Indian Railway : सात हाई स्पीड रेल गलियारों का डीपीआर तैयार करा रही सरकार

Train
Government preparing DPR for seven high speed rail corridors
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 01:53 PM
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नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को लोकसभा को बताया कि रेल मंत्रालय ने सात हाई स्पीड रेल गलियारों के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का कार्य नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड को सौंपा है। यह अध्ययन के विभिन्न चरणों में है। लोकसभा में नवनीत रवि राणा के प्रश्न के लिखित उत्तर में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी दी।

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रेल मंत्री ने बताया कि इन सात हाई स्पीड रेल गलियारों में दिल्ली-वाराणसी, दिल्ली-अहमदाबाद, दिल्ली-अमृतसर, मुम्बई-नागपुर, मुम्बई-पुणे-हैदराबाद, चेन्नई-बेंगलुरू-मैसूर और वाराणसी-हावड़ा गलियारा शामिल हैं। उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने सात हाई स्पीड रेल गलियारों के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का कार्य नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) को सौंपा है। यह अध्ययन के विभिन्न चरणों में है।

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H3N2 : पुडुचेरी में एच3एन2 फ्लू का खौफ : स्कूलों में 26 मार्च तक छुट्टी

भारत गौरव ट्रेनों के लिए प्रस्ताव से संबंधित सवाल पर अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इन रेलगाड़ियों के लिए कुल 17 प्रस्ताव/मांग प्राप्त हुई हैं। उन्होंने बताया कि भारत गौरव पर्यटक परिपथ ट्रेनों के संचालन के लिए अब तक 9 रैक शामिल किए गए हैं और शेष 8 आवंटन की प्रक्रिया में हैं। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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H3N2 : पुडुचेरी में एच3एन2 फ्लू का खौफ : स्कूलों में 26 मार्च तक छुट्टी

School
Fear of H3N2 flu in Puducherry: Holiday in schools till March 26
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 11:14 AM
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पुडुचेरी। केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में सरकार ने एच3एन2 इन्फ्लूएंजा वायरस के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर बुधवार को 16 मार्च से 26 मार्च तक आठवीं कक्षा तक के सभी स्कूलों में अवकाश की घोषणा की।

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MANREGA : नागरिक समूहों ने मनरेगा को बचाने के लिए विपक्षी दलों से लगाई गुहार

विशेष रूप से बच्चों में इन्फ्लुएंजा के बढ़ते प्रभाव के कारण केंद्र शासित प्रदेश के पुडुचेरी, कराईकल, माहे और यनम के सभी चार क्षेत्रों के स्कूलों के लिए यह आदेश लागू होगा। शून्य काल के दौरान विधानसभा में गृह और शिक्षा मंत्री ए. नम्माशिवयम ने कहा कि बच्चों में इन्फ्लूएंजा के प्रसार को देखते हुए सरकार ने प्राथमिक कक्षा से आठवीं कक्षा तक के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में अवकाश की घोषणा की है।

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गौरतलब है कि केंद्र शासित प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने 11 मार्च को कहा था कि पुडुचेरी में चार मार्च तक वायरल एच3एन2 की तरह या उससे संबंधित 79 मामले सामने आए हैं। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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MANREGA : नागरिक समूहों ने मनरेगा को बचाने के लिए विपक्षी दलों से लगाई गुहार

Manrega
Citizen groups appeal to opposition parties to save MNREGA
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 11:15 AM
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नई दिल्ली। कई नागरिक समूहों और श्रमिक संगठनों ने केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर आरोप लगाया है कि वह महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को धीरे-धीरे खत्म करने की राह पर है। उन्होंने विपक्षी दलों से इस योजना के लिए बजटीय आवंटन में वृद्धि की उनकी मांगों का समर्थन करने की अपील की है।

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राजधानी स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब के डिप्टी स्पीकर्स हॉल में 14 मार्च को संसद सदस्यों के लिए आयोजित एक ब्रीफिंग में नागरिक समाज के सदस्यों ने उनसे करोड़ों मजदूरों और श्रमिकों के मुद्दों को उठाने का आग्रह किया, जिन्हें दिसंबर 2021 से भुगतान नहीं किया गया है। इस दौरान उन्होंने अपर्याप्त वित्त पोषण, उपस्थिति प्रणाली में प्रतिकूल परिवर्तन के साथ-साथ भुगतान के तरीके के मुद्दे पर भी प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम के आयोजन का व्यापक उद्देश्य सांसदों को मनरेगा के तहत काम करने के लोगों के अधिकार की रक्षा करने में मदद करना था। इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले विपक्षी दलों के सांसदों में संजय सिंह (आम आदमी पार्टी), दिग्विजय सिंह, उत्तम कुमार रेड्डी और कुमार केतकर (कांग्रेस), एस. सेंथिलकुमार (द्रविड़ मुनेत्र कषगम), जवाहर सरकार (तृणमूल कांग्रेस) शामिल थे।

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नागरिक समाज के सदस्यों ने इन सांसदों के साथ सरकार को बजटीय आवंटन बढ़ाने और भुगतान के तरीके में हालिया संशोधनों को बदलने के लिए मजबूर करने के उपायों पर विचार-विमर्श किया। सदस्यों ने दावा किया कि उक्त संशोधन श्रमिकों के हितों के लिए विनाशकारी साबित हुआ है।

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संबंधित विषयों पर प्रस्तुति की शुरुआत करते हुए रांची विश्वविद्यालय के विजिटिंग प्रोफेसर ज्यां द्रेज ने आरोप लगाया कि राजग सरकार ने मनरेगा पर अभूतपूर्व तीन तरफा हमला किया है। उनके मुताबिक इनमें अपर्याप्त धन, आधार आधारित भुगतान प्रणाली (एबीपीएस) की शुरुआत और राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी सॉफ्टवेयर (एनएमएमएस) ऐप के माध्यम से वास्तविक समय उपस्थिति प्रणाली की शुरुआत शामिल है। द्रेज ने दावा किया कि मनरेगा के लिए इस साल का वित्तपोषण केवल 60,000 करोड़ रुपये है, जो कार्यक्रम के इतिहास में अब तक का सबसे कम आवंटन है। उन्होंने कहा​ कि कोष खत्म हो जाता है और परियोजनाएं रुक जाती हैं। मजदूरी का भुगतान मिलने में देरी होती है और महीनों तक वह बढ़ती जाती है। प्रोफेसर द्रेज ने कहा कि डिजिटल उपस्थिति की शुरुआत ने तकनीकी और नेटवर्क की गड़बड़ियों के कारण श्रमिकों को उनके वेतन से वंचित कर दिया है। उन्होंने कहा कि आधार-आधारित भुगतान इतनी जटिल प्रणाली है कि कई बैंकर भी इसकी कार्यक्षमता को समझने में विफल रहते हैं। अधिकतर श्रमिकों को इस प्रणाली के माध्यम से भुगतान नहीं किया जा सकता है। श्रमिकों ने जो काम किया है, उसके लिए उन्हें मजदूरी का भुगतान नहीं करना अवैध और आपराधिक है।

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श्रमिकों की समस्याओं को साझा करने वाले अन्य वक्ताओं में निखिल डे (मजदूर किसान शक्ति संगठन, राजस्थान), जेम्स हेरेंज (नरेगा वॉच, झारखंड), आशीष रंजन (जन जागरण शक्ति संगठन, बिहार), रिचा सिंह (संगतिन किसान मजदूर संगठन, उत्तर प्रदेश), अनुराधा तलवार (पश्चिम बंगाल खेत मजदूर समिति, पश्चिम बंगाल) और उच्चतम न्यायालय के वकील प्रशांत भूषण शामिल थे। उन्होंने यह दिखाने के लिए साक्ष्य प्रस्तुत किए कि आधार-आधारित भुगतान और मोबाइल मॉनिटरिंग सॉफ्टवेयर ऐप कैसे बड़ी संख्या में श्रमिकों को मजदूरी के भुगतान से वंचित कर रहा है। निखिल डे ने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) के आंकड़ों के अनुसार, केवल 43 प्रतिशत मनरेगा श्रमिक एबीपीएस के लिए पात्र हैं। उन्होंने कहा कि मनरेगा में मौजूदा बदलाव देश भर के 15 करोड़ श्रमिकों को प्रभावित करते हैं, जो एक बड़ी संख्या है। हम जमीनी स्तर पर लोगों का समर्थन करने के लिए विपक्षी दलों से राजनीतिक प्रतिक्रिया चाहते हैं ताकि उन्हें कानून के तहत उनके अधिकार दिए जा सकें। नागरिक समाज के सदस्यों ने सांसदों से अनुरोध किया कि वे संसद में विशेषाधिकार नोटिस देकर ग्रामीण विकास मंत्री से मीडिया में की गई उनकी उस टिप्पणी के लिए स्पष्टीकरण मांगें, जिसमें उन्होंने सुझाव दिया गया था कि राज्य सरकार को इस योजना के तहत मजदूरी दायित्व में भी योगदान देना चाहिए। नागरिक समाज के सदस्यों ने दावा किया कि यह सुझाव मनरेगा के प्रावधानों के विपरीत है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने नागरिक समाज के सदस्यों को पूर्ण समर्थन का आश्वासन देते हुए कहा कि श्रमिकों की समस्याएं वास्तविक हैं। उन्होंने कहा कि इस सरकार की मंशा हमेशा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 के आदर्शों के खिलाफ रही है। वे सभी सामाजिक सेवा बजटों में कटौती कर रहे हैं। मैं उस समर्थन के पक्ष में हूं जिसकी हमसे उम्मीद की जा रही है। आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार ने उनके सवालों का जवाब देते हुए संसद में स्वीकार किया कि मनरेगा के तहत राज्यों का बकाया 3,000 करोड़ रुपये से अधिक है। सिंह ने सुझाव देते हुए कहा कि यह जानकर बहुत आश्चर्य होता है कि 100 दिनों के काम की गारंटी में से, पर्याप्त धन की कमी के कारण मजदूरों को केवल 34 दिनों का काम मिल रहा है। हम इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे, लेकिन साथ ही हमें जन आंदोलन शुरू करने के बारे में भी सोचना चाहिए। अन्य सांसदों ने भी समर्थन का वादा किया और कहा कि वे श्रमिकों की दुर्दशा को उजागर करने में मदद करने के लिए अपने स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे। मनरेगा संघर्ष मोर्चा देशभर के ग्रामीण मजदूरों और श्रमिकों के साथ काम करने वाले संगठनों का एक गठबंधन है। इस योजना पर हालिया हमलों के विरोध में उनका जंतर मंतर पर 100 दिनों से धरना प्रदर्शन हो रहा है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।