Satyendar Jain Case: दो आरोपियों की जमानत याचिका पर ईडी को नोटिस जारी

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Satyendar Jain Case
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calendar02 Dec 2025 04:14 AM
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Satyendar Jain Case: दिल्ली उच्च न्यायालय ने धनशोधन के एक मामले में दो आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा। इस मामले में दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन भी आरोपी हैं।

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न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने वैभव जैन और अंकुश जैन की जमानत याचिका पर ईडी को नोटिस जारी करते हुए उसे जवाब दाखिल करने को कहा।

अदालत ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका के साथ दोनों की याचिकाओं को 20 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध कर दिया है।

दोनों आरोपियों ने 17 नवंबर को निचली अदालत द्वारा सुनाए फैसले को चुनौती दी है। अदालत ने यह कहते हुए उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी कि दोनों ने अपराध से अर्जित धन को छिपाने में ‘‘जानते बूझते’’ हुए जैन की मदद की थी और वे ‘‘प्रथम दृष्टया धनशोधन के दोषी’’ हैं।

निचली अदालत ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका भी यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि वह प्रथम दृष्टया ‘‘अपराध की आय’’ को छिपाने में शामिल थे।

अदालत ने कहा था कि ‘‘प्रथम दृष्टया’’ जैन ‘‘वास्तव में कोलकाता के एंट्री ऑपरेटर को नकदी देकर अपराध से अर्जित धन को छिपाने में शामिल थे और उसके बाद शेयरों की बिक्री के नाम पर तीन कंपनियों में नकदी लगाई गयी और यह ऐसा दिखाने के लिए किया गया कि ये तीन कंपनियां बेदाग हैं।’’

अदालत ने कहा था, ‘‘इस प्रक्रिया से, अपराध से अर्जित 4.61 करोड़ रुपये की आय के एक तिहाई के बराबर धन का शोधन किया गया। इसके अलावा, जैन ने अपनी कंपनी में जे. जे. आइडियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कोलकाता के एंट्री ऑपरेटर से आवास प्रविष्टियां प्राप्त करके 15 लाख रुपये की अपराध से अर्जित आय को सफेद बनाने के लिए भी इसी तरीके को अपनाया।’’

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PRANAV DA: जंगीपुर: प्रणब मुखर्जी की विरासत

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calendar12 Dec 2022 06:08 PM
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PRANAV DA: जंगीपुर (पश्चिम बंगाल)। देश के 13वें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की संगमरमर की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण एक सादे कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में किया गया।

PRANAV DA:

अभिजीत ने मुखर्जी की आवक्ष प्रतिमा के अनावरण की कुछ तस्वीरें ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा, मेरे पिता प्रणब मुखर्जी को उनकी 86वीं जयंती पर सम्मानित करने के वास्ते एक आवक्ष प्रतिमा स्थापित करने के लिए जंगीपुर नगर पालिका को धन्यवाद। प्रणब मुखर्जी ने पांच दशकों के अपने लंबे राजनीतिक करियर के अंत में लगातार दो चुनाव जंगीपुर लोकसभा क्षेत्र से लड़े और जीते भी। जंगीपुर और मुखर्जी के एक-दूसरे से जुड़ने से पहले अपने बेहतरीन राजनीतिक करियर में कई मौकों पर मुखर्जी ने महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई। मुखर्जी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की अनुपस्थिति में मंत्रिमंडल की कई बैठकों की अध्यक्षता की, संसद के उच्च सदन में विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व किया। मुखर्जी के मित्र एवं पूर्व स्कूल प्रधानाध्यापक मोहम्मद सोहराब (89) ने कहा, हम उन्हें न केवल एक बेहतरीन राजनेता के रूप में बल्कि जंगीपुर को वैश्विक मानचित्र पर पहचान दिलाने के लिए भी याद रखेंगे। सोहराब, कई स्थानीय गणमान्य लोगों और मुखर्जी के बेटे अभिजीत ने पूर्व राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि अर्पित की। अभिजीत इस निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व सांसद हैं। अभिजीत ने कहा, वह व्यक्ति जिसने अपने पूरे जीवन में भारत के अधिकतर महत्वपूर्ण मंत्रालयों का नेतृत्व किया और राष्ट्रीय पटल पर कई बड़े समझौते कराने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई...। मुखर्जी ने क्षेत्रीय पार्टी ‘बांग्ला कांग्रेस’ के संस्थापक सदस्य के रूप में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की, जिसने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और कई अन्य दलों के साथ गठबंधन कर 1967 में पश्चिम बंगाल में पहली गैर-कांग्रेसी सरकार बनाई। दो साल बाद वह ‘बांग्ला कांग्रेस’ के टिकट पर राज्यसभा के लिए चुने गए और बांग्लादेश की आजादी का समर्थन करने के लिए ‘प्रिवी पर्स’ को खत्म करने के विधेयक सहित कई मुद्दों पर बहस के दौरान इंदिरा गांधी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। ‘प्रिवी पर्स’ किसी संवैधानिक या लोकतांत्रिक राजतंत्र में राज्य के स्वायत्त शासक एवं राजपरिवार को मिलने वाली विशेष धनराशि को कहा जाता है। संसद में ‘बांग्ला कांग्रेस’ के वह एकमात्र प्रतिनिधि थे। इंदिरा गांधी के सुझाव पर मुखर्जी ने 1972 में कांग्रेस के साथ अपनी पार्टी का विलय किया। एक साल के भीतर उन्हें उप मंत्री बनाया गया और इसके बाद ही राजनीति व अंतरराष्ट्रीय कूटनीति की दुनिया में उनका उदय हुआ। वह जल्द ही इंदिरा गांधी के संकटमोचक बन गए। बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या किए जाने के बाद उन्हें रहमान की बेटी शेख हसीना की देखभाल का काम सौंपा गया और इससे दोनों पड़ोसी देशों के बीच पारस्परिक हित के दीर्घकालिक संबंध स्थापित हुए। वर्ष 2004 में जंगीपुर से 37,000 मतों के अंतर से चुनाव जीतने के बाद कई लोगों को उम्मीद थी कि वह ही कांग्रेस नीत गठबंधन की ओर से प्रधानमंत्री होंगे, लेकिन सोनिया गांधी ने सभी को आश्चर्यचकित करते हुए मनमोहन सिंह को चुना। हालंकि 2012 में कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) ने उन्हें राष्ट्रपति पद का अपना उम्मीदवार बनाया और सात लाख मतों के अंतर से उन्होंने जीत दर्ज की। मुखर्जी 25 जुलाई 2017 तक देश के राष्ट्रपति रहें। 31 अगस्त 2020 को उनका निधन हो गया।

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Indore medical college : महिला पुलिसकर्मी ने स्टूडेंट बन कर पकड़ा रैगिंग करने वाले छात्रों को

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calendar12 Dec 2022 05:55 PM
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Indore medical college : स्टूडेंट के बीच में शामिल हो कर रैगिंग करने वाले समूह का भंडाफोड़ करने वाली 24 वर्षीय शालिनी चौहान इंदौर पुलिस में एक महिला पुलिसकर्मी के पद पर कार्यरत हैं। उनके इस कार्य से पुलिस महकमे में भी उनकी जमकर तारीफ हो रही है। आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला... मध्य प्रदेश के इंदौर में एक मेडिकल कॉलेज ( महात्मा गाँधी स्मृति मेडिकल कॉलेज) ( Indore medical college) में रैगिंग की कई घटनाएं सामने आने के बाद एक महिला पुलिसकर्मी ने स्टूडेंट के तौर पर ही कॉलेज में प्रवेश लिया और पूरी पड़ताल के बाद आरोपियों को पहचानने में अहम भूमिका निभाई। इस महिला पुलिसकर्मी का नाम शालिनी चौहान है और वह महज़ 24 वर्ष की हैं। इस मामले को पूरी तरह से गुप्त रखा गया ताकि बिना किसी संदेह के आरोपी छात्रों को सजा दिलायी जा सके। बताया जा रहा है कि इस मेडिकल कॉलेज (Indore medical college) में सीनियर छात्रों के द्वारा जूनियर छात्रों की रैगिंग करने का मामला देखा गया था जिसके कारण कुछ छात्रों ने यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन की हेल्पलाइन पर शिकायत भी दर्ज कराई थी। मामले को संज्ञान में लेते हुए संयोगितागंज थाने में यह दर्ज भी किया गया। इस मामले की पड़ताल करने के लिए एक अंडरकवर टीम का गठन किया था जिसका हिस्सा शालिनी चौहान को बनाया गया।

किस प्रकार आरोपियों को पकड़ा शालिनी ने?

थानाप्रभारी तहजीब काजी और सब इंस्पेक्टर सत्यजीत चौहान के द्वारा इस मामले का नेतृत्व किया जा रहा था और आरोपी छात्रों की सही पहचान के लिए स्टूडेंट से मिलना और उनके व्यवहार को जानना काफ़ी महत्वपूर्ण था। इस कार्य के लिए शालिनी चौहान को चुना गया और उन्होंने इसे बखूबी निभाया भी। वे छात्रों से घुलने-मिलने के लिए कैंटीन में काफ़ी वक़्त बिताती थीं और जूनियर छात्रों से काफ़ी बातचीत करती थीं। कुछ ही समय में वे सीनियर छात्रों तक भी पहुँच गयीं और रैगिंग जैसे कामों में शामिल छात्रों को पहचाना। अब तक 10 आरोपियों की पहचान हो चुकी है और 6 छात्रों को गिरफ्त में भी ले लिया गया है। पुलिस महकमे के द्वारा बताया गया कि शालिनी बातचीत करने में काफ़ी अच्छी हैं और वे सभी से हंस बोल कर बात करती हैं। इसी कारण से वे इस मामले को अंजाम तक पहुँचा सकी।
MP News: एमबीबीएस की छात्रा बनकर महिला पुलिसकर्मी ने किया ये काम