केंद्र पर बरसे सीएम भगवंत मान, कहा - किसान दिल्ली नहीं तो क्या लाहौर जाएंगें

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Farmer Protest
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 09:40 PM
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Farmer Protest : अपनी मांगों को लेकर पंजाब- हरियाणा बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है। किसान एमएसपी की कानूनी गारंटी को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, वहीं सरकार के साथ चार दौर की वार्ता के बाद भी अब तक सामधान नहीं निकल पाया है। किसान आंदोलन के दौरान पंजाब के सीएम भगवंत मान भी काफी चर्चा में रहे हैं। वहीं अब उन किसान आंदलोन को लेकर दिया बयान सोशल मीडिया पर बेहद चर्चित हो रहा है। जिसमें सीएम कह रहे हैं कि, पंजाब का किसान अगर दिल्ली नहीं आएगा तो क्या लाहौर जाएगा? सरकार क्यों उन्हें रोक रही है।

किसान दिल्ली नहीं आएगा तो क्या लाहौर जाएगा - सीएम मान

दरअसल एक कार्यक्रम के दौरान पंजाब के सीएम भगवंत मान से किसान आंदोलन को लेकर सवाल किया गया। जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि “क्या पंजाब के किसान के लिए दिल्ली आना में पाबंदी है? राजधानी नहीं है दिल्ली उनकी? जब सरकार दिल्ली से चलती है तो कहां जाए फिर किसान, क्या किसान लाहौर जाए?”। साथ ही सीएम भगवंत मान ने आगे कहा, “वैसे किसान लाहौर जल्दी जा सकता था, सरकार ने जितनी बड़ी तारें इधर लगाई थी लाहौर वाली कम हैं। क्यों नहीं आने दिया जाता किसानो को? उन्हें यहां राम लीला ग्राउंड में भी बैठाया जा सकता था, यहां बातचीत हो सकती थी।” Farmer Protest

किसने मांगा है तीन कानून

किसान आंदोलन पर बोलते हुए सीएम भगवंत मान ने कहा कि आखिर किसने तीन कानून मांगा था, किससे पूछकर मोदी जी ये तीन कानून लेकर आए थे। एक दिन मोदी जी टीवी पर आते हैं और कहते हैं कि मेरी तपस्या में कमी रह गई, मैं ये कानून वापस लेता हूं। तपस्या में कमी रह गई इसका मतलब कोई कमी रह गई, तपस्या में कमी रह गई थी। अब तीन साल हो गए हैं इस कमी को पूरा कीजिए किसानों की बात को सुनिए उनकी मांगों को पूरा कीजिए।

हिमाचल में सुक्खू की गई कुर्सी, बनेगा नया मुख्यमंत्री

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हिमाचल प्रदेश के CM सुक्खू का बड़ा दावा, 5 साल चलेगी मेरी सरकार

Himachal Pradesh Crisis
Himachal Pradesh Crisis
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Feb 2024 06:15 PM
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Himachal Political Crisis:  हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम हर पल बदल रहा है। पहले दावा किया गया था कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अब हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की खबर का साफ-साफ खंडन कर दिया है। इतना ही नहीं CM सुक्खू ने दावा किया है कि उनके पास विधायकों का बहुमत मौजूद है और उनकी सरकार पूरे पांच साल चलेगी। खबर है कि हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने  कांग्रेस हाइकमान के सामने अपने इस्तीफे की पेशकस की थी। कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें अभी पद पर बने रहने के निर्देश दिए हैं। अपने हाईकमान से निर्देश मिलने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि वे इस्तीफा नहीं दे रहे हैं। इस बीच हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है।

सकंट में फंसी सरकार,क्या रहा घटनाक्रम

राजनीतिक विश्लेशकों का दावा है कि हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कुर्सी खतरे में है। दावा किया जा रहा है कि अब जल्द ही हिमाचल प्रदेश में कोई नया मुख्यमंत्री देखने को मिलेगा। यह सवाल उलझा हुआ है कि हिमाचल प्रदेश का नया मुख्यमंत्री कांग्रस पार्टी से होगा या फिर भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश में कोई बढ़ा खेला कर देगी। आपको बता दें इससे पहले वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने सुक्खू सरकार से इस्तीफा दे दिया है, तो वहीं दूसरी ओर स्पीकर ने जयराम ठाकुर समेत बीजेपी के 15 विधायकों को सस्पेंड कर दिया है। इससे पहले जयराम ठाकुर ने इसकी आशंका जताई थी और इसको लेकर बीजेपी का डेलीगेशन राज्यपाल से भी मिला था।

विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि आज सुबह हिमाचल प्रदेश के कैबनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। हिमाचल के दिग्गज नेता रहे वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि मैने इसके बारे में प्रियंका गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को बताया था। उन्होंने कहा कि कभी-कभी कठोर निर्णय लेने पड़ते हैं और वर्तमान हालात को देखते हुए मैं इस सरकार में नहीं रह सकता हूं। बातचीत करते हुए हिमाचल प्रदेश के युवा नेता विक्रमादित्य सिंह बेहद भावुक नजर आए। उन्होंने कहा उनके पिता वीरभद्र सिंह ने छह-छह बार हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनवाई किंतु हिमाचल प्रदेश की वर्तमान सरकार वीरभद्र सिंह की मूर्ति लगाने के लिए दो गज जमीन तक नहीं दे पाई यह सरासर अन्याय है ऐसी स्थिति में मैं वर्तमान सरकार के साथ नहीं रह सकता।

क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों की हुई अनदेखी

हिमाचल प्रदेश राज्यसभा चुनाव के बाद अब सुक्खू सरकार के लिए संकट और बढ़ गया है। सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री और वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस आलाकमान से खुली बगावत कर दी है। उन्होंने कहा कि क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों की अनदेखी हुई है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को हमने पार्टी के हर मंच पर उठाया था, लेकिन उनकी अनदेखी हुई है।

कांग्रेस के विधायकों ने की क्रॉस वोटिंग

इससे पहले भी हम आपको बता चुके हैं कि हिमाचल प्रदेश में वर्तामान राजनीतिक संकट राज्यसभा के चुनाव को लेकर शुरू हुआ। कल देर रात हिमाचल प्रदेश में  राज्यसभा चुनाव के नतीजे घोषित हो गए थे। हिमाचल प्रदेश की एक सीट पर हुए चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन मे जीत दर्ज की है, जबकि सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को क्रॉस वोटिंग के कारण हार का सामना करना पड़ा। वहीं हिमाचल प्रदेश में बीजेपी के पास बहुमत नहीं था, लेकिन कांग्रेस के छह विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। इसके अलावा तीन निर्दलीय विधायकों ने भी कांग्रेस का साथ नहीं दिया, जिसकी वजह से कांग्रेस और बीजेपी दोनों के उम्मीदवारों को बराबर-बराबर वोट मिले है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यह पहली बार है जब राज्यसभा चुनाव में दो उम्मीदवारों में बराबर-बराबर वोट मिलने की वजह से पर्ची से हार जीत का फैसला हुआ। हालांकि इस पर्ची के फैसले में भी कांग्रेस को किस्मत का साथ नहीं मिला, क्योंकि इसमें भी बीजेपी ने बाजी मार ली है।

हिमाचल में पेश होना है बजट

हिमाचल विधानसभा में आज बजट पेश होना है। इस बीच बीजेपी की ओर से दावा किया गया है कि कांग्रेस सरकार अपने विधायकों का भरोसा खो चुकी है। जयराम ठाकुर के नेतृत्व में बीजेपी विधायकों ने राज्यपाल से वोटिंग डिवीजन की मांग की है। देश-विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुकपर लाइक करें या  ट्विटरपर फॉलो करें।
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परेशानियों में फंसे मुंबई वाले, 1 महीने में चुकाना होगा साल भर का प्रॉपर्टी टैक्स

Mumbai News
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locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 02:10 AM
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Mumbai News : मुंबई में वित्तीय वर्ष 2023-24 बजट आने के बाद से परेशानी बढ़नी शुरू हो गई है। हाल ही मुंबई में बजट के जारी होने के बाद बीएमसी ने वित्तीय वर्ष 2023-24 का प्रॉपर्टी टैक्स भरने के लिए भेज दिया है। इसमें खास बात यह है कि मुंबई में रहने वालों को पूरे एक साल का प्रॉपर्टी टैक्स एक साथ भेज दिया गया है और इसे भरने के लिए भी केवल एक ही महीने का समय दिया है। अगर मुंबई वाले इस बिल को नहीं जमा करा पाते तो, 31 मार्च के बाद उन्हें टैक्स पर 2 प्रतिशत इंटरेस्ट भरना पड़ेगा।

बीएमसी प्रशासन का हो रहा विरोध

वहीं बीएमसी प्रशासन की ओर से की जा रही इस रवैए का बीजेपी, कांग्रेस और सामाजवादी पार्टी ने कड़ी विरोध किया है। सभी पार्टियों के नेताओं नें बीएमसी प्रशासन की एक रवैए पर कहा कि बीएमसी की इस गलती की सजा मुंबईवालें क्यों भुगते। वहीं सपा विधायक रईस शेख ने इसपर कहा कि बीएमसी प्रशासन की मनमानी नहीं चलेगी। मैं इस मुद्दे को विधानमंडल के मौजूदा कत्र में जरूर उठाऊंगा। मुंबईवालों को इस प्रॉपर्टी टैक्स को भरने के लिए कम से कम छह महीने का समय तो मिलना ही चाहिए। Mumbai News

4500 करोड़ प्रॉपर्टी टैक्स का है लक्ष्य

आपको बता दें बीएमसी ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 4,500 करोड़ प्रॉपर्टी टैक्स से कमाई होने का लक्ष्य रखा है, लेकिन अभी तक बीएमसी केवल 800 करोड़ रुपये ही वसूल पाई है। जिसके चलते अब बीएमसी सख्त रूख अपना रही है। इसी के चलते वह प्रॉपर्टी टैक्स वसूलने के लिए नागरिकों को एक साथ पूरे साल का बिल भेज रही है।

31 मार्च तक पूरा करना है लक्ष्य

इसके चलते ही एक महीने में बीएमसी को अपना टारगेट 3700 करोड़ रुपये मुंबईवालों से वसूलने हैं। आपको बता दें बीएमसी ने पिछले साल रेडीरेकनर की दर से प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाकर मुंबईकरों को बिल भेजना शुरू किया था। लेकिन भारी विरोध के बाद सरकार ने बीएमसी के प्रस्ताव को रोक दिया था। इसके चलते बीएमसी मुंबईकरों को प्रॉपर्टी टैक्स का बिल नहीं भेज पाई। जिसके चलते उन्हें एक साथ पूरा बिल भेजना पड़ा है। जबकि पहले प्रॉपर्टी टैक्स का बिल साल में दो बार भेजा जाता था।

Himachal Pradesh Crisis: स्पीकर ने बीजेपी के 15 विधायकों को किया सस्पेंड, विक्रमादित्य सिंह का इस्तीफा

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