Political News : पीएम नरेन्द्र मोदी के बड़े विरोधी आगे की क्या कर रहे हैं तैयारी

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सतपाल मलिक ने राज्यपाल के पद पर रहने के बावजूद कभी भी सरकार की हां में हां नहीं मिलाई। किसानों को लेकर केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा बनाई जाने वाली किसान विरोधी नीतियों का उन्होंने हमेशा विरोध किया और हमेशा किसानों के हक में खड़े रहे। मेघालय के राज्यपाल का कार्यकाल खत्म करने के बाद सतपाल मलिक 5 अक्टूबर 2022 को अपने पैतृक गांव बागपत जिले के हिसावदा पहुंचे, जहां उनका बड़ी संख्या में मौजूद किसानों, मजदूरों एवं उनके समर्थकों ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। ग्रामीणों को संबोधित करते हुए सतपाल मलिक ने कहा कि केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चल रही सरकार किसानों को बर्बाद करने पर आमादा है। प्रधानमंत्री ने माफी मांगकर पूरे देश के सामने तीन काले कृषि कानून वापस लिए थे और जल्द से जल्द एमएसपी यानि (मिनिमम सपोर्ट प्राइस) लागू करने के लिए कहा था, लेकिन उसे अब तक लागू नहीं किया गया है। महंगाई और बेरोजगारी से पूरा देश आज परेशान हैं। गन्ना किसानों के करोड़ों रुपये के बकाये का भुगातन नहीं हुआ है और सरकार ने अग्निवीर योजना लाकर किसानों के बेटों के सामने रोजगार का बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। श्री मलिक ने कहा कि किसान विरोधी केन्द्र सरकार के खिलाफ सबको एकजुट होना पड़ेगा। सूत्र बताते हैं कि राज्यपाल के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद सतपाल मलिक अब खुलकर केन्द्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलना चाहते हैं। श्री मलिक अपने बलबूते पर देश में एक बड़ा किसान आंदोलन खड़ा करना चाहते हैं। इसके बैंकग्राउंड में मेरठ में सतपाल मलिक की छात्र राजनीति का दौर है। श्री मलिक देश के पूर्व प्रधानमंत्री व किसानों के मसीहा रहे चौधरी चरण सिंह के अनन्य भक्त रहे हैं और किसानों के हित की आवाज उठाना उनके खून, व्यवहार और नीयत में शामिल है।Pm Modi News : पीएम मोदी सूरत में रखी 3,400 करोड़ की विभिन्न परियोजनाओं की बुनियाद
अब यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि वे किस प्रकार किसान आंदोलन खड़ा करते हैं। कुछ पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या वे कोई नई राजनीतिक पारी शुरू कर रहे हैं। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि नहीं, राजनीति तो उन्होंने जीवनभर कर ली है। अब तो वे किसानों व मजदूरों की मुसीबतों का सम्पूर्ण समाधान चाहते हैं।अगली खबर पढ़ें
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सतपाल मलिक ने राज्यपाल के पद पर रहने के बावजूद कभी भी सरकार की हां में हां नहीं मिलाई। किसानों को लेकर केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा बनाई जाने वाली किसान विरोधी नीतियों का उन्होंने हमेशा विरोध किया और हमेशा किसानों के हक में खड़े रहे। मेघालय के राज्यपाल का कार्यकाल खत्म करने के बाद सतपाल मलिक 5 अक्टूबर 2022 को अपने पैतृक गांव बागपत जिले के हिसावदा पहुंचे, जहां उनका बड़ी संख्या में मौजूद किसानों, मजदूरों एवं उनके समर्थकों ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। ग्रामीणों को संबोधित करते हुए सतपाल मलिक ने कहा कि केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चल रही सरकार किसानों को बर्बाद करने पर आमादा है। प्रधानमंत्री ने माफी मांगकर पूरे देश के सामने तीन काले कृषि कानून वापस लिए थे और जल्द से जल्द एमएसपी यानि (मिनिमम सपोर्ट प्राइस) लागू करने के लिए कहा था, लेकिन उसे अब तक लागू नहीं किया गया है। महंगाई और बेरोजगारी से पूरा देश आज परेशान हैं। गन्ना किसानों के करोड़ों रुपये के बकाये का भुगातन नहीं हुआ है और सरकार ने अग्निवीर योजना लाकर किसानों के बेटों के सामने रोजगार का बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। श्री मलिक ने कहा कि किसान विरोधी केन्द्र सरकार के खिलाफ सबको एकजुट होना पड़ेगा। सूत्र बताते हैं कि राज्यपाल के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद सतपाल मलिक अब खुलकर केन्द्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलना चाहते हैं। श्री मलिक अपने बलबूते पर देश में एक बड़ा किसान आंदोलन खड़ा करना चाहते हैं। इसके बैंकग्राउंड में मेरठ में सतपाल मलिक की छात्र राजनीति का दौर है। श्री मलिक देश के पूर्व प्रधानमंत्री व किसानों के मसीहा रहे चौधरी चरण सिंह के अनन्य भक्त रहे हैं और किसानों के हित की आवाज उठाना उनके खून, व्यवहार और नीयत में शामिल है।Pm Modi News : पीएम मोदी सूरत में रखी 3,400 करोड़ की विभिन्न परियोजनाओं की बुनियाद
अब यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि वे किस प्रकार किसान आंदोलन खड़ा करते हैं। कुछ पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या वे कोई नई राजनीतिक पारी शुरू कर रहे हैं। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि नहीं, राजनीति तो उन्होंने जीवनभर कर ली है। अब तो वे किसानों व मजदूरों की मुसीबतों का सम्पूर्ण समाधान चाहते हैं।संबंधित खबरें
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