अग्नि-5 : आसमान चीरती ज्वाला, भारत के ब्रह्मास्त्र से कांपा पड़ोसी

अग्नि-5 : आसमान चीरती ज्वाला, भारत के ब्रह्मास्त्र से कांपा पड़ोसी
locationभारत
userचेतना मंच
calendar24 Aug 2025 04:41 PM
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क्षिति, जल, पावक, गगन, समीरा, पंच तत्व से बना है शरीर, और इन्हीं तत्वों से भारत बना रहा है अपनी शक्ति का कवच अग्नि-5। भारत ने जब अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया तो मानो पूरा आसमान गूंज उठा। अग्नि-5 के परीक्षण ने धरती से उठती अग्नि की ज्वाला ने सिर्फ समुद्र और आकाश ही नहीं चीर डाला, बल्कि पाकिस्तान की नींद भी उड़ा दी है। Successful Test Of Agni-5 :

क्या है अग्नि-5 की ताकत?

* मारक क्षमता : 5,000 किलोमीटर तक * पाकिस्तान और चीन दोनों इसके निशाने पर * एमआईआरवी तकनीक से लैस, यानी एक मिसाइल, कई वारहेड * दुश्मन के सुरक्षा कवच को चकमा देने की क्षमता * दर्जनों टारगेट एक साथ ध्वस्त करने की ताकत यानी संक्षेप में कहें तो, अग्नि-5 भारत का रणनीतिक ब्रह्मास्त्र है।

पाकिस्तान का तिलमिलाना

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने यहां तक कहा कि भारत महाद्वीपीय स्तर पर सैन्य खतरा बढ़ा रहा है। लेकिन हकीकत यह है कि पड़ोसी की यह चिंता दरअसल भय और असुरक्षा की निशानी है। भारत के इस परीक्षण के बाद पाकिस्तान ने हड़बड़ाहट में बयान दिया कि- * यह क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरनाक है। * भारत हथियारों की दौड़ में शामिल है। * यह परीक्षण शांति और सुरक्षा को कमजोर करता है।

भारत की बढ़ती ताकत

डीआरडीओ ने साफ कर दिया कि यह परीक्षण पूरी तरह सफल रहा। मिसाइल ने सभी पैरामीटर पूरे किए और अब यह हथियार भारत की सुरक्षा का अभेद्य कवच बनकर खड़ा है। जहां पाकिस्तान सुलग रहा है, वहीं भारत नई रक्षा क्षमता के साथ और भी आत्मविश्वास से भर गया है। पाकिस्तान का विदेश मंत्रालय इस मिसाइल के परीक्षण के बाद से ही अनाप शनाप बयानबाजी कर रहा है। जो कि उसके भय और असुरक्षा की भावना को ही दर्शाता है।
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सर्जियो गोर बने भारत में अमेरिका के नए राजदूत, सबसे ताकतवर दूत, चिंता या राहत?

सर्जियो गोर बने भारत में अमेरिका के नए राजदूत, सबसे ताकतवर दूत, चिंता या राहत?
locationभारत
userचेतना मंच
calendar23 Aug 2025 04:31 PM
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New Delhi News : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सबसे भरोसेमंद और करीबी सहयोगी सर्जियो गोर को भारत में नया राजदूत नियुक्त करने का ऐलान किया है। सीनेट की मंजूरी मिलते ही वे औपचारिक रूप से पद संभाल लेंगे। लेकिन इस बार राजदूत की भूमिका सामान्य नहीं होगी। गोर को एक साथ भारत में अमेरिकी राजदूत और दक्षिण व मध्य एशिया के लिए विशेष दूत (स्पेशल एन्वॉय) की दोहरी जिम्मेदारी दी गई है। यही वजह है कि उन्हें अब तक का सबसे पावरफुल अमेरिकी राजदूत माना जा रहा है।

भारत के लिए यह मौका या चुनौती?

भारत-अमेरिका संबंध इस समय एक नाजुक दौर से गुजर रहे हैं। एक तरफ दोनों देश रक्षा और तकनीक के मोर्चे पर साझेदारी बढ़ा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर टैरिफ विवाद और पाकिस्तान फैक्टर रिश्तों पर दबाव डाल रहे हैं। ऐसे में सर्जियो गोर का दोहरी जिम्मेदारी वाला रोल भारत के लिए अवसर भी हो सकता है और चिंता का कारण भी। पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल के मुताबिक, यह फैसला दिखाता है कि अमेरिका अब भारत को केवल द्विपक्षीय रिश्तों की सीमाओं में नहीं देख रहा, बल्कि पाकिस्तान समेत पूरे क्षेत्र से जोड़कर देखना चाहता है। भारत की हमेशा यह आपत्ति रही है कि उसे पाकिस्तान के साथ हाइफनेट (यानी एक ही फ्रेम में) न किया जाए। लेकिन गोर को मिली यह शक्ति भारत की उस आपत्ति को कमजोर कर सकती है।

कौन हैं सर्जियो गोर?

* जन्म: उज्बेकिस्तान (सोवियत संघ के दौर में) * बचपन: माल्टा में बीता * शिक्षा: अमेरिका में * करियर: रिपब्लिकन राजनीति में सक्रिय, सीनेटर रैंड पॉल के साथ काम किया * शौक: किताबें लिखना, पब्लिश करना और यहां तक कि शादी-ब्याह में डीजे तक रह चुके हैं * ट्रंप से रिश्ते: बेहद करीबी और भरोसेमंद सहयोगी, फिलहाल हेड आॅफ प्रेसिडेंशियल पर्सनल अपॉइंटमेंट्स

गोर की ताकत कहां से बढ़ती है?

भारत में अमेरिकी राजदूत की पारंपरिक भूमिका से आगे जाकर वे पूरे दक्षिण और मध्य एशिया की अमेरिकी रणनीति पर सीधा असर डालेंगे। पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों से जुड़े फैसलों में भी उनकी अहम भूमिका होगी। इसका असर इंडो-पैसिफिक पॉलिसी और भारत की सामरिक स्वतंत्रता पर पड़ सकता है। अब सवाल यह है कि क्या सर्जियो गोर की नियुक्ति भारत के लिए सुपर-पावरफुल कूटनीतिक साझेदारी का रास्ता खोलेगी या फिर पाकिस्तान फैक्टर के चलते रिश्तों में नए तनाव लाएगी? New Delhi News
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इसरो के मिशन आम इंसान की जिंदगी को बना रहे आसान, तोड़ चुके हैं कई रिकॉर्ड

इसरो के मिशन आम इंसान की जिंदगी को बना रहे आसान, तोड़ चुके हैं कई रिकॉर्ड
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userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 04:28 PM
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भारत के स्पेस मिशन केवल अंतरिक्ष में भारत की क्षमता नहीं दिखाते, बल्कि आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में भी सहूलियत लाते हैं। इसरो के मिशन आम इंसानों की जिंदगी को आसान बनाने के लिए बनाए जाते हैं। इसरो के वैज्ञानिक और नीति नियंता के दिमाग में हर समय मानव कल्याण और मानव के जीवन को सुगम और आसान बनाने की बात और विचार रहती है। इसके उदाहरण हैं: * संचार और इंटरनेट सेवाएं - टीवी चैनल, रेडियो, ब्रॉडबैंड इंटरनेट। * मौसम और आपदा प्रबंधन - मौसम की सटीक जानकारी, आपदा में राहत एवं बचाव। * कृषि और पर्यावरण - खेती, वनों की कटाई और जमीन उपयोग की निगरानी। * नेविगेशन - इंडियन रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम से सटीक लोकेशन। Space Mission In India :

इसरो का सफर

* 1962- इंडियन नेशनल कमेटी फॉर स्पेस रिसर्च का गठन। * 1963- पहला रॉकेट लॉन्च। * 1975- भारत का पहला सैटेलाइट आर्यभट्ट। * 1984- राकेश शर्मा बने भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री। * 2008- चंद्रयान-1 ने भारत को चांद पर भेजने वाले चौथे देश का दर्जा दिलाया। * 2014- मंगलयान मिशन पहली कोशिश में मंगल पर पहुँचा। * 2023- चंद्रयान-3 के जरिए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भारत ने पहला कदम रखा।

रिकॉर्ड और उपलब्धियां

* 102 मिशन अब तक लॉन्च। * 433 विदेशी सैटेलाइट्स लॉन्च। * 104 सैटेलाइट्स एक साथ लॉन्च कर इतिहास रचा। * एंटी सैटेलाइट मिशन में सफलता, सैटेलाइट नष्ट करने वाला चौथा देश। * 30 जुलाई 2025 - नासा-इसरो सिंथेटिक अपार्चर रडार सैटेलाइट लॉन्च।

गगनयान मिशन और भविष्य

भारत के स्पेस मिशन अब सिर्फ विज्ञान का विषय नहीं, बल्कि सामाजिक, आर्थिक और सुरक्षा क्षेत्र में आम जनता के लिए भी लाभकारी साबित हो रहे हैं। * भारत का पहला स्वदेशी मानव अंतरिक्ष मिशन। * पहली मानव उड़ान 2027 की पहली तिमाही में। * लक्ष्य : 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन, 2040 तक चंद्रमा पर भारतीय चालक दल।