पूजन किया जाता है। आज के ही दिन कन्या पूजन करके शारदीय नवरात्रि व्रत का पारण किया जाता है। आज के दिन मां सिद्धिदात्री देवी की पूजा की जाती है। मां सिद्धिदात्री अपने भक्तों के अंधकार को दूर करती हैं. मां सिद्धिदात्री भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।

Maha Navami 2023

मां सिद्धिदात्री का स्वरूप

मां सिद्धिदात्री का स्वरूप अनोखा है। वह कमल पर विराजती हैं और शेर की सवारी करती हैं। मां की चार भुजाएं हैं जिनमें दाहिने हाथ में उन्होंने गदा लिया हुआ है दूसरे दाहिने हाथ में चक्र है। उनके दोनों बाएं हाथों में क्रमशः शंख और कमल है। मां का यह नौवां स्वरूप सभी तरह की सिद्धियों को देने वाला माना गया है।

नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की जाती है। मां सिद्धिदात्री को सभी सिद्धियों की देवी माना जाता है। मान्यता है कि मां के इस रूप की उपासना करने से नवरात्रि के 9 दिनों की उपासना का फल मिल जाता है। मां के इस स्वरूप की पूजा करने से भक्तों को यश, बल और धन का वरदान मिलता है।

महानवमी पूजा का शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार 23 अक्टूबर को दिन में 2 बजकर 58 मिनट तक नवमी तिथि रहेगी। इसके बाद से दशमी तिथि लग जाएगी। नवमी की पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 58 मिनट तक ही है।

महानवमी की पूजा विधि

महानवमी तिथि पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करके पूजा का संकल्प लेना चाहिए। पूजा स्थल पर देवी सिद्धिदात्री की प्रतिमा को स्थापित करें। अगर आपके पास देवी सिद्धिदात्री की प्रतिमा नहीं तो देवी दुर्गा की प्रतिमा को स्थापित करके पूजा आरंभ करें। पूजा की शुरुआत सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा से करनी चाहिए। नवग्रह को फूल अर्पित करें। इसके बाद देवी को धूप, दीप, फल, फूल, भोग और नवैद्य अर्पित करें. दुर्गा सप्तशती का पाठ और मां दुर्गा और सिद्धिदात्री से जुड़े मंत्रों का जाप करना चाहिए। अंत में मां की आरती करें और कन्या पूजन के बाद उन्हें उपहार देकर विदा करें।

मां सिद्धिदात्री का पूजा मंत्र

सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि, सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।।

आज का समाचार 23 अक्टूबर 2023 : डांडिया डांस ने मचाई धूम, एक महीने में होगी 35 लाख शादियां

ग्रेटर नोएडा - नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुकपर लाइक करें या  ट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

दशहरा 2023 : आखिर क्यों की जाती है इस दिन शस्त्र और शास्त्र की पूजा

18 13
दशहरा 2023
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 02:16 AM
bookmark

दशहरा 2023 : भारत देश में दशहरे का त्योहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। मान्यता है कि अधर्म पर धर्म की जीत के रूप में दशहरा पर्व मनाया जाता है। कहा जाता है कि मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षक का अंत किया था, जिसको लेकर शारदीय नवरात्रि के दसवें दिन विजयदशमी का पर्व मनाया जाता है। इस साल 24 अक्टूबर 2023, दिन मंगलवार को दशहरा पर्व मनाया जाएगा। दशहरा पर्व के दिन भगवान श्रीराम की पूजा का विशेष विधान है। इसके अलावा शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन को बहुत ही शुभ माना गया है।

दशहरा 2023

शस्त्र और शास्त्र पूजा का है महत्व

दशहरा पर्व के दिन शत्रुओं पर विजय पाने की कामना लिए इस दिन शस्त्र और शास्त्र की पूजा का बड़ा महत्व है। इसके अलावा दशहरा के मशीनों और कारखानों आदि की पूजा की भी परंपरा है। देश के कई राज्यों में इस दिन शस्त्र पूजा भी बड़े ही धूमधाम के साथ की जाती है। मान्यता है कि प्राचीन समय में क्षत्रियों ने अपने युद्ध लड़ने की तिथि दशहरा सुनिश्चित की थी। उन्हें यह यकीन था कि दशहरे पर शुरु हुआ युद्ध सत्य की विजय जरुर कराएगा। कहा ये भी जाता है कि प्राचीन समय में क्षत्रिय पूरे साल दशहरा का इंतजार करते थे और शारदीय नवरात्रि के बाद वाली दशमी को वह शस्त्र पूजन कर युद्ध लड़ने के लिए रणभूमि में जाते थे। जिसको लेकर सैनिक एवं योद्धा दशहरे के दिन अपने शस्त्रों की पूजा करते हैं। ब्राह्मण इस दिन मां सरस्वती की आराधना करते हैं, वहीं व्यापारी अपने बहीखातों की पूजा अर्चना करते हैं।

दहशरा पूजन का शुभ मुहूर्त

हिन्दू पंचांग के अनुसार दशहरा तिथि को एक अबूझ मुहूर्त (बिना पूछताछ) का माना जाता है। इस तिथि को बिना कोई मुहूर्त देखे ही सभी शुभ कार्य किए जाते हैं। इस साल दशहरा पर कई शुभ योग का निर्माण भी हो रहा है, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है। 23 अक्टूबर दिन सोमवार के शाम 05 बजकर 44 मिनट से दशमी तिथि शुरु हो जाएगी, जो 24 अक्टूबर दिन मंगलवार दोपहर 03 बजकर 14 मिनट तक रहेगी। भारतीय त्योहार सूर्य उदय के समय जो तिथि होती है, उसी के अनुसार पर्व मनाए जाते हैं। इसलिए 24 अक्टूबर 2023, मंगलवार को ही दशहरा पर्व मनाया जाएगा।

देश में कई जगह होता है मेले का आयोजन

शारदीय नवरात्रि से जारी रामलीला मंचन के बाद दशहरे के दिन भगवान श्रीराम द्वारा असत्य पर सत्य की जीत के बाद रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों का दहन किया जाता है। कहा जाता है कि रावण के पुतले को जलाकर इंसान अपने अंदर के अहंकार और क्रोध का नाश करता है। जिन जगहों रावण के पुतले का दहन किया जाता वहां पर बड़े बड़े मेलों का भी आयोजन किया जाता है। रावण दहन को देखने के लिए लोगों की काफी भीड़ रहती है।

नीलकंठ का दिखना क्यों है शुभ ?

पौराणिक मान्यता है कि जब लंका युद्ध के दौरान प्रभु श्रीराम रावण के वध के लिए जा रहे थे, उसी दौरान भगवान श्रीराम को नीलकंठ पक्षी के दर्शन हुए थे। इसके बाद श्रीराम को रावण पर विजय प्राप्त हुई थी। यही वजह है कि दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी का दिखना शुभ माना जाता है।

फ्लैट बॉयर्स के लिए पहली पसंद बन रहा नोएडा एक्सटेंशन, क्या है वजह ?

देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुकपर लाइक करें या  ट्विटरपर फॉलो करें।