Himachal Political Crisis: हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम हर पल बदल रहा है। पहले दावा किया गया था कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अब हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की खबर का साफ-साफ खंडन कर दिया है। इतना ही नहीं CM सुक्खू ने दावा किया है कि उनके पास विधायकों का बहुमत मौजूद है और उनकी सरकार पूरे पांच साल चलेगी। खबर है कि हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांग्रेस हाइकमान के सामने अपने इस्तीफे की पेशकस की थी। कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें अभी पद पर बने रहने के निर्देश दिए हैं। अपने हाईकमान से निर्देश मिलने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि वे इस्तीफा नहीं दे रहे हैं। इस बीच हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है।
सकंट में फंसी सरकार,क्या रहा घटनाक्रम
राजनीतिक विश्लेशकों का दावा है कि हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कुर्सी खतरे में है। दावा किया जा रहा है कि अब जल्द ही हिमाचल प्रदेश में कोई नया मुख्यमंत्री देखने को मिलेगा। यह सवाल उलझा हुआ है कि हिमाचल प्रदेश का नया मुख्यमंत्री कांग्रस पार्टी से होगा या फिर भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश में कोई बढ़ा खेला कर देगी। आपको बता दें इससे पहले वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने सुक्खू सरकार से इस्तीफा दे दिया है, तो वहीं दूसरी ओर स्पीकर ने जयराम ठाकुर समेत बीजेपी के 15 विधायकों को सस्पेंड कर दिया है। इससे पहले जयराम ठाकुर ने इसकी आशंका जताई थी और इसको लेकर बीजेपी का डेलीगेशन राज्यपाल से भी मिला था।
विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि आज सुबह हिमाचल प्रदेश के कैबनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। हिमाचल के दिग्गज नेता रहे वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि मैने इसके बारे में प्रियंका गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को बताया था। उन्होंने कहा कि कभी-कभी कठोर निर्णय लेने पड़ते हैं और वर्तमान हालात को देखते हुए मैं इस सरकार में नहीं रह सकता हूं। बातचीत करते हुए हिमाचल प्रदेश के युवा नेता विक्रमादित्य सिंह बेहद भावुक नजर आए। उन्होंने कहा उनके पिता वीरभद्र सिंह ने छह-छह बार हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनवाई किंतु हिमाचल प्रदेश की वर्तमान सरकार वीरभद्र सिंह की मूर्ति लगाने के लिए दो गज जमीन तक नहीं दे पाई यह सरासर अन्याय है ऐसी स्थिति में मैं वर्तमान सरकार के साथ नहीं रह सकता।
क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों की हुई अनदेखी
हिमाचल प्रदेश राज्यसभा चुनाव के बाद अब सुक्खू सरकार के लिए संकट और बढ़ गया है। सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री और वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस आलाकमान से खुली बगावत कर दी है। उन्होंने कहा कि क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों की अनदेखी हुई है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को हमने पार्टी के हर मंच पर उठाया था, लेकिन उनकी अनदेखी हुई है।
कांग्रेस के विधायकों ने की क्रॉस वोटिंग
इससे पहले भी हम आपको बता चुके हैं कि हिमाचल प्रदेश में वर्तामान राजनीतिक संकट राज्यसभा के चुनाव को लेकर शुरू हुआ। कल देर रात हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के नतीजे घोषित हो गए थे। हिमाचल प्रदेश की एक सीट पर हुए चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन मे जीत दर्ज की है, जबकि सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को क्रॉस वोटिंग के कारण हार का सामना करना पड़ा। वहीं हिमाचल प्रदेश में बीजेपी के पास बहुमत नहीं था, लेकिन कांग्रेस के छह विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। इसके अलावा तीन निर्दलीय विधायकों ने भी कांग्रेस का साथ नहीं दिया, जिसकी वजह से कांग्रेस और बीजेपी दोनों के उम्मीदवारों को बराबर-बराबर वोट मिले है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यह पहली बार है जब राज्यसभा चुनाव में दो उम्मीदवारों में बराबर-बराबर वोट मिलने की वजह से पर्ची से हार जीत का फैसला हुआ। हालांकि इस पर्ची के फैसले में भी कांग्रेस को किस्मत का साथ नहीं मिला, क्योंकि इसमें भी बीजेपी ने बाजी मार ली है।
हिमाचल में पेश होना है बजट
हिमाचल विधानसभा में आज बजट पेश होना है। इस बीच बीजेपी की ओर से दावा किया गया है कि कांग्रेस सरकार अपने विधायकों का भरोसा खो चुकी है। जयराम ठाकुर के नेतृत्व में बीजेपी विधायकों ने राज्यपाल से वोटिंग डिवीजन की मांग की है।
Himachal Pradesh Crisis: स्पीकर ने बीजेपी के 15 विधायकों को किया सस्पेंड, विक्रमादित्य सिंह का इस्तीफा
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