Karan Kundra Tejaswi Prakash- करण और तेजस्वी की हो गई सगाई?

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करण कुंद्रा और तेजस्वी प्रकाश की सगाई
locationभारत
userचेतना मंच
calendar11 Mar 2022 06:28 PM
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Karan Kundra Tejaswi Prakash- बिग बॉस 15 में कंटेस्टेंट के रूप में नजर आए करण कुंद्रा और तेजस्वी प्रकाश की प्रेम कहानी की शुरुआत भी इसी शो के दौरान हुई। बिग बॉस के इस सीजन में इस कपल ने काफी सुर्खियां बटोरी। फैंस ने इनकी जोड़ी को बहुत सारा प्यार दिया। अब इस कपल के सगाई की खबरें सामने आ रही हैं। आइए जानते हैं इस खबर की सच्चाई क्या है?

तेजस्वी प्रकाश के घर पर स्पॉट हुए करण कुंद्रा के पेरेंट्स-

हाल ही में इंस्टाग्राम पर एक वीडियो सामने आया है जिसमें करण कुंद्रा के पेरेंट्स तेजस्वी प्रकाश के घर पर नजर आए हैं। इस वीडियो में पूरी फैमिली के साथ करण और तेजस्वी भी नजर आ रहे हैं। वीडियो में करण और तेजस्वी (Karan Kundra Tejaswi Prakash) के माथे पर टीका लगा हुआ नजर आ रहा है। जिससे जुड़ी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही। इनके माथे पर लगा टीका देख फैंस यह कयास लगाने में जुट गए कि कहीं ऐसा तो नहीं कि तेजस्वी प्रकाश और करण कुंद्रा की सगाई हो गई हो। हालांकि अभी सगाई से जुड़ा कोई पुख्ता सबूत सामने नहीं आया है। लेकिन वायरल हो रही तस्वीरों पर फैंस लगातार कमेंट कर रहे हैं।

तेजस्वी प्रकाश के पैरंट्स की वेडिंग एनिवर्सरी से जुड़ा है ये वीडियो-

जानकारी के लिए आपको बता दें हाल ही में तेजस्वी प्रकाश के पैरंट्स ने अपनी वेडिंग एनिवर्सरी सेलिब्रेट की। इसी खास मौके पर करण कुंद्रा के पेरेंट्स भी तेजस्वी के घर पहुंचे। इसी फंक्शन से जुड़ा हुआ वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। लेकिन वीडियो को देखकर फैंस को लगने लगा कि यह वीडियो करण और तेजस्वी के रोका सेरिमनी की है। फिलहाल इनकी सगाई से जुड़ी खबरों में कोई सच्चाई नहीं है। हालांकि करण और तेजस्वी दोनों के परिवार वाले इस रिश्ते के लिए पूरी तरह से तैयार है। कुछ दिन पहले ही एक वीडियो सामने आया था जिसमें करण कुंद्रा के पिता को यह कहते सुना गया था कि तेजस्वी उनकी बेटी की तरह है। इसके साथ ही दोनों के परिवारों में बढ़ रही मेलजोल भी इस बात का सबूत है कि दोनों परिवार इन दोनों के रिश्ते के लिए तैयार है।
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अगर बात करें करण और तेजस्वी के वर्क फ्रंट की तो इन दिनों तेजस्वी अपने शो नाग नागिन में बिजी है वही करण कुंद्रा कंगना राणावत के शो लॉकअप (kangana ranaut show Lock Upp) में जेलर के रूप में नजर आ रहे है। इसके अलावा ये दोनो एक साथ एक म्यूजिक एल्बम में भी नजर आ रहे हैं।
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UP Election Result: 2007 में सरकार बनाने वाली मायावती की BSP सिर्फ 1 सीट पर सिमटी

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar11 Mar 2022 05:31 PM
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UP Election Result 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजो ने यूपी की सियासत में भारतीय समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के लिए सत्ता और विपक्ष की भूमिका तो तय कर दी है। लेकिन इन नतीजों ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) के अस्तित्व पर बड़े सवाल खड़े कर दिए है। इस बात पर डिस्कशन तेज हो गई है कि, क्या BSP अपना जनाधार खो चुका है? क्या मायावती का जादू खत्म हो चूका है? क्या BSP अपना मूल वोट बैंक भी नहीं बचा पा रही है? >> यह भी पढ़े:- 10,000 रुपये से कम में 10 दिन का टूर पैकेज, राम जन्मभूमि से पूरी-गंगासागर तक करें यात्रा

क्या अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुकी है BSP

38 साल पहले 1984 में बनी BSP, UP Election Result 2022 के इलेक्शन में आते-आते अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुकी है ऐसा लगता है। पड़ाव पर पहुच चुकी है, ऐसा लगता है। जिस BSP ने 2007 में यूपी में भारी बहुमत के साथ सरकार बनाई थी, वही बसपा 10 साल में सिमटकर एक विधायक पर आ गई है। 2022 के चुनाव में सिर्फ एक विधायक (रसड़ा से उमाशंकर सिंह) ने ही जीत हासिल की है, बसपा के बाकी सभी प्रत्याशी चुनाव हार चुके हैं। 2017 के चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के 19 विधायक थे, लेकिन 2022 आते-आते बहुजन समाज पार्टी में 3 विधायक बचे थे. बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती के कभी खास सिपहसालार रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी, राम अचल राजभर, लाल जी वर्मा जैसे नेता बसपा छोड़कर चले गए। BSP जिस सोशल इंजीनियरिंग (Social Engineering) के सहारे सत्ता का सुख ले चुकी है, वह Social Engineering का फार्मूला 2012 के बाद ऐसा पटरी से उतरा कि आज बहुजन समाज पार्टी का अपना मूल वोटर तक जा चुका है। >> यह भी पढ़े:-  यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से 35 मिनट तक हुई PM मोदी की बात

क्यों बनी थी बसपा? (UP Election Result)

दलितो में राजनैतिक चेतना जगाने के नाम पर, काशीराम ने बहुजन समाज पार्टी की स्थापना हुई थी। दलितों में चेतना और आपसी राजनीति एकता बढ़ाने के लिए शुरू कि गए कांशीराम के मिशन को मायावती ने राजनैतिक मुकाम दिलाया था। लेकिन 2012 में जैसे सत्ता गई वैसे वैसे 10 साल बाद 2022 में मायावती एक विधायक के आंकड़े पर सिमट गए। चुनाव दर चुनाव बसपा का गिरता वोटिंग ग्राफ 2022 के चुनाव में बिल्कुल खात्मे पर आ गया. अगर आंकड़ों में समझें, तो 1990 के बाद से बहुजन समाज पार्टीने अपने वोट बैंक में थोड़ा इजाफा हुआ। 1993 से बहुजन समाज पार्टीने विधानसभा चुनावों में 65 से 70 सीटो पर जीतना शुरू किया। 2002 में भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाने वाली बहुजन समाज पार्टी का वोट प्रतिशत 23% पार कर गया। 2007 में बहुजन समाज पार्टी को सबसे ज्यादा याने 40.43% वोट मिले थे और उसने अपने दम पर सरकार बनाई थी। >> यह भी पढ़े:-  राज्य की किस सीट पर कौन जीता है, सभी सीटों के विजेताओं की लिस्ट

क्यों सिमटता गया बसपा का जनाधार?

लेकिन बादमे बहुजन समाज पार्टी का पतन भी शुरू होने लगा। टिकट देने के नाम पर वसूली (Recovery) की चर्चा आम हो गई। खुद को दलितो की देवी के तौर पर स्थापित करने के लिए लखनऊ, नोएडा में स्मारक तो बनवाए ही लेकिन दलितो के उत्थान के लिए ऐसा कोई काम नहीं कर पाए जिससे दलितों के वोट रोके जा सके। इसी दौरान, राम मंदिर आंदोलन के बाद से लगातार वनवास पर रही भारतीय समाज पार्टी की सत्ता में वापसी हुई, तो उसने सबसे पहले BSP के मूल दलित वोट बैंक पर निशाना बनाया। हर विधान सभा में दलित वोटो की निर्णायक भूमिका को देखते हुए भारतीय समाज पार्टी ने BSP के मूल कैडर के नेताओ को पार्टी में शामिल करवाया। असीम अरुण, बृजलाल जैसे तमाम अफसरों को भारतीय समाज पार्टी में जगह दी गई। 2014 में वाराणसी से प्रधानमंत्री मोदी के चुनाव लड़ने के बाद से ही OBC और SC वोटरों पर भारतीय समाज पार्टीने काम करना शुरू कर दिया। इसका नतीजा ये रहा कि 2017 के चुनाव में बहुजन समाज पार्टी 19 सीटों पर सिमट गई और 2022 में तो बसपा सिर्फ एक सीट रसड़ा जीत पाई। 2022 में भारतीय समाज पार्टी ने दोबारा सत्ता हासिल की तो इसका सबसे बड़ा कारण बहुजन समाज पार्टी की कमजोरी और उसके मूल वोटर का भारतीय समाज पार्टी में शामिल होना बताया जा रहा है।
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UP Election Result 2022: चुनाव नतीजे आने के बाद संजीव बालियान ने राकेश टिकैत को दिया जवाब, कहा - कोको को हऊ खा गया' !

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 09:06 AM
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UP Election 2022 : विधानसभा चुनाव के दौरान राकेश टिकैत ने कहा था कि बीजेपी वालों की बहुत सी वोटों को 'कोको' ले गई. अब चुनाव नतीजों के बाद संजीव बालियान से 'कोको' को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने जवाब में कहा कि राकेश टिकैत जी , 'कोको' को हऊ खा गया । क्या जवाब दिया बालियान ने ? उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने लगातार दूसरी बार प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की है। वहीं चुनाव नतीजों के बाद केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने पिछले 1 साल से बीजेपी के लिए गले की फांस बने किसान नेता राकेश टिकैत को उन्हीं के अंदाज में करारा जवाब दिया हैं। वही संजीव बालियान ने राकेश टिकैत के 'कोको' पर पलटवार करते हुए कहा कि उसे हऊ खा गया। दरअसल, विधानसभा चुनाव के दौरान राकेश टिकैत ने कहा था कि बीजेपी वालों की बहुत सी वोटों को 'कोको' ले गई। लेकिन अब जब चुनाव नतीजों के बाद संजीव बालियान से 'कोको' को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, 'कोको' को हऊ खा गया। किस बात पर ऐसे बोला संजीव बलियान ने ? संजीव बालियान ने कहा,  की बीजेपी की सरकार यूपी में 5 साल से है। वही केंद्र में हम 8 साल से है। फिर से जनता ने मोदी के नेतृत्व को लोगों ने स्वीकार कर बीजेपी को वोट किया। हमारी सरकार राज्य में बनने जा रही है। इससे अच्छी बात क्या हो सकती है। वही उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश में कोको बीजेपी का वोट लेने आई थी, उसे हऊ खा गया। किसान आंदोलन के समय एक तरह का माहौल बनाकर गांवों में एक खाई पैदा की गई। इसके बाद चुनाव में गठबंधन के नेताओं ने घी में आग डालने का काम किया।