Gujarat Election Update गुजरात विधानसभा चुनाव रुझान अपडेट




Himachal Election: शिमला। सारे दावे व एग्जिट पोल फेल करते हुए देव भूमि हिमाचल की जनता ने विधानसभा चुनाव में बडा उलटफेर कर दिया है। इस प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस पार्टी 39 सीटों पर जीत दर्ज करके सरकार बनाने की ओर आगे बढ़ रही है।
समाचार लिखे जाने तक कांग्रेस ने रूझानों में बहुमत हासिल कर लिया था। वहीं भारतीय जनता पार्टी मात्र 30 सीटों पर सिमटती हुई नजर आ रही है। अब भाजपा के नेताओं का प्रयास रहेगा कि कुछ निर्दलीय विधायकों व बागी नेताओं के बल पर सरकार बना लें। उनका यह दांव भी फेल होने की आशंका जताई जा रही है। केवल दो निर्दलीय व 1 बागी विधायक ही रूझानों में बढ़त बनाए हुए हैं।
सब जानते हैं कि हिमाचल प्रदेश के विधानसभा के चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने दावा किया था कि इस प्रदेश में एक बार फिर से उनकी पार्टी की ही सरकार बनेगी। विभिन्न एक्जिट पोल भी यही दावा कर रहे थे कि हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन जाएगी। तमाम दावों को उलटते हुए हिमाचल प्रदेश की जनता ने भाजपा को पटकनी दे दी है। इस प्रदेश में भाजपा का कमल मुर्झा गया है और कांग्रेस पार्टी की सरकार बनती हुई नजर आ रही है। समाचार लिखे जाने तक 68 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस को 39, बीजेपी को 26 व अन्य के खाते में 3 सीटें जाती हुई नजर आ रही हैं।
Himachal Election: शिमला। सारे दावे व एग्जिट पोल फेल करते हुए देव भूमि हिमाचल की जनता ने विधानसभा चुनाव में बडा उलटफेर कर दिया है। इस प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस पार्टी 39 सीटों पर जीत दर्ज करके सरकार बनाने की ओर आगे बढ़ रही है।
समाचार लिखे जाने तक कांग्रेस ने रूझानों में बहुमत हासिल कर लिया था। वहीं भारतीय जनता पार्टी मात्र 30 सीटों पर सिमटती हुई नजर आ रही है। अब भाजपा के नेताओं का प्रयास रहेगा कि कुछ निर्दलीय विधायकों व बागी नेताओं के बल पर सरकार बना लें। उनका यह दांव भी फेल होने की आशंका जताई जा रही है। केवल दो निर्दलीय व 1 बागी विधायक ही रूझानों में बढ़त बनाए हुए हैं।
सब जानते हैं कि हिमाचल प्रदेश के विधानसभा के चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने दावा किया था कि इस प्रदेश में एक बार फिर से उनकी पार्टी की ही सरकार बनेगी। विभिन्न एक्जिट पोल भी यही दावा कर रहे थे कि हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन जाएगी। तमाम दावों को उलटते हुए हिमाचल प्रदेश की जनता ने भाजपा को पटकनी दे दी है। इस प्रदेश में भाजपा का कमल मुर्झा गया है और कांग्रेस पार्टी की सरकार बनती हुई नजर आ रही है। समाचार लिखे जाने तक 68 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस को 39, बीजेपी को 26 व अन्य के खाते में 3 सीटें जाती हुई नजर आ रही हैं।

Maharashtra News : इंदौर के शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय के पुस्तकालय में कथित तौर पर रखवाई गई एक किताब से जुड़े विवाद में मध्य प्रदेश पुलिस ने इस अकादमिक प्रकाशन की लेखिका डॉ. फरहत खान को महाराष्ट्र के पुणे में ढूंढ निकालने के बाद उन्हें दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के प्रावधानों के तहत नोटिस तामील कराया है। पुलिस के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) राजेश कुमार सिंह ने बताया कि विवादास्पद पुस्तक ‘सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति’ को लेकर पांच दिन पहले मामला दर्ज किए जाने के बाद इसकी लेखिका डॉ. फरहत खान की अलग-अलग पुलिस दलों के जरिये मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में तलाश की जा रही थी। उन्होंने कहा, ‘‘सुरागों के आधार पर हमने खान को पुणे में ढूंढ निकाला। हमने उन्हें दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के प्रावधानों के तहत नोटिस तामील कराया है।” सिंह के मुताबिक, नोटिस में कहा गया है कि लेखिका उनकी विवादित पुस्तक के मामले की जांच में पुलिस को सहयोग करेंगी और आरोप पत्र पेश किए जाने के वक्त अदालत में मौजूद रहेंगी। पुलिस उपायुक्त के अनुसार, इंदौर निवासी खान गुर्दे (किडनी) की एक गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं और उन्हें अस्पताल में नियमित रूप से डायलिसिस करवानी होती है। उन्होंने बताया, ‘‘लेखिका जब इंदौर से पुणे गईं, तब उन्हें महाराष्ट्र सीमा से लगे मध्य प्रदेश के सेंधवा कस्बे में भी डायलिसिस करानी पड़ी थी।’’
गौरतलब है कि ‘सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति’ पुस्तक को लेकर शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय के एलएलएम पाठ्यक्रम के छात्र और एबीवीपी नेता लकी आदिवाल (28) ने लेखिका खान और इंदौर स्थित प्रकाशक अमर लॉ पब्लिकेशन के साथ ही संस्थान के प्राचार्य डॉ. इनामुर्रहमान और प्राध्यापक मिर्जा मोजिज बेग के खिलाफ तीन दिसंबर को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का आरोप है कि महाविद्यालय के पुस्तकालय में रखवाकर कानून के विद्यार्थियों को पढ़ाई गई इस किताब में हिंदू समुदाय और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं, जिनसे धार्मिक कट्टरता को बल मिलता है।
Maharashtra News : इंदौर के शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय के पुस्तकालय में कथित तौर पर रखवाई गई एक किताब से जुड़े विवाद में मध्य प्रदेश पुलिस ने इस अकादमिक प्रकाशन की लेखिका डॉ. फरहत खान को महाराष्ट्र के पुणे में ढूंढ निकालने के बाद उन्हें दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के प्रावधानों के तहत नोटिस तामील कराया है। पुलिस के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) राजेश कुमार सिंह ने बताया कि विवादास्पद पुस्तक ‘सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति’ को लेकर पांच दिन पहले मामला दर्ज किए जाने के बाद इसकी लेखिका डॉ. फरहत खान की अलग-अलग पुलिस दलों के जरिये मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में तलाश की जा रही थी। उन्होंने कहा, ‘‘सुरागों के आधार पर हमने खान को पुणे में ढूंढ निकाला। हमने उन्हें दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के प्रावधानों के तहत नोटिस तामील कराया है।” सिंह के मुताबिक, नोटिस में कहा गया है कि लेखिका उनकी विवादित पुस्तक के मामले की जांच में पुलिस को सहयोग करेंगी और आरोप पत्र पेश किए जाने के वक्त अदालत में मौजूद रहेंगी। पुलिस उपायुक्त के अनुसार, इंदौर निवासी खान गुर्दे (किडनी) की एक गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं और उन्हें अस्पताल में नियमित रूप से डायलिसिस करवानी होती है। उन्होंने बताया, ‘‘लेखिका जब इंदौर से पुणे गईं, तब उन्हें महाराष्ट्र सीमा से लगे मध्य प्रदेश के सेंधवा कस्बे में भी डायलिसिस करानी पड़ी थी।’’
गौरतलब है कि ‘सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति’ पुस्तक को लेकर शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय के एलएलएम पाठ्यक्रम के छात्र और एबीवीपी नेता लकी आदिवाल (28) ने लेखिका खान और इंदौर स्थित प्रकाशक अमर लॉ पब्लिकेशन के साथ ही संस्थान के प्राचार्य डॉ. इनामुर्रहमान और प्राध्यापक मिर्जा मोजिज बेग के खिलाफ तीन दिसंबर को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का आरोप है कि महाविद्यालय के पुस्तकालय में रखवाकर कानून के विद्यार्थियों को पढ़ाई गई इस किताब में हिंदू समुदाय और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं, जिनसे धार्मिक कट्टरता को बल मिलता है।