Political News : किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हूं : टीआरएस पार्षद कविता

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Ready to face any investigation : TRS corporator Kavita
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 07:57 PM
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Political News : हैदराबाद। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की पार्षद के. कविता ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रवर्तन निदेशालय तथा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो जैसी केंद्रीय एजेंसियों के निशाने पर आयी वह और उनकी पार्टी के नेता किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं।

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वह उन खबरों पर प्रतिक्रिया दे रही थीं कि ईडी ने एक रिमांड रिपोर्ट में दिल्ली शराब घोटाला मामले में आरोपी के तौर पर उनके नाम का उल्लेख किया है। कविता ने कहा कि हम किसी भी तरह की जांच का सामना करेंगे। अगर एजेंसियां आती हैं और हमसे सवाल करती हैं तो हम निश्चित तौर पर जवाब देंगे। लेकिन, मीडिया को चुनिंदा सूचनाएं लीक करके नेताओं की छवि बिगाड़ना... लोग इसे खारिज कर देंगे।

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उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उन्हें तथा अन्य नेताओं को किसी भी गलत काम का दोषी साबित कर जेल में रखने की चुनौती दी। टीआरएस पार्टी के कार्यकर्ता एकजुटता व्यक्त करते हुए बड़ी संख्या में उनके आवास पर एकत्रित हो गए।
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Gujarat election: गुजरात चुनाव में इस निर्दलीय उम्मीदवार की चर्चा, जानें वजह

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Gujarat election 2022
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 06:51 AM
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Gujarat election: गुजरात के हिम्मतनगर में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे मगनभाई सोलंकी की उम्मीदवारी से ज्यादा उनकी ढाई फुट लंबी मूछों की चर्चा हो रही है। मिलिए साबरकांठा जिले की हिम्मतनगर सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे मगनभाई सोलंकी (57) से, जिन्हें लोग उनके नाम से ज्यादा उनकी ढाई फुट लंबी मूंछों की वजह से पहचानते हैं। फिलहाल यह सीट भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास है। इस सीट पर गुजरात विधानसभा चुनावों के दूसरे चरण में पांच दिसंबर को मतदान होगा।

Gujarat election 2022

सेना से 2012 में मानद लेफ्टिनेंट के पद से सेवानिवृत्त हुए सोलंकी का कहना है कि उन्हें चुनाव लड़ना बहुत पसंद है और 2017 के गुजरात विधानसभा चुनावों के बाद से चुनाव लड़ रहे हैं।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “मैं तब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का उम्मीदवार था। मैं चुनाव हार गया लेकिन हार नहीं मानी। 2019 के लोकसभा चुनाव में मैंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। इस बार भी मैं निर्दलीय चुनाव लड़ रहा हूं।”

सोलंकी का दावा है कि उन्होंने पश्चिम, पूर्व से लेकर उत्तर तक विभिन्न सीमाओं पर काम किया है और कहते हैं कि चुनाव प्रचार के दौरान वे जहां भी जाते हैं, उनकी मूंछें लोगों का ध्यान आकर्षित करती हैं।

उन्होंने कहा कि जब मैं सेना में था, मेरी मूंछें ध्यान आकर्षित करती थीं क्योंकि वरिष्ठ अधिकारी हमेशा इसकी प्रशंसा करते थे। जब मैं चुनाव लड़ रहा होता हूं तो लोग मेरी मूंछें देखकर हंसते हैं। बच्चे आकर इसे छूने की कोशिश करते हैं, जबकि युवा ऐसी मूंछें बढ़ाने के तरीके के बारे में सुझाव मांगते हैं।

उन्होंने कहा कि यदि वह निर्वाचित होते हैं, तो वह गुजरात सरकार से युवाओं को मूंछें बढ़ाने को प्रोत्साहित करने के लिए एक कानून लाने की अपील करेंगे और पूर्व-सैनिकों से संबंधित मुद्दों को भी उठाएंगे।

उन्होंने कहा कि जो भी मूंछें रखता है, सरकार को उसे इनके रखरखाव के लिए कुछ राशि का भुगतान करना चाहिए।

सोलंकी मूंछें बढ़ाने के लिए अपने पिता से प्रेरित हुए और 19 साल की उम्र में सेना में शामिल होने तक उनकी मूंछे काफी लंबी हो चुकी थीं।

उन्होंने कहा कि सेना में, मुझे अपनी मूंछों के रखरखाव के लिए विशेष भत्ता मिलता था। मैं अपनी रेजिमेंट में मूंछवाला के रूप में जाना जाता था। मेरी मूंछें मेरी शान हैं। यह मुझे भीड़ से अलग करती हैं।

सोलंकी कहते हैं कि वह जब तक चुनाव जीत नहीं जाते, तब तक चुनाव लड़ना नहीं छोड़ेंगे।

हिम्मतनगर से भाजपा ने वीरेंद्रसिंह जाला को, कांग्रेस ने कमलेशभाई पटेल को और आम आदमी पार्टी (आप) ने निर्मलसिंह परमार को टिकट दिया है।

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Health News : खुशखबरी : मिल गया मिर्गी का बेहतरीन इलाज

Health
Good news : got the best treatment for epilepsy
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 12:15 AM
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Health News : कोच्चि (केरल)। केरल के एक अस्पताल ने नए कम्प्यूटेशनल उपकरण विकसित किए हैं, जो मस्तिष्क के उस हिस्से (एपिलेप्टिक फोकस) की सटीक पहचान कर सकता है, जिसके कारण मिर्गी के दौरे पड़ते हैं। इसकी सटीक पहचान ही मिर्गी की सर्जरी की प्रमुख चुनौती होती है।

Health News :

एक बयान के अनुसार, अमृता हॉस्पिटल में सेंटर फॉर एपिलेप्सी ने इस संबंध में 2015 से 2019 के बीच मिर्गी के करीब 100 जटिल मामलों पर कई अध्ययन किए। बयान में कहा गया है कि मिर्गी सबसे आम मस्तिष्क संबंधी विकारों में से एक है, जिससे भारत में करीब 60 फीसदी लोग प्रभावित हैं। इन मरीजों में से 70 प्रतिशत के दौरे इलाज से नियंत्रित किए जा सकते हैं। उसने कहा कि हालांकि, 30 प्रतिशत मरीजों पर दवा का असर नहीं होता, जो कि मिर्गी का गंभीर रूप है। सर्जरी से ‘एपिलेप्टिक फोकस’ को हटाया जा सकता है, जहां से मरीजों में मिर्गी के दौरे शुरू हाते हैं।

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अमृता हॉस्पिटल में क्लिनिकल प्रोफेसर डॉ. सिबी गोपीनाथ ने कहा कि केंद्र ने नए कम्प्यूटेशनल उपकरण विकसित किए हैं, जिससे मस्तिष्क के उस हिस्से की सटीक पहचान की जा सकती है, जिसके कारण मिर्गी के दौरे पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि मस्तिष्क में एपिलेप्टिक फोकस की सटीक पहचान करने से सर्जन को मस्तिष्क के असामान्य ऊत्तकों को हटाने तथा खतरे और मिर्गी की सर्जरी के नकारात्मक असर को कम करने में मदद मिलेगी।