NIA & ED : देश विरोधी ताकतों के खिलाफ जांच एजेंसियों का हल्ला बोल, 100 गिरफ्तार

एनआईए और ईडी सख्त
पीएफआई और ईडी ने मलप्पुरम जिले के मंजेरी में पीएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमा सलाम के अलावा पीएफआई के दिल्ली हेड परवेज अहमद के घर पर छापेमारी की और गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान पीएफआई कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। इसके अलावा कर्नाटक के मंगलुरु में भी एनआईए की छापेमारी के खिलाफ पीएफआई और एसडीपीआई के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि इन्हें हिरासत में ले लिया गया है। पीएफआई के राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर के नेताओं के घरों पर छापेमारी हो रही है। राज्य समिति कार्यालय पर भी छापेमारी की जा रही है। संगठन ने एक बयान में कहा है कि असहमति की आवाज को दबाने के लिए फासीवादी शासन द्वारा एजेंसियों का बेजा इस्तेमाल करने के कदमों का हम कड़ा विरोध करते हैं।NIA & ED :
दूसरी ओर, एनआईए के अधिकारी तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पार्टी कार्यालय पर छापेमारी की। पीएफआई के 50 से ज्यादा सदस्यों ने एनआईए की छापेमारी के खिलाफ पार्टी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। असम पुलिस ने राज्यभर में पीएफआई से जुड़े नौ लोगों को हिरासत में लिया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि कल रात असम पुलिस और एनआईए ने संयुक्त रूप से गुवाहाटी के हाटीगांव इलाके में अभियान चलाया और पीएफआई से जुड़े राज्यभर में 9 लोगों को हिरासत में लिया। चार्जशीट में जिन लोगों के नाम शामिल हैं, उनमें के ए रऊफ शेरिफ, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अतीकुर रहमान, दिल्ली स्थित पीएफआई के महासचिव मसूद अहमद, पीएफआई से जुड़े पत्रकार सिद्दीक कप्पन और मोहम्मद आलम के नाम शामिल हैं।Raid on PFI bases :
मध्य प्रदेश के इंदौर और उज्जैन में एनआईए ने पीएफआई के ठिकानों पर मारा छापा है। पीएफआई के मध्य प्रदेश लीडर को गिरफ्तार किया गया है। चार नेता इंदौर और उज्जैन से गिरफ्तार किए गए। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत पूर्वांचल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यूपीएटीएस व एनआईए की छापेमारी में दो संदिग्धों को लखनऊ से हिरासत में लिया गया है। इससे पहले एनआईए की टीम ने 18 सितंबर को भी तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के 40 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई थी। इनमें तेलंगाना-आंध्र के दो-दो लोग शामिल थे। बताया जा रहा है कि दोनों राज्यों में 23 से ज्यादा टीमें तलाशी अभियान चला रही हैं। उल्लेखनीय है कि पीएफआई का गठन 17 फरवरी 2007 को हुआ था। ये संगठन दक्षिण भारत में तीन मुस्लिम संगठनों का विलय करके बना था। इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिथा नीति पसराई शामिल थे। पीएफआई का दावा है कि इस वक्त देश के 23 राज्यों में यह संगठन सक्रिय है। देश में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट यानी सिमी पर बैन लगने के बाद पीएफआई का विस्तार तेजी से हुआ है। कर्नाटक, केरल जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में इस संगठन की काफी पकड़ बताई जाती है। इसकी कई शाखाएं भी हैं। इसमें महिलाओं के लिए नेशनल वीमेंस फ्रंट और विद्यार्थियों के लिए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठन शामिल हैं। यहां तक कि राजनीतिक पार्टियां चुनाव के वक्त एक दूसरे पर मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन पाने के लिए पीएफआई की मदद लेने का भी आरोप लगाती हैं। गठन के बाद से ही पीएफआई पर समाज विरोधी और देश विरोधी गतिविधियां करने के आरोप लगते रहते हैं।अगली खबर पढ़ें
एनआईए और ईडी सख्त
पीएफआई और ईडी ने मलप्पुरम जिले के मंजेरी में पीएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमा सलाम के अलावा पीएफआई के दिल्ली हेड परवेज अहमद के घर पर छापेमारी की और गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान पीएफआई कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। इसके अलावा कर्नाटक के मंगलुरु में भी एनआईए की छापेमारी के खिलाफ पीएफआई और एसडीपीआई के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि इन्हें हिरासत में ले लिया गया है। पीएफआई के राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर के नेताओं के घरों पर छापेमारी हो रही है। राज्य समिति कार्यालय पर भी छापेमारी की जा रही है। संगठन ने एक बयान में कहा है कि असहमति की आवाज को दबाने के लिए फासीवादी शासन द्वारा एजेंसियों का बेजा इस्तेमाल करने के कदमों का हम कड़ा विरोध करते हैं।NIA & ED :
दूसरी ओर, एनआईए के अधिकारी तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पार्टी कार्यालय पर छापेमारी की। पीएफआई के 50 से ज्यादा सदस्यों ने एनआईए की छापेमारी के खिलाफ पार्टी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। असम पुलिस ने राज्यभर में पीएफआई से जुड़े नौ लोगों को हिरासत में लिया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि कल रात असम पुलिस और एनआईए ने संयुक्त रूप से गुवाहाटी के हाटीगांव इलाके में अभियान चलाया और पीएफआई से जुड़े राज्यभर में 9 लोगों को हिरासत में लिया। चार्जशीट में जिन लोगों के नाम शामिल हैं, उनमें के ए रऊफ शेरिफ, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अतीकुर रहमान, दिल्ली स्थित पीएफआई के महासचिव मसूद अहमद, पीएफआई से जुड़े पत्रकार सिद्दीक कप्पन और मोहम्मद आलम के नाम शामिल हैं।Raid on PFI bases :
मध्य प्रदेश के इंदौर और उज्जैन में एनआईए ने पीएफआई के ठिकानों पर मारा छापा है। पीएफआई के मध्य प्रदेश लीडर को गिरफ्तार किया गया है। चार नेता इंदौर और उज्जैन से गिरफ्तार किए गए। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत पूर्वांचल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यूपीएटीएस व एनआईए की छापेमारी में दो संदिग्धों को लखनऊ से हिरासत में लिया गया है। इससे पहले एनआईए की टीम ने 18 सितंबर को भी तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के 40 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई थी। इनमें तेलंगाना-आंध्र के दो-दो लोग शामिल थे। बताया जा रहा है कि दोनों राज्यों में 23 से ज्यादा टीमें तलाशी अभियान चला रही हैं। उल्लेखनीय है कि पीएफआई का गठन 17 फरवरी 2007 को हुआ था। ये संगठन दक्षिण भारत में तीन मुस्लिम संगठनों का विलय करके बना था। इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिथा नीति पसराई शामिल थे। पीएफआई का दावा है कि इस वक्त देश के 23 राज्यों में यह संगठन सक्रिय है। देश में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट यानी सिमी पर बैन लगने के बाद पीएफआई का विस्तार तेजी से हुआ है। कर्नाटक, केरल जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में इस संगठन की काफी पकड़ बताई जाती है। इसकी कई शाखाएं भी हैं। इसमें महिलाओं के लिए नेशनल वीमेंस फ्रंट और विद्यार्थियों के लिए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठन शामिल हैं। यहां तक कि राजनीतिक पार्टियां चुनाव के वक्त एक दूसरे पर मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन पाने के लिए पीएफआई की मदद लेने का भी आरोप लगाती हैं। गठन के बाद से ही पीएफआई पर समाज विरोधी और देश विरोधी गतिविधियां करने के आरोप लगते रहते हैं।संबंधित खबरें
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